इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

मार्जिन ट्रेडिंग क्या है -What is Margin trading?
मार्जिन ट्रेडिंग (Margin Trading) एक तरह से उधार लिए गए पैसे से की गई ट्रेडिंग होती है इस ट्रेडिंग में हम अपने ब्रोकर से पैसा उधार लेते हैं तथा उसके बदले में उसे ब्याज देते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग के कुछ फायदे तथा कुछ नुकसान भी होते हैं इसमें अगर किसी ट्रेडर के पास ज्यादा पैसा नहीं है लेकिन वह अपने अच्छी स्ट्रेटजी बनाकर काम कर सकता है और उसे अपने काम पर पूरा विश्वास है तो बिना पैसे भी वह ट्रेडिंग कर सकता है और अच्छा पैसा बना कर मार्जिन मनी को वापिस भी कर सकता है।
मार्जिन ट्रेडिंग के लिए सेबी अभी कुछ नियम और शर्तें भी लेकर आ रहा है क्योंकि यह एक ऐसा जाल है जिसमें नए ट्रैक्टर फस जाते हैं और उन्हें काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि नई ट्रेडर को किसी भी स्टॉक में एंट्री तथा एग्जिट की जानकारी नहीं होती और इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान इसी कारण से वह इसमें अपना नुकसान कर लेते हैं क्योंकि पैसा ब्याज पर लिया हुआ होता है इस वजह से उसे नुकसान भी ज्यादा ही हो जाता है और वह दोबारा से शेयर बाजार में आने से डरता है।
लेकिन वही किसी अच्छे तथा पुराने ट्रेडर के लिए यह एक अच्छी कमाई का जरिया भी बन सकता है क्योंकि वह अपनी नॉलेज या ज्ञान के अनुसार ट्रेड करके अच्छा पैसा बना सकता है। आपको अगर मार्जिन लेकर ट्रेडिंग करनी है तो आप अपने ट्रेडर से एमटीएफ यानी मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी को चालू करवा सकते हैं इसके लिए ब्रोकर आपसे इसे शुरू करने के लिए परमिशन लेगा और कुछ ईसाइन वगैरह भी चालू करवाएगा जिसकी वजह से ब्रोकर को आप परमिशन देंगे कि वह आपको मार्जिन फैसिलिटी देगा जिस पैसे से आप आने वाले समय में ट्रेड कर सकते हैं।
Table of Contents
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए मार्जिन
कुछ ब्रोकर इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको 5 गुना तक की मार्जिन फैसिलिटी प्रदान करते हैं इसका अर्थ यह है कि अगर आपके पास ₹25000 हैं और आप रीडिंग करना चाहते हैं तो आप ₹125000 के शेर खरीद सकते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए मार्जिन देना ब्रोकर के हाथ में होता है और अलग-अलग ब्रोकर अलग अलग तरीके से मार्जिन देते हैं और उनके लिए चार्ज करते हैं।
किसी भी नए ट्रेडर को मार्जिन फैसिलिटी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा जोखिम होता है जिसकी वजह से नई ट्रेडर अक्सर नुकसान करते हैं और उस नुकसान की वजह से वह दोबारा मार्केट में आने से डरते हैं या मार्केट में अपना पैसा लगाने का साहस नहीं कर पाते इस वजह से
मार्जिन ट्रेडिंग के लिए खाता कैसे खोलें
अगर आप मार्जिन ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको किसी अलग जगह पर खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होती है आप अपने ब्रोकर से बात करके मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी (MTF) शुरू करवा सकते हैं और आसानी से मार्जिन ट्रेडिंग करना चालू कर सकते हैं।
इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि आप मार्जिन ट्रेडिंग शुरू करने से पहले अपने ब्रोकर से उसके चार्जेस तथा ब्याज के बारे में अवश्य पता करें क्योंकि आप यह जानकारी लिए बगैर ट्रेड करेंगे तो आपको काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है और जिसको भर पाना बहुत ही मुश्किल होता है।
मार्जिन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें
मार्जिन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको अपने ब्रोकर से मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी को शुरू करवाना होता है तथा उसके बाद आप आपके ब्रोकर द्वारा दिए गए मार्जिन के साथ ट्रेडिंग कर सकते हैं।
