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समर्थन क्या है

समर्थन क्या है
"हम जो कर रहे हैं, उसका उद्देश्य हमारी संस्कृति को फिर से जिंदा करना है। इस दौरान हम उपदेश देने के पुराने तरीकों को फिर से जिंदा करेंगे। हम इसलिए यह काम कर रहे हैं। हमने इस मार्च की शुरुआत दरबार साहिब से की और एक महीने के अंदर हम अनंतपुर साहिब तक पहुंचेंगे। इस बीच हम कई जगहों पर रात्रि विश्राम करेंगे और प्रचार करेंगे।"

Madhya Pradesh में MSP पर गेंहू खरीद आज से शुरू, बेचने के लिए किसान खुद तय करेंगे दिन और समय

MP News: मध्य प्रदेश में गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2 हजार 15 रुपये प्रति क्विंटल है. यहां गेहूं की खरीद सोमवार से प्रारंभ हो रही है. इसकी शुरुआत इंदौर और उज्जैन संभाग से की जाएगी.

By: अजय त्रिपाठी, जबलपुर | Updated at : 28 Mar 2022 11:26 AM (IST)

प्रतीकात्मक तस्वीर (मध्य प्रदेश गेहूं खरीद)

Madhya Pradesh Wheat Procurement: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में किसानों को अब समर्थन मूल्य (MSP) पर गेंहू विक्रय करने के लिए एसएमएस का इंतजार नहीं करना होगा. सरकार ने इसके स्थान पर ज्यादा सहज और सुलभ व्यवस्था की है. किसान उपज विक्रय करने के लिए उपार्जन केन्द्र का चयन एवं उपज विक्रय का दिन स्वयं ई-उपार्जन पोर्टल पर कर सकेंगे. प्रदेश में गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2 हजार 15 रुपये प्रति क्विंटल है. यहां गेहूं का उपार्जन सोमवार से प्रारंभ हो रहा है. इसकी शुरुआत इंदौर (Indore) और उज्जैन (Ujjain) संभाग से की जाएगी. जबकि, नर्मदापुरम, जबलपुर (Jabalpur), रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर, चंबल और भोपाल संभाग में 4 अप्रैल से गेहूं खरीदा जाएगा. इसके लिए प्रदेश भर में 4 हजार 663 केंद्र बनाए गए हैं.

ऐसे होगा भुगतान
उपार्जन से पहले पंजीकृत किसान की पात्रता की जांच नोडल अधिकारी करेंगे. किसानों को उपज का भुगतान आधार से लिंक खाते में किया जाएगा. खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उपार्जन की सभी तैयारियां हो चुकी हैं. इस बार प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए 19 लाख 81 हजार किसानों ने अभी तक पंजीयन कराया है. इस व्यवस्था में प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर गेहूं की तौल क्षमता का निर्धारण पोर्टल पर किया जाएगा, जिसके अनुसार प्रति तौल कांटा प्रतिदिन 250 क्विंटल के मान से गणना की गई है. प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर प्रतिदिन न्यूनतम 1000 क्विंटल उपज की तौल के लिए 4 तौल कांटे आवश्यक रूप से लगाए जाएंगे एवं उपार्जन केंद्र पर गेहूं की आवक अनुसार तौल कांटों की संख्या में वृद्धि की जाएगी, जिसकी पोर्टल समर्थन क्या है पर प्रविष्टि की जा सकेगी.

ये है प्रक्रिया
23 मार्च 2022 से स्लॉट बुकिंग www.mpeuparjan nic.in पर शुरू हो गई है. इस लिंक की जानकारी SMS के माध्यम से किसानों के मोबाइल पर भेजी जा रही है. ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत-सत्यापित कृषक के जरिए स्वयं के मोबाइल, एमपी ऑनलाइन, सीएससी, ग्राम पंचायत, लोक सेवा केंद्र, इन्टरनेट कैफे, उपार्जन केन्द्र से स्लॉट बुकिंग की जा सकेगी. स्लॉट बुकिंग के लिए कृषक के ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत मोबाइल पर ओटीपी प्रेषित किया जाएगा, जिसे पोर्टल पर दर्ज करना होगा.

