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बिटकॉइन किसने बनाया था?

बिटकॉइन किसने बनाया था?
Mutual fund investments are subject to market risks. Please read the scheme information and other related documents carefully before investing. Past performance is not indicative of future returns. Please consider your specific investment requirements before choosing a fund, or designing a portfolio that suits your needs.

बिटकॉइन किसने बनाया था? रहस्य्मय सातोशी नकामोटो [2022] | Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?

दोस्तों क्या आप भी यह जानना चाहते हो की बिटकॉइन किसने बनाया था और इसका मालिक या फाउंडर कौन है? तो यह पोस्ट पूरा पढ़ें आपके सवाल का जवाब आपको आसान भाषा में मिल जाएगा – Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?

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बिटकॉइन किसने बनाया था? – Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?

बिटकॉइन का फाउंडर सातोशी नकामोटो है लेकिन इसका मालिक बिटकॉइन किसने बनाया था? सभी हैं (जो बिटकॉइन नेटवर्क से जुड़े हैं) क्यूंकि यह decentralize है मतलब इसे कोई एक इंसान या कंपनी कण्ट्रोल नहीं करता है। क्रिप्टोकोर्रेंसी के दुनिया में वैसे तो बहुत सारे सवाल हैं लेकिन उनमे से सबसे बड़ा सवाल यह है की बिटकॉइन को किसने बनाया था?

साल 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद सातोशी नकामोटो नामक इंसान द्वारा एक वेबसाइट पर एक रिसर्च पेपर अपलोड किया गया जिसका नाम था “Bitcoin : Peer-to-Peer Network Electronic Cash System”.

इस रिसर्च पेपर में बिटकॉइन के बारे में सब कुछ बताया गया था जैसे की बिटकॉइन क्या है? यह कैसे काम करता है? दुनिया में कुल कितने बिटकॉइन होंगे? Bitcoin की जरुरत क्यों हैं इत्यादि।

लेकिन आज तक यह नहीं मालूम चल सका की सातोशी नकामोटो जिसने बिटकॉइन का निर्माण किया था वह कौन हैं? कई लोगों का कहना है की Satoshi Nakamoto कंपनी का नाम भी हो सकता है जैसे की Samsung Toshiba Nakamichi Motorola.

हालाँकि अभी तक यह बात साबित नहीं हो पाया है की असल में सातोशी नकामोटो अर्थात बिटकॉइन का फाउंडर कौन है?

बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा का एक रूप है जो 12 साल से थोड़ा अधिक पुराना है। 2008 में रहस्यमय सातोशी नाकामोतो द्वारा इसका आविष्कार किया गया था और 2009 की शुरुआत में ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। पहला बिटकॉइन लेनदेन नाकामोटो और जनवरी 2009 में बिटकॉइन के शुरुआती अपनाने वाले के बीच हुआ था।

एक बार जब आप अपने फोन या कंप्यूटर पर बिटकॉइन वॉलेट स्थापित करते हैं, तो एक बिटकॉइन पता उत्पन्न होता है। आप इस पते को उन परिचितों के साथ साझा कर सकते हैं जो इसका उपयोग आपको भुगतान करने के लिए कर सकते हैं या इसके विपरीत। यह ठीक उसी तरह है जैसे ईमेल काम करता है। पकड़ यह है कि बिटकॉइन पते केवल एक बार उपयोग किए जाने के लिए हैं

चूंकि वे डिजिटल में मौजूद हैं न कि भौतिक दुनिया में, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। बिटकॉइन 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आए। आलोचकों का मानना ​​​​है कि संकट ने बिटकॉइन का जन्म देखा, बिटकॉइन किसने बनाया था? जो बैंकिंग प्रणाली को बायपास कर सकता था।

बिटकॉइन तीन मुख्य सिद्धांतों पर काम करते हैं – क्रिप्टोग्राफी, मांग और आपूर्ति, और विकेंद्रीकृत नेटवर्क। विकेंद्रीकृत नेटवर्क में, डेटा हर जगह होता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रेडियो संदेशों को कोड में कैसे परिवर्तित किया गया था, बिटकॉइन लेनदेन डेटा को सुरक्षित रखने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करता है।

