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लाभदायक निवेश के सिद्धांत

लाभदायक निवेश के सिद्धांत
इसे सुनेंरोकेंमितव्ययिता भारतीय संस्कृति का प्रमुख आदर्श है जो केवल बचत का ही दृष्टिकोण नहीं देता है, बल्कि जीवन में सादगी, संयम, अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण, त्याग और आडंबररहित जीवन को प्राथमिकता देता है। आज की उपभोक्तावादी एवं सुविधावादी जीवन-धारा में उसके प्रति किसी का भी लक्ष्य प्रतीत नहीं होता।

Healthy Portfolio: अच्छे म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो के लिए इक्विटी में इस तरह करें निवेश, सुरक्षित रहेगा आपका निवेश

By: ABP Live | Updated at : 31 May 2022 12:34 लाभदायक निवेश के सिद्धांत PM (IST)

Healthy Portfolio Investment Tips: एक सुरक्षित और अच्छे भविष्य के लिए निवेश करना बहुत ही ज़रूरी है. लेकिन पैसे कहाँ और कैसे निवेश करें यह भी मुनाफा बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक होता है. निवेश करने के बहुत सारे विकल्प होते हैं, लेकिन एक डाइवर्सीफाइड पोर्टफोलियो का होना आवश्यक है जिससे जोखिम को कम से कम हो जाये. पोर्टफोलियो में बदलाव मार्किट के स्थिति को देख के करते रहना चाहिए, क्योंकि मार्किट कभी भी एक जैसा नहीं रहता.

यहां कभी कभी छोटे शेयर (Small Cap) चलते हैं तो कभी मझोली कंपनियों के शेयरों (Midcap) में तेजी दिखाई देती है। और कई बार तो बड़ी कंपनियां (Large Caps) अच्छा मुनाफा देती रहती है. आपको उन सेग्मेंट्स पर नजर रख कर निवेश बांटना चाहिए.

Stock Market Investment: क्या कहानियों पर भरोसा करके निवेश करते हैं आप? समझ लें वैल्यू इन्वेस्टिंग के कायदे

एक निवेश के चुनाव का पूरा आकलन और विश्लेषण होने के बाद आपको ये सोचना ही होगा कि जो लागत आप अदा कर रहे हैं वो आगे जा कर मुनाफे में बदलेगी या नहीं। निवेश के दाम पर ही फोकस बनाए रखना वैल्यू इन्वेस्टिंग है।

धीरेंद्र कुमार, नई दिल्ली। इंटरनेट मीडिया समेत तमाम प्लेटफार्म पर शेयर निवेश सलाह देने वालों की भरमार है। इन लोगों ने अपनी सहूलियत के अनुसार नए-नए निवेश टर्म बनाएं हैं और इनके छोटे प्रारुपों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। हालांकि, यह कोई नए निवेश टर्म नहीं है बल्कि इन्हें पुराने नियमों को ही तोड़-मरोड़कर तैयार किया गया है।

BAAP, SAAP, HODL शायद ऐसे कई और कांसेप्ट भी होंगे जिनके बारे में मैंने नहीं सुना हो। अधिकांश पाठक भी इन्हें नहीं समझते होंगे। BAAP है buy at any price यानी किसी भी कीमत पर खरीदो। SAAP है sell any price यानी किसी भी कीमत पर बेचो। HODL है hold on for Dear Life यानी जान बचाने के लिए थामे रहो। अगर तलाशेंगे तो ऐसे शब्दों का पूरा चिडि़याघर आपको मिल जाएगा। कई तरह-तरह के नए टर्म ट्विटर पर हैं। मगर किसी ने इनका मतलब समझाने की जहमत नहीं उठाई। शायद इसीलिए ये सब सिर्फ कुछ लोगों की गढ़ी हुई बकवास ही होगी।

नए शब्दों के नए मायने

क्या आपने नोटिस किया कि BAAP, SAAP और HODL की ये तिकड़ी असल में निवेशकों के लिए नया विकल्प नहीं है। इन तीन नए ट‌र्म्स के बीच, आपके पास अपना पुराना जाना-पहचाना वर्जन Buy, Hold, Sell भी मौजूद है। इन दोनों में केवल एक बड़ा फर्क हो कि पुराने Buy-Sell-Hold और नए BAAP-SAAP-HODL के बीच फैसलों पर कितना सोच-विचार करना है। एक निवेशक के तौर पर हम Buy-Sell-Hold का विकल्प सोच-समझ कर और सावधानी से फैसले लेने में करते हैं।

