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Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन

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वायदा और विकल्प: वित्तीय साधनों को समझना

निस्संदेह, स्टॉक और शेयरमंडी भारत में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है। हालाँकि, जब बड़े पैमाने पर बात की जाती है, तो एक बाजार जो इससे भी बड़ा होता हैइक्विटीज देश में इक्विटी डेरिवेटिव बाजार है।

इसे सरल शब्दों में कहें, तो डेरिवेटिव का अपना कोई मूल्य नहीं होता है और वे इसे a . से लेते हैंआधारभूत संपत्ति। मूल रूप से, डेरिवेटिव में दो महत्वपूर्ण उत्पाद शामिल हैं, अर्थात। वायदा और विकल्प।

इन उत्पादों का व्यापार पूरे भारतीय इक्विटी बाजार के एक अनिवार्य पहलू को नियंत्रित करता है। तो, बिना Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन किसी और हलचल के, आइए इन अंतरों के बारे में और समझें कि ये बाजार में एक अभिन्न अंग कैसे निभाते हैं।

फ्यूचर्स और ऑप्शंस को परिभाषित करना

एक भविष्य एक हैकर्तव्य और एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर एक विशिष्ट तिथि पर एक अंतर्निहित स्टॉक (या एक परिसंपत्ति) को बेचने या खरीदने का अधिकार और इसे पूर्व निर्धारित समय पर वितरित करें जब तक कि अनुबंध की समाप्ति से पहले धारक की स्थिति बंद न हो जाए।

इसके विपरीत, विकल्प का अधिकार देता हैइन्वेस्टर, लेकिन किसी भी समय दिए गए मूल्य पर शेयर खरीदने या बेचने का दायित्व नहीं है, जहां तक अनुबंध अभी भी प्रभावी है। अनिवार्य रूप से, विकल्प दो अलग-अलग प्रकारों में विभाजित हैं, जैसे किकॉल करने का विकल्प तथाविकल्प डाल.

फ्यूचर्स और ऑप्शंस दोनों वित्तीय उत्पाद हैं जिनका उपयोग निवेशक पैसा बनाने या चल रहे निवेश से बचने के लिए कर सकते हैं। हालांकि, इन दोनों के बीच मौलिक समानता यह है कि ये दोनों निवेशकों को एक निश्चित तिथि तक और एक निश्चित कीमत पर हिस्सेदारी खरीदने और बेचने की अनुमति देते हैं।

लेकिन, ये उपकरण कैसे काम करते हैं और जोखिम के मामले में फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए बाजार अलग हैफ़ैक्टर कि वे ले जाते हैं।

एफ एंड ओ स्टॉक्स की मूल बातें समझना

फ्यूचर्स ट्रेडिंग इक्विटी का लाभ मार्जिन के साथ प्रदान करते हैं। हालांकि, अस्थिरता और जोखिम विपरीत दिशा में असीमित हो सकते हैं, भले ही आपके निवेश में लंबी अवधि या अल्पकालिक अवधि हो।

जहां तक विकल्पों का संबंध है, आप नुकसान को कुछ हद तक सीमित कर सकते हैंअधिमूल्य कि आपने भुगतान किया था। यह देखते हुए कि विकल्प गैर-रैखिक हैं, वे भविष्य की रणनीतियों में जटिल विकल्पों के लिए अधिक स्वीकार्य साबित होते हैं।

फ्यूचर्स और ऑप्शंस के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि जब आप फ्यूचर्स खरीदते या बेचते हैं, तो आपको अपफ्रंट मार्जिन और मार्केट-टू-मार्केट (एमटीएम) मार्जिन का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन, जब आप विकल्प खरीद रहे होते हैं, तो आपको केवल प्रीमियम मार्जिन का भुगतान करना होता है।

एफ एंड Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन ओ ट्रेडिंग के बारे में सब कुछ

ऑप्शंस और फ्यूचर्स क्रमशः 1, 2 और 3 महीने तक के कार्यकाल वाले अनुबंधों के रूप में कारोबार करते हैं। सभी एफएंडओ ट्रेडिंग अनुबंध कार्यकाल के महीने के अंतिम गुरुवार की समाप्ति तिथि के साथ आते हैं। मुख्य रूप से, फ़्यूचर्स का वायदा मूल्य पर कारोबार होता है जो आम तौर पर समय मूल्य के कारण स्पॉट मूल्य के प्रीमियम पर होता है।