पिछले 7 वर्षों में (2014 की रिपोर्ट के बाद से) बिटकॉइन का बिटकॉइन किसने बनाया था? उठाव काफी असाधारण रहा है। लगभग 6.2 बिलियन डॉलर के बाजार मूल्य से, फरवरी 2021 में बिटकॉइन का बाजार पूंजीकरण बढ़े हुए उपयोग और मूल्य के कारण $ 1 ट्रिलियन तक पहुंच गया। इसने बिटकॉइन किसने बनाया था? इसके चारों ओर एक नया पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाया है।

बिटकॉइन पारिस्थितिकी तंत्र के विकास से निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को नई चुनौतियों, अवसरों और जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ेगा। सरकारें नियामक और कानून प्रवर्तक के रूप में अपने मिशन को क्रियान्वित करने के लिए नए तरीकों की खोज कर सकती हैं। कॉर्पोरेट इस तकनीक का उपयोग नवीन उत्पादों और सेवाओं के साथ आने के लिए कर सकते हैं।

सार्वजनिक खाता बही में लेन-देन जोड़ने से बिटकॉइन खनन से बिटकॉइन बनते हैं। एक एल्गोरिथम खनन कठिनाई को नियंत्रित करता है और कुल सिक्का निर्माण को 21 मिलियन तक सीमित करता है। चूंकि सिक्के एक नियंत्रित एल्गोरिथम के माध्यम से बनाए और वितरित किए जाते हैं, सिस्टम मुद्रा की मुद्रास्फीति से बचा जाता है और नए सिक्कों का एक स्थिर प्रवाह सुनिश्चित करता है।

बिटकॉइन कैसे खरीदें?

आज के समय में बिटकॉइन खरीदना काफी आसान हो गया है:

  • सबसे पहले Wazirx एक्सचेंज पर अपना अकाउंट खोलें (code: wpmxdhmr)
  • उसके बाद अपना KYC पूरा करें
  • अपने बैंक अकाउंट को Wazirx के अकाउंट से लिंक करें
  • अब अपने wazirx अकाउंट में पैसे जोड़ें
  • उसके बाद Wazirx 100 रुपये में भी बिटकॉइन खरीद सकते हैं

अगर आप क्रिप्टोकोर्रेंसी की दुनिया में नए हैं तो आपको सबसे पहले कम पैसों में बिटकॉइन खरीदना है और कुछ समय तक इसे अच्छे से समझना है की यह काम कैसे करता है उसके बाद ही इसमें बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट करें।

हमे आशा है की यह पोस्ट पढ़ने के बाद आपके सवाल बिटकॉइन का मालिक या फाउंडर कौन है? (Bitcoin Ka Malik aur Founder Kaun Hai) इसका जवाब आपको मिल गया होगा तो बिना देर किये आप भी बिटकॉइन टेक्नोलॉजी को समझें और इन्वेस्ट करें।

विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.

Current Affairs: इस शख्स ने बनाई और पहली बार बेची बिटक्वाइन, जानिए क्रिप्टो करेंसी की पूरी ABCD

इस वक्त एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 37 लाख रुपये है. क्या आपने सोचा है कि आखिर पहला बिटक्वाइन किसने खरीदा था.

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नई दिल्ली: Current Affairs: क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया एक बार फिर चर्चा में है. इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां बनाने वाले उद्योगपति एलन मस्क (Elon musk) ने कुछ दिनों पहले घोषणा की थी कि वो टेस्ला की गाड़ियां खरीदने के लिए बिटक्वाइन (Bitcoin) को मंजूरी देंगे. लेकिन अब वह इस बात से पलट गए और ये योजना रद्द कर दी. उनकी इस एक घोषणा से बिटक्वाइन की कीमत में 10 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई. लेकिन उसके बावजूद इस वक्त एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 37 लाख रुपये है. क्या आपने सोचा है कि आखिर पहला बिटक्वाइन किसने खरीदा था.

