म्युचुअल फंड्स

नियामक ने कहा कि अगर यूनिट बेचने से प्राप्त होने वाली राशि अथवा लाभांश भुगतान में देरी होती है तो यूनिटधारकों को प्राप्त होने वाली राशि पर सालाना 15 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा।
निवेशकों को अच्छा पोर्टफोलियो बनाना है तो सही फंड्स का चुनाव करें – सुनील सुब्रमण्यम
रिटेल निवेशकों को किस तरह अपना पोर्टफोलियो बनाना चाहिये कि उनका निवेश का लक्ष्य भी पूरा हो और उतार-चढ़ाव के खतरों को कम किया जा सके?
मौजूदा हालात में म्युचुअल फंड्स खुदरा निवेशकों के मन में इस तरह के कई सवाल उठ रहे हैं। इसी तरह के सवालों के जवाब दे रहे हैं सुंदरम म्यूचुअल फंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुनील सुब्रमण्यम। उनके साथ बातचीत कर रहे हैं निवेश मंथन के म्युचुअल फंड्स संपादक राजीव रंजन झा।
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सेबी ने म्यूचुअल फंड इकाइयों की खरीद और बिक्री को इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के तहत लाया
पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) म्युचुअल फंड्स ने 24 नवंबर 2022 को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से सेबीइनसाइडर ट्रेडिंग निषेध विनियमोंके तहत म्यूचुअल फंड इकाइयों की खरीद और बिक्री को शामिल किया है। अब तक, ऐसे नियम केवल सूचीबद्ध कंपनियों या सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित प्रतिभूतियों पर लागू होते थे।
अगर किसी इन्साइडर के पास अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी है और उसका असर फंड की नेट एसेट वैल्यू पर पड़ सकता है तो इस स्थिति में वह म्यूचुअल की किसी भी स्कीम की यूनिट्स का लेनदेन नहीं करेगा।
इनसाइडर की परिभाषा
म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं ? Types of Mutual Funds ?
म्यूचुअल फंड कई तरह के होते हैं। इसका वर्गीकरण निवेश के क्षेत्र, कंपनियों के आकार, टैक्स सेविंग और सेक्टर आदि के आधार पर होता है। मुख्य तौर पर म्यूचुअल फंड निम्नलिखित प्रकार के होते हैं। इन म्यूचुअल फंड्स में आप अपने जोखिम की क्षमता के हिसाब से रिटर्न का पिछला रिकॉर्ड देखकर निवेश कर सकते हैं।
- इक्विटी फंड (लार्ज कैप, स्मॉल कैप, मिड कैप) Equity Funds
- डेब्ट फंड Debt Funds
- हाईब्रिड फंड Hybrid Funds
- टैक्स सेविंग फंड (ELSS) Tax Saving Funds
- सेक्टर या थीम बेस्ड म्यूचुअल फंड Sectorial Funds-Theme Based Funds
इक्विटी फंड क्या होते हैं? What are Equity funds?
इक्विटी फंड वो म्यूचुअल फंड होते हैं जिसके तहत इनवेस्टमेंड एक्सपर्ट पैसे को स्टॉक मार्केट की कंपनियों में लगाते हैं। ये एक्सपर्ट तेज़ी से बढ़ने वाली कंपनियों के शेयर पर फंड के पैसे लगाते हैं। इन्हें ग्रोथ फंड भी कहा जाता है। ये जोखिम से भरपूर होते हैं।
डेब्ट फंड एक ऐसा म्यूच्यूअल फंड होता है जो निश्चित आय के साधनों में निवेश करता है, जैसे बॉन्ड (कॉर्पोरेट या सरकारी), कॉर्पोरेट डेब्ट सिक्योरिटीज या म्युचुअल फंड्स मनी मार्केट आदि जहां पैसे के बढ़ने की प्रबल उम्मीद हो। ये निवेश का सुरक्षित जरिया होते हैं।
हाइब्रिड फंड क्या होते हैं? What are Hybrid Funds?
हाइब्रिड फंड वो म्यूचुअल फंड होते हैं जिनमें इक्विटी और डेब्ट दोनों में निवेश किया जाता है। ये ऐसा फंड होता है जो कई तरह के एसेट में निवेश करता है। इसमें जोखिम कम होता है और रिटर्न भी भरपूर मिलता है।
MF निवेशकों को राहत, यूनिट बिक्री और डिविडेंड का होगा जल्द भुगतान, सेबी ने घटाया समय
बिज़नेस न्यूज डेस्क - सेबी ने म्युचुअल फंड्स शुक्रवार को एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के लिए म्यूचुअल फंड यूनिट होल्डर्स को डिविडेंड के भुगतान और यूनिट बेचने से मिलने वाली रकम के मामले में डेडलाइन घटा दी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक सर्कुलर में कहा कि नए नियम के तहत अब लाभांश के भुगतान को मौजूदा 15 कार्य दिवसों से घटाकर सात दिन कर दिया गया है। रेगुलेटर ने कहा कि डिविडेंड पेमेंट के मामले में पब्लिक रिकॉर्ड डेट पब्लिक नोटिस जारी होने की तारीख से दो वर्किंग डेज होगी, जहां लागू हो। सेबी ने कहा, रिकॉर्ड तिथि से सात कार्य दिवसों के भीतर यूनिट धारकों को लाभांश का भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही विक्रय इकाइयों से प्राप्त राशि के भुगतान की समय सीमा को मौजूदा म्युचुअल फंड्स 10 कार्य दिवस से घटाकर तीन कार्य दिवस कर दिया गया है। सेबी ने कहा, यूनिट बेचने से मिली रकम यूनिट बेचने की तारीख से तीन दिन के भीतर यूनिट धारकों (निवेशकों) को म्युचुअल फंड्स उपलब्ध करा दी जाएगी।
म्यूचुअल फंड यूनिटधारकों को लाभांश, यूनिट बेचने से मिलने वाली राशि के भुगतान की समयसीमा घटी
नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को म्यूचुअल फंड यूनिटधारकों के लाभांश और यूनिट बेचने से प्राप्त राशि के अंतरण के मामले में संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (म्युचुअल फंड्स एएमसी) के लिये समयसीमा घटा दी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि नये नियम के तहत अब लाभांश का भुगतान मौजूदा 15 कामकाजी दिवस से घटाकर सात दिन कर दिया गया है।
नियामक ने कहा कि लाभांश भुगतान मामले में सार्वजनिक रिकॉर्ड तिथि सार्वजनिक नोटिस जारी होने से, जहां लागू हो, दो कामकाजी दिवस होगी।
सेबी ने कहा, ‘‘यूनिटधारकों को लाभांश का भुगतान रिकॉर्ड तिथि से सात कामकाजी दिनों के भीतर होगा।’’
साथ ही यूनिट बेचने से प्राप्त राशि म्युचुअल फंड्स के अंतरण के लिये समयसीमा मौजूदा 10 कामकाजी म्युचुअल फंड्स दिनों से घटाकर तीन कार्य दिवस कर दिया गया है।