प्लेटफार्म के नुकसान

आगरा: कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म पर मालगाड़ी की बोगी में लगी आग, मची अफरा-तफरी
आगरा। शनिवार सुबह 3 बजे कैंट रेलवे स्टेशन पर कोयले से भरी मालगाड़ी की एक बोगी में अचानक आग लग गई। कोयले में धुआं उठते देख आनन-फानन रेलवे सुरक्षा बल ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। कैंट रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर-2 पर झांसी की ओर से दिल्ली जा रही कोयले से भरी मालगाड़ी पहुंची …
आगरा। शनिवार सुबह 3 बजे कैंट रेलवे स्टेशन पर कोयले से भरी मालगाड़ी की एक बोगी में अचानक आग लग गई। कोयले में धुआं उठते देख आनन-फानन रेलवे सुरक्षा बल ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। कैंट रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर-2 पर झांसी की ओर से दिल्ली जा रही कोयले से भरी मालगाड़ी पहुंची थी।
यात्रियों से तत्काल प्लेटफार्म खाली करा दिया। हादसे के दौरान कई ट्रेन आगरा कैंट स्टेशन आने वाली थीं, सभी को आउटर पर रोक दिया गया। इस बीच आरपीएफ की सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची और आधे घंटे के बाद आग पर काबू पाया गया।
दमकल विभाग के एफएसएसओ सागर गुप्ता ने बताया की ट्रेन चलने पर कोयला आपस मे टकराता है, उसी घर्षण के कारण चिंगारी उठने से आग लगी थी। आग पर काबू पाया गया है और कोई हताहत नहीं हुआ है। ट्रेन को सुरक्षित आगे रवाना किया गया है।
एग्रिकल्चर इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (एम्स)
AIMS किसानों को स्वयं को पंजीकृत करने और कृषि विभाग से विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आवेदन जमा करने के लिए एकल खिड़की सुविधा प्रदान करता है। किसान पोर्टल में खेती की जा रही भूमि और फसलों की घोषणा कर सकते हैं और इस डेटा के आधार पर विभिन्न सेवाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
किसानों द्वारा जमा किए गए आवेदनों पर कृषि भवन, ब्लॉक, जिला और निदेशालय कार्यालयों में संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जाएगी और राज्य कोषागार के साथ एकीकृत एआईएमएस के केंद्रीकृत डीबीटी मॉड्यूल का उपयोग करके पात्र किसानों को लाभ हस्तांतरित किया जाएगा।
OTT Platform- जानिए क्या है ओटीटी, कैसे करता है काम, फायदे और नुकसान
ओटीटी का मतलब होता है- ओवर द टॉप! ये एक ऐसा मीडिया सर्विस है जहाँ टीवी शोज या मूवीज एप या वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन दिखाया जाता है, किसी केबल या डीटीएच के बिना।
क़्या आपने कभी ओटीटी प्लेटफार्म के बारें में सुना हैं?
लखनऊः टेक्नोलॉजी आज बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैँ। हम जहाँ एक चीज के बारें मे सोचते हैँ, वही सुनने मे आता हैँ कि ऐसा तो बन चुका हैँ। इसीलिए जरूरी हैँ कि हम भी वक़्त की तेजी से आगे बढे अपनी सोच के साथ। पहले से अब में बहुत ज्यादा अंतर हैँ तो हमें भी उसी हिसाब से लोगों की जरूरत को देखकर नयी चीज़ें बनानी होंगी तभी हम बाकि देशों से आगे या उनके प्लेटफार्म के नुकसान साथ रह सकते हैँ।
आज जानते हैं ऐसे ही एक न्यू टेक्नोलॉजी के बारे मे - जिसका नाम है ओटीटी
पहले के टाइम में हमारे पास रेडियो था। हर तरह के एंटरटेनमेंट करने के लिए पर हम उसमे देख कुछ नहीं सकते थे पर आज ऐसा नहीं हैँ - आज हर घर मे टीवी हैँ, जिसमे आपको हर चीज सुनाई भी देगी और दिखाई भी देगी।
पर आज कल के भाग दौड़ की ज़िन्दगी मे किसी के पास टीवी देखने की भी फुर्सत नहीं अगर लोकडाउन के दिन भूल जाये तो इसीलिए अब हाई टेक् मोबाइल आ गए हैँ जो हम कही भी ले जा सकते हैँ और कहीं भी कुछ भी देख सकते है। मोबाइल या ओनलाइन पर देखने वाले टीवी शोज या मूवीज दिखाने का काम ओटीटी ही करता हैँ।
OTT Full Form
ओटीटी का मतलब होता है- ओवर द टॉप! ये एक ऐसा मीडिया सर्विस है जहाँ टीवी शोज या मूवीज एप या वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन दिखाया जाता है, किसी केबल या डीटीएच के बिना।
ओटीटी प्लेटफार्म में यूट्यूब प्रीमियम और टीवी , नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम वीडियो, जैसे बहुत बड़ा रेंज हैँ।
तो अब अगर आप नेटफ्लिक्स देख रहे हो तो आपको अच्छे से पता चल गया होगा कि यहाँ पर स्ट्रीमिंग होने वाले वीडियो कैसे आ रहे हैँ - आपके पास बस एक ऐसा सिस्टम होना चाहिए जो ओटीटी को सपोर्ट करें और एक प्लेटफार्म के नुकसान अच्छा इंटरनेट कनेक्शन और फिर आप अनलिमिटेड चीज़ें एन्जॉय कर सकते हैँ।
Online Betting ऐप्स से अर्थव्यवस्था को हो रहा नुकसान, नकेल कसने की तैयारी में सरकार
इस समय ऑस्ट्रेलिया में T-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप चल रहा है. ऐसे में सट्टेबाज जमकर सट्टेबाजी कर रहे हैं. अलग अलग रिपोर्टों . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 28, 2022, 10:52 IST
हाइलाइट्स
तेज इंटरनेट और किफायती स्मार्टफोन के कारण सट्टेबाजी का बाजार लगातार बढ़ रहा है.