इन फैसलों का आधार कई सवाल होते हैं जैसे- क्या अब भी ये निवेश अच्छा है? क्या भविष्य में लाभ कमाने की अच्छी संभावना है? क्या और निवेश करना लाभदायक रहेगा? होल्ड करने और न बेचने का तर्क क्या है? उसके ठीक उलट, इस नई त्रिवेणी BAAP-SAAP-HODL में सोचने का कोई टाइम नहीं है। किसी भी दाम पर बस अंजाम दीजिए, फिर चाहे जो हो।

निवेश के कुछ आसान नियम

असल निवेश में लोग अक्सर इतने उत्साहित हो जाते हैं कि वो दाम नजरअंदाज कर बैठते हैं। किसी-न-किसी मौके पर हम सभी ने ये किया है। हालांकि, हम जानते रहे हैं कि ये एक गलती है। ऐसा नहीं करना चाहिए। दाम या प्राइस नजरअंदाज करने को, निवेश का एक सिद्धांत बना देना, एक विद्रूपता है। जिसे निवेश कहते हैं, वो पूरी तरह से और फिर कहता हूं, पूरी तरह से खरीदने और कीमत बढ़ जाने पर बेच देने का नाम है।

निवेश के दाम पर ही फोकस बनाए रखना 'वैल्यू इन्वेस्टिंग है, और आज ग्रोथ और वैलुएशन के दौर में ये दिवंगत हो गई है, ये बात सच से कोसों दूर है। जैसा कि चार्ली मंगर ने एक बार कहा था, 'सारी अच्छी इन्वेस्टिंग वैल्यू इन्वेस्टिंगहै।' ये व्याख्या, सबसे सरल और व्यापक है कि किसी चीज को उसके अंतर्निहित मूल्य से कम में खरीदना ही वैल्यू इन्वेस्टिंग है।

किसी भी कीमत पर खरीदने का विकल्प

अगर आप पैसा बनाना चाहते हैं, तो उसका तरीका यही है। BAAP-SAAP-HODL को अगर इस फ्रेमवर्क में देखें तो इन पर इतना फोकस चकरा देने वाला है। हालांकि, लाभदायक निवेश के सिद्धांत इसके कुछ और कारण हैं। क्रिप्टो की दुनिया ने काफी वक्त तक इस बेवकू्फाना निवेश के तरीके को सैद्धांतिक तौर पर मजबूती दी। लोगों ने फ्राड करेंसियां बनाईं जिनका असल दुनिया में कोई आधार ही नहीं है और उसे बेचने को सही ठहराया गया क्योंकि उन्होंने, भविष्य की करेंसी के नाम पर ये बेमतलब चीज ईजाद कर दी।

ये सबकुछ, बेकार की सिक्युरिटीज बेचने वालों के लिए तो काम कर गया है, मगर इसने उनके लिए उतना काम नहीं किया है जिन्होंने इन कहानियों पर भरोसा किया और निवेश किया है। ऐसी बातों के चक्कर में मत आइए। कोई भी चीज 'किसी भी कीमत पर' खरीदने लायक नहीं होती।

(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

Stock Market Investment: क्या कहानियों पर भरोसा करके निवेश करते हैं आप? समझ लें वैल्यू इन्वेस्टिंग के कायदे

एक निवेश के चुनाव का पूरा आकलन और विश्लेषण होने के बाद आपको ये सोचना ही होगा कि जो लागत आप अदा कर रहे हैं वो आगे जा कर मुनाफे में बदलेगी या नहीं। निवेश के दाम पर ही फोकस बनाए रखना वैल्यू इन्वेस्टिंग है।

धीरेंद्र कुमार, नई दिल्ली। इंटरनेट मीडिया समेत तमाम प्लेटफार्म पर शेयर निवेश सलाह देने वालों की भरमार है। इन लोगों ने अपनी सहूलियत के अनुसार नए-नए निवेश टर्म बनाएं हैं और इनके छोटे प्रारुपों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। हालांकि, यह कोई नए निवेश टर्म नहीं है बल्कि इन्हें पुराने नियमों को ही तोड़-मरोड़कर तैयार किया गया है।

