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महीने का ऑनलाइन ब्रोकर

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अगस्त 2020 में शीर्ष 5 सफल RAMM रणनीतियाँ

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किन-किन सेक्टर के शेयरों में मिल सकता है मुनाफा - शोमेश कुमार

क्या यह खरीदारी का मौका है या इससे पहले अपने शेयर बेचकर निकल जाना सही फैसला होगाॽ ऐसे में अगर आप भी खरीदारी का मन बना रहे हैं तो यह वीडियो आपको भी जरूर देखना चाहिये। बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार के साथ बातचीत कर रहे हैं निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा।

Zomato के 16 अरब रुपये के शेयर बेचेगी Jack Ma की Alibaba

Zomato के 16 अरब रुपये के शेयर बेचेगी Jack Ma की Alibaba

चीन की ई-कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड (Alibaba Group Holding Ltd) फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Zomato Ltd में करीब 3% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. कंपनी अपने 200 मिलियन डॉलर (करीब 16 अरब रुपये) के महीने का ऑनलाइन ब्रोकर शेयर बेचने जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज Morgan Stanley डील में ब्रोकर की भूमिका निभाएगी.

यह 'ब्लॉक डील' (block deal) आज होनी है. मंगलवार को,  Zomato  के शेयर एनएसई पर पिछले दिन से 1.63% गिरकर ₹63.35 पर बंद हुए.

अलीबाबा ग्रुप के पास 30 सितंबर तक Zomato में 12.98% हिस्सेदारी थी. डील के बाद, Zomato में Alibaba की लगभग 10% हिस्सेदारी रह जाएगी.

 Nykaa  ,  Paytm  , और  PolicyBazaar  जैसी बड़ी टेक कंपनियों में इसी तरह की ब्लॉक डील हुई हैं.

इससे पहले अगस्त में, Uber Technologies ने लोकल एक्सचेंजों में एक ब्लॉक डील के जरिए Zomato में अपनी 7.8% हिस्सेदारी 392 मिलियन डॉलर में बेची थी.

Zomato के प्री-आईपीओ शेयरहोल्डर्स के लिए एक साल का लॉक-इन-पीरियड 23 जून, 2022 को खत्म हो गया. इसके महीनों बाद, अब ये ब्लॉक डील हुई है. लॉक-इन पीरियड के खत्म होने के बाद से मार्केट में पैसा लगाने के लिए Zomato के शेयर बढ़ गए हैं.

Zomato ने ₹76 प्रति शेयर के इश्यू प्राइस पर IPO के जरिए ₹9,375 करोड़ जुटाए और पिछले साल 23 जुलाई को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट किया. कंपनी के शेयरों ने नवंबर 2021 में ₹159.75 का आंकड़ा छूकर रिकॉर्ड बनाया. लेकिन उसके बाद से लगातार गिरावट आई है.

इस महीने की शुरुआत में, Zomato ने दूसरी तिमाही के नुकसान की सूचना दी, क्योंकि इसके ऑनलाइन ऑर्डर की मात्रा और मूल्य में वृद्धि हुई.

2022 में Zomato के शेयर की कीमत में 55% से अधिक की गिरावट आई है, भले ही हाल की तिमाहियों में फूडटेक यूनिकॉर्न ने रेवेन्यू में वृद्धि देखी हो.

पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में 1,024.2 करोड़ रुपये के मुकाबले जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान ऑपरेटिंग रेवेन्यू बढ़कर 1,661.3 करोड़ रुपये हो गया.

कंपनी ने यह भी कहा था कि यह पहली तिमाही है जहां उसने अरबों डॉलर के एनुअल रेवेन्यू के आंकड़े को पार किया है. हालांकि, समीक्षाधीन तिमाही के दौरान इसका कुल खर्च बढ़कर 2,091.3 करोड़ रुपये हो गया.

