क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी

उस समय, ईडी ने पाया कि आरोपी गेमिंग ऐप के माध्यम से अवैध रूप से प्राप्त धन का एक हिस्सा विदेशों में भेजने के लिए क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंजों का उपयोग कर रहा था. यह पाया गया कि सीमा नस्कर नाम का एक डमी खाता क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स में खोला गया था और क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
भारत में फिर शुरू होगा क्रिप्टो करेंसी का कारोबार, वर्चुअल करेंसी के बदले लोन भी मिलेगा
भारत में अभी क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) के कारोबार को लेकर नियम-कानून और नीतियां स्पष्ट नहीं है, फिर भी इंडियन बैंक यूनाइटेड मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी (Indian bank United Multistate Credit Co. Operative Society) ने भारत में क्रिप्टो करेंसी और क्रिप्टो करेंसी प्रोडक्ट्स के कारबार में कदम रखने का फैसला किया है। इंडियन बैंक यूनाइटेड भारत में अपने ग्राहकों को ऑनलाइन क्रिप्टो करेंसी बैंकिंग सर्विस देगी।
साथ ही बैंक देश के अपने सभी 34 ब्रांचों में भी इस सेवा की शुरुआत करेगी। इसके लिए इंडियन बैंक यूनाइटेड (Indian bank United) ने क्रिप्टो बैंकिंग सर्विस प्रोवाइडर काशा (Cashaa) के साथ ज्वाइंट वेंचर शुरू किया है जिसका नाम यूनिकस (UNICAS) रखा है। UNICAS के जरिये ही बैंक भारत में क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करेगी।
Crypto Exchange: विश्व के बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज से गायब हो गए ग्राहकों के 8054 करोड़, जांच जारी
क्रिप्टोकरेंसी के दीवानों के लिए बुरी खबर है। दुनिया के बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में से एक एफटीएक्स ने शुक्रवार को दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन किया। लोग इस झटके से उबरे भी नहीं थे कि ग्राहकों के 100 करोड़ डॉलर या करीब 8054 करोड़ रुपये) एक्सचेंज से गायब होने का खुलासा हुआ।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सचेंज के संस्थापक सैम बैंकमेन ने बिना किसी को बताए एफटीएक्स से यह रकम अपनी ट्रेडिंग कंपनी अलामेडा रिसर्च में भेज दी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस कुल राशि के ट्रांसफर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी के बाद से ही ग्राहकों के फंड एक बड़ा हिस्सा गायब है। कुछ लोगों का दावा है कि 1.7 अरब डॉलर या 13,600 करोड़ रुपये गायब हैं। जबकि कुछ का दावा है कि यह राशि 100 करोड़ डॉलर से 200 करोड़ डॉलर के बीच है।
विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी के दीवानों के लिए बुरी खबर है। दुनिया के बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में से एक एफटीएक्स ने शुक्रवार को दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन किया। लोग इस झटके से उबरे भी नहीं थे कि ग्राहकों के 100 करोड़ डॉलर या करीब 8054 करोड़ रुपये) एक्सचेंज से गायब होने का खुलासा हुआ।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सचेंज के संस्थापक सैम बैंकमेन ने बिना किसी को बताए एफटीएक्स से यह रकम अपनी ट्रेडिंग कंपनी अलामेडा रिसर्च में भेज दी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस कुल राशि के ट्रांसफर के बाद से ही ग्राहकों के फंड एक बड़ा हिस्सा गायब है। कुछ लोगों का दावा है कि 1.7 अरब डॉलर या 13,600 करोड़ रुपये गायब हैं। जबकि कुछ का दावा है कि यह राशि 100 करोड़ डॉलर से 200 करोड़ क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी डॉलर के बीच है।
ऐसे हुआ खुलासा
रिपोर्ट के मुताबिक, फंड गायब होने का पता पिछले रविवार को बैंकमेन-फ्राइड के दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शेयर किए गए रिकॉर्ड्स से चला। दावा किया जा रहा है कि इन रिकॉर्ड्स से वर्तमान तक की स्थिति का पता चल गया है।
Cryptocurrency: घोटालेबाज क्रिप्टो एक्सचेंज 'Binance' पर ED की कार्रवाई, ₹22.82 करोड़ के बिटकॉइन फ्रीज
प्रवर्तन निदेशालय ने बिनेंस क्रिप्टो एक्सचेंज पर छापा मारकर 22 करोड़ से ज्यादा के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया थ . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : November 11, 2022, 17:29 IST
मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया था.