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किसान कर सकेंगे उपार्जन केंद्र का चयन
किसान की तरफ से उपज विक्रय के लिए तहसील अंतर्गत (जहां कृषक की भूमि है) किसी भी उपार्जन केंद्र का चयन किया जा सकेगा. कृषक की भूमि एक से अधिक तहसील में स्थित होने पर उनके जरिए किसी एक तहसील के उपार्जन केन्द्र का चयन किया जा सकेगा, जहां पर पंजीकृत भूमि की उपज का विक्रय किया जा सकेगा. उपार्जन केंद्र की तौल क्षमतानुसार लघु सीमांत एवं बड़े कृषकों को मिलाकर स्लॉट बुकिंग की सुविधा रहेगी जिसमें प्रतिदिन 100 क्विंटल से अधिक विक्रय क्षमता के 4 कृषक तक हो सकेंगे.

किसानों को अवगत कराया जा रहा है
स्लॉट बुकिंग के समय पोर्टल पर कृषक की विक्रय योग्य कुल मात्रा प्रदर्शित कराई जाएगी. जिसमें कृषक द्वारा वास्तविक विक्रय योग्य कुल अनुमानित मात्रा की प्रविष्टि करनी होगी, इस मात्रा के अनुसार ही कृषक से उपज की खरीदी की जा सकेगी. इस संबंध में किसानों को अवगत कराया जा रहा है. पोर्टल पर स्लॉट बुकिंग अनुसार उपार्जन केंद्र की क्रय योग्य क्षमता घटते क्रम में प्रदर्शित होगी.

अधिकारियों को दिए गए निर्देश
किसान द्वारा स्लॉट बुकिंग करने के उपरांत उपार्जन केंद्र का नाम, विक्रय योग्य मात्रा एवं विक्रय की तारीख एसएमएस के माध्यम से सूचित की जाएगी, इसका प्रिन्ट भी निकाला जा सकेगा. कृषक द्वारा विक्रय की जाने वाली संपूर्ण उपज की स्लॉट बुकिंग एक समय में ही करनी होगी, आंशिक स्लॉट बुकिंग-आंशिक विक्रय नहीं किया जा सकेगा. उपार्जन केंद्र पर स्लॉट बुकिंग करने के उपरांत अन्य केंद्र पर कृषक पंजीयन परिवर्तन-स्थानांतरण की सुविधा नहीं होगी. संबंधित अधिकारियों को इसी के अनुसार कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

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Published at : 28 Mar 2022 11:26 AM (IST) Tags: Madhya Pradesh MSP jabalpur Wheat procurement MP Farmers हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

‘कलम की जगह बंदूक’ से सियासी फायरिंग: MLA बृहस्पत के समर्थन में उतरे धरमलाल कौशिक, बोले- शिक्षा व्यवस्था चौपट, सीटें खाली, आखिर छात्रों का क्या होगा भविष्य ?

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार के मंत्री और विभाग पर तीखे सवाल दागकर कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने विपक्ष को सियासी हथियार दे दिया है, जिससे अब सरकार पर बीजेपी एक के बाद एक घावदार प्रहार कर रही है. इसी कड़ी में अब पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने छत्तीसगढ़ सरकार पर ‘कलम की जगह बंदूक’ मामले में सियासी फायरिंग की है.

दरअसल, बृहस्पत सिंह के पत्र पर अब सियासत तेज हो गई है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि छात्रों को विवश और लाचारी के दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार धकेलने का काम कर रही है.

धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस की सरकार नर्सिंग छात्रों को कलम की जगह बंदूक थमाने की तैयारी में है. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक के द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है कि नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश नहीं हो रहा है.

कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नरुआ गरूआ घुरुआ बारी से उबर नहीं रही है. शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है, सीटें खाली हैं. अफसर अलग-अलग प्रक्रिया और कानून की बात कर रहे हैं. आखिर छात्रों का भविष्य क्या होगा ?.