इस शख्स ने बनाई बिटक्वाइन
जिस बिटक्वाइन को लेकर पूरी दुनिया में इस वक्त हंगामा मचा हुआ है, उसे Satoshi Nakamoto नाम एक डेवलपर ने बनाया था. साल 2007 में उन्होंने बिटक्वाइन की कोडिंग लिखनी शुरू की. इसके करीब 1 साल बाद बिटकॉइन किसने बनाया था? साल 2008 में बिटक्वाइन नाम से वेबसाइट के लिए डोमेन रजिस्टर्ड कराया. इसके बाद इस आभासी करेंसी के बारे में पूरे नियम-कायदे भी बताए.

लेकिन पहले बिटक्वाइन के लेनेदेन में करीब 2 साल से भी ज्यादा लग गया. पहला बिटक्वाइन Hal Finney नाम के प्रोग्रामर ने खरीदा. यह काम उन्होंने 12 जनवरी 2009 को किया. देखते ही देखते बिटक्वाइन पूरी दुनिया को हिलाने लगा.

क्या है बिटक्वाइन
बिटक्वाइन एक क्रिप्टोकरेंसी है. सीधे शब्दों में एक डिजिटल करेंसी. इसमें लेनदेन की सारी जानकारी को Encrypt करके एक डाटाबेस में सुरक्षित रखा जाती है. इसके लिए ब्लॉक चेन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इस तकनीक बिटकॉइन किसने बनाया था? में जानकारी को डिजिटली ब्लॉक के रुप में सुरक्षित किया जाता है. प्रत्येक ब्लॉक अपना स्पेशल सिग्नेचर होता है.

अब आप सोच रहे हैं कि जब करेंसी है, तो क्रिप्टोकरेंसी का जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल, इसका मुख्य उद्देश्य है कि बिना किसी बिचौलिये की मदद से पैसों का लेनदेन करना. या कहें कि बिना किसी बैंकिंग सिस्टम के पैसों को इधर से उधर करना. इस वक्त बिटक्वाइन के अलावा 150 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं.

भारत में क्या है स्थिति
भारत की बात करें, तो पहले क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया गया था. लेकिन साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने RBI के आदेश को हटाते हुए प्रतिबंध हटा दिए. वहीं, ये भी माना जा रहा है कि भारत अपनी क्रिप्टोकरेंसी ला सकता है. हालांकि, इसके सामने कई किस्म की चुनौतियां है. इसके अलावा बिटक्वाइंन के सुरक्षित करने के लिए खपत होनी वाली बिजली को लेकर भी इसका विरोध हो रहा है.

बिटकॉइन क्या है और किसने की थी इसकी शुरुआत? बैंक इसे लेकर क्यों हैं परेशान, जानिए सबकुछ

कई ऑनलाइन मार्केट प्लेस से बिटकॉइन खरीदे या बेचे जा सकते हैं. कई वेबसाइट्स भी बिटकॉइन खरीदती और बेचती हैं.

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बिटकॉइन क्या है और किसने की थी इसकी शुरुआत? बैंक इसे लेकर क्यों हैं परेशान, जानिए सबकुछ

नई दिल्लीः इन दिनों बिटकॉइन की खूब चर्चा हो रही है. दरअसल इसकी वजह है कि बिटकॉइन की बिटकॉइन किसने बनाया था? कीमत, जो कि बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. बता दें कि एक बिटकॉइन की कीमत इस वक्त करीब 26 लाख रुपए हो गई है. यही वजह है कि निवेशक इन दिनों बिटकॉइन में खूब निवेश कर रहे हैं.

क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है, जिसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है. बिटकॉइन को सातोशी नाकामोतो नामक शख्स द्वारा साल 2009 में बनाया गया था. हालांकि उस वक्त इसकी कीमत 5-6 रुपए प्रति बिटकॉइन थी. आम करेंसी की तरह बिटकॉइन को देखा या छुआ नहीं जा सकता. हालांकि इससे ऑनलाइन खरीद-फरोख्त हो सकती है. इससे कोई भी सामान खरीदा जा सकता है. खास बात ये है कि इंटरनेशनल लेवल पर बिटकॉइन से पेमेंट करना फायदेमंद है क्योंकि अभी तक बिटकॉइन पर किसी देश या किसी संस्था का रेगुलेशन नहीं है. बिटकॉइन की बढ़ती कीमत के चलते इन दिनों लोग बिटकॉइन में खूब निवेश कर रहे हैं.

कैसे खरीदा जाता है बिटकॉइन
कई ऑनलाइन मार्केट प्लेस से बिटकॉइन खरीदे या बेचे जा सकते हैं. कई वेबसाइट्स भी बिटकॉइन खरीदती और बेचती हैं. डिजिटल तरीके से कैश जैसे भेजा जाता है, वैसे ही बिटकॉइन का लेन-देन किया जा सकता है. ट्रेडिंग के लिए यूजर को अपना अकाउंट बनाना होता है. इसी अकाउंट से बिटकॉइन की ट्रेडिंग की जा सकती है.

क्या है बिटकॉइन माइनिंग
बिटकॉइन को कंप्यूटर पर ही गणित के जटिल सवाल हल करके भी हासिल किया जा सकता है. इस तरह बिटकॉइन पाने को बिटकॉइन माइनिंग कहा जाता है. बिटकॉइन शुरुआत में भी इसी तरह बनाया गया था. अभी भी लोग बिटकॉइन माइनिंग कर इस क्रिप्टोकरेंसी को प्राप्त कर रहे हैं.

बिटकॉइन वॉलेट
बिटकॉइन एक डिजिटल वॉलेट में स्टोर रहते हैं. इस डिजिटल वॉलेट को ही बिटकॉइन वॉलेट कहा जाता है. यह बिटकॉइन वॉलेट यूजर के कंप्यूटर पर या फिर ऑनलाइन क्लाउड पर हो सकता है. बिटकॉइन वॉलेट एक तरह का वर्चुअल बैंक अकाउंट हैं. जिसे एक खास पासवर्ड से ही खोला जा सकता है. अगर किसी यूजर ने इस डिजिटल वॉलेट का पासवर्ड गुम कर दिया तो फिर उसका बिटकॉइन भी गुम हो जाएंगे.

ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया है, जहां एक बिटकॉइन किसने बनाया था? व्यक्ति के बिटकॉइन वॉलेट में 7000 बिटकॉइन हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है. लेकिन वह अपने बिटकॉइन वॉलेट का पासवर्ड भूल गया है. इस तरह से वह करोड़पति होते हुए भी उसके पास कुछ नहीं है. एक स्टडी के मुताबिक कुल बिटकॉइन के 25 फीसदी तो ऐसे ही कारणों से गुम हैं.

क्या हैं बिटकॉइन के खतरे
बिटकॉइन के ऑनलाइन लेनदेन की खास बात ये है कि इसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता है. जिसके चलते बिटकॉइन खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति को ढूंढ पाना लगभग नामुमकिन है. यही वजह है कि कई देशों में गैरकानूनी कामों जैसे ड्रग्स आदि खरीदने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जा रहा है. आशंका है कि बिटकॉइन सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकता है.

बैंक क्यों हैं इसे लेकर परेशान
दरअसल तकनीक और इंटरनेट के बढ़ते असर के चलते बिटकॉइन के इस्तेमाल में खासी बढ़ोत्तरी हुई है. दुनियाभर में निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. बता दें कि बिटकॉइन की तरह ही कई अन्य वर्चुअल करेंसी भी अस्तित्व में हैं. लेकिन इनमें बिटकॉइन का वर्चस्व है और कुल क्रिप्टोकरेंसी में 69 फीसदी हिस्सेदारी बिटकॉइन की है.