एक अनुबंध के लिए प्रत्येक स्टॉक के लिए, केवल एक भविष्य की कीमत होगी। उदाहरण के लिए, यदि आप टाटा मोटर्स के जनवरी के शेयरों में व्यापार कर रहे हैं, तो आप टाटा मोटर्स के फरवरी के साथ-साथ मार्च के शेयरों में भी समान कीमत पर व्यापार कर सकते हैं।

दूसरी ओर, विकल्प में व्यापार अपने समकक्ष की तुलना में एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। इसलिए, अलग-अलग स्ट्राइक होने जा रहे हैं जो पुट ऑप्शन और दोनों के लिए एक ही स्टॉक के लिए कारोबार किया जाएगाबुलाना विकल्प। इसलिए, यदि ऑप्शंस के लिए स्ट्राइक अधिक हो Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन जाती है, तो ट्रेडिंग की कीमतें आपके लिए उत्तरोत्तर गिरेंगी।

भविष्य बनाम विकल्प: प्रमुख अंतर

ऐसे कई कारक हैं जो वायदा और विकल्प दोनों को अलग करते हैं। इन दो वित्तीय साधनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे दिए गए हैं।

विकल्प

चूंकि वे अपेक्षाकृत जटिल हैं, विकल्प अनुबंध जोखिम भरा हो सकता है। पुट और कॉल दोनों विकल्पों में जोखिम की डिग्री समान होती है। जब आप एक स्टॉक विकल्प खरीदते हैं, तो केवल वित्तीय दायित्व जो आपको प्राप्त होगा, वह है अनुबंध खरीदते समय प्रीमियम।

लेकिन, जब आप पुट ऑप्शन खोलते हैं, तो आप स्टॉक के अंतर्निहित मूल्य की अधिकतम देयता के संपर्क में आ जाएंगे। यदि आप कॉल विकल्प खरीद रहे हैं, तो जोखिम उस प्रीमियम तक सीमित रहेगा जिसका आपने पहले भुगतान किया था।

यह प्रीमियम पूरे अनुबंध के दौरान बढ़ता और गिरता रहता है। कई कारकों के आधार पर, पुट ऑप्शन खोलने वाले निवेशक को प्रीमियम का भुगतान किया जाता है, जिसे ऑप्शन राइटर के रूप में भी जाना जाता है।

फ्यूचर्स

विकल्प जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन एक निवेशक के लिए वायदा जोखिम भरा होता है। भविष्य के अनुबंधों में विक्रेता और खरीदार दोनों के लिए अधिकतम देयता शामिल होती है। जैसे ही अंतर्निहित स्टॉक की कीमतें बढ़ती हैं, समझौते के किसी भी पक्ष को अपनी दैनिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए ट्रेडिंग खातों में अधिक पैसा जमा करना होगा।

इसके पीछे संभावित कारण यह है कि आप वायदा पर जो कुछ भी हासिल करते हैं वह स्वचालित रूप से दैनिक रूप से बाजार में चिह्नित हो जाता है। इसका मतलब है कि स्थिति के मूल्य में परिवर्तन, चाहे वह ऊपर या नीचे हो, प्रत्येक व्यापारिक दिन के अंत तक पार्टियों के वायदा खातों में ले जाया जाता है।

निष्कर्ष

बेशक, वित्तीय साधन खरीदना और समय के साथ निवेश कौशल का सम्मान करना एक अनुशंसित विकल्प है। हालांकि, इन फ्यूचर्स और ऑप्शंस निवेशों के जोखिम को देखते हुए, विशेषज्ञ इस महत्वपूर्ण कदम को उठाने से पहले खुद को आर्थिक और भावनात्मक रूप से तैयार करने का आश्वासन देते हैं। इसके अलावा, यदि Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन आप इस दुनिया में काफी नए हैं, तो आपको लाभ बढ़ाने और नुकसान को कम करने के लिए किसी विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए।

आरबीआई: आर्थिक गतिविधियों में मजबूती, 12 महीने में रफ्तार पकड़ लेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

आरबीआई के सोमवार को जारी बुलेटिन में कहा कि टीकाकरण मोर्चे पर भारत की प्रगति भी काफी तेज रही है। आपूर्ति के मोर्चे पर रबी की बुआई पिछले साल के स्तर से भी आगे निकल गई है। लेख के मुताबिक, विनिर्माण व विभिन्न सेवा क्षेत्रों के विस्तार से कुल आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था (सांकेतिक तस्वीर)

