छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है

डॉ. वर्धन और डॉ. नीतिन की याद मुझे तब आई जब मैंने वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की फरवरी 2022 की रिपोर्ट पढ़ी। मंत्रालय एक कार्यकारी प्राधिकार है जो देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होता है, इसलिए रिपोर्ट में अपनी प्रशंसा को कोई भी समझ सकता है।
सॉफ्टवेयर इंजिनियर से वैल्यू इन्वेस्टर का सफ़र: मोहनीश पबराय ने कैसे हासिल की इतनी बड़ी उपलब्धि
अपने समय के सबसे सफल वैल्यू इन्वेस्टर, मोहनीश पबराय, वॉरेन बफे को अपना इन्वेस्टमेंट गुरु मानते हैं। बफे के वैल्यू इन्वेस्टमेंट के तरीके का अनुसरण करते हुए उन्होंने शेयर बाज़ार में सफलतापूर्वक निवेश किया।
उनके अनिवार्य तौर पर लम्बी अवधि के इक्विटी पोर्टफोलियो ने 517 प्रतिशत छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है का मुनाफा कमाया जबकि एसएंडपी का मुनाफा 2000 में अपनी स्थापना से लेकर अब तक 43 प्रतिशत रहा। वॉरेन बफे से चाहे कितनी भी तुलना होती हो लेकिन मोहनीश इस क्षेत्र में काफी बाद में आये। 30 साल की उम्र तक उन्होंने बफे का नाम भी नहीं सुना था। लेकिन जब उन्होंने सुना तो वह खुद सफल निवेशक बनने के लिए बफे के निवेश के सिद्धांतों का पालन करने लगे।
पबराय भारतीय मूल के अमेरिकी निवेशक हैं
पबराय मुंबई में पले-बढ़े। वह कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने अमेरिका गए। स्नातक करने के बाद उन्होंने टेललैब्स के अनुसंधान एवं विकास विभाग में काम करना शुरू किया।
पबराय की उद्यमशीलता का सफ़र 1991 में शुरू हुआ जब उन्होंने एक सफल आईटी कंसल्टिंग एवं सिस्टम इंटीग्रेशन कंपनी ट्रांसटेक इंक की स्थापना की। उन्होंने अपनी कंपनी 1999 में बेच दी और इसी साल पबराय इन्वेस्टमेंट फंड की शुरुआत की। शुरुआत में फंड के पास प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एसेट अंडर मैनेजमेंट-एयूएम) के तौर पर 10 लाख डॉलर थे जो 2019 में बढ़कर 57 करोड़ डॉलर हो गया। फंड ने भारत और अन्य विकासशील देशों में निवेश कर 2013 तक एसएंडपी 500 को 1103 प्रतिशत पीछे छोड़ दिया क्योंकि पबराय का मानना है कि अमेरिकी बाज़ार में गलत मूल्य वाले या अपनी उचित कीमत से कम मूल्य वाले बहुत शेयर नहीं हैं।
पबराय की सफलता के मुक़ाम
- पबराय सबसे सफल वैल्यू इन्वेस्टर में से एक हैं और वह वैल्यू इन्वेस्टिंग के वॉरेन बफे के सिद्धांतों का पालन करते हैं।
- पबराय इन्वेस्टमेंट फिलहाल निवेशकों के आधे अरब डॉलर का प्रबंधन का रही है। पबराय ने बेंचमार्क को लगातार पीछे छोड़ा है और अपने तथा निवेशकों दोनों के लिए मुनाफा कमाया है।
- अपने 10 करोड़ डॉलर से अधिक के मौजूदा नेटवर्थ के साथ वह समाज में दक्षिणा फाउंडेशन के ज़रिये योगदान कर रहे हैं जिसकी स्थापना उन्होंने भारत के गरीबों की मदद के लिए की है।
'कम जोखिम, उच्च अनिश्चितता' निवेश की समझ
उन्होंने एक किताब लिखी है धंधो इन्वेस्टर, जिसमें उन्होंने कहा है कि कम जोखिम, अत्यधिक अनिश्चितता का मेल बहुत असामान्य है क्योंकि दोनों पैमाने एक-दूसरे से अलग दिशा में चलते हैं। ज़्यादा जोखिम का मतलब है नुकसान की ज़्यादा गुंजाइश जबकि अनिश्चितता का मतलब है विभिन्न किस्म के संभावित परिणाम। उनका कहना है कि जब बाज़ार जोखिम और अनिश्चितता के बीच में उलझा हो तो वह मौका होता है मुनाफे का।
IRFC IPO: शेयर बाजार की कमजोरी ने लिस्टिंग से पहले घटाया वैल्यूएशन
Updated: January 28, 2021 2:53 PM IST
IRFC IPO: भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) आईपीओ शेयर आवंटन को अंतिम रूप दे दिया गया है, लेकिन कंपनी को इसकी लिस्टिंग से पहले एक समस्या से जूझना पड़ रहा है, क्योंकि शेयर बाजार में इस समय कमजोरी देखी जा रही है. मार्केट अपने पीक से काफी नीचे आ चुका है.