भारत में सट्टेबाजी का बाजार लगभग 10 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है.
सट्टेबाज अब सट्टा लगाने के लिए ऑनलाइन ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.
नई दिल्ली. प्लेटफार्म के नुकसान इस समय ऑस्ट्रेलिया में T-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप चल रहा है. ऐसे में सट्टेबाजों को पकड़े जानें की खबरें भी लगातार सामने आ रही हैं. भारत में सट्टेबाजी अवैध है, लेकिन इसके बावजूद भारत में सट्टेबाजी का कारोबार फल-फूल रहा है. यहां हर रोज करोड़ों-अरबों रुपये का सट्टा लगता है. सट्टेबाज अब ऑनलाइन सट्टेबाजी कर रहे हैं, जिससे सट्टेबाजों को पकड़ना मुश्किल हो गया है. बता दें कि अब सट्टेबाजी के लिए कई ऐप्स उपलब्ध हैं , जिसके जरिए अब लोग ऑनलाइन सट्टा लगाते हैं. इन ऐप्स की मदद से कहीं से भी कभी भी सट्टा लगाया जा सकता है.
इन ऐप्स के चलते न केवल सट्टेबाजों को पकड़ना मुश्किल हो गया है बल्कि सट्टेबाजी कारण देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है. इस समय भारत में सट्टेबाजी का बाजार लगभग 10 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है. बता दें कि 3 अक्टूबर को सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापन दिखाए जाना बंद नहीं हो रहे हैं और देश के बाहर से सट्टेबाजी के एड लगातार प्रसारित किए जा रहे हैं. इस दौरान सरकार ने चेतावनी दी थी कि अगर इस प्लेटफार्म के नुकसान तरह के विज्ञापन दिखाना बंद नहीं किए जाएंगे, तो वह कार्रवाई करेगी.
ऑनलाइन बेटिंग में इजाफा
बेहतर और तेज इंटरनेट के साथ किफायती स्मार्टफोन से ऑनलाइन सट्टेबाजी का बाजार लगातार बढ़ रहा है. ऑनलाइन ऐप की मदद से लोग आसानी से सट्टा खेल सकते हैं. कोई भी शख्स अब क्रिकेट मैच के किसी पहलू पर दांव लगा सकता है. ऑनलाइन ऐप्स पर लोग सिक्का उछालने से लेकर गेंदबाजों के प्रदर्शन तक, या किसी बल्लेबाज के रन बनाने की संभावना तक पर सट्टा लगा सकते हैं.
10 लाख करोड़ का बाजार
दोहा के ‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट सिक्योरिटी’ ने साल 2016 में अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि अवैध सट्टेबाजी का कारोबार उस समय 150 बिलियन यानी करीब 10 लाख करोड़ रुपये का है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिल लोढ़ा कमेटी ने भी सरकार को बताया था कि भारत की सट्टा बाजार उस समय के करीब 82 बिलियन डॉलर यानि करीब 6 लाख करोड़ रुपये का है.
कौन से ऐप्स हैं शामिल?
सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के मुताबिक इन ऐप्स में फेयरप्ले, परीमैच, बेटवे, वुल्फ 777 और 1xबेट जैसे प्लेटफार्म के नुकसान ऐप शामिल हैं. सरकार के अनुसार टेलीविजन पर कई स्पोर्ट्स चैनल के साथ-साथ OTT प्लेटफॉर्म और उनकी सेरोगेट न्यूज वेबसाइटों पर ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं. इसके अलावा कई ऐप देश के बाहर से काम कर रहे हैं. ये ऐप्स टैक्स चोरी में भी शामिल हैं.
सरकार कस रही है शिंकजा
भारत में लगातार बढ़ती ऑनलाइन सट्टेबाजी के चलते सरकार अब इस पर शिंकजा कसने की तैयारी कर रही है. सट्टेबाजी पर लगाम कसने के लिए पिछले कुछ महीनों में ED ने ऑनलाइन सट्टेबाजी चला रहीं कई कंपनियों पर रेड डाली है. इसके बावजूद सट्टेबाजी कम नहीं हो रही है और देश के बाहर से चलने वाले कई ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्म बदस्तूर अपना काम चला रहे हैं.
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