आरबीआई ने कहा कि भारत की कुल आर्थिक गतिविधियां बैंक ऋण में तेजी और उपभोक्ता विश्वास में सुधार आने से मजबूत बनी हुई हैं। ओमिक्रॉन के ‘एक लहर के बजाय अचानक आई बाढ़’ ही रहने की उम्मीद से भविष्य को लेकर संभावनाओं में सुधार हुआ है।

आरबीआई के सोमवार को जारी बुलेटिन में कहा कि टीकाकरण मोर्चे पर भारत की प्रगति भी काफी तेज रही है। आपूर्ति के मोर्चे पर रबी की बुआई पिछले साल के स्तर से भी आगे निकल गई है। लेख के मुताबिक, विनिर्माण व विभिन्न सेवा क्षेत्रों के विस्तार से कुल आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हैं। कारोबारी विश्वास बढ़ने और विभिन्न उच्च तीव्रता संकेतकों में तेजी से भी स्थिति सुधरी है। हालांकि, उपभोक्ता विश्वास कोविड-पूर्व स्तर पर नहीं लौट पाया है। इसकी प्रमुख वजह व्यापार और रोजगार स्थितियों से जुड़ी अनिश्चितताएं हैं।

महामारी और वैश्विक स्तर पर अड़चनों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 12 महीने में रफ्तार पकड़ेगी। पीडब्ल्यूसी के वार्षिक वैश्विक सीईओ सर्वे में शामिल 99 फीसदी भारतीय सीईओ का मानना है कि अगले 12 महीनों में आर्थिक वृद्धि दर में सुधार होगा। 94 फीसदी मानते हैं कि अगले एक साल में वैश्विक वृद्धि दर भी सुधरेगी। वैश्विक स्तर पर ऐसा मानने वाले 77 फीसदी सीईओ हैं।

भारत में इस साल 50 स्टार्टअप यूनिकॉन बन सकते हैं। इससे 2022 में एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप की संख्या 100 के पार पहुंच सकती है। सलाहकार फर्म पीडब्ल्यूसी ने कहा कि करीब 50 स्टार्टअप ऐसे हैं, जिनका मूल्यांकन बढ़कर अरब डॉलर से अधिक हो सकता है।

भारत में 2021 में सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के मूल्यांकन में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली। इस दौरान यूनिकॉर्न की संख्या बढ़कर 68 हो गई। देश ने 2021 में 43 यूनिकॉर्न जोड़े। पीडब्ल्यूसी इंडिया के मुताबिक, सिर्फ अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में 10 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया गया। फर्म के पार्टनर अमित नवका ने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2021 में वृद्धि स्तर के सौदे तेजी से बढ़े।

महामारी और डिजिटल परिचालन में तेजी से बैंक और वित्तीय संस्थानों में धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। ये इन घटनाओं से निपटने के लिए जूझ रहे हैं। डेलॉय इंडिया ने सोमवार को कहा कि अगले दो वर्षों में धोखाधड़ी की घटनाओं में बढ़ोतरी के लिए जिन प्रमुख कारणों की पहचान की गई है, उनमें रिमोट वर्किंग, शाखा से अलग बैंकिंग माध्यमों का बढ़ता उपयोग और फॉरेंसिक विश्लेषण साधनों की सीमित उपलब्धता शामिल है।

सर्वे में 78 फीसदी ने आशंका जताई कि अगले दो वर्षों में धोखाधड़ी के मामले बढ़ सकते हैं। यह सर्वे भारत में स्थित विभिन्न वित्तीय संस्थानों के 70 वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत पर आधारित है, जो जोखिम प्रबंधन, लेखा परीक्षण, संपत्ति वसूली जैसे कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं। इसमें शामिल बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों में निजी, सार्वजनिक, विदेशी, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शामिल थे।

विस्तार

आरबीआई ने कहा कि भारत की कुल आर्थिक गतिविधियां बैंक ऋण में तेजी और उपभोक्ता विश्वास में सुधार आने से मजबूत बनी हुई हैं। ओमिक्रॉन के ‘एक लहर के बजाय अचानक आई बाढ़’ ही रहने की उम्मीद से भविष्य को लेकर संभावनाओं में सुधार हुआ है।

