भारत की खुद की डिजिटल करेंसी

भले ही सरकार ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर कोई कानून नहीं बनाया हो लेकिन भारत सरकार आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है हालांकि टैक्स के नियम ज्यादातर साफ नहीं होते हैं लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा होता है
भारत की Digital Currency के साथ शुरू हो रहा नया युग, जानें आपको कितना फायदा होगा
RBI ने कहा कि डिजिटल रुपया (Digital Rupee) सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) होगा। धीरे-धीरे देश डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है। पहले केवल ऑनलाइन पेमेंट तक ही ये सीमित था, लेकिन अब डिजिटल करेंसी (Digital Currency) की भी बात चल रही है। हालांकि बहुत से लोग ऐसे हैं जो डिजिटल करेंसी से अनजान हैं। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में…
डिजिटल करेंसी क्या है?भारत की खुद की डिजिटल करेंसी
डिजिटल करेंसी (Digital Currency) मुद्रा का ही एक रूप है जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही उपलब्ध होती है। इसे डिजिटल मनी, इलेक्ट्रॉनिक मनी, इलेक्ट्रॉनिक करेंसी या साइबर कैश भी कहा जाता है।
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डिजिटल करेंसी 3 प्रकार की होती है
1. क्रिप्टोकरेंसी:- यह डिजिटल करेंसी है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। इसपर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।
2. वर्चुअल करेंसी:- वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।
3. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC):- सेंट्रल बैंक भारत की खुद की डिजिटल करेंसी डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी के लीगल स्टेटस क्या हैं
भारत में अगर देखा जाए तो क्रिप्टो करेंसी के लीगल यानी कि कानूनी स्टेटस को लेकर लोग बहुत ही ज्यादा कंफ्यूज हो गए हैं ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार ने इस साल की शुरुआत में एक बिल प्रदर्शित किया था जिसमें बिटकॉइन और टोकन सहित सभी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने का आदेश था।
हालांकि बाद में इसमें और कोई नया बदलाव नहीं हुआ एक हालिया रिपोर्ट में भी भारत की खुद की डिजिटल करेंसी यह दावा किया जाता है कि सरकार ने क्रिप्टोकरंसी को पूरी तरह से बैन करने का आईडिया है जो उसे ड्रॉप कर दिया है।
क्रिप्टो करेंसी भारत में गैरकानूनी नहीं है लेकिन इन्हें रेगुलेट भी नहीं किया जा सकता है यानी कि आप बिटकॉइन खरीद और बेच सकते तो हैं और यहां तक की आमतौर पर इसे इन्वेस्टमेंट करके भी रख सकते हैं।
वर्तमान समय में बिटकॉइन और क्रिप्टोकरंसी भारत में कानूनी दायरे से बाहर है और हम उन्हें अवैध नहीं कह सकते हैं क्योंकि वह अभी तक देश में किसी भी केंद्रीय अधिकार द्वारा उपयोग के लिए प्रवेश नहीं किया गया है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है?
भारत के युवाओं में इन दिनों क्रिप्टोकरंसी को लेकर बड़ा ही बातचीