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भारत में स्टॉकब्रोकर कैसे बनें?

भारत में स्टॉकब्रोकर कैसे बनें?
इसके अलावा आप कुछ खास स्टॉक ब्रोकर के यहां भी अपना Demat Account खुलवा सकते हैं।

Demat Account

Demat Account क्या है और डीमैट अकाउंट कैसे खोलें ?

दोस्तों आज हम आपको Demat Account के बारे में बताएंगे कि डिमैट अकाउंट क्या होता है और यह अकाउंट हम कैसे खोलें दोस्तों आज के जमाने में बहुत कम लोग होंगे जिन्होंने शेयर मार्केट के बारे में नहीं सुना होगा और जो लोग शेयर मार्केट के बारे में जानते हैं उन्हें यह भी पता होता है कि डीमैट अकाउंट क्या है डिमैट अकाउंट में शेयर होल्डर अपने शेयर रखता है जैसे कि हम बैंक अकाउंट में अपने पैसे रखते हैं और शेयर की खरीद-फरोख्त इन्वेस्टर इसी अकाउंट के द्वारा करता है जो डिपॉजिटरी द्वारा खोला जाता है और इससे जुड़ी सभी बातें हैं इस के क्या फायदे हैं डिमैट अकाउंट कैसे खोला जाता है और कहां खोला जाता है Demat Account से जुड़ी सभी जानकारी हम आपको दे रहे हैं जो निम्नलिखित है।

Table of Contents

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डिमैट अकाउंट एक ऐसा अकाउंट है जिसमें आपके द्वारा भारत में स्टॉकब्रोकर कैसे बनें? खरीदे गए शेयर डिपॉजिट किए जाते हैं और इसके साथ साथ म्यूच्यूअल फंड, डिवेंचर, यूनिट और सिक्योरिटी भी इसी खाते में होती है शेयर की खरीद-फरोख्त करने के लिए आपके पास एक डिमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है Demat Account एक बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है जिसमें आपकी रकम नहीं होती बल्कि किसी कंपनी के शेयर होते हैं जब आप किसी कंपनी के शेयर को बेचना चाहते हैं तो यह दूसरे निवेशक के अकाउंट में यहीं से ट्रांसफर हो जाते हैं

जिस प्रकार आप बैंक अकाउंट से मनी ट्रांसफर करते हो। इससे पहले यह प्रक्रिया बड़ी मुश्किल थी पहले जब आप शेयर खरीदते थे तो आपको कंपनी उसके डॉक्यूमेंट देती थी और जब आपको शेयर बेचने होते थे तो सारे कागजात कंपनी में डिपॉजिट करने पड़ते थे लेकिन जब से डिपॉजिटरी ने Demat Account की प्रक्रिया को शुरू किया है यह काम बहुत आसान हो गया है।

डीमैट अकाउंट के प्रकार क्या है?

शेयर मार्केट में उपलब्ध तीन प्रकार के भारत में स्टॉकब्रोकर कैसे बनें? डीमैट अकाउंट होते हैं। इन अकाउंट को निवेशकों की प्रोफाइल के हिसाब से तैयार किया जाता है। डीमैट अकाउंट के प्रकार निम्नलिखित हैं।

रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat A6ccount)

शेयर बाजार में एंट्री करने वाले निवेशक को का रेगुलर डीमैट अकाउंट खोला जाता है। यह खाता आप किसी भी डिपॉजिट सीडीएसएल या एनएसडीएल पन रजिस्टर ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं। इस खाते के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिकली शेयरों में निवेश और ट्रेड किया जाता है।

रिपेट्रायबल डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)

यह खाता नॉनरेजिडेंट इंडियंस के लिए होता है। इस खाते के माध्यम से n.r.i. शेयर बाजार में निवेश करते हैं। एन आर आई इस अकाउंट का उपयोग करके विदेश में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। साथ ही साथ लोग इस अकाउंट इन इयर जॉइंट होल्डर भी शामिल कर सकते हैं जो केवल एक भारतीय नागरिक होना चाहिए। इस डीमैट खाते में नॉमिनेशन सुविधा भी उपलब्ध होती है।