मार्जिन ट्रेडिंग इंट्राडे तथा शार्ट स्विंग ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। यह संपूर्ण है आपके ब्लॉक कर पर निर्भर करता है कि वह आपको किस तरीके की मार्जिन ट्रेडिंग के लिए आपको अलाव करता है और कितने प्रतिशत की मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी शुरू करता है और उसके चार्ज निर्धारित करना भी ब्लॉक कर के हाथ में होता है इसलिए आप अपने ब्रोकर से संपर्क करके पहले यह सारी जानकारी इकट्ठा जरूर कर लें और उसके बाद ही आप मार्जिन ट्रेडिंग शुरू करें।
मार्जिन ट्रेडिंग एक नया नया फार्मूला शेयर बाजार में आया है और अभी है काफी ज्यादा प्रचलित हो रहा है क्योंकि बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनके पास ट्रेडिंग का ज्ञान तो होता है लेकिन लगाने के लिए पैसे नहीं होते तो अब वह अपने लिवरेज अमाउंट के साथ मार्जिन का इस्तेमाल करके मार्जिन ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं और अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
आइए मार्जिन ट्रेडिंग को अब उदाहरण के साथ समझने का प्रयास करते हैं जैसे कि आप किसी ट्रेड को लेते हैं जैसे कि आप ऑप्शन इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है तो तो आप ₹10000 के साथ मार्केट में आते हैं और ₹50000 अपने ब्रोकर से मार्जिन लेकर ट्रेड करते हैं तो इस ट्रेड से होने वाला फायदा भी आपका होता है और इसमें होने वाला नुकसान भी आपका ही होता है लेकिन ब्रोकर अपने मार्जिन मनी के बदले आपसे कुछ रुपए चार्ज करता है या कुछ प्रतिशत में यह अमाउंट होता है जो वह चार्ज करता है इसकी जानकारी आप पहले ही परोपकार से ले सकते हैं।
मार्जिन ट्रेडिंग के फायदे | Benefits of Margin Trading
- मार्जिन ट्रेडिंग की सहायता से आप कम पैसे लगाकर भी आप ज्यादा पैसे की ट्रेडिंग कर सकते हैं और ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
- मार्जिन ट्रेडिंग में आपको छोटी अवधि के लिए ट्रेड की लेना होता है और जल्दी ही उससे प्रॉफिट कमा कर बाहर निकलना होता है।
- मार्जिन ट्रेडिंग में आप ब्रोकर को ब्याज देखकर आसानी से मार्जिन उपलब्ध करवा सकते हैं आजकल ब्रोकर आसानी से यह सुविधा अपने ट्रेडर को देते हैं
- मार्जिन ट्रेडिंग में आपको 5 से 6 गुना तक का मार्जिन आसानी से मिल जाता है इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए और 2 गुना तक का मार्जिन आपको छोटी अवधि में ट्रेड करने के लिए आजकल ब्रोकर उपलब्ध करवा रहे हैं।
मार्जिन ट्रेडिंग के नुकसान | Disadvantage of Margin Trading
- मार्जिन ट्रेडिंग में अगर ट्रेडर को नुकसान होता है तो सारा नुकसान उसे खुद ही भुगतना पड़ता है साथ में ब्रोकर तो अपने margin ke पैसे का चार्ज वसूल करता है।
- इस तरह की ट्रेडिंग में अक्सर नए ट्रेडर को ज्यादा नुकसान होता है क्योंकि उसे अभी बाजार के बारे में संपूर्ण जानकारी नहीं होती और अक्सर वह अपना नुकसान कर लेता है क्योंकि वह कम पैसे में ज्यादा प्रेरित कर रहा होता है इस वजह से उसे नुकसान भी ज्यादा ही होता है और साथ में ब्रोकर को भी डाल देना होता है।
- मार्जिन ट्रेडिंग में ट्रैक्टर को सीमित समय के लिए ही पैसा मिलता है और उस अवधि के अंदर उसे अपने ट्रेड को उसके रोक करना अति आवश्यक होता है।
- मार्जिन ट्रेडिंग के लिए सेबी नए नियम ला रही है जिसमें नई ट्रेडर को मार्जिन सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।
जैसा कि हमने मार्जिन ट्रेडिंग के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल करने की कोशिश की है और आशा करता हूं कि आपको यह जानकारी काफी अच्छी लगी होगी और ऐसी ही जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें और ऐसे ही शेयर बाजार से जुड़ी विभिन्न जानकारियों को पढ़ते रहें जिससे कि आप अपने प्रोफिट को और बढ़ा सकें।
अन्य पढें:-
मार्जिन पर स्टॉक खरीदने से क्या
मार्जिन पर स्टॉक खरीदने से आप अपने प्रॉफिट को और बना सकते हैं और उससे होने वाले लाभ ह ज्यादा मात्रा में ले सकते हैं।
क्या मुझे मार्जिन ट्रेडिंग का उपयोग करना चाहिए?
मार्जिन ट्रेडिंग एक बहुत ही जोखिम भरा कदम होता है अगर आपको आपके ट्रेड लेने पर पूरा भरोसा है तभी आप इसे इस्तेमाल करें अन्यथा आपको इस पर बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि इसमें आपको नुकसान भी मार्जिन मनी के साथ होता है तथा ब्रोकर को भी चार्ज पे करने पड़ते हैं।
एंजल ब्रोकिंग में मार्जिन क्या है
एंजेल वन में मार्जिन आप 5 गुना तक इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ले सकते हैं तथा इसके लिए कुछ प्रतिशत चार्ज आपको एंजेल 1 को देना होता है और उसके बदले में आप उससे मार्जिन मनी ले सकते हैं
margin trading facility (MTF) क्या होती है।
मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी जो कि एक ब्रोकर द्वारा दी गई वह सुविधा है जिसमें आप कम पैसे में ज्यादा रेट ले सकते हैं और ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हैं इसका उपयोग करने के फायदे के साथ-साथ नुकसान भी होता है।
नया मार्जिन नियम क्या है
नए मार्जिन नियम में कोई भी निवेशक अपना दे देता है तो वह है 80% रुपए अपने खाते में प्राप्त करता है तथा बचे हुए 20% राशि को वह टी प्लस 1 दिन में प्राप्त करता है।
सेबी का नया मार्जिन ट्रेडिंग नियम क्या है?
अभी अभी हाल ही में एक नया वर्जन ट्रेडिंग नियम ला सकती है जिसमें वह नई ट्रेक्टर के लिए इमरजेंसी सुविधा को उपलब्ध नहीं होने देगी जिससे कि नए ट्रैडर को नुकसान ना हो क्योंकि नया ट्रैडर ज्यादातर अपना नुकसान कर लेता है।
दिन का व्यापारी
एक दिन का व्यापारी एक प्रकार का व्यापारी होता है, जो इंट्रा डे मार्केट की कार्रवाई को भुनाने के लिए छोटी और लंबी ट्रेडों की अपेक्षाकृत बड़ी मात्रा में निष्पादित करता है । लक्ष्य बहुत ही अल्पकालिक मूल्य आंदोलनों से लाभ उठाना है। दिन के व्यापारी लाभ उठाने के लिए लाभ का उपयोग कर सकते हैं , जिससे नुकसान भी बढ़ सकता है।
हालांकि कई रणनीतियों को दिन के व्यापारियों द्वारा नियोजित किया जाता है, मूल्य की कार्रवाई अस्थायी आपूर्ति और परिसंपत्ति की खरीद और बिक्री के कारण होने वाली अक्षमताओं का परिणाम है । आमतौर पर पदों को मिलीसेकंड की अवधि से घंटों तक आयोजित किया जाता है और आमतौर पर दिन के अंत से पहले बंद कर दिया जाता है, ताकि घंटे या रात के बाद कोई जोखिम न हो।
चाबी छीन लेना
- दिन के व्यापारी ऐसे व्यापारी हैं जो किसी दिए गए परिसंपत्ति के लिए अपेक्षाकृत कम-जीवित मूल्य परिवर्तनों से लाभ के लिए इंट्रा डे रणनीतियों को निष्पादित करते हैं।
- दिन के व्यापारियों ने बाजार की अक्षमताओं को भुनाने के लिए कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल किया है, अक्सर एक दिन में कई ट्रेड करते हैं और कारोबारी दिन समाप्त होने से पहले पदों को बंद कर देते हैं।
- डे ट्रेडिंग को अक्सर तकनीकी विश्लेषण की विशेषता होती है और इसके लिए उच्च अनुशासन और निष्पक्षता की आवश्यकता होती है।
- डे ट्रेडिंग एक आकर्षक उपक्रम हो सकता है, लेकिन यह उच्च जोखिम और अनिश्चितता के साथ आता है।
एक दिन के व्यापारी की मूल बातें
वित्तीय उद्योग विनियामक प्राधिकरण (FINRA) और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) वर्गीकृत दिन है कि क्या वे प्रदान की दिन ट्रेडों की संख्या ग्राहक के कुल की तुलना में अधिक 6% है, एक पाँच दिन की अवधि के दौरान चार या अधिक बार व्यापार के आधार पर व्यापारियों उस अवधि के दौरान ट्रेडिंग गतिविधि या ब्रोकरेज / निवेश फर्म जहां उन्होंने एक खाता खोला है, उन्हें एक दिन का व्यापारी मानता है।
एक दिन व्यापारी अक्सर व्यापारिक दिन के अंत से पहले सभी ट्रेडों को बंद कर देता है, ताकि रात भर खुली स्थिति न हो । एक दिन व्यापारियों की प्रभावशीलता बोली-पूछ प्रसार, व्यापारिक आयोगों के साथ-साथ वास्तविक समय के समाचार फ़ीड और एनालिटिक्स सॉफ़्टवेयर के लिए खर्चों तक सीमित हो सकती है । सफल दिन ट्रेडिंग के लिए व्यापक ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता होती है। व्यापारिक निर्णय लेने के लिए दिन के व्यापारी कई तरह के तरीके अपनाते हैं। कुछ व्यापारी कंप्यूटर ट्रेडिंग मॉडल का उपयोग करते हैं जो अनुकूल संभावनाओं की गणना करने के लिए तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं, जबकि कुछ अपनी प्रवृत्ति पर व्यापार करते हैं।
दिन के व्यापारी पूंजी और मार्जिन रखरखाव आवश्यकताओं के अधीन हैं।
एक दिन का व्यापारी मुख्य रूप से किसी स्टॉक की मूल्य कार्रवाई विशेषताओं से चिंतित होता है । यह निवेशकों के विपरीत है, जो अपने स्टॉक को खरीदने, बेचने या रखने का निर्णय लेने के लिए किसी कंपनी की दीर्घकालिक विकास क्षमता का विश्लेषण करने के लिए मौलिक डेटा का उपयोग करते हैं ।
मूल्य की अस्थिरता और औसत दिन की सीमा एक दिन के व्यापारी के लिए महत्वपूर्ण है। एक व्यापारी को लाभ प्राप्त करने के लिए एक दिन के व्यापारी के लिए पर्याप्त मूल्य आंदोलन होना चाहिए। वॉल्यूम और लिक्विडिटी भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ट्रेडों में प्रवेश करना और बाहर निकलना प्रति व्यापार छोटे मुनाफे पर कब्जा करने के लिए महत्वपूर्ण है। एक छोटी दैनिक सीमा या हल्के दैनिक मात्रा के साथ प्रतिभूति एक दिन के व्यापारी के लिए ब्याज की नहीं होगी।
पैटर्न डे ट्रेडर पदनाम
एक पैटर्न डे ट्रेडर (पीडीटी) उन व्यापारियों या निवेशकों के लिए एक नियामक पदनाम है जो मार्जिन खाते का उपयोग करके पांच व्यावसायिक दिनों की अवधि में चार या अधिक दिन ट्रेडों को निष्पादित करते हैं ।
उस पांच-दिवसीय खिड़की के दौरान दिन के ट्रेडों की संख्या मार्जिन खाते की कुल व्यापार गतिविधि के 6% से अधिक होनी चाहिए। यदि ऐसा होता है, तो व्यापारी के खाते को उनके दलाल द्वारा पीडीटी के रूप में चिह्नित किया जाएगा । पीडीटी पदनाम आगे के व्यापार पर कुछ प्रतिबंध लगाता है; यह पदनाम निवेशकों को अत्यधिक व्यापार से हतोत्साहित करने के लिए रखा गया है।
दिन व्यापारी तकनीक
