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अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें

अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें
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ग्लोबल मार्केट में आई भारी गिरावट, एक्पर्ट्स से जानें अंतरराष्ट्रीय म्यूचुअल फंडों में रहें बनें या इनसे निकलें?

बढ़ती ब्याज दरों ने नए युग के टेक्नोलॉजी वाले ग्रोथ स्टॉक्स को सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई है। जानकारों का कहना है कि ग्रोथ स्टॉक्स पर बढ़ती ब्याज दरों का उलटा असर होता है

पूरी दुनिया के इक्विटी बाजारों में हाल के दिनों में भारी गिरावट अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें देखने को मिली है। अमेरिका में Nasdaq-100 अपने नवंबर 2021 के हाई से 26.48 फीसदी टूट गया है। यूएस फेड की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते तमाम स्टॉक की भारी पिटाई हुई है। इसके चलते अमेरिकी स्टॉक्स में पैसे लगाने वाले, इंटरनेशनल म्यूचूअल फंडों में निवेश करने वाले तमाम भारतीयों को काफी नुकसान सहना पड़ा है।

अमेरिका दुनिया का सबसे अहम मार्केट है जो टेक्नोलॉजी की दुनिया के तमाम बड़े नामों का घर है। इन कंपनियों को कोविड -19 महामारी के दौरान डिजिटलीकरण की आई बहार का जबरदस्त फायदा मिला था। जिसके चलते इनके शेयरों के भाव आसमान चूमते नजर आए थे लेकिन हाल की गिरावट में इनके शेयर जितनी तेजी से ऊपर भागे थे उतनी ही तेजी से नीचे की तरफ फिसले हैं। इस साल के शुरुआत से ही तमाम कारणों की वजह से Netflix और Paypal Holdings के शेयर 68.85 और 58.20 फीसदी तक टूट गए हैं।

International Funds Taxation: इंटरनेशनल फंड में कैसे कर सकते है निवेश, देखें क्या है फायदे और नुकसान

By: ABP Live | Updated at : 09 Sep 2022 08:55 PM (IST)

Edited By: Sandeep

Why Invest in International Funds : देश में निवेशकों का ध्यान अब इंटरनेशनल फंड (International Funds) की ओर जा रहा है. क्या इंटरेशनल फंड अपने निवेशकों को बढ़िया रिटर्न दे रहा हैं. क्या इनमें निवेश घरेलू फंड जितना ही आसान है या नहीं? आखिर इन फंड्स में निवेश के क्या फायदे हैं. क्या आपको इस फंड में निवेश करना चाहिए या नहीं?

क्या है इंटरनेशनल फंड
आपको बता दे कि इंटरनेशनल फंड (International Funds) ऐसे म्यूचुअल फंड हैं. जिससे एक देश में रहने वाले निवेशक दूसरे देशों की कंपनियों में पैसे लगा सकते हैं. भारत में रहने वाला एक निवेशक इंटरनेशनल फंड के जरिए अमेरिका या ब्रिटेन की किसी कंपनी के शेयर्स में निवेश कर सकता है. डॉलर के मुकाबले रुपये में होने वाली गिरावट का इंटरनेशनल फंड पर असर नहीं होता है.

3. छोटी निवेश से शुरूआत

जब म्यूचुअल अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें फंड की बात आती है, तो बता दे कि आप म्यूचुअल फंड में न्यूनतम राशि का निवेश कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप प्रति माह 100 रुपये के रूप में कम निवेश कर सकते हैं! आप कॉस्ट एवरेजिंग से भी लाभ उठा सकते हैं। इससे आपको प्रति यूनिट बेहतर औसत लागत पर अधिक इकाइयाँ प्राप्त करने में मदद मिलती है।

जब म्यूचुअल फंड और स्टॉक कॉन्टेस्ट में चुनाव की बात आती है, तो किसमें निवेश करना बेहतर है? यह निस्संदेह म्युचुअल फंड होता है|

5. विविधीकरण (Diversification)

यदि स्टॉक में, आपके पास निवेश करने के लिए 10,000 रुपये हैं, तो आप कुछ उद्योगों के कुछ शेयरों में ही निवेश कर पाएंगे।

वही म्यूचुअल फंड्स के साथ 10,000 रुपये में आपको विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों और शेयरों में निवेश करने में सक्षम होगे। आप कुछ लार्ज-कैप फंड्स में, कुछ मिड-कैप फंड्स में और कुछ इसे सेक्टोरल फंड्स में डाल सकते हैं। विभिन्न निवेश लक्ष्यों, जोखिम श्रमता और निवेश क्षितिज के अनुरूप कई विकल्प उपलब्ध होते हैं।