चूंकि इस करेंसी का नियमन (रेगुलेशन) नहीं है. इसके कारण दुनियाभर के बैंक इसे लेकर चिंतित हैं. क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में किसी भी थर्ड पार्टी जैसे बैंक आदि की जरूरत नहीं होती. ऐसे में कर चोरी की आशंका है. देश बिटकॉइन तो करेंसी के तौर पर मान्यता नहीं दे रहे हैं. ऐसे में बिटकॉइन से अर्थव्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो सकता है.

बिटकॉइन किसने बनाया था?

Bitcoin Kisne Banaya

Bitcoin Kisne Banaya : आपने आज बिटकॉइन शब्द जरुर सुना होगा क्योकि यह अपने प्राइस को लेकर काफी पोपुलर है कुछ समय पहले एक बिटकॉइन का मूल्य 45 लाख से भी उपर गया था अभी तक बिटकॉइन का ही एक ऐसा क्रिप्टोकरेंसी है जिसका दिन प्रतिदिन वैल्यू और भी बढ़ते ही जा रहा है ऐसे में बहूत सारे लोगो के मैन में आता है की बिटकॉइन का मालिक कौन है और Bitcoin Kisne Banaya तो आज का यह लेख इसी टॉपिक पर है की बिटकॉइन को किसने बनाया है और क्यों बनाया है तो चलिए शुरु करते है इससे पहले आप सभी का स्वागत है हमारे वेबसाइट SarkariFayde.Com पर अगर आप क्रिप्टो और शेयर मार्केट से जुडी जानकारी सिखने और पढने में रूचि रखते है तो आप हमारे वेबसाइट को visit कर सकते है.

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बिटकॉइन क्या है? (What is Bitcoin in Hindi?)

एक ऐसी करेंसी जिसे हम ना देख सकते है ना ही छू सकते हैं आसान शब्दों में कहूं तो फिजिकल रूप से इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं इसका सबसे अच्छा उदाहरण है अमेजॉन पर फ्लिपकार्ट जिसे ऑनलाइन पेमेंट करके किसी के अकाउंट में पैसा भेजते हैं उसे ना तो हम छू सकते हैं और ना ही देख सकते हैं.

बिटकॉइन को किसने बनाया (Bitcoin Kisne Banaya)

बहुत सी न्यूज़ वेबसाइट के अनुसार क्रिप्टोकरंसी को 2008 में सतोशी नाकामोतो ने बनाया था 2009 में सतोशी नाकामोतो बिटकॉइन करेंसी को ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में पब्लिश करके गायब हो गए और 2011 में सतोशी नाकामोतो कहे गए या किसी को पता नहीं और कुछ लोगों के द्वारा बताया जा रहा

क्यों बनाया गया क्रिप्टो करेंसी

दुनिया की सबसे पुरानी और पॉपुलर क्रिप्टोकरंसी को इन्वेस्टमेंट के लिए नहीं बनाया गया था यह क्रिप्टोकरंसी बहुत से इन्वेस्टर की पहली च्वाइस होती है साल दर साल इसका मुख्य बढ़ोतरी देखी जा रही है परंतु क्या आप जानते हैं अभी तक किसी ने बिटकॉइन के creator को नहीं देखा वैसे इस करेंसी को 2008 में बनाया गया था जिसे 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में रिलीज कर दिया गया था

बिटकॉइन का नाम कैसे परा बिटकॉइन

बिटकॉइन बनाने वाले कोई व्यक्ति एक ग्रुप था जिसका नाम सतोशी नाकामोतो कहां जाता है सन 2008 में बिटकॉइन से जुड़े एक एकेडमिक व्हाइट पेपर को अपलोड किया गया था जिसका नाम बिटकॉइन बिटकॉइन किसने बनाया था? Peer-to-Peer इलेक्ट्रॉनिक कैश रखा गया था जिस वजह से आज हम बिटकॉइन को बिटकॉइन बोल रहे हैं.