इस मामले में फरवरी 2021 में कोलकाता पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी.
आरोपियों ने यूजर्स को धोखा देने के इरादे से मोबाइल गेमिंग क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी ऐप ई-नगेट्स जारी किया था.
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय ने Binance क्रिप्टो एक्सचेंज पर छापा मारकर 22 करोड़ से ज्यादा के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए हैं. एजेंसी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने बिनेंस क्रिप्टो एक्सचेंज पर एक तलाशी अभियान चलाया है, जिसमें पीएमएलए, 2002 के तहत 22.82 करोड़ रुपये के बराबर 150.22 बिटकॉइन को फ्रीज कर दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया था.
Crypto Exchange: क्रिप्टो एक्सचेंज की तबाही से भारत में भी भय का माहौल, देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।
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क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।
भारतीयों के लिए क्या हैं मायने
गुरुग्राम के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ब्रजेश शर्मा ने पांच साल पहले क्रिप्टोकरेंसी में दो लाख रुपये का निवेश किया था। पिछले साल तक वह निवेश से काफी उत्साहित थे, लेकिन अब डर सताने लगा है। ऐसा ही कुछ बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितेश कुमार का सोचना है। उनका कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को न तो मान्यता है क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी और न ही क्रिप्टो एक्सचेंज चलाने वाली कंपनियां अपने बारे में कुछ खुलकर बताती हैं। ऐसे में अगर पैसा डूबा तो हम कोई दरवाजा भी नहीं खटखटा सकते। हैं।
खास बातें
- पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली हो रही है
- इससे क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज घट गए हैं
- बहुत से देशों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट की स्क्रूटनी बढ़ाई है
क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर कई देशों में रेगुलेटर्स ने स्क्रूटनी बढ़ाई है. अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने क्रिप्टोकरेंसीज क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज ने शुरु की छंटनी से जुड़ी सर्विसेज शुरू करने की योजना बना रहे बैंकों के लिए अतिरिक्त गाइडलाइंस जारी की हैं. इनमें कहा गया है कि बैंकों को सर्विसेज शुरू करने से पहले फेडरल रिजर्व को जानकारी देनी होगी और यह पक्का करना होगा कि इन सर्विसेज की कानून के तहत अनुमति है.
फेडरल रिजर्व ने एक स्टेटमेंट में कहा कि क्रिप्टोकरेंसीज से बैंकों को बिजनेस बढ़ाने के मौके मिल सकते हैं. हालांकि, यह पक्का करने की जरूरत है कि इन सर्विसेज के लिए ऐसा सिस्टम मौजूद हो जिससे इस अधिक रिस्क वाले एसेट से कंज्यूमर्स के हितों को नुकसान न पहुंचे. पहले से क्रिप्टो सर्विसेज दे रहे बैंकों को भी फेडरल रिजर्व को इसकी जानकारी देने को कहा गया है. Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, इन गाइडलाइंस के तहत बैंकों को ये सर्विसेज शुरू करने से पहले पर्याप्त रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम रखने होंगे. हाल ही में बहुत से डेमोक्रेट सीनेटर्स ने ऑफिस ऑफ कंट्रोलर ऑफ द करेंसी (OCC) से क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर सख्त रेगुलेशंस बनाने की मांग की थी.