डे ट्रेडर्स उन घटनाओं से जुड़े होते हैं जो अल्पकालिक बाजार की चाल का कारण बनते हैं। समाचार का व्यापार करना एक लोकप्रिय तकनीक है। अनुसूचित घोषणाएं जैसे कि आर्थिक आंकड़े, कॉर्पोरेट आय, या ब्याज दरें बाजार की उम्मीदों और बाजार मनोविज्ञान के अधीन हैं । बाजार प्रतिक्रिया करते हैं जब उन अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया जाता है या पार किया जाता है, आमतौर पर अचानक, महत्वपूर्ण कदमों के साथ, जो दिन के व्यापारियों को लाभ पहुंचा सकते हैं।
एक और ट्रेडिंग विधि खुले में अंतर को लुप्त होती के रूप में जाना जाता है। जब उद्घाटन मूल्य पिछले दिन के करीब से एक अंतर दिखाता है, तो अंतर की विपरीत दिशा में एक स्थिति लेने से अंतराल को लुप्त होती के रूप में जाना जाता है। उन दिनों के लिए जब कोई खबर नहीं होती है या कोई अंतराल नहीं होता है, सुबह जल्दी, दिन के व्यापारी बाजार की सामान्य दिशा पर विचार करेंगे।
अगर उन्हें उम्मीद है कि बाजार में तेजी आएगी, तो वे ऐसी प्रतिभूतियां खरीदेंगे जो उनकी कीमतों में गिरावट आने पर मजबूती दिखाएंगी। यदि बाजार नीचे चल रहा है, तो वे प्रतिभूतियों को इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान कम कर देंगे जो उनकी कीमतों में उछाल आने पर कमजोरी का प्रदर्शन करते हैं।
अधिकांश स्वतंत्र दिवस व्यापारियों के पास कम दिन होते हैं, प्रति दिन दो से पांच घंटे काम करते हैं। अक्सर वे लाइव ट्रेड करने के लिए शुरुआत से पहले कई महीनों तक नकली ट्रेड बनाने का अभ्यास करेंगे। वे अपनी सफलताओं और असफलताओं को बाजार के माध्यम से ट्रैक करते हैं, अनुभव से सीखने का लक्ष्य रखते हैं।
दिन व्यापारी रणनीतियाँ
दिन के व्यापारी कई इंट्राडे रणनीतियों का उपयोग करते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- स्केलपिंग : यह रणनीति दिन भर में छोटे मूल्य परिवर्तन पर कई छोटे लाभ कमाने का प्रयास करती है, और इसमें अल्पकालिक मध्यस्थता अवसरों कीपहचान करना भी शामिल हो सकता है।
- रेंज ट्रेडिंग : यह रणनीति मुख्य रूप से निर्णय लेने और बेचने के लिए समर्थन और प्रतिरोध स्तरों का उपयोग करती है। यह ट्रेडिंग स्टाइल नाम स्विंग ट्रेडिंग द्वारा भी जा सकती हैयदि पदों को घंटों या दिनों के बजाय हफ्तों के लिए आयोजित किया जाता है।
- समाचार-आधारित व्यापार : यह रणनीति आम तौर पर समाचार घटनाओं और सुर्खियों के आसपास बढ़ी हुई अस्थिरता से व्यापार के अवसरों को जब्त करती है।
- उच्च-आवृत्ति ट्रेडिंग (एचएफटी) : ये रणनीतियाँ परिष्कृत एल्गोरिदम काउपयोग एक ही दिन में कई हजार बार छोटी या छोटी अवधि की बाजार अक्षमताओं का फायदा उठाने के लिए करती हैं।
डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
दिन के कारोबार का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि स्थिति रातोंरात नकारात्मक होने की संभावना से प्रभावित नहीं होती है, जो प्रतिभूतियों की कीमत को प्रभावित करने की क्षमता रखती है। इस तरह की खबरों में महत्वपूर्ण आर्थिक और कमाई की रिपोर्ट के साथ-साथ ब्रोकर अपग्रेड और डाउनग्रेड शामिल हैं जो बाजार खुलने से पहले या बाजार बंद होने के बाद होते हैं।