जिसके बारे में कहा जाता है कि डिजिटल करेंसी है इस पर किसी भी सरकार या या आम इंसान का कंट्रोल नहीं होगा नहीं सरकार इसमें दखल दे सकती है साल 2009 में इसे रिलीज किया गया था

बिटकॉइन कैसे काम करता है

Bitcoin तीन स्टेज में काम करता है डिमांड, सप्लाई क्रिप्टोग्राफी और डिसेंट्रलाइज नेटवर्क पर काम करता है साल 2008 में फाइनेंशियल क्राइसिस के आने के बाद ही बिटकॉइन को मार्केट में लाया गया था बिटकॉइन क्रिप्टोकरंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करता है इससे ना सिर्फ कंप्यूटर सिस्टम के द्वारा माइनिंग और प्रोड्यूस किया जा सकता है हालांकि इसमें काफी ज्यादा इंटरनेट और बिजली की आवश्यकता होती है.

बिटकॉइन का मूल्य इतना ज्यादा क्यों

इसके ज्यादा वैल्यू होने का एक कारण यह है कि बिटकॉइन लिमिटेड करेंसी है और बहुत से बड़े-बड़े कंपनी बिटकॉइन के माध्यम से पेआउट में एक्सेप्ट करने लगी है 2022 के बजट के अनुसार भारत में भी बहुत जल्द एक नए क्रिप्टोकरंसी आएगी जिसमें सरकार के द्वारा कंट्रोल किया जाएगा

बिटकॉइन कैसे होते हैं लेनदेन

इसमें जब भी लेनदेन किया जाता है इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है यानी उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है जिसमें वह जानकारी सिक्योर और इंक्रिप्टेड होता है इन डिप्रेशिएशन पका का माइनिंग का होता है इसके लिए cryptography पहेली को हल कर उचित एक कोड को लिखा जाता है

क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें

लोगों के द्वारा बोला जाता है कि क्रिप्टोकरंसी हमारा भविष्य है यहां तक कि एलोन मस्क ने भी कुछ समय पहले बोले थे कि बिटकॉइन भविष्य को करेंसी होने वाली है बिटकॉइन $118 से $200 के आसपास वर्तमान समय में है पिछले कुछ समय पहले बिटकॉइन का मूल्य 45 लाख के पार था

भारतीय मार्केट प्लेयर कौन-कौन भारतीय बिटकॉइन वॉलेट

भारत में अभी कुछ ही पॉपुलर बिटकॉइन वॉलेट है जिसे आप डाउनलोड करके बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं जैसे एक कॉइनस्विच कुबेर WazirX, CoinDCX इत्यादि

क्रिप्टो कैसे खरीदे और भेजें

क्रिप्टो खरीदने और बेचने के लिए पहले आपको क्रिप्टो वॉलेट डाउनलोड करना होगा नीचे दिए गए क्रिप्टो वॉलेट में से आप एक क्रिप्टो वॉलेट को डाउनलोड करके किसी भी क्रिप्टो में निवेश कर सकते है.

WazirXDownload
Coin Switch KuberDownload
CoinDCXDownload

इसे ब्लॉकचेन क्यों कहा जाता है?

क्रिप्टोकरंसी में एक ब्लॉक की साइज लगभग एक एमबी होती है यह बात तो आप जानते ही हैं कि एक एमबी से आज क्या हो सकता है जब एक ब्लॉक फुल हो जाता है तो फिर उसे एक नया ब्लॉक बन जाता है और वह एक दूसरे से जुड़े हुए रहते हैं इसी तरह एक ब्लॉक दूसरे ब्लॉक से जुड़े हुए रहते हैं इसलिए ब्लॉक ब्लॉक को मिलाकर ब्लॉकचेन बन जाता है जिस लिए से ब्लॉकचेन बोला जाता है

माइनिंग क्या है? (What is Mining in Hindi)

