विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता

दोहरी नौकरी पर रोक के हैं कानून
अभी विप्रो ने हाल ही में 300 कर्मचारियों को विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता बाहर का रुख दिखा दिया। इन कर्मचारियों को एक साथ दो जगह नौकरी करने के कारण निकाला गया। फर्म की कार्रवाई से यह सवाल खड़ा हो गया कि दोहरे रोजगार को नियंत्रित करने वाले कानूनों के संबंध में हम कहां खड़े हैं। भारत में दोहरी नौकरी (मूनलाइटिंग) पर पूरी तरह से रोक नहीं है। देश में दोहरे रोजगार के बारे में कई कानून हैं। कारखानों के अधिनियम, 1948 की धारा 60 कारखानों में वयस्कों के दोहरे रोजगार पर रोक लगाती है। हालांकि ये उपबंध उन संगठनों पर लागू नहीं होते हैं जो कारखाने संचालित नहीं करते हैं।
कारखाना अधिनियम के अलावा दुकानों व प्रतिष्ठानों के अधिनियम में राज्य-वार प्रावधान किए गए हैं। ये प्रावधान उन संगठनों पर लागू होते हैं जो कारखाना अधिनियम के अंतर्गत नहीं आते हैं। राज्य विधायिका के अंतर्गत दुकानों व प्रतिष्ठानों का अधिनियम आता है और यह एक से दूसरी जगह अलग-अलग हैं। ये काम के निर्धारित घंटों के बाद उसी संस्थान या संगठन में रोजगार पर प्रतिबंध भी लगा सकता है।
बंबई के दुकानों व प्रतिष्ठानों के अधिनियम के तहत कोई भी कर्मचारी किसी अन्य प्रतिष्ठान में कार्य नहीं करेगा और न ही कोई नियोक्ता जानबूझकर किसी कर्मचारी को छुट्टी के दिन दूसरे प्रतिष्ठान में काम करने की अनुमति देगा। दिल्ली के दुकानों और प्रतिष्ठानों के अधिनियम में कहा गया है कि इस अधिनियम के तहत कानूनी रूप से नौकरी पर रखा गया कोई भी व्यक्ति किसी प्रतिष्ठान या दो या दो से अधिक प्रतिष्ठानों या एक प्रतिष्ठान या एक फैक्टरी में निर्धारित अवधि से अधिक समय तक कार्य नहीं करेगा। औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) केंद्रीय नियम, 1946 में कहा गया है कि एक श्रमिक किसी औद्योगिक विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता प्रतिष्ठान के हित के खिलाफ दोहरे रोजगार के तहत कार्य नहीं कर सकता है।
यहां पर यह उल्लेखनीय है कि दुकानें व रोजगार अधिनियम और कारखानों के अधिनियम में वर्णित दोहरे/दो रोजगार की परिभाषा अलग-अलग है। कारखानों के अधिनियम के तहत यह प्रावधान है कि हरेक कर्मचारी का दायित्व है कि वे छुट्टी के दिनों में अन्यत्र कार्य नहीं करेगा। इसी तरह नियोक्ता का भी दायित्व है कि वह ऐसे रोजगार के लिए अनुमति नहीं देगा।
कारखानों के अधिनियम और दुकानें व प्रतिष्ठानों के अधिनियम में कर्मचारी की परिभाषा भी अलग-अलग है। इस परिभाषा के तहत आईटी क्षेत्र पर कारखाने का अधिनियम लागू नहीं होता है लेकिन इस क्षेत्र पर दुकानें व प्रतिष्ठानों का अधिनियम लागू होता है।
गुलबहार बनाम पीठासीन अधिकारी औद्योगिक न्यायाधिकरण (2016) मामले के तहत पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दोहरे रोजगार के आधार पर याची की बर्खास्तगी को कायम रखा। इसी तरह दिल्ली जिला अदालत ने मेटसो पेपर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड और श्री वी. गोपालकृष्ण के मामले के तहत 2019 में कर्मचारी बर्खास्तगी को कायम रखा।
हालांकि कानून स्पष्ट रूप से दोहरी नौकरी पर रोक नहीं लगाते हैं लेकिन नियोक्ता के समझौते निश्चित रूप से रोक लगाते हैं। इकनॉमिक लॉ प्रैक्टिस के श्रम मामलों के प्रमुख पी वी मूर्ति ने कहा,' मैंने अभी तक विप्रो के अनुबंध को नहीं देखा है लेकिन नियोक्ता दूसरे संगठन में काम करने पर विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता कर्मचारी को निश्चित रूप से नौकरी से निकाल सकता है। जब कर्मचारी किसी प्रतिस्पर्धी के लिए कार्य करता है तो ऐसे में वह नियोक्ता - कर्मचारी अनुबंध का उल्लंघन करता है। ऐसे में नौकरी से हटाया जाना कानूनी है।'