आरबीआई Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन के सोमवार को जारी बुलेटिन में कहा कि टीकाकरण मोर्चे पर भारत की प्रगति भी काफी तेज रही है। आपूर्ति के मोर्चे पर रबी की बुआई पिछले साल के स्तर से भी आगे निकल गई है। लेख के मुताबिक, विनिर्माण व विभिन्न सेवा क्षेत्रों के विस्तार से कुल आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हैं। कारोबारी विश्वास बढ़ने और विभिन्न उच्च तीव्रता संकेतकों में तेजी से भी स्थिति सुधरी है। हालांकि, उपभोक्ता विश्वास कोविड-पूर्व स्तर पर नहीं लौट पाया है। इसकी प्रमुख वजह व्यापार और रोजगार स्थितियों से जुड़ी अनिश्चितताएं हैं।

महामारी और वैश्विक स्तर पर अड़चनों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 12 महीने में रफ्तार पकड़ेगी। पीडब्ल्यूसी के वार्षिक वैश्विक सीईओ सर्वे में शामिल 99 फीसदी भारतीय सीईओ का मानना है कि अगले 12 महीनों में आर्थिक वृद्धि दर में सुधार होगा। 94 फीसदी मानते हैं कि अगले एक साल में वैश्विक वृद्धि दर भी सुधरेगी। वैश्विक स्तर पर ऐसा मानने वाले 77 फीसदी सीईओ हैं।

देश में इस साल 100 से ज्यादा हो जाएगी यूनिकॉर्न की Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन संख्या

भारत में इस साल 50 स्टार्टअप यूनिकॉन बन सकते हैं। इससे 2022 में एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप की संख्या 100 के पार पहुंच सकती है। सलाहकार फर्म पीडब्ल्यूसी ने कहा कि करीब 50 स्टार्टअप ऐसे हैं, जिनका मूल्यांकन बढ़कर अरब डॉलर से अधिक हो सकता है।

भारत में 2021 में सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के मूल्यांकन में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली। इस दौरान यूनिकॉर्न की संख्या बढ़कर 68 हो गई। देश ने 2021 में 43 यूनिकॉर्न जोड़े। पीडब्ल्यूसी इंडिया के मुताबिक, सिर्फ अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में 10 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया गया। फर्म के पार्टनर अमित नवका ने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2021 में वृद्धि स्तर के सौदे तेजी से बढ़े।

महामारी के दौरान बैंकों और वित्तीय संस्थानों में बढ़े धोखाधड़ी के मामले

महामारी और डिजिटल परिचालन में तेजी से बैंक और वित्तीय संस्थानों में धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। ये इन घटनाओं से निपटने के लिए जूझ रहे हैं। डेलॉय इंडिया ने सोमवार को कहा कि अगले दो वर्षों में धोखाधड़ी की घटनाओं में बढ़ोतरी के लिए जिन प्रमुख कारणों की पहचान की गई है, उनमें रिमोट वर्किंग, शाखा से अलग बैंकिंग माध्यमों का बढ़ता उपयोग और फॉरेंसिक विश्लेषण साधनों की सीमित उपलब्धता शामिल है।

सर्वे में 78 फीसदी ने आशंका जताई कि अगले दो वर्षों में धोखाधड़ी के मामले बढ़ सकते हैं। यह सर्वे भारत में स्थित विभिन्न वित्तीय संस्थानों के 70 वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत पर आधारित है, जो जोखिम प्रबंधन, लेखा परीक्षण, संपत्ति वसूली जैसे कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं। इसमें शामिल बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों में निजी, सार्वजनिक, विदेशी, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शामिल थे।

सभी छोटे कारोबारियों में धीरूभाई या बिल गेट्स बनने की क्षमता : मुकेश अंबानी

आज देश का मोबाइल नेटवर्क दुनिया के किसी भी नेटवर्क से बेहतर या उसके समकक्ष हो चुका है, ऐसे में भारत के पास एक 'प्रमुख डिजिटल समाज बनने का अवसर है। अगले एक दशक में भारत दुनिया की शीर्ष तीन.