क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में निवेदन करते हुए लिखा है कि छत्तीसगढ़ में शासकीय, अर्द्धशासकीय और निजी नर्सिंग महावद्यिालयों में विभाग की उदासीनता से करीब 2700 नर्सिंग छात्र-छात्राओं की सीटें खाली हैं. 12वीं पास छात्र-छात्राएं नर्सिंग की पढ़ाई करने के लिए कॉलेजों में दर-दर भटक रहें हैं. लेकिन सीटें रिक्त होने के बाद भी उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा है.

बृहस्पत सिंह ने आगे लिखा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में पिछले साल छात्रों ने ये बात लाई थी तो 2021-22 सहित पिछले तीन वर्षों तक प्रवेश दिया जाता रहा है. इस साल स्वास्थ्य शिक्षा विभाग के तानाशाही रवैया के कारण अभी तक नर्सिंग की पढ़ाई करने वाले छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अति गरीब छात्र-छात्राएं महिनों से प्रवेश के लिए गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं. शासन-प्रशासन से मोह भंग हो चुका है. प्रवेश देने से राज्य सरकार के पर या विभाग के उपर कोई वित्तीय भार भी नहीं होगा.

कलम की जगह बंदूक पकड़ाना चाहते हैं अफसर : विधायक

विधायक ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राएं नर्सिंग की पढ़ाई कर अपने पैरों खड़ा खड़ा होना चाहते हैं. छत्तीसगढ़ और समाज के मुख्य धारा के साथ जुड़कर राज्य के विकास में भागीदारी निभाना चाहते हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की मनमानी और लाल फीताशाही इन्हें स्वास्थ्य शिक्षा से वंचित कर रही है. इनके हाथ में कलम की जगह बंदूक पकड़ाना चाहती है. जो छत्तीसगढ़ के युवाओं और राज्य के लिए चिंताजनक विषय है.

MBBS Students: MBBS स्टूडेंट्स के समर्थन में उतरी BKU, चढूनी की चेतावनी- सरकार तुरंत फैसला कर ले, नहीं तो रोहतक में आंदोलन करेंगे

हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में हड़ताल पर चल रहे MBBS स्टूडेंट्स के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) समर्थन क्या है भी उतर आई है। BKU के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार को बॉन्ड पॉलिसी वापस न लेने पर भावी डॉक्टरों के साथ भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है। चढूनी ने कहा कि अगर सरकार तुरंत फैसला नहीं करती तो पूरे हरियाणा के किसान और मजदूर PGI रोहतक स्टूडेंट्स के साथ आंदोलन करेंगे।

बता दें कि रोहतक और करनाल में MBBS स्टूडेंट्स बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में भूख हड़ताल पर चले हुए हैं। सरकार के साथ कई बार की वार्ता होने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला है।मरीजों को भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा।

करनाल और रोहतक में चल रहा धरना

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि पिछले कई दिनों से करनाल मेडिकल कॉलेज और PGI रोहतक में MBBS स्टूडेंट्स बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं। जिसकी वजह से स्टूडेंट्स की पढ़ाई तो प्रभावित हो रही है , वहीं मरीजों को भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( IMA) और हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन भी हड़ताली स्टूडेंट्स को अपना समर्थन दे चुकी है।

गरीब परिवार का होनहार बच्चा नहीं बन सकेगा डॉक्टर

चढूनी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने MBBS की फीस 4 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दी है। सरकार की इस पॉलिसी के बाद कोई आम परिवार का होनहार बच्चा डॉक्टर नहीं बन सकता। चढूनी ने कहा कि जो 40 लाख रुपए फीस भरकर डॉक्टर बनेगा वह मरीजों के साथ क्या करेगा ? बॉन्ड पॉलिसी वापस न होने के बाद इलाज महंगा हो जाएगा। सरकार लोगों को मारने पर तुली हुई है।

यह मुद्दा अकेले डॉक्टरों का नहीं

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यह मुद्दा अकेले डॉक्टरों का नहीं है , बल्कि पूरे देश का है। जिस देश में 22 करोड़ लोग भूख मरते हैं , इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां की स्थिति क्या होगी। उन्होंने कहा कि छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं , वह MBBS नहीं कर सकेगा।