6. कर संबंधी मामले

स्टॉक पर म्युचुअल फंड का एक और लाभ यह है कि आप इक्विटी में निवेश कर सकते हैं और एक ही समय में टैक्स ब्रेक पा सकते हैं। कुछ प्रकार के इक्विटी फंड हैं जिन्हें इक्विटी-लिंक्ड बचत योजनाएं (ईएलएसएस) कहा जाता है, जो आपको आयकर अधिनियम की धारा अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें 80 सी के तहत प्रति वर्ष आपकी कर योग्य आय को 1.5 लाख रुपये तक कम करने में मदद कर सकते हैं।

शेयरों में सीधे निवेश करना म्यूचुअल फंड की तुलना में अधिक महंगा होता है क्योंकि आपको ब्रोकरेज शुल्क और सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) का भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा, आपको ट्रेडिंग के साथ-साथ डीमैट खातों की भी आवश्यकता होती है, और वे मुफ्त नहीं अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें होती हैं। क्योंकि म्यूचुअल फंड बड़ी मात्रा में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं, वे इस पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का लाभ उठाते हैं।

8. सही मिश्रण (The Right Mix)

स्टॉक खरीदने से, आप केवल एक परिसंपत्ति वर्ग तक ही सीमित रहते हैं। म्यूचुअल फंड आपको अपनी पसंद के आधार पर इक्विटी और डेब्ट या दोनों के मिश्रण में निवेश करने की अनुमति देते हैं। ये बैलेंस्ड फंड अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें होते हैं, जो उन निवेशकों के लिए इक्विटी और डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें को जोड़ते हैं, जो अपने सभी दांवों को सिर्फ फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स या इक्विटी पर नहीं रखना चाहते।

म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए सबसे अच्छा होता है,विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं के रिटर्न के प्रकार की जानकारी आसानी से उपलब्ध होती है ताकि एक निवेशक इसके आधार पर निर्णय ले सके।

अंतिम विश्लेषण में, डायरेक्ट शेयरों में निवेश उन लोगों के लिए है जिनके पास इक्विटी बाजारों में पर्याप्त अनुभव और रुचि होती है। यदि आप इक्विटी अनुसंधान पर बहुत अधिक समय खर्च करने में असमर्थ होते हैं, तो म्यूचुअल फंड एक बेहतर शर्त होती हैं।

ETFs में निवेश करने के जोखिम क्या हैं?अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें

ETFs कम लागत में डाइवर्सिफिकेशन के मुनाफ़े देते हैं। इन मुनाफों के बावजूद, हर किसी को ऐसे निवेश में शामिल जोखिमों पर ध्यान देना चाहिए। पहली बात, मार्केट में कई तरह के ETFs मौजूद हैं जिनमें अंतर्राष्ट्रीय और असाधारण ETFs शामिल हैं। इसलिए इन ETFs से जुड़े राजनैतिक जोखिम या लिक्विडिटी के जोखिम से बचने के लिए आपकी ज़रूरत के मुताबिक सही ETF चुनना महत्वपूर्ण है। ETFs की बुनियादी होल्डिंग्स के अनुसार उनमें प्रतिपक्ष और मुद्रा का जोखिम भी शामिल हो सकते हैं।

ETFs किसमें निवेश करते हैं और वे पोर्टफोलियो में होने वाले कैपिटल गेन कैसे बांटते हैं, इस पर निर्भर करते हुए ETFs के अलग-अलग स्ट्रक्चर हो सकते हैं। यह निवेशक के लिए टैक्स की देनदारी को प्रभावित कर सकता है। उदाहरण के लिए, इन-काइन्ड एक्सचेंजों का उपयोग करने वाले ETFs वास्तविक निवेशकों को कैपिटल गेन नहीं देते जबकि जिन ETFs में डेरिवेटिव्स या कमोडिटीज़ होती हैं उनकी जटिल संरचना और टैक्स देनदारी हो सकती है। अगर निवेशक को इन चीज़ों की जानकारी न हो, उसे अचानक झटका लग सकता है। ETFs के डाइवर्सिफिकेशन के मुनाफों के बावजूद उनमें शेयरों और दूसरे म्यूचुअल फंड्स की तरह बाज़ार का जोखिम होता है।

न‍िवेशकों के ल‍िए खुशखबरी, इंटरनेशनल शेयर में फ‍िर से न‍िवेश कर सकेंगे म्युचुअल फंड

अगर आप भी म्युचुअल फंड में न‍िवेश करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, पूंजी बाजार नियामक (SEBI) ने म्युचुअल फंडों (Mutual Fund) को फिर से विदेशी शेयरों में निवेश करने की अनुमति दी है.

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