सभी छोटे कारोबारियों में धीरूभाई या बिल गेट्स बनने की क्षमता : मुकेश अंबानी

आज देश का मोबाइल नेटवर्क दुनिया के किसी भी नेटवर्क से बेहतर या उसके समकक्ष हो चुका है, ऐसे में भारत के पास एक 'प्रमुख डिजिटल समाज बनने का अवसर है। अगले एक दशक में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होगा। ये बातें सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कही।

माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला की भारत यात्रा के मौके पर सोमवार को आयोजित 'फ्यूचर डिकोडेड सीईओ सम्मेलन के मौके पर उनके साथ (नडेला) के साथ बातचीत में अंबानी ने कहा कि इस बड़े बदलाव में मोबाइल नेटवर्क का फैलाव प्रमुख भूमिका निभा रहा है। यह पहले की तुलना में अधिक तेजी से काम कर रहा है।

अंबानी ने कहा, ''मैं आसानी से कह सकता हूं कि भारत में अब मोबाइल नेटवर्क दुनिया के किसी भी नेटवर्क से बेहतर या उसके समकक्ष है। उन्होंने कहा, ''आज हमारे पास भारत के लिए जो अवसर है वह वास्तव में हमारे लिए दुनिया में एक प्रमुख डिजिटल समाज बनने का मौका है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख ने कहा, ''मेरे मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि हम दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होंगे। उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ इसपर बहस की गुंजाइश है कि यह पांच साल में होगा या दस साल में, लेकिन यह होगा जरूर।

उन्होंने कहा कि जब ऐसा होगा तो क्या हम दुनिया के सबसे प्रौद्योगिकी अनुकूल समाज होंगे? क्या हमारा सारा विकास प्रौद्योगिकी के उपलब्ध साधनों के जरिये होगा? क्या सभी प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करने के मामले में हम गति तय करने वाले होंगे? बाजार मूल्य पर आधारित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिहाज से भारत पिछले साल Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। भारत ने इस मामले में फ्रांस और ब्रिटेन को पीछे छोड़ा। अब हम सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से पीछे हैं।

भारत की आर्थिक वृद्धि दर दुनिया में सबसे तेज

पिछले दशक के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर दुनिया में सबसे तेज रही है। इस दौरान भारत ने वार्षिक आधार पर छह से सात प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है। अंबानी ने कहा कि जब 1992 में नडेला माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े थे तो भारतीय अर्थव्यवस्था 300 अरब डॉलर की थी। आज भारत की अर्थव्यवस्था 3,000 अरब डॉलर है। बुनियादी रूप से यह सारी प्रगति प्रौद्योगिकी के जरिये हुई है।

उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इन्फोसिस ने प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाया। इससे वित्तीय और आर्थिक सुधारों की शुरुआत हुई। अंबानी ने कहा, ''2014 में प्रधानमंत्री के डिजिटल भारत के दृष्टिकोण के साथ इसे रफ्तार मिली। 38 करोड़ लोग अब जियो की 4जी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

जियो ने लाई क्रांति

उन्होंने कहा कि जियो से पहले डेटा की रफ्तार 256 केबीपीएस थी। जियो के बाद यह 21 एमबीपीएस तक पहुंच गई है। अंबानी ने कहा कि जियो से पहले देश में डेटा का मूल्य 300 से 500 रुपये प्रति जीबी था। देश के सबसे गरीब 2जी का इस्तेमाल करने वालों के लिए यह 10,000 रुपये एक जीबी थी। जियो के बाद यह कीमत घटकर Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन 12 से 14 रुपये प्रति जीबी रह गई है।

गेमिंग आगे पासा पलटने वाला साबित होगा

देश के सबसे अमीर व्यक्ति अंबानी ने कहा, ''हमने हाल में यूपीआई पेश किया है और दिसंबर में डिजिटलीकरण किया। हमने 100 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की। देश में कुल यूपीआई लेनदेन दो लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। हम रफ्तार बढ़ा रहे हैं। हम पूरी यात्रा के शुरुआती चरण में हैं। अंबानी ने कहा कि गेमिंग आगे पासा पलटने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि संगीत, फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों सभी को मिलाने के बाद भी गेमिंग उनसे बड़ा होगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने भारत को बदलने का मौका दिया है।

मोबाइल कनेक्टिविटी ने लाया बड़ा बदलाव

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा का उल्लेख करते हुए अंबानी ने कहा कि आज उन्हें जो भारत दिखाई देगा, वह उनके पूर्ववर्तियों जिम्मी कार्टर, बिल क्लिंटन या बराक ओबामा ने जैसा भारत देखा है उससे भिन्न होगा। अंबानी ने कहा कि मोबाइल 'कनेक्टिविटी एक बड़ा बदलाव है। उन्होंने कहा कि भारत में हमारे पास एक प्रमुख डिजिटल समाज बनने का अवसर है।

