शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें

Yes Bank, कोटक महिन्द्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में किस पर दांव लगाना रहेगा फायदेमंद? एक्सपर्ट ने कही ये बात
Share Market Latest Updates: शनिवार को यस बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के तिमाही नतीजे आए थे। इन तीनों कंपनियों की तिमाही नतीजों ने निवेशकों को काफी उत्साहित कर दिया है।
Yes Bank vs Kotak Mahindra Bank vs ICICI Bank Share: शेयर बाजार में पिछले कुछ महीनों के दौरान काफी उतार और चढ़ाव देखने को मिला है। ऐसे में सही स्टाॅक की पहचान करके निवेश करना काफी मुश्किल हो गया है। यही वजह है कि निवेशक कंपनियों की तिमाही प्रदर्शन के आधार पर निवेश कर फैसला कर रहे हैं। शनिवार को यस बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के तिमाही नतीजे आए थे। इन तीनों कंपनियों की तिमाही नतीजों ने निवेशकों को काफी उत्साहित कर दिया है। आइए जानते हैं आज इन तीनों बैंकिंग स्टाॅक में किस पर दांव लगाना फायदेमंद रहेगा?
दो साल में इस स्टॉक ने दिया 2000% से अधिक का रिटर्न, 1 लाख का निवेश बढ़कर 23 लाख रुपये हुआ!
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?
शेयर बाजार पर नजर बनाए रखने वाले एक्सपर्ट के अनुसार पिछले एक सप्ताह के दौरान निफ्टी बैंक इंडेक्स में 6% के करीब उछाल आया है। एक्सपर्ट को भरोसा है कि यह तेजी आगे भी बरकरार रहेगी। हालांकि, इन तीनों बैंकिंग स्टाॅक में से आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिन्द्रा बैंक पर निवेशक ज्यादा भरोसा दिखा सकते हैं।
1080 रुपये तक जाएगा आईसीआईसीआई बैंक का भाव!
ब्रोकरेज फर्म जेफरिज ने आईसीआईसीआई बैंक के लिए लाॅन्ग टर्म टारगेट प्राइस बढ़ाकर 1070 रुपये से 1080 रुपये तक कर दिया है। आज के समय में इस बैंकिंग स्टाॅक का भाव 800 रुपये के करीब है। ऐसे में ब्रोकरेज को भरोसा है कि मौजूदा कीमत से 35% तक की उछाल शेयरों में आ सकती है।
कोटक महिन्द्रा के शेयर 2180 रुपये तक जा सकते हैं!
Emkay Global Financial Services के रिसर्च एनालिस्ट आनंद दामा कहते हैं कि हम पोजीशनल इंवेस्टर्स को 2180 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ कोटक महिन्द्रा बैंक के शेयरों को खरीदने की सलाह देते हैं।
तीन स्टाॅक में कौन सबसे बेहतर?
यस बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों के प्रदर्शन पर बात करते हुए GCL सिक्योरिटीज के रवि सिंघल कहते हैं, 'सभी तीनों बैंकों के पहली तिमाही के नतीजे काफी अच्छे रहे हैं। जिसमें ICICI बैंक के आंकड़े उत्साहित करने वाले रहे हैं। उम्मीद है कि आईसीआईसीआई बैंक के शेयर अन्य दो बैंकों की तुलना में लाॅन्ग टर्म में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करेंगे।' वहीं, यस बैंक के प्रदर्शन को लेकर रवि सिंघल कहते हैं कि तत्काल सपोर्ट प्राइस 12.50 रुपये है। लेकिन इस स्टाॅक में 19 रुपये के लेवल तक जाने की क्षमता है।'
(डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)
शेयर बाजार से कैसे कमाया जा सकता है पैसा?
निवेश करना सरल है, मगर इसे खेल नहीं समझना चाहिए. बाजार में सफल होने का कोई फॉर्मूला या शॉर्ट-कट नहीं है.
निवेश करना सरल है, मगर इसे खेल नहीं समझना चाहिए. इसके लिए बाजार की समझ तो जरूरी है ही. बाजार में सफल होने का कोई फॉर्मूला या शॉर्ट-कट नहीं है. मगर कुछ बातों पर अमल कर मुनाफा बढ़ाया जा सकता है. आइए जानते हैं क्या हैं ये बातें.
अपना होमवर्क पूरा करें
दिग्गज वैश्विक फंड प्रबंधक पीटर लिंच का कहना है, "यदि आप किसी कंपनी के बारे में अध्ययन नहीं करते हैं, तो अच्छे शेयर का चयन करना जुआ ही है. आप पत्ते देखे बिना ही अपनी चाल चल रहे हैं." लिंच ने कहा कि निवेश सिर्फ वहीं करें, जिसके बारे में आपको पता हो.
ऑनलाइन फाइनेंस पोर्टल 5नेंस के संस्थापक और सीईओ दिनेश रोहिरा का मानना है कि बाजार से कमाई करने का कोई शॉर्ट-कट नहीं है. उन्होंने कहा, "धीरज के साथ गहन मंथन करना अनिवार्य है. अच्छे बिजनेस में निवेश करना चाहिए."
बिजनेस में करें निवेश
निवेशकों को शेयर की कीमत में नहीं, बल्कि कंपनी के बिजनेस में निवेश करना चाहिए. आईआईएफएल सिक्योरिटीज के अभिमन्यु सोफट ने कहा, "किसी भी बिजनेस को समझना कंपनी की समझ को बेहतर करता है. इससे निवेश निर्णय लेना सरल हो जाता है."
उदाहरण के लिए वॉरेन बफे के निवेश का प्राथमिक दर्शन यही है कि वे उन्हीं कंपनियों में निवेश करते हैं, जिनके बिजनेस के बारे में समझ रखते हैं. उन्होंने 1988 में कोका कोला में $1 बिलियन का निवेश किया था. कंपनी ने 30 सालों तक 10 फीसदी की दर से रिटर्न दिया.
भेड़चाल से रहें दूर
किसी परिचित, परिजन या दोस्त की बातों में आकर बेकार कंपनियों में निवेश करना पैसे में आग लगाने जैसा है. लोग निवेश कर रहे हैं, इसलिए आप भी निवेश करेंगे- इस सोच से बचना चाहिए. लोगों ने दूसरों की देखादेखी कई कंपनियों में निवेश किया और उन्हें मुंह की खानी पड़ी.
उदाहरण के लिए रिलायंस पावर के आईपीओ को 14.4 गुना तक सब्सक्राइब किया गया था. कंपनी को रिटेले निवेशकों से 19.5 लाख आवेद मिले थे. आईपीओ का इश्यू प्राइस 450 रुपये था. इस शेयर की मौजूदा कीमत महज 30 रुपये ही है. ऐसे कई उदाहरण बाजार में मौजूद हैं.
अनुशासन का रखें ध्यान
निवेश में संयम और अनुशासन की खास जगह है. शेयर बाजार हमेशा ही अस्थिर होते हैं. निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता का आभास होना चाहिए. गैर-जरूरी जोखिम से बचना चाहिए. टॉरस एमएफ के सीईओ वकार नकवी ने कहा कि धीरज और संयम निवेशकों को दीर्घावधि की बेहतर तस्वीर देते हैं.
विस्तृत हो पोर्टफोलियो
अपने पोर्टफोलियो में तमाम प्रकार के एसेट क्लास को जगह दें. इस तरह कम जोखिम में बेहतर कमाई की जा सकती है. विविधता की परिभाषा हर निवेशक के लिए अलग हो सकती है. हालांकि, इससे बाजार की स्थिति से निपटना सरल हो जाता है. निवेश एसेट क्लास की प्राथमिकता को सावधानी से चुनें.
वास्तविकता में जीना बेहतर
कई निवेशक रातोंरात पैसा बनाने की ख्वाहिश रखते हैं. हालांकि, बाजार धीरे-धीरे रिटर्न देता है. कमाई करना सरल नहीं है. टॉरस एमएफ के नकवी ने कहा, "कोई शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें भी एसेट लंबे समय तक आश्चर्यजनक रिटर्न नहीं दे सकता. अत्यधिक उम्मीदें रखना गलत है."
शेयर बाजार में घुसने और निकलने का भी समय होता है. यह अवसर बाजार की स्थिति के अनुसार बार-बार आते हैं. इसलिए जरूरी है कि अपने हाथ में कुछ पैसा रखें. यदि बाजार अपने आधार को मजबूत कर रहा हो, तो उस गिरावट से नहीं घबराना चाहिए.
अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश
निवेशकों को सिर्फ अतिरिक्त फंड का ही निवेश करना चाहिए. वे उस पैसे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जो उन्हें छोटी अवघि में नहीं चाहिए. अस्थिरता के कारण छोटी अवधि में वैल्यू घट सकती है. बाजार चक्र में चलता है.
वैश्विक बाजार गुरु सर जॉन टेम्पलटन कहते हैं कि बाजार में सबसे खतरनाक वाक्य है: "इस बार यह अलग है." निवेश के लिए सही सोच और मानसिकता की जरूरत होती है.
लगातार रखें नजर
सिर्फ निवेश कर देना ही पर्याप्त नहीं. नियामक और बाजार की खबरों पर भी नजर रखना चाहिए. इसका असर शेयरों की कीमतों पर पड़ता है. उदाहरण के लिए कमर्शियल वाहनों के लिए एक्सल लोड लिमिट बढ़ने से अशोक लेलैंड के शेयर शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें टूट गए. अच्छी कमाई शेयरों में उछाल ला सकती है.
कैसे होगी कमाई?
बातें सुन कर निवेश करने की प्रबल इच्छा जागृत हो सकती है, मगर बाजार की गति कई बार समझ के परे होती है. इसलिए सही रणनीति का चयन जरूरी है. कई बार अच्छी रणनीति भी फेल हो जाती है. मौजूदा समय में सेंसेक्स रिकॉर्ड स्तर पर है, मगर अधिकांश शेयरों की कीमत इस साल घटी है.
ऐसी स्थितियां निवेशकों को असमंजस में डाल देती हैं, जहां वे कुछ नहीं समझ पाते. निवेश लंबी अवधि के लिए किया जाए तो बेहतर है. बाजार में एक पैसा बचाना भी आपकी कमाई है. यदि आपको किसी बिजनेस पर भरोसा नहीं, तो उसमें निवेश नहीं करें.
इसे बभी पढ़ें: HDFC AMC का आईपीओ खुला, क्या है विश्लेषकों की राय?
पिछले 15 साल में बीएसई सेंसेक्स 16 फीसदी की दर से बढ़ा है, जबकि इस दौरान सिम्फनी, बोरोसिल ग्लास वर्क्स, मयूर युनिकोटर्स, टीटीके प्रेस्टीज और बजाज फाइनेंस ने 50 फीसदी की दर से रिटर्न दिया है. बाजार से निकलने का समय भी अहम है.
मोजर बेयर इंडिया के शेयर की कीमत जुलाई 2018 में 2 रुपये पर आ गई. जुलाई 2003 में इस शेयर की कीमत 110 रुपये से ऊपर थी. इस दौरान एमटीएनएल के शेयरों ने भी 105 रुपये से 15 रुपय तक का गोता लगाया है. शेयरों का चुनाव करने के लिए पेशेवर सलाहकारों की मदद भी ली जा सकती है.
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निवेश से जुड़ी बात: सिप के लिए बेहतर, स्टॉक या म्यूचुअल फंड
निवेश पर जोखिम घटाने के लिए एकमुश्त पैसे लगाने के बजाय सिप को बेहतर विकल्प माना जाता है। इसमें भी सीधे शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में पैसे लगा सकते हैं। बचत योजनाओं पर कम ब्याज और बाजार में अनिश्चितता के बीच सिप के लिए स्टॉक और म्यूचुअल फंड में कौन सा मुनाफे का विकल्प होगा, जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
उतार-चढ़ाव के बीच लगाएं इक्विटी सिप पर दांव
पीएन फिनकैप के सीईओ एके निगम का कहना है कि जब शेयर बाजार में भारी अनिश्चितता का दौर चल रहा हो, तो सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिए स्टॉक में पैसे लगाना बेहतर होता है। ऐसे माहौल में अगर आप बाजार में सीधे एकमुश्त निवेश करते हैं, तो जोखिम बढ़ सकता है। वैसे तो खुदरा निवेशकों के लिए इक्विटी सिप में पैसे लगाना शेयर बाजार में प्रवेश करने का सबसे बेहतर विकल्प होता है, लेकिन यह म्यूचुअल फंड सिप से पूरी तरह अलग होता है।
इसके जरिए निवेशक हर सप्ताह, पाक्षिक या मासिक आधार पर स्टॉक खरीद सकते हैं। ब्रोकरेज या फंड हाउस एक निश्चित संख्या अथवा राशि के शेयर खरीदने की अनुमति देते हैं। अगर आप चाहें तो एक ही स्टॉक के कई शेयर ले सकते हैं या अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीदकर अपना शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें पोर्टफोलियो बना सकते हैं।
ध्यान रखें. शेयर कब बेचना है
सिप के जरिए स्टॉक में पैसे लगाने वाले निवेशकों को शेयर बाजार से जु़ड़ी खबरों के प्रति सचेत रहना चाहिए। यहां म्यूचुअल फंड की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है। लिहाजा जानकारी के अभाव में नुकसान हो सकता है। निवेशक को इसका पूरा आकलन कर लेना चाहिए कि उसे खरीदे गए स्टॉक को बेचकर कब बाहर आना है।
उदाहरण के लिए, यस बैंक के शेयरों ने एक समय बंपर रिटर्न दिया। बाद में जिन निवेशकों ने स्टॉक पर नजर नहीं रखी, उन्हें बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा। अभी बाजार में भारी उतार-चढ़ाव है, तो कम मूल्य वाले शेयर खरीदकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। बाजार के इस गणित को समझ लिया तो इक्विटी सिप से 20 प्रतिशत तक रिटर्न मिल सकता है।
- 20 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल कर सकते हैं सिप से स्टॉक में निवेश पर
- 12-15 प्रतिशत रिटर्न आसानी से मिल जाता है म्यूचुअल फंड के सिप में
कम जोखम के साथ अच्छा मुनाफा चाहिए तो.
अगर आप म्यूचुअल फंड से सिप में पैसे लगाते हैं, तो जोखिम कम हो जाता है। यहां इक्विटी फंडों में भी पैसे लगाने के विकल्प मिलते हैं और सबसे बड़ी बात कि प्रबंधन की जिम्मेदारी फंड मैनेजर की होती है। यानी निवेशक पर बोझ नहीं पड़ता, बल्कि मामूली शुल्क लेकर फंड हाउस सिप की देखरेख करते हैं।
इक्विटी में भी निवेश का मौका
बिना जोखिम उठाए लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड के जरिये सिप में पैसे लगाना सबसे अच्छा विकल्प है। निवेशक जो पहली बार शेयर बाजार में पैसे लगाना चाहते हैं, उनके लिए इक्विटी सिप सबसे अच्छा तरीका है। यहां डेट म्यूचुअल फंड का विकल्प भी मिलता है, जो सिप के जोखिम को कम कर देता है। हालांकि, इस पर रिटर्न थोड़ा कम रहेगा। सही प्रबंधन से म्यूचुअल फंड सिप में भी 12-15 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
विस्तार
निवेश पर जोखिम घटाने के लिए एकमुश्त पैसे लगाने के बजाय सिप को बेहतर विकल्प माना जाता है। इसमें भी सीधे शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में पैसे लगा सकते हैं। बचत योजनाओं पर कम ब्याज और बाजार में अनिश्चितता के बीच सिप के लिए स्टॉक और म्यूचुअल फंड में कौन सा मुनाफे का विकल्प होगा, जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
उतार-चढ़ाव के बीच लगाएं इक्विटी सिप पर दांव
पीएन फिनकैप के सीईओ एके निगम का कहना है कि जब शेयर बाजार में भारी अनिश्चितता का दौर चल रहा हो, तो सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिए स्टॉक में पैसे लगाना बेहतर होता है। ऐसे माहौल में अगर आप बाजार में सीधे एकमुश्त निवेश करते हैं, तो जोखिम बढ़ सकता है। वैसे तो खुदरा निवेशकों शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें के लिए इक्विटी सिप में पैसे लगाना शेयर बाजार में प्रवेश करने का सबसे बेहतर विकल्प होता है, लेकिन यह म्यूचुअल फंड सिप से पूरी तरह अलग होता है।
इसके जरिए निवेशक हर सप्ताह, पाक्षिक या मासिक आधार शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें पर स्टॉक खरीद सकते हैं। ब्रोकरेज या फंड हाउस एक निश्चित संख्या अथवा राशि के शेयर खरीदने की अनुमति देते हैं। अगर आप चाहें तो एक ही स्टॉक के कई शेयर ले सकते हैं या अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीदकर अपना पोर्टफोलियो बना सकते हैं।
ध्यान रखें. शेयर कब बेचना है
सिप के जरिए स्टॉक में पैसे लगाने वाले निवेशकों को शेयर बाजार से जु़ड़ी खबरों के प्रति सचेत रहना चाहिए। यहां म्यूचुअल फंड की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है। लिहाजा जानकारी के अभाव में नुकसान हो सकता है। निवेशक को इसका पूरा आकलन कर लेना चाहिए कि उसे खरीदे गए स्टॉक को बेचकर कब बाहर आना है।
उदाहरण के लिए, यस बैंक के शेयरों ने एक समय बंपर रिटर्न दिया। बाद में जिन निवेशकों ने स्टॉक पर नजर नहीं रखी, उन्हें बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा। अभी बाजार में भारी उतार-चढ़ाव है, तो कम मूल्य वाले शेयर खरीदकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। बाजार के इस गणित को समझ लिया तो इक्विटी सिप से 20 प्रतिशत तक रिटर्न मिल सकता है।
- 20 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल कर सकते हैं सिप से स्टॉक में निवेश पर
- 12-15 प्रतिशत रिटर्न आसानी से मिल जाता है म्यूचुअल फंड के सिप में
कम जोखम के साथ अच्छा मुनाफा चाहिए तो.
अगर आप म्यूचुअल फंड से सिप में पैसे लगाते हैं, तो जोखिम कम हो जाता है। यहां इक्विटी फंडों में भी पैसे लगाने के विकल्प मिलते हैं और सबसे बड़ी बात कि प्रबंधन की जिम्मेदारी फंड मैनेजर की होती है। यानी निवेशक पर बोझ नहीं पड़ता, बल्कि मामूली शुल्क लेकर फंड हाउस सिप की देखरेख करते हैं।
इक्विटी में भी निवेश का मौका
बिना जोखिम उठाए लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड के जरिये सिप में पैसे लगाना सबसे अच्छा विकल्प है। निवेशक जो पहली बार शेयर बाजार में पैसे लगाना चाहते हैं, उनके लिए इक्विटी सिप सबसे अच्छा तरीका है। यहां डेट म्यूचुअल फंड का विकल्प भी मिलता है, जो सिप के जोखिम को शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें कम कर देता है। हालांकि, इस पर रिटर्न थोड़ा कम रहेगा। सही प्रबंधन से म्यूचुअल फंड सिप में भी 12-15 प्रतिशत तक रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
7 रुपये का शेयर 2 साल में 800 रुपये का, क्या पेनी स्टॉक में लगाना चाहिए पैसा?
करीब 600 पेनी स्टॉक में से पिछले चार महीने में में कम से कम 166 मल्टीबैगर्स (अपने दाम से कई गुना रिटर्न देने वाले) हो चुके हैं, और इसी दौरान बिड़ला टायर्स में 1,443 फीसदी की जबरदस्त बढ़त हुई है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 20 जुलाई 2020,
- (अपडेटेड 20 जुलाई 2020, 9:14 AM IST)
पेनी शेयरों में एक बार फिर तेजी का रुख है. पेनी शेयर अपने जबरदस्त रिटर्न की वजह से आकर्षित करते हैं. ऐसा ही एक शेयर दो साल पहले 7 रुपये का था, लेकिन अब 800 रुपये का हो चुका है. लेकिन क्या आपको इनके आकर्षण में फंसना चाहिए? क्या हैं फायदे और जोखिम? आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं
क्या होते हैं पेनी स्टॉक
आप यदि शेयर मार्केट में निवेश करने वाले गंभीर निवेशक हैं तो ऐसे पेनी स्टॉक की तलाश में जरूर रहते होंगे जो आपको बेहतर रिटर्न दिला सकें. ऐसे शेयर जिनकी कीमत 10 रुपये से भी कम होती है उन्हें पेनी स्टॉक कहते हैं. 24 मार्च को निफ्टी इस साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था. उस दिन से अब तक देखें तो पेनी स्टॉक की संख्या में 479 की गिरावट गई है. इसकी वजह यह है कि इन शेयरों में 1400 फीसदी की तेजी आई है. इस दौरान 166 पेनी शेयर मल्टीबैगर यानी अपने दाम से कई गुना रिटर्न देने वाले बन गए हैं. इस दौरान बिड़ला टायर्स शेयर के दाम में 1443 फीसदी की जबरदस्त उछाल आई है.
दिल्ली के वरिष्ठ ट्रेडर विवेक भाउका कहते हैं, 'मुझे पिछले कुछ महीनों में करीब 20 ऐसे व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया गया है जो कि पूरी तरह से पेनी शेयरों के बारे में टिप्स देने के लिए बनाए गए हैं. ये लोग शेयर बाजार की बुनियादी समझ भी नहीं रखते. इसलिए मुझे चिंता होती है.'
किसे करना चाहिए निवेश
पेनी स्टॉक में सिर्फ उन लोगों को निवेश करना चाहिए जो सबसे पहले तो यह समझते हों कि किसी कंपनी के बुनियादी आंकड़े कितने मजबूत हैं. मसलन कंपनी का कारोबार कैसा है, उसकी टॉपलाइन और बॉटमलाइन यानी बिक्री और मुनाफा कैसा है, वह जिस सेक्टर में है उसमें कारोबार कैसा चल रहा है आदि. और दूसरे वे यह पैटर्न अच्छी तरह समझते हों कि इन शेयरों में पैसा किस तरह से बन रहा है. यह पैटर्न कीमत में उतार-चढ़ाव, शेयरों की खरीद-फरोख्त की मात्रा या कंपनी के नाम या प्रबंधन में बदलाव आदि हो सकता है.
भाउका एक कंपनी Vikas Proppant का उदाहरण देते हैं. वे कहते हैं, 'मैंने यह शेयर 1.5-2 रुपये में खरीदा था. मैंने यह पैटर्न देखा कि कंपनी के शेयर में हर महीने नया अपर सर्किट लग रहा है. कंपनी जब भी कोेई नया ऐलान करती उसमें अपर सर्किट लग जाता. तो तीन महीने में ही यह शेयर 2 रुपये से 15 रुपये पर पहुंच गया. तो मैंने सिर्फ पैटर्न शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें देखकर निवेश जारी रखा.'
इसी तरह इंडिया बुल्स रियल एस्टेट से अलग होने के बाद जब इंडिया बुल्स इंटीग्रेटेड लिस्ट हुआ तो लिस्टिंग के पहले दिन ही इसके 5 करोड़ शेयरों में से 2 करोड़ शेयरों की खरीद-फरोख्त हुई. भाउका ने कहा, 'यह सौदा 5 रुपये में हुआ तो मैंने यह शेयर 7 रुपये में खरीद लिया और 5 रुपये का स्टॉप लॉस लगा दिया. कुछ ही दिनों में यह शेयर 30 रुपये पर पहुंच गया और अगले दो साल में ही इस शेयर के दाम 800 रुपये पर पहुंच गए.'
क्या है जोखिम? क्या होनी चाहिए सावधानी?
तेजी से अमीर बनने की लालसा निवेशकों को इन शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें शेयरों के प्रति आकर्षित करती है. लेकिन वे यह नहीं समझते कि ऐसे पेनी शेयरों में हेरफेर करना आसान होता है, क्योंकि एक तो इनकी खरीद-फरोख्त बहुत कम होती है, दूसरे इनका बड़ा हिस्सा कुछ निवेशकों या प्रमोटर्स के हाथ में होता है.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व चेयरमैन और रवि राजन ऐंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर एस. रवि कहते हैं, 'यह बात सच है कि पेनी स्टॉक में हेरफेर होता है और बहुत से निवेशक इनके चक्कर में फंस जाते हैं. छोटे निवेशकों को बहुत सोच-समझकर इनमें निवेश करना चाहिए.'
पिछले दो दशकों में एक हजार से ज्यादा लिस्टेड कंपनियां शेयर बाजार से गायब हो चुकी हैं. इनका बड़ा हिस्सा पेनी स्टॉक का ही है. तो इस बात की आशंका बनी रहती है कि आप जिस स्टॉक में निवेश कर रहे हैं वह शेयर बाजार से ही गायब हो जाए. तो आपने अगर पेनी स्टॉक में निवेश तय ही कर लिया है तो आपको इससे बाहर निकलने की रणनीति पहले से ही बनाकर रखनी चाहिए कि इससे कब बाहर निकलना है. सिर्फ मुनाफे ही नहीं नुकसान के लिए भी तैयार रहें और एक कठोर स्टॉपलॉस लगाएं.
भाउका कहते हैं, 'पेनी स्टॉक के मामले में आपको निर्दयी बनना होगा. जब भी आपको इसमें नुकसान होने लगे तो आपको बाहर निकल जाना चाहिए, क्योंकि इसके बाद आपको नहीं पता कि क्या होगा.
कैसे चुनें मल्टीबैगर शेयर
आप यदि एक गंभीर निवेशक हैं और अटकलों पर भरोसा करने की जगह वास्तव में कोई अच्छा पेनी स्टॉक चुनना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. भाउका कहते है, 'उन पेनी शेयरोंं पर नजर रखें जो लगातार 52 हफ्ते की ऊंचाई को छूते रहे हों. लगातार कई बार नई ऊंचाई को छुए बिना कोई भी शेयर मल्टीबैगर नहीं बन सकता. इस सूची को शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें बनाने के बाद आप उनके फंडामेंटल्स यानी बुनियादी आंकड़े देखें.'
StockEdge के को-फाउंडर विवेक बजाज कहते हैं, अवंती फूड्स शेयर साल 2010 में 2 रुपये का था और अब यह करीब 480 रुपये का हो गया है और इस कंपनी का मार्केट कैप 6500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. ऐसे शेयर में मैनेजमेंट क्वालिटी, उनका विजन, सही सेक्टर में है या नहीं और कंपनी के कारोबार का विशिष्ट moat क्या है (यानी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अपने प्रॉफिट को बनाए रखने की उसकी क्षमता कैसी है) यह बात ध्यान में रखनी चाहिए.
तो आप अगर मौजूदा बाजार में सही पेनी शेयर चुनना चाहते हैं तो बजाज के मुताबिक एनबीएफसी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, हेल्थकेयर, लॉजिस्टिक्स, टेलीकॉम, कैपिटल गुड्स, ऑटोमोबाइल्स टूव्हीलर्स जैसे सेक्टर पर भरोसा कर सकते हैं. इन सेक्टर से ऐसे शेयर चुनें जो कई बार 52 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंचे हों और फिर उनमें भी ऐसे शेयरों पर दांव लगांए जिनके बुनियादी आंकड़े मजबूत हों यानी जिनकी आय अच्छी हो, कंपनी मुनाफे में और उसमें प्रमोटर्स की अच्छी हिस्सेदारी हो. उन शेयरों का नजरअंदाज करें जिनमें कंपनी पर भारी कर्ज है और प्रमोटर्स ने बड़े पैमाने पर शेयर गिरवी रखे हों.
इस बात का ध्यान रखें कि शेयर बाजार काफी हद तक एक बड़े जुए के खेल की तरह ही है. कई बार लोगों को बहुत सी चीजों की जानकारी नहीं हो पाती. तो आपके अंदर जोखिम लेने की क्षमता और अनुभव हो तो ही ऐसे शेयरों पर दांव लगाएं. आपके पोर्टफोलियो में ऐसे शेयरों का 5 से 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सा नहीं होना चाहिए.