BAAP, SAAP, HODL शायद ऐसे कई और कांसेप्ट भी होंगे जिनके बारे में मैंने नहीं सुना हो। अधिकांश पाठक भी इन्हें नहीं समझते होंगे। BAAP है buy at any price यानी किसी भी कीमत पर खरीदो। SAAP है sell any price यानी किसी भी कीमत पर बेचो। HODL है hold on for Dear Life यानी जान बचाने के लिए थामे रहो। अगर तलाशेंगे तो ऐसे शब्दों का पूरा चिडि़याघर आपको मिल जाएगा। कई तरह-तरह के नए टर्म ट्विटर पर हैं। मगर किसी ने इनका मतलब समझाने की जहमत नहीं उठाई। शायद इसीलिए ये सब सिर्फ कुछ लोगों की गढ़ी हुई बकवास ही होगी।

नए शब्दों के नए मायने

क्या आपने नोटिस किया कि BAAP, SAAP और HODL की ये तिकड़ी असल में निवेशकों के लिए नया विकल्प नहीं है। इन तीन नए ट‌र्म्स के बीच, आपके पास अपना पुराना जाना-पहचाना वर्जन Buy, Hold, Sell भी मौजूद है। इन दोनों में केवल एक बड़ा फर्क हो कि पुराने Buy-Sell-Hold और नए BAAP-SAAP-HODL के बीच फैसलों पर कितना सोच-विचार करना है। एक निवेशक के तौर पर हम Buy-Sell-Hold का विकल्प सोच-समझ कर और सावधानी से फैसले लेने में करते हैं।

इन फैसलों का आधार कई सवाल होते हैं जैसे- क्या अब भी ये निवेश अच्छा है? क्या भविष्य में लाभ कमाने की अच्छी संभावना है? क्या और निवेश करना लाभदायक रहेगा? होल्ड करने और न बेचने का तर्क क्या है? उसके ठीक उलट, इस नई त्रिवेणी BAAP-SAAP-HODL में सोचने का कोई टाइम नहीं है। किसी भी दाम पर बस अंजाम दीजिए, फिर चाहे जो हो।

निवेश के कुछ आसान नियम

असल निवेश में लोग अक्सर इतने उत्साहित हो जाते हैं कि वो दाम नजरअंदाज कर बैठते हैं। किसी-न-किसी मौके पर हम सभी ने ये किया है। हालांकि, हम जानते रहे हैं कि ये एक गलती है। ऐसा नहीं करना चाहिए। दाम या प्राइस नजरअंदाज करने को, निवेश का एक सिद्धांत बना देना, एक विद्रूपता है। जिसे निवेश कहते हैं, वो पूरी तरह से और फिर कहता हूं, पूरी तरह से खरीदने और कीमत बढ़ जाने पर बेच देने का नाम है।

निवेश के दाम पर ही फोकस बनाए रखना 'वैल्यू इन्वेस्टिंग है, और आज ग्रोथ और वैलुएशन के दौर में ये दिवंगत हो गई है, ये बात सच से कोसों दूर है। जैसा कि चार्ली मंगर ने एक बार कहा था, 'सारी अच्छी इन्वेस्टिंग वैल्यू इन्वेस्टिंगहै।' ये व्याख्या, सबसे सरल और व्यापक है कि किसी चीज को उसके अंतर्निहित मूल्य से कम में खरीदना ही वैल्यू इन्वेस्टिंग है।

किसी भी कीमत पर खरीदने का विकल्प

अगर आप पैसा बनाना चाहते हैं, तो उसका तरीका यही है। BAAP-SAAP-HODL को अगर इस फ्रेमवर्क में देखें तो इन पर इतना फोकस चकरा देने वाला है। हालांकि, इसके कुछ और कारण हैं। क्रिप्टो की दुनिया ने काफी वक्त तक इस बेवकू्फाना निवेश के तरीके को सैद्धांतिक तौर पर मजबूती दी। लोगों ने फ्राड करेंसियां बनाईं जिनका असल दुनिया में कोई आधार ही नहीं है और उसे बेचने को सही ठहराया गया क्योंकि उन्होंने, भविष्य की करेंसी के नाम पर ये बेमतलब चीज ईजाद कर दी।

ये सबकुछ, बेकार की सिक्युरिटीज बेचने वालों के लिए तो काम कर गया है, मगर इसने उनके लिए उतना काम नहीं किया है जिन्होंने इन कहानियों पर भरोसा किया और निवेश किया है। ऐसी बातों के चक्कर में मत आइए। कोई भी चीज 'किसी भी कीमत पर' खरीदने लायक नहीं होती।

(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

निवेश फलन को प्रभावित करने वाले तत्व क्या है?