संगठन दोहरे रोजगार के पक्ष में नहीं हैं। दोहरे रोजगार से कर्मचारी की निपुणता प्रभावित होती है। इसके अलावा अन्य कारण संगठनों के ग्राहकों की गोपनीयता और हितों में टकराव भी हैं। करंजावाला ऐंड कंपनी में साझेदार मेघना मिश्रा के अनुसार, 'मानक रोजगार अनुबंधों में प्रतिष्ठान के हितों की रक्षा के लिए गैर-गोपनीयता, गैर-प्रतिस्पर्धा और संस्थान के हितों की रक्षा के लिए विशिष्टता खंड होते हैं।'
उधर इंडस लॉ के साझेदार वैभव भारद्वाज ने बंबई के दुकानों व प्रतिष्ठानों विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता के अधिनियम के बारे में कहा कि कर्मचारी निर्धारित घंटे से अधिक समय तक कार्य नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा,'हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि काम के निर्धारित घंटे एक या दो संस्थानों के लिए हैं। ऐसे में अगर दोनों संगठनों को समस्या नहीं है तो कर्मचारी दोनों संगठनों में सीमित अवधि के लिए कार्य कर सकता है।'
उन्होंने कहा ,'समझौते की वैधता इस बात में निहित है कि यह कानून के कितने करीब है। यदि अनुबंध कम अनुकूल है तो इसे चुनौती दी जा सकती है।'
हाल में स्विगी ने दोहरी नौकरी को स्वीकृति दी है। इसमें कर्मचारी अपने काम के निर्धारित घंटों के अलावा बाहर किसी दूसरी जगह काम कर सकते हैं। पायनियर लीगल के साझेदार संकेत जैन ने कहा, 'कोविड के दौरान कई लोगों ने धन कमाने के लिए अतिरिक्त नौकरियां कीं। इसके बारे में कई नियोक्ताओं को जानकारी नहीं थी। ऐसे कर्मचारियों का पता लगाना मुश्किल होता है। दोहरी नौकरी को रोकने के लिए कोई निश्चित कानून नहीं है, ऐसे में विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता नियोक्ता का समझौता लागू होगा।'
इस बारे में चर्चा शुरू हो रही है कि नियोक्ता कैसे काम विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता के घंटों के बाद कर्मचारी पर नियम चला सकता है। भारद्वाज ने कहा, 'नियोक्ता के पास कर्मचारी के पूरे दिन का अधिकार है। यह काम के घंटों के बाद सोशल मीडिया और प्रभावित करने वालों से भी संबंधित है। यह प्रतिबंधित या गैरकानूनी नहीं है लेकिन इसे बहुत अच्छी तरह नजर नहीं रखी जा सकती है। यदि नियोक्ता - कर्मचारी में समझ है तो इसमें कोई समस्या विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता नहीं है।'
केंद्रीय बजट 2015-16
सरकारी संसाधनों के उच्च आवंटन के लिए बजट का निर्माण किया गया है। केंद्रीय बजट को दो भागों में संसद में प्रस्तुत किया:
- "रेल वित्त" से संबंधित रेल बजट।
- सामान्य बजट जो भारत सरकार की वित्तीय स्थिति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देता है। इसके अंतर्गत रेल बजट के प्रावधानों को ध्यान में रखा जाता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जी ने 28 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट 2015-16 प्रस्तुत किया जिसके अंतर्गत विकास, उद्यमिता और विनिर्माण को बढ़ावा देने, कर व्यवस्था को उचित बनाने और आम आदमी को राहत प्रदान करने की कोशिश की गई है।
विदेशी मुद्रा व्यापार में संकेतों का उपयोग कैसे किया जाता है?
क्रिप्टोकरेंसी हर समय काफी युवा बाजार है, जो हर साल गतिशील रूप से विकसित हो रहा है। इस वजह से, हम अभी भी बहुत सारे स्कैमर का सामना कर सकते हैं। यह क्रिप्टोक्यूरेंसी संकेतों की पेशकश करने वाले समूहों से अलग नहीं है। व्यवहार में, उनमें से हर एक को विशेषज्ञों द्वारा निर्देशित नहीं किया जाता है जो पूर्ण और विश्वसनीय विश्लेषण के आधार पर सिफारिशें जारी करते हैं। विशिष्ट स्कैमर्स भी पकड़े जाते हैं, साथ ही वे लोग जो सिग्नल चोरी करते हैं जो कहीं और पोस्ट किए गए हैं और किसी के काम को अवैध रूप से कॉपी करने के लिए सदस्यता लेते हैं। स्थल पर https://crypterder.ru आप आधिकारिक सॉफ्टवेयर खरीद सकते हैं जो स्वचालित रूप से बाजार को ट्रैक करेगा।
क्या आपको अपने व्यापार में क्रिप्टोक्यूरेंसी सिग्नल का उपयोग करना चाहिए?