इंट्राडे आधार पर ट्रेडिंग कई अन्य प्रमुख लाभ प्रदान करता है। एक फायदा तंग लंबी स्थिति से नुकसान को कम करने के लिए स्टॉप प्राइस बढ़ाने का कार्य । एक अन्य मार्जिन में वृद्धि की पहुंच शामिल है – और इसलिए, अधिक से अधिक उत्तोलन। दिन का व्यापार व्यापारियों को अधिक सीखने के अवसर भी प्रदान करता है।
हालांकि, हर चांदी के अस्तर के साथ, तूफान के बादल भी होते हैं। जबकि दिन का व्यापार अत्यधिक लाभदायक हो सकता है, फिर भी यह बहुत सारे जोखिमों के साथ आता है।
दिन के व्यापार के नुकसान में लाभ में वृद्धि देखने की स्थिति के लिए अपर्याप्त समय शामिल है, कुछ मामलों में किसी भी लाभ में लाभ होता है, और अधिक बार व्यापार करने के कारण कमीशन लागत में वृद्धि होती है, जो लाभ मार्जिन पर दूर खाती है जो एक व्यापारी उम्मीद कर सकता है। दिन के व्यापारी, जो लंबे समय का लाभ उठाने के लिए मार्जिन कॉल के लिए अग्रणी ।
पदों को आमतौर पर प्रत्येक दिन के अंत में इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान बंद कर दिया जाता है, और रात भर की खबर या ऑफ-ब्रोकर की चाल से जोखिम से अप्रभावित रहते हैं।
तंग स्टॉप-लॉस ऑर्डर चरम आंदोलनों से पदों की रक्षा कर सकते हैं।
नियमित रूप से व्यापारियों को लाभ उठाने और कम कमीशन की पहुंच है।
कई ट्रेडों में सीखने के अनुभव में वृद्धि होती है।
बार-बार ट्रेडों का मतलब है कि कई कमीशन लागत।
कुछ संपत्ति म्युचुअल फंड की तरह ऑफ-लिमिट होती हैं।
किसी स्थिति को बंद करने से पहले किसी लाभ का एहसास करने के लिए पर्याप्त समय नहीं हो सकता है।
नुकसान जल्दी से माउंट कर सकते हैं, खासकर अगर मार्जिन का उपयोग वित्त खरीद के लिए किया जाता है। मार्जिन कॉल एक वास्तविक जोखिम है।
शेयर ट्रेडिंग से हुई इनकम पर कैसे टैक्स लगता है?
साल में एक लाख रुपये तक के एलटीसीजी पर कोई टैक्स नहीं पड़ता है. इसके अलावा 31 जनवरी 2018 से पहले तक खरीदे गए शेयरों पर एलटीसीजी ग्रैंडफादरिंग क्लॉज के तहत आता है. यानी इस तारीख तक शेयरों से हुआ मुनाफा भी टैक्स के दायरे में नहीं आता है.
शेयर ट्रेडिंग से हुए फायदे या नुकसान को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर क्लासिफाई करना होगा.
एकेएम ग्लोबल में पार्टनर अमित माहेश्वरी कहते हैं, चूंकि पार्थ की शेयर ट्रेडिंग से इनकम है. इसलिए उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के लिए आईटीआर-2 का इस्तेमाल करना होगा.
हालांकि, पार्थ अगर इंट्रा-डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उसे स्पेकुलेटिव बिजनेस के तौर पर देखा जाएगा. उस स्थिति में उन्हें आईटीआर-3 में अपना रिटर्न फाइल करने की जरूरत होगी. इसके अलावा शेयर ट्रेडिंग से हुए फायदे या नुकसान को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर क्लासिफाई करना होगा. शेयर से हुए गेंस को अगर एक साल तक रखा जाता है तो उसे एसटीसीजी में वर्गीकृत किया जाता है. वहीं, अगर इसे एक साल से ज्यादा समय के लिए रखा जाता है तो यह एलटीसीजी में क्लासिफाई होता है.