अंबानी ने नडेला की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगली पीढ़ी काफी अलग भारत देखेगी। यह उस भारत से भिन्न होगा जिसमें आप और हम पले बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि आज जो लाखों लोग ट्रंप के स्वागत के लिए सड़कों पर जुटे हैं उनके पास उनके मोबाइल फोन पर एक मजबूत नेटवर्क का व्यक्तिगत अनुभव होगा। अंबानी ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण बुनियादी ढांचे के सृजन का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि डिजिटल के रूप में यह स्टेडियम दुनिया के किसी अन्य स्थान से बेहतर होगा।

एक कुर्सी-मेज और 1,000 रुपये की पूंजी के साथ हुई थी रिलायंस की स्थापना

अंबानी ने कहा कि रिलायंस की स्थापना उनके पिता पांच दशक पूर्व एक स्टार्टअप के रूप में एक कुर्सी-मेज और 1,000 रुपये की पूंजी के साथ की थी। पहले यह सूक्ष्म उपक्रम बना फिर लघु उद्योग और उसके बाद एक बड़ा उपक्रम। अंबानी ने कहा, ''मैं ऐसा सिर्फ यह बताने के लिए कह रहा हूं कि भारत में सभी छोटे कारोबारी और उद्यमियों के पास धीरूभाई अंबानी या बिल गेट्स बनने का अवसर है। यह शक्ति है, जो भारत को शेष दुनिया से अलग करती है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर हमारे उद्यमिता की विराट शक्ति है।

अंबानी ने कहा कि लघु और मझोले उपक्रम 70 प्रतिशत भारतीयों को रोजगार उपलब्ध कराते हैं। देश के निर्यात में इनका हिस्सा 40 प्रतिशत का है। उन्होंने कहा, ''आज हम जो आर्थिक गतिविधियां देखते हैं उन सभी में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने यह सब शून्य तकनीकी अपनाकर हासिल किया है। ऐसे में अब हमारे पास प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण के निचले स्तर से ऐसी प्रौद्योगिकी अपनाने का अवसर है जिससे देश को आगे ले जाया जा सके।

कोरोना से डरे निवेशक; सेंसेक्स 214 अंक टूटकर बंद, निफ्टी 11251 पर; बैंक शेयरों में जोरदार बिकवाली

कोरोना से डरे निवेशक; सेंसेक्स 214 अंक टूटकर बंद, निफ्टी 11251 पर; बैंक शेयरों में जोरदार बिकवाली

Stock Market Update In Hindi: शेयर बाजार में एक बार फिर कोरोना वायरस का डर हावी हो गया है. भारत में बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली. मिले जुले ग्लोबल संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजार आज दायरे में खुला था. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कोरोना के 28 मामलों की पुष्टि के बाद बाजार में भगदड़ मच गई. इंट्राडे कारोबार में सेंसेक्स करीब 750 अंक टूटकर 37846 के स्तर पर आ गया. वहीं, निफ्टी भी करीब 215 अंकों की गिरावट के साथ 11100 के नीचे चला गया. हालांकि कारोबार के अंत में सेंसेक्स और निफ्टी में निचले सतरों से रिकवरी आई. सेंसेक्स 214 अंक टूटकर 38409 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी भी 52 अंक मजोर होकर 11251 के सतर पर बंद हुआ. आज के कारोबार में बैंक, फाइनेंशियल और रियल्टी शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली रही.

निफ्टी पर 11 प्रमुख इंडेक्स में 9 लाल निशान में बंद हुए. निफ्टी बैंक में 1.73 फीसदी गिरावट रही और यह 28,671.55 के स्तर पर बंद हुआ. फाइनेंशियल इंडेक्स, पीएसयू बैंक इंडेक्स और रियल्टी इंडेक्स भी 1 से 1.5 फीसदी टूटकर बंद हुए. हालांकि फार्मा इंडेक्स में 1.8 फीसदी तेजी रही. सेंसेक्स 30 के 17 शेयर लाल निशान में बंद हुए. बजाज फाइनेंस और इंडसइंड बैंक में 4 फीसदी के करीब गिरावट रही. जबकि सनफार्मा में 3 फीसदी और टेक महिंद्रा में 2.5 फीसदी गिरावट रही है. इसके पहले मंगलवार को शेयर बाजार में लगातार 7 दिनों की गिरावट पर ब्रेक लगा था. ग्लोबल संकेतों की बात करें तो मंगलवार को प्रमुख अमेरिकी बाजार कमजोर होकर बंद हुए. वहीं आज एशियाई बाजारों में मिला जुला कारोबार दिखा है.

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