अच्छे महत्वपूर्ण संकेत क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में लाभ कमाने के लिए जितना संभव हो उतना आसान बनाते हैं।
- उनके साथ, हम मूल रूप से क्रिप्टोकुरेंसी बाजार में क्या हो रहा है, इसके बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी तक तत्काल पहुंच प्राप्त कर सकते हैं, बिना किसी विशेष डिजिटल सिक्के के बारे में सभी खबरों को ट्रैक विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता किए बिना।
- हालांकि, आपको पता होना चाहिए कि क्रिप्टोक्यूरेंसी सिग्नल केवल एक अनौपचारिक सिफारिश है और कार्रवाई के लिए एक अंधा कॉल नहीं है, इसलिए आपको हमेशा इसके आधार पर बाजार की स्थिति का विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता विश्लेषण करना चाहिए और मूल्यांकन करना चाहिए कि क्या यह पुष्टि करता है कि हमारी ट्रेडिंग रणनीतियों से क्या होता है।
- सिग्नल प्रदाता पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं हैं कि हम लाभ कमाते हैं या सारा पैसा खो देते हैं।
यह, निश्चित रूप से, इस तथ्य को नहीं बदलता है कि क्रिप्टो समुदाय में प्रासंगिक प्रतिष्ठा रखने वाले लोकप्रिय सिग्नल समूहों में शामिल होने से आपको कोई रोक नहीं सकता है और अपने लिए देखें कि यह व्यवहार में कैसे काम करता है। सबसे पहले, यह देखने के लिए कि क्या हमारे क्रिप्टोकुरेंसी व्यापार में इस प्रकार के संकेतों का उपयोग करना हमारे लिए सही है, या शायद हम अपने बाजार विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करना पसंद करते हैं, विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता यह देखने के लिए मुक्त समूहों के साथ शुरू करना सबसे अच्छा है।
सिग्नलिंग सिस्टम कैसे काम करता है?
आपको सोमवार से शुक्रवार तक अलग-अलग समय पर संकेत प्राप्त होंगे। कभी-कभी हम सुबह 7 बजे से ही ट्रेडिंग शुरू कर देते हैं और रात 23 बजे भी खत्म कर देते हैं। अपना फोन हमेशा अपने पास रखें! याद रखें कि सप्ताहांत के दौरान विदेशी मुद्रा बंद रहती है, इसलिए विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता यदि आपको शनिवार या रविवार को संकेत नहीं मिलते हैं तो घबराएं नहीं। यदि स्वचालित ट्रेडिंग को कॉन्फ़िगर नहीं किया गया है, तो सिग्नल पर ट्रेड में प्रवेश करने का निर्णय पूरी तरह से आपके द्वारा किया जाता है।
bihar board class 12th economics | मुद्रा और बैंकिंग
से प्राप्त की गई वस्तु से अपनी-अपनी आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करते हैं । इसको आवश्यकताओं का दोहरा संयोग कहते हैं। वस्तु विनिमय प्रणाली में दोहरे संयोग की कमी या अभाव पाया जाता है। उदाहरण के लिए गेहूँ उत्पादक को गेहूँ के बदले में कपड़ों की आवश्यकता है लेकिन ऐसा ढूँढ़ना बड़ा मुश्किल काम है कि ऐसा वस्त्र उत्पादक मिल जाए जो बदले में गेहूँ स्वीकार कर सकता है। आवश्यकताओं के ऐसे संयोगों की अनुपस्थिति या कमी को ही दोहरे संयोग के अभाव की संज्ञा दी जाती है
वस्तु विनिमय प्रणाली में मूल्य मापन की कोई सामान्य इकाई नहीं होती जिसमें सभी वस्तुओं या सेवाओं के मूल्य अंकित किए जा सके और सर्वसम्मति से स्वीकार किए जा सके।
एक राज्य के या दो जिले तक सीमित रखा गया । ये छोटे और सीमित किसानों, खेतिहर मजदूरों, ग्रामीण दस्तकारों, लघु उद्यमियों, छोटे व्यापार में लगे व्यवसायियों को ऋण प्रदान करते हैं । इन बैंकों का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास करना है। ये बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि,
प्रदान करता है, केन्द्रीयकृत समाशोधन और धन विप्रेषण का विदेशी मुद्रा व्यापार की विशिष्टता काम करता है । नकद कोष में जमा राशि का प्रयोग करके RBI अन्तिम आश्रयदाता के रूप में व्यापारिक बैंकों को उधार देता है। RBI सभी बैंकों के व्यावसायिक कामों का पर्यवेक्षण, नियमन और नियंत्रण करता है।
अन्तरण कर सकते हैं । बैंक चेक वाले जमा खातों के बराबर मुद्रा अपने पास सुरक्षित निधि कोष में नहीं रखते हैं। इस प्रकार चेक जमाओं से बैंक मुद्रा का काम चलाते हैं।