आपने क्रिप्टोकरंसी और बिटकॉइन के बारे में तो बात करते सुना ही होगा उसी बीच आपने माइनिंग शब्द का इस्तेमाल जरूर सुना होगा क्रिप्टोकरंसी और बिटकॉइन के लेनदेन को मानने करने और उन्हें ब्लॉक जेल में शामिल करने के लिए भेजा जाता है जिसे माइनिंग कहा जाता है माइनिंग करने के लिए बड़े-बड़े कंप्यूटर के चिप की आवश्यकता होती है इसमें बिजली की खपत बहुत ज्यादा होती है इसमें माइनिंग करने वाले वर्कर को – कहा जाता है जो बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टो करेंसी को माइनिंग करते हैं उनके बदले – को माइनिंग किए गए क्रिप्टोकरंसी के कुछ प्रतिशत क्रिप्टोकरंसी दी जाती है – ई ब्लॉक चीन के पहलुओं को कंप्यूटर cord की मदद से माइन करते हैं

वह स्थान जहां क्रिप्टो को खरीदा और बेचा जाता है उसे क्रिप्टो करेंसी मार्केट कहा जाता है और जिसके द्वारा खरीदा और बेचा जाता है उस पर फोन को क्रिप्टो एक्सचेंज वॉलेट कहा जाता है.

मुख्य तीन टेक्नोलॉजी
Private Key Cryptography
p2p network
Program

अंतिम विचार :

आज आपको यह पोस्ट कैसा लगा कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरुर बताए वैसे इस पोस्ट में हमने बताया है की बिटकॉइन का मालिक कौन है और Bitcoin Kisne Banaya, बिटकॉइन क्यों बनाया गया

Bitcoin

बिटकॉइन 2009 में बनाई गई एक डिजिटल मुद्रा है। यह ऑनलाइन और ईंट-और-मोर्टार खरीद के लिए उपयोग किए जाने वाले संसाधित डेटा ब्लॉक से बना एक डिजिटल क्रिप्टोकुरेंसी है। बिटकॉइन पारंपरिक ऑनलाइन भुगतान तंत्र की तुलना में कम लेनदेन शुल्क का वादा करता है और सरकार द्वारा जारी मुद्राओं के विपरीत, एक विकेन्द्रीकृत प्राधिकरण द्वारा संचालित होता है। क्योंकि बिटकॉइन सीमित हैं और उनका मूल्य किसके द्वारा निर्धारित किया जाता हैमंडी बलों, बिटकॉइन का भी विभिन्न एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है।

Bitcoin

बिटकॉइन किसी भी बैंक या सरकार द्वारा जारी या समर्थित नहीं हैं, न ही व्यक्तिगत बिटकॉइन एक वस्तु के रूप में मूल्यवान हैं। कोई भौतिक बिटकॉइन नहीं हैं, केवल क्लाउड में एक सार्वजनिक खाता बही पर रखा गया शेष है, जो कि सभी बिटकॉइन लेनदेन के साथ-साथ कंप्यूटिंग शक्ति की एक बड़ी मात्रा द्वारा सत्यापित है।

बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया?

सातोशी नाकामोतो उस व्यक्ति या लोगों के समूह से जुड़ा नाम है, जिन्होंने 2008 में मूल बिटकॉइन श्वेत पत्र जारी किया था और 2009 में जारी किए गए मूल बिटकॉइन सॉफ़्टवेयर पर काम किया था।

बिटकॉइन कैसे काम करता है?

बिटकॉइन ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करता है। ब्लॉकचेन एक साझा सार्वजनिक खाता बही है जिस पर संपूर्ण बिटकॉइन नेटवर्क निर्भर करता है। किसी भी पुष्टि किए गए लेनदेन को ब्लॉकचेन में जोड़ा जाता है। जब कोई उपयोगकर्ता एक नया लेनदेन शुरू करता है, तो लेनदेन को ब्लॉकचेन का उपयोग करके सत्यापित किया जाता है।

एक बार जब आप बिटकॉइन के मालिक हो जाते हैं, तो उनके पास मूल्य और व्यापार होता है। आप अपने बिटकॉइन का उपयोग सामान और सेवाओं को ऑनलाइन खरीदने के लिए कर सकते हैं, या आप उन्हें दूर रख सकते हैं और आशा करते हैं कि उनका मूल्य वर्षों में बढ़ जाएगा।

In modern era bitcoin would be a people's global choice- not for the government currency.

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