एसटीसीजी पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. दूसरी ओर एलटीसीजी पर टैक्स की यह दर 10 फीसदी होती है. हालांकि, साल में एक लाख रुपये तक के एलटीसीजी पर कोई टैक्स नहीं पड़ता है. इसके अलावा 31 जनवरी 2018 से पहले तक खरीदे गए शेयरों पर एलटीसीजी ग्रैंडफादरिंग क्लॉज के तहत आता है. यानी इस तारीख तक शेयरों से हुआ मुनाफा भी टैक्स के दायरे में नहीं आता है.
आइए, अब शौर्य का सवाल लेते हैं.
शौर्य ने दिल्ली में चार साल पहले एक फ्लैट खरीदा इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान था. इसके लिए उन्होंने एसबीआई से लोन लिया था. उन्होंने गुरुग्राम में एक और फ्लैट बुक कराया था. यह पजेशन के लिए तैयार है. वह इस फ्लैट को बेचना चाहते हैं. इसकी बिक्री से मिली रकम से वह होम लोन खत्म कर देना चाहते हैं. उन पर किस तरह टैक्स देनदारी बनेगी?
डेलॉयट इंडिया में पार्टनर होम मिस्त्री कहते हैं कि अगर शौर्य पजेशन लेने से पहले घर को बेचते हैं तो फायदा उस स्थिति में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में आएगा अगर उन्होंने इस पर कम से कम तीन साल अधिकार रखा है. इस पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. साथ ही लागू सरचार्ज और सेस भी वसूला जाएगा. ऐसा नहीं होने पर इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर उनकी इनकम पर लागू स्लैब रेट से टैक्स लगेगा.
वहीं, शौर्य अगर घर का पजेशन लेने के तुरंत बाद इसे बेचते हैं तो इस बात की ज्यादा संभावना है कि इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस माना जाए. इस पर स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगेगा. शौर्य को कोई भी फैसला लेने से पहले इन पहलुओं को देख लेना चाहिए.
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Income Tax on Share Market Earning: कोरोना वायरस का असर जैसे-जैसे कम हो इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान रहा है, शेयर बाजार में खूब तेजी देखने को मिल रही है। इस तेजी में बहुत से लोग अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इसे देखते हुए बहुत सारे नए लोग भी शेयर बाजार में अपनी किस्मत आजमाने लगे हैं। हालांकि, शेयर बाजार में सिर्फ कमाई (Share Market Earning) को ही ध्यान में नहीं रखना चाहिए, बल्कि कमाई पर लगने वाले टैक्स (Income Tax) की जानकारी होना भी जरूरी है। इससे आपको ये समझने में मदद मिलेगी कि आपको वास्तव में कितना फायदा हुआ है। आइए जानते हैं शेयर बाजार से हुई कमाई पर कैसे और कितना लगता है टैक्स (Taxation on Share Market Earning)।
इंट्रा-डे और फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई पर टैक्स
शेयर बाजार में अगर आप एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसी दिन शाम तक बेच देते हैं तो इसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहा इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान जाता है। इस तरह से हुई कमाई को स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है। वहीं फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई को नॉन-स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है। इंट्रा-डे और फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होता है। यानी 2.5 लाख रुपये तक की कुल कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, उसके ऊपर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स
अगर आप शेयर बाजार में 1 साल से कम और 1 दिन से अधिक के लिए शेयर इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान खरीदते हैं तो इससे हुए कमाई शॉर्ट टर्म कैपिल गेन कहलाती है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर आपको फ्लैट 15 फीसदी टैक्स देना होता है। हालांकि, अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये तक ही है, तो आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि आप कौन से टैक्स स्लैब में आते हैं।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स
अगर शेयर बाजार में आप 1 साल से अधिक की अवधि के लिए शेयर खरीदते हैं तो 1 साल बाद उसे बेचने से हुई कमाई लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहलाती है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 1 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है, जबकि उससे अधिक की कमाई पर फ्लैट 10 फीसदी का टैक्स लगता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस टैक्स स्लैब में आते हैं। हालांकि, अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये तक ही है, तो आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है।
Stop Loss क्या होता है?