अमृतपाल सिंह के 'खालसा मार्च' का समर्थन कर फंसे पंजाब कांग्रेस के नेता, पार्टी से हुई 'छुट्टी'

पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) ने सोमवार को अपने बड़े नेता और डीसीसी (समर्थन क्या है समर्थन क्या है DCC) के पूर्व अध्यक्ष कमलजीत सिंह बराड़ (Kamaljit Singh Brar) पर बड़ी कार्रवाई की है।

PC: Instagram/SandhuAmritpal1984/KamaljitSinghBrar

पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) ने सोमवार को अपने बड़े नेता और डीसीसी (DCC) के पूर्व अध्यक्ष कमलजीत सिंह बराड़ (Kamaljit Singh Brar) पर बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी ने बराड़ को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया। बराड़ पर यह कार्रवाई सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के 'खालसा वहीर' अभियान का समर्थन करने और इसमें शामिल होने के बाद की गई है।

आपको बता दें समर्थन क्या है कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक नए विवाद को जन्म दिया, जब उसने महीने भर चलने वाले 'खालसा वहीर', (जिसे पंजाब में 'खालसा मार्च' के रूप में भी जाना जाता है) की शुरुआत के दौरान अलगाववाद का खुला आह्वान किया था।

अमृतपाल सिंह का समर्थन करने पर कांग्रेस ने पार्टी नेता को निकाला

कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने 27 नवंबर, 2022 को एक पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया, "कमलजीत सिंह बराड़ पूर्व डीसीसी अध्यक्ष मोगा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए तत्काल प्रभाव में पार्टी से निष्कासित किया जाता है।" सूत्रों के अनुसार, बराड़ को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और अन्य नेताओं ने अलगाववादी नेता का समर्थन करने के लिए बार-बार चेतावनी दी थी।

अमृतपाल सिंह ने खुले अलगाववाद के आह्वान के साथ मार्च की शुरुआत की

अमृतपाल सिंह एक खालिस्तान समर्थक है, जिन्होंने हाल ही में दिवंगत अभिनेता दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब डे (WPD) की कमान संभाली थी। उसका मकसद क्या है, इस बारे में अमृतपाल ने हाल ही में रिपब्लिक से बात की।

रिपब्लिक भारत से एक्सक्लूसिव बात करते हुए अमृतपाल ने कहा, "आप जानते हैं कि एक नरसंहार चल रहा है। भारत सिखों के खिलाफ नरसंहार कर रहा है। एक ड्रग नरसंहार और सांस्कृतिक नरसंहार है। इससे दूसरे देशों में बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है।"

"हम जो कर रहे हैं, उसका उद्देश्य हमारी संस्कृति को फिर से जिंदा करना है। इस दौरान हम उपदेश देने के पुराने तरीकों को फिर से जिंदा करेंगे। हम इसलिए यह काम कर रहे हैं। हमने इस मार्च की शुरुआत दरबार साहिब से की और एक महीने के अंदर हम अनंतपुर साहिब तक पहुंचेंगे। इस बीच हम कई जगहों पर रात्रि विश्राम करेंगे और प्रचार करेंगे।"

उनके लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर, अमृतपाल सिंह ने कहा, "धर्म की आजादी और धार्मिक आयोजनों की आजादी। हमने कई नरसंहार देखे हैं। अगर आप पंजाब के इस समर्थन क्या है क्षेत्र में देखेंगे तो, ज्यूडीशियल किलिंग को छोड़कर सैकड़ों लोग फर्जी मुठभेड़ों में मारे गए। सामूहिक बलात्कार हो रहे हैं, अब हम सामूहिक पलायन का सामना कर रहे हैं। यहां कोई शिक्षा नीति नहीं है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं। हम इससे आजादी चाहते हैं। हमने 1849 में अपना साम्राज्य अंग्रेजों के हाथों खो दिया था और हम उस साम्राज्य की मांग कर रहे हैं।"

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