Demat Account कैसे खोलें

जब आप अपना खाता डिपॉजिटरी में खुलवाते हैं तो उस खाते को डीमैट खाता कहते हैं इसका फैसला हमारा ब्रोकर करता है कि वह कौन सी डिपॉजिटरी में आपका खाता खुलवाता है इस खाते को भारत में स्टॉकब्रोकर कैसे बनें? खुलवाने के लिए भारत में एसईबीआई के द्वारा निर्देशित दो बड़ी डिपॉजिटरी कंपनी एनएसडीएल भारत में स्टॉकब्रोकर कैसे बनें? और सीडीएसएल है जो Demat Account को निर्धारित करती हैं और आपने देखा होगा कि पैन कार्ड भी यही दोनों कंपनियां बनाती हैं। जो निम्नलिखित हैं।

1- एनएसडीएल

इंडिया की सबसे पुरानी और विश्वसनीय डिपाजिटरी मानी जाती है नवंबर सन 1996 में इसको शुरू किया गया था जिसका पूरा नाम National Securities Depositories Ltd है।

2- सीडीएसएल

  • यह इंडिया की दूसरी डिपॉजिटरी है जिसका संबंध बीएसई यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज से है इसको फरवरी सन 1999 में शुरू किया गया था इसका पूरा नाम Central Depositories Services Ltd है ।
  • डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको इन दोनों कंपनियों के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है आप किसी भी बैंक या स्टॉक ब्रोकर के पास जाकर अपना डिमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं।

Career in Share Market-शेयर मार्केट में बेहतर कॅरियर

share market of india

शेयर मार्केट काफी संवेदनशील होने के कारण इसमें सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत होती है। चूंकि छोटे निवेशक बाजार के रुख और जिन कारणों से शेयर बाजार प्रभावित होता है, उससे सही तरीके से वाकिफ नहीं होते, इसलिए उन्हें किसी ऐसे जानकार की सेवा लेने की जरूरत महसूस होती ही है, जो उसके पैसे का सुरक्षित निवेश सुनिश्चित कर सके और इसलिए स्टॉक ब्रोकर और इस मार्केट से जुड़े अन्य जानकार लोगों की जरूरत होती है। यदि आप भी स्टॉक ब्रोकर बनने में दिलचस्पी रखते हैं, तो सबसे पहले आपको इस मार्केट के बारे में अच्छी तरह से जानना होगा। इसके लिए पहले आप किसी प्रामाणिक संस्थान से इससे संबंधित कोर्स करें। फिर उसके बाद किसी स्थापित ब्रोकर के साथ कुछ समय काम करके प्रैक्टिकल अनुभव भी हासिल कर सकते हैं। वैसे, यदि आप कैपिटल और कॅमोडिटी मार्केट में रेगुलर इनवेस्ट करने वाले जागरूक निवेशक हैं, तो आप भी स्टॉक मार्केट से संबंधित शॉर्ट-टर्म कोर्स करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं। ऐसा करने से आप भी मार्केट भारत में स्टॉकब्रोकर कैसे बनें? की सही एनालिसिस करने में सक्षम हो सकेंगे।

गोल्ड बॉन्ड के लिये तय हुआ इश्यू प्राइस , सोमवार से कर सकते हैं इश्यू में सब्सक्राइब

गोल्ड बॉन्ड के लिये तय हुआ इश्यू प्राइस , सोमवार से कर सकते हैं इश्यू में सब्सक्राइब

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Jan 08, 2022 | 12:27 AM

सस्ते में सोना लेने का एक और मौका मिल रहा है. गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond Scheme 2021-22) की अगली किस्त सब्सक्रिप्शन के लिये सोमवार से खुल रही है. रिजर्व बैंक (RBI) ने आज बॉन्ड की नई किस्त के लिये इश्यू प्राइस (Gold bond issue price) का ऐलान कर दिया है. जानिये गोल्ड बॉन्ड से जुड़ी सभी अहम बातें