इसे सुनेंरोकेंस्वतन्त्र निवेश आय, उत्पादन तथा लाभ में परिवर्तन से प्रभावित नहीं होता। इस प्रकार का निवेश प्राय: किसी देश की सरकार द्वारा किया जाता है। यह निवेश न तो ब्याज की दर पर निर्भर करता है और न ही भावी लाभ अथवा लाभ-निरपेक्ष (Income of Profit inleastic) होता है।

निवेश फलन से क्या आशय है इसे निर्धारित करने वाले तत्व की व्याख्या कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंनिवेश या विनियोग (investment) का सामान्य आशय ऐसे व्ययों से है जो उत्पादन क्षमता में वृद्धि लायें। यह तात्कालिक उपभोग व्यय या ऐसे व्ययों संबंधित नहीं है जो उत्पादन के दौरान समाप्त हो जाए। निवेश शब्द का कई मिलते जुलते अर्थों में अर्थशास्त्र, वित्त तथा व्यापार-प्रबन्धन आदि लाभदायक निवेश के सिद्धांत क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है।

मितव्ययिता का सिद्धांत क्या है?

सामूहिक अर्थशास्त्रीय विरोधाभास क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइन दोनों के विषय वस्तु को आप समझा सकते है । जिनका सम्बन्ध संपूर्ण अर्थव्यवस्था से होता है, जैसे- कुल राष्ट्रीय आय, कुल बचत, कुल विनियोग इत्यादि। समष्टि अर्थशास्त्र में किसी भी अर्थव्यवस्था के समग्र चरों (aggregate variables) जैसे राष्ट्रीय आय, रोजगार, मूल्य स्तर, बचत विनियोग, भुगतान शेष आदि का अध्ययन किया जाता है।

इसे सुनेंरोकेंब्याज के बारे में सबसे पहले सिद्धांत को प्रतिष्ठित या वास्तविक सिद्धांत कहते हैं। इसे वास्तविक सिद्धांत कहते हैं, क्योंकि यह वास्तविक कारकों जैसे पूंजी की उत्पादकता, बचत की प्रवृत्ति आदि पर आधारित है। इस सिद्धांत के दो भाग हैं। पहला भाग यह है कि ब्याज की दर क्यों उत्पन्न होती है।

विनियोग फलन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकेन्ज का विनियोग से अभिप्राय सदैव वास्तविक निवेश (Real Investment) से है जिससे कि रोजगार व राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है तथा नये पूंजीगत पदार्थों का सृजन होता है।

म्यूचुअल फंड में निवेश

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हम म्युचुअल फंड कंपनियों द्वारा शुरू किए गए शक्तिशाली विज्ञापन (विज्ञापन) अभियान देख रहे हैं, जो व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के 'आकर्षण' को बढ़ावा दे रहे हैं। यह अभियान खुदरा निवेशकों के निवेश के फैसले को प्रभावित कर रहा है, उन्हें ज्यादातर एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड में लगभग आँख बंद करके निवेश करने का लालच दे रहा है।

विशेष रूप से, एसआईपी केवल एक निवेश मार्ग है जो निवेशकों को म्यूचुअल फंड योजनाओं में नियमित रूप से एक निश्चित राशि का निवेश करने के लिए प्रेरित करता है, ज्यादातर इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में। यहां निवेशकों को एकमुश्त निवेश करने की आवश्यकता नहीं है, इसके बजाय वे एक अवधि में इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में अपने निवेश को अलग-अलग कर सकते हैं। दरअसल, SIP को छोटे और वेतनभोगी निवेशकों को, जो मूल रूप से लम्सम्प में निवेश करने के लिए वित्तीय ताकत नहीं रखते हैं, इक्विटी मार्केट की तह में लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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