वैश्विक संकेतक

वर्ष 1996 में शुरु किया गया विश्व बैंक की विश्वव्यापी शासन संकेतक छह आयामों पर 214 से अधिक क्षेत्रों के लिए कुल व्यक्तिगत प्रशासन संकेतक की सूचना देता है।
एक दशक में विश्व बैंक के छह शासन संकेतक में से केवल एक में भारत की प्रगति
पिछले एक दशक से 2016 तक, भारत ने अपनी रैंकिंग में 13 पदों का सुधार किया है। विश्व वैश्विक संकेतक बैंक के भ्रष्टाचार सूचक पर 214 क्षेत्रों में से भारत का स्थान 124 से 111 पर आया है। यह सूचकांक 1996 से शुरु हुआ और 2003 तक हर दो साल पर जारी वैश्विक संकेतक किया जाता था। वर्ष 2003 से यह वैश्विक संकेतक हर साल जारी किया जाता है। सरकार की प्रभावशीलता में 89 से 90 वैश्विक संकेतक और राजनीतिक स्थिरता में 180 से 181, यानी प्रत्येक क्षेत्र में भारत एक स्थान नीचे गिरा है, जबकि कानून के नियम पर आठ स्थान नीचे (92 से 100) और विनियामक गुणवत्ता पर तीन स्थान नीचे गिरा है और सार्वजनिक संस्थानों की जवाबदेही पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
GHI : भारत ने वैश्विक भूख सूचकांक पर उठाए सवाल, कहा- गलत है पैमाना
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक भूख सूचकांक (Global Hunger Index) भारत की वास्तविक स्थिति नहीं चित्रित करता, क्योंकि यह भूख मापने का गलत पैमाना (Wrong Measure of Hunger) है. इस सूचकांक में भारत को 101 वां स्थान मिला था.
नई दिल्ली : खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति (Minister of State for Food and Consumer Affairs Sadhvi Niranjan Jyoti) ने एक वैश्विक संकेतक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को वैश्विक संकेतक यह जानकारी दी कि वैश्विक भूख सूचकांक भारत की वास्तविक स्थिति नहीं दर्शाता, यह भूख मापने का गलत पैमाना है.
अर्थव्यवस्था समसामियिकी 1 (8-Sept-2020)^'वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक' (Global Multidimensional Poverty Index- MPI)
Posted on September 8th, 2020
'वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक' (वैश्विक संकेतक Global Multidimensional Poverty Index- MPI) की निगरानी करने के लिये ‘नीति आयोग’ (NITI Aayog) द्वारा राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का निर्माण किया जा रहा है । नीति आयोग, भारत में MPI की निगरानी के लिये नोडल एजेंसी है। वैश्विक MPI, भारत सरकार द्वारा पहचाने गए उन 29 चुनिंदा वैश्विक सूचकांकों में से एक है, जिन्हें ‘सुधार और विकास के लिये वैश्विक संकेतक वैश्विक संकेतक' (Global Indices to Drive Reforms and Growth- GIRG) के रूप में जाना जाता है। GIRG में शामिल सूचकांक, महत्त्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक संकेतकों के आधार पर भारत के प्रदर्शन का मापन और निगरानी करने में मदद करते हैं।
अर्थव्यवस्था समसामियिकी 1 (8-Sept-2020) 'वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक' (Global Multidimensional Poverty Index- MPI)
Posted on September 8th, 2020 | Create PDF File
'वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक' (Global Multidimensional Poverty Index- MPI) की निगरानी करने के लिये ‘नीति आयोग’ (NITI Aayog) द्वारा राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का निर्माण किया जा रहा है । नीति आयोग, भारत में MPI की निगरानी के लिये नोडल एजेंसी है। वैश्विक MPI, भारत सरकार द्वारा पहचाने गए उन 29 चुनिंदा वैश्विक सूचकांकों में से एक है, जिन्हें ‘सुधार और विकास के लिये वैश्विक संकेतक' (Global Indices to Drive Reforms and Growth- GIRG) के रूप में जाना जाता है। GIRG में शामिल सूचकांक, महत्त्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक संकेतकों के आधार पर भारत के प्रदर्शन का मापन और निगरानी करने में मदद करते हैं।
New Delhi: वैश्विक रुख से तय होगी बाजार की दिशा, डेरिवेटिव निपटान की वजह से रहेगा उतार-चढ़ाव
इंडिया ग्राउंड रिपोर्ट डेस्क
नयी दिल्ली:(New Delhi) स्थानीय वैश्विक संकेतक शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक संकेतक वैश्विक रुख और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के प्रवाह से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे (home front) पर कोई बड़ा आंकड़ा नहीं आना है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों (Beyond Monthly Derivatives Contracts) के वैश्विक संकेतक निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस सप्ताह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा जारी होगा, जिससे बाजार को आगे के लिए संकेतक मिलेंगे।