गोल्ड बॉन्ड में निवेश का एक और मौका

रिजर्व बैंक ने जानकारी दी है कि गोल्ड बॉन्ड सोमवार से 5 दिन तक सब्सक्रिप्शन के लिये खुला रहेगा, यानि निवेशक 10 जनवरी से लेकर 14 जनवरी तक बॉन्ड में सब्सक्राइब कर सकेंगे. बॉन्ड का इश्यू प्राइस 4786 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. इसके साथ ही ऐसे सभी आवेदक जो बॉन्ड के लिये ऑनलाइन आवेदन करेंगे और भुगतान भी ऑनलाइन करेंगे उन्हें इश्यू प्राइस पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी. रिजर्व बैंक ने जानकारी दी कि ऐसे आवदकों के लिये गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 4736 रुपये प्रति ग्राम होगा. इससे पहले 29 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच खुले इश्यू में आवेदकों ने 4791 रुपये प्रति ग्राम की दर से आवेदन किया था.

गोल्ड बॉन्ड आपको बिना गोल्ड खरीदे गोल्ड में निवेश का लाभ देता है, इसमें आपको सोने को रखने की आवश्यकता नहीं होती. इसके साथ ही ये सरकारी सिक्योरिटी की तर्ज पर ब्याज लाभ भी देता है, यानि गोल्ड बॉन्ड से आपको दो तरह के लाभ मिलते हैं. हालांकि इसमें लॉकइन पीरियड होता है.यानि आपको एक निश्चित वक्त तक अपना निवेश गोल्ड बॉन्ड में बनाये रखना होता है. रिजर्व बैंक के मुताबिक गोल्ड बॉन्ड एक गवर्नमेंट सिक्योरिटी होती है, जिसकी कीमत सोने की कीमत पर आधारित होती है. निवेशक सोने के मूल्य के बराबर नकदी निवेश करता है, मैच्योरिटी पर उसे रकम नकदी में ही मिलती है. बॉन्ड को भारत सरकार की तरफ से रिजर्व बैंक जारी करता है. निवेशक कम से कम 1 ग्राम और अधिक से अधिक 4 किलो तक के लिये सब्सक्राइब कर सकता है. वहीं ट्रस्ट आदि 20 किलो तक के लिये सब्सक्राइब कर सकते हैं.

क्या है गोल्ड बॉन्ड में जोखिम भी है

रिजर्व बैंक के मुताबिक एसजीबी में कैपिटल लॉस हो सकता है दरअसल गोल्ड ब़ॉन्ड में सोने की मात्रा सुरक्षित रहती है उसकी कीमत नहीं. ऐसे में आपको मैच्योरिटी पर सोने की मात्रा के आधार पर ही रिटर्न मिलेगा. हालांकि बॉन्ड पर ब्याज भी मिलता है इसलिए कीमतें गिरने पर समान अवधि में ठोस सोने के मुकाबले बॉन्ड में नुकसान कम होगा.

बॉन्ड में कई विकल्पों के जरिये निवेश किया जा सकता है, लोग बैंक , पोस्ट ऑफिस की खास शाखाएं, स्टॉक एक्सचेंज स्टॉक होल्डिंग्स कॉर्पोरेशन कॉपोरेशन से बॉन्ड खरीद सकते हैं. स्टॉक मार्केट एजेंट के जरिए निवेश का विकल्प उपलब्ध कराते हैं। आम लोग बैंकों और पोस्ट ऑफिस और डीमैट अकाउंट के जरिए बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं। स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों भारत में स्टॉकब्रोकर कैसे बनें? को डीमैट में निवेश के विकल्प देते हैं, निवेशक इसके जरिए बॉन्ड खरीद सकते हैं

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