Also Read:
ब्रोकरेज कंपनियों के मुताबिक, IRFC के शेयरों की लिस्टिंग 29 जनवरी को हो सकती है. हालांकि, व्यापक और प्राथमिक बाजारों में कमजोरी के बीच आईआरएफसी के शेयरों को उम्मीद से कम कीमतों पर सूचीबद्ध किया जा सकता है.
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में तेजी से बिकवाली के बाद, आईआरएफसी के शेयरों में ग्रे मार्केट में भी वो रफ्तार नहीं दिखाई दे रही है. यह ध्यान दिया जा सकता है कि गैरसूचीबद्ध शेयरों के लिए ग्रे मार्केट एक अनऑफिशियल मार्केट है.
आईआरएफसी के शेयर जो ग्रे मार्केट में प्रीमियम पर कारोबार कर रहे थे, लगता है कि इसकी कीमत तेजी से घट रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक निर्गम की घोषणा होने पर छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है आईआरएफसी के गैरसूचीबद्ध शेयरों का ग्रे मार्केट प्रीमियम 1.5 से छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है गिरकर 0.20-0.25 रुपये हो गया है.
आईआरएफसी के असूचीबद्ध शेयर इस सप्ताह की शुरुआत में प्रीमियम पर कारोबार कर रहे थे, लेकिन बाजार की नकारात्मकता के कारण मूल्य में तेजी से गिरावट आई है.
यथास्थिति नहीं चलेगी
दो मार्च 2020 को स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने संसद को बताया था कि भारत कोरोना विषाणु के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार था। मंत्री ने कहा था- 'मुझे नहीं लगता कि लोगों को घबराने और डर के कारण हमेशा हर जगह और कोने में मास्क पहनने की जरूरत है।
पी. चिदंबरम: दो मार्च 2020 को स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने संसद को बताया था कि भारत कोरोना विषाणु के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार था। मंत्री ने कहा था- 'मुझे नहीं लगता कि लोगों को घबराने और डर के कारण हमेशा हर जगह और कोने में मास्क पहनने की जरूरत है। यह पूरी तरह से उन पर है कि वे मास्क पहनना चाहते हैं या नहीं।'
और मौके का इंतजार कर रहे डा. नीतिन ने ट्वीट किया- 'एक डाक्टर होने के नाते मुझे इस बात पर गर्व है कि मैंने खुद स्थिति संभाली और इसे देखा'। आगे उन्होंने लिखा- 'एक चिकित्सक के नाते मैं खुद अपने पर और उस चिकित्सा व्यवस्था जिसमें कि मैं भी शामिल हूं, पर भरोसा करता हूं कि हम दोनों मिल कर भारत में कोरोना विषाणु को आसानी से खत्म कर देंगे।'
gold and silver price today update : सर्राफा बाजार में तेजी रुख का दौर, निवेशक बरतें ये सावधानी
gold and silver price today update। निवेश के लिए ज्यादातर लोग सोने-चाँदी की कीमतों पर नजर रखते हैं। शादी के सीजन की शुरुआत की वजह से सर्राफा बाजार में तेजी का रुख बनता हुआ नजर आने लगा है। शादी के सीजन के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमत में आई मामूली तेजी से भारतीय सर्राफा बाजार को सहारा मिला है। अंतर्राष्ट्रीय मार्किट में फिलहाल सोने की कीमत 1,700 डॉलर प्रति औंस के स्तर से ऊपर चली गई है, लेकिन प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों की वजह से इस तेजी को अस्थायी माना जा रहा है।