जोमैटो को शूरू करने का सबस पहले आइडिया दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा को साल 2008 में आया था. उस वक्त उन्होंने एक रेस्तरां और फूड लिस्टिंग वेबसाइट के रूप में कंपनी की शुरुआत की थी, जिसे 'Foodiebay' का नाम दिया. बाद में, साल 2010 में कंपनी का नाम बदलकर Zomato कर दिया गया.

साल 2011 तक Zomato देश के अलग-अलग शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, पुणे और कोलकाता तक फैल गया. साल 2012 में जोमैटो की सर्विस अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी पहुंच गई.

श्रद्धा मर्डर केस : आफताब के फ्लैट का पानी का बिल खोल सकता है कई राज

मकान मालिक के मुताबिक उन्हें पता था कि ये शादीशुदा नहीं है. किसी ब्रोकर ने इन्हें मकान दिलवाया था और हर महीने 8 से 10 तारीख के बीच 9000 रुपये किराया देते थे.

श्रद्धा मर्डर केस : आफताब के फ्लैट का पानी का बिल खोल सकता है कई राज

Shraddha Murder Case: आफताब बार-बार पानी की टंकी देखने छत पर जाता था.

Shraddha Murder Case: दिल्ली पुलिस को आरोपी आफताब के फ्लैट के पड़ोसियों से एक अहम जानकारी मिली है. पड़ोसियों के अनुसार आफताब के महीने का ऑनलाइन ब्रोकर फ्लैट का तकरीबन 300 रुपये का पानी का बिल बकाया है. दरसअल छतरपुर पहाड़ी इलाके की इस कॉलोनी में ज्यादातर लोग रेंट पर रहते है. दिल्ली में 20,000 लीटर तक पानी का बिल दिल्ली सरकार की तरफ से फ्री है. आफताब के ऊपर रहने वाले दो पड़ोसियों ने जानकारी दी कि सभी फ्लोर का पानी का बिल जीरो आता है. लेकिन मकान मालिक से पता लगा कि आफताब के फ्लैट का 300 रुपये का पानी का बिल बकाया है. इस बिल को लेकर बाकि किराएदार और मकान मालिक अब हैरान हैं.

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दरअसल ये बात सामने आई है कि हत्या के बाद आफताब ने गर्म पानी लगातार श्रद्धा की बॉडी पर चलाए रखा था और उसने अगले कुछ दिनों तक पानी का ज्यादा इस्तेमाल किया. ताकि महीने का ऑनलाइन ब्रोकर शव से खून साफ हो जाए. खून के धब्बे मिटाने के लिए कैमिकल के साथ भी पानी का ज्यादा इस्तेमाल किया. इसलिए उसका पानी का बिल इतना आया. जबकि अकेले रहने में पानी फ्री होना चाहिए था.

ऊपर के फ्लोर पर रहने वाली महिला ने ये भी बताया कि आफताब बार-बार पानी की टंकी देखने छत पर जाता था. उन्हें उस समय ये सामान्य लगा. लेकिन अब महीने का ऑनलाइन ब्रोकर समझ में आया कि पानी देखने वो क्यो जाता होगा. इसके साथ ही मकान मालिक रोहन के पिता राजेन्द्र कुमार ने बताया एक बार उन्होंने गलती से आफताब के फ्लैट की डोर बेल बजा दी थी. जिसपर आफताब ने गुस्से में कहा सुबह-सुबह बेल क्यों बजा दी.

सूत्रों के मुताबिक आफताब ने रेंट एग्रीमेंट बनवाया था, जिसमें श्रद्धा का नाम पहले और अपना बाद में लिखवाया हुआ था. मकान मालिक के मुताबिक उन्हें पता था कि ये शादीशुदा नहीं है. किसी ब्रोकर ने इन्हें मकान दिलवाया था और हर महीने 8 से 10 तारीख के बीच 9000 रुपये किराया देते थे. आफ़ताब किराया ऑनलाइन देता था इसलिए उसे महीने का ऑनलाइन ब्रोकर कभी मकान मालिक के घर जाने की जरूरत नहीं पड़ी.

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