Stop Loss:- जब भी हम शेयर मार्केट में किसी शेयर को खरीदते हैं तो हमारा उद्देश्य होता है कि जब शेयर की किमत बढ़ जाएगी तब हम उसे बेच देंगे और उससे मुनाफा जो है वह कमा लेंगे, लेकिन हर समय ऐसा नहीं होता कभी-कभी शेयर की प्राइस हमारे खरीदने के बाद कम हो जाती है तो ऐसे नहीं हम क्या करें ऐसे में अगर हम शेयर को नहीं बेचते तो हमें और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है इसी नुकसान को कम करने के लिए हम स्टॉपलॉस का उपयोग करते हैं जिसमें हमारे जो हमने खरीदा है उसकी प्राइस एक निश्चित से कम हो जाने पर शेयर ऑटोमेटिक सेल हो जाता है इसी प्राइज को हम स्टॉपलॉस कहते हैं!
शेयर मार्केट में हर ट्रेड में हमारा फायदा हो ये जरुरी नहीं है, ऐसे में जो हमारा गलत ट्रेड है उसमे कम नुकसान इसके लिए स्टॉपलॉस रखना जरुरी है
जब हम स्टॉपलॉस रखते है तब हमे यह पता होता है की हमे इसे ट्रेड में कित्तना नुक़सान हो सकता है जिससे हम अपने रिस्क को कैलकुलेट कर शक्ति है!
स्टॉपलॉस कैसे रखे :- दोस्तों स्टॉपलॉस रखना एक तरह के कला है जिसमें हमे अपने स्टॉपलॉस को इसे तरह से उस जगह रखना होता है जिसके बाद शेयर वहा से अपना ट्रेन्ड करे आमतौर पर जो शेयर का सपोर्ट होता है उससे थोड़ा निचे हम स्टॉपलॉस रखते है जिससे शेयर अपने सपोर्ट को ब्रेक करने के बाद जब वह निचे जाए तो हमे कम नुक़सान हो !
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय हमे अपना स्टॉपलॉस पहले से कैलकुलेट कर लेना होता है जब हम स्टॉपलॉस नहीं लगाते तो हमे बहुत ज्यादा नुक़सान हो सकता है ! बहुत से लोग जो शेयर मार्केट में नए नए आए हुए हैं बी स्टॉप लॉस नहीं रखते ऐसे में उन्हें बहुत ज्यादा नुकसान हो जाता है स्टॉप लॉस में ना केवल इंट्राडे ट्रेडिंग में रखना चाहिए बल्कि डिलीवरी में भी हमें अपना स्टॉप लॉस पता होना चाहिए !
आज कल Crypto जगत मे एक चीज की बात सभी लोग कर रहे है उसका नाम है FTX इसका फुल फॉर्म होता है Future Exchange यह दुनिया का सबसे बड़ा Cryptocurrency Exchange था जिस तरह से भारत मे आप NSE और BSE में किसी भी शेयर को खरीदे या बेचते हैं ठीक उसी तरीके से … Read more
बहुत से लोगो को Chart को कैसे देखते है इसके बारे में पता नहीं होता है वे कोई भी चार्ट को कही से भी देखने लगते है, किसी भी टाइम फ्रेम में कोई भी चार्ट को देखते कारण से समय पर सही फैसला नहीं ले पाते है, वे खुद उलझन में गलत फैसला लेते है … Read more
बहुत से लोग जो कि स्टॉक मार्केट में Trading या निवेश का काम करते है चाहे वह कितना भी बड़ा या छोटा क्यों ना हो, अगर उनको फायदा होता रहता है तो उनको लगता है कि वे ही भगवान है वे अपने आप को Market से बड़ा समझने लगते है, लेकिन आपको एक बात हमेशा … Read more
अगर आप IPO में निवेश करने के शौकीन है तो आप के एक और कंपनी है जो आईपीओ ले कर आ रही जिसमें आप निवेश कर सकते है, Fusion Microfinance Company का IPO 2 नवम्बर को खुल रहा है, कंपनी के बिजनेस की बात करे तो इसके नाम से ही पता चल रहा है कि … Read more
आप सभी इसका इस्तेमाल करते होगे लेकिन आपको इसके बारे मे पता नहीं होगा आइए आज हम आपको इसके बारे मे बताते है,इसका मतलब होता है Unified Payment Interface इसके मदद से आप एक कई बैंक मे आप यूपीआई की मदद से साल के 365 दिन कभी भी 24 घंटे में कभी भी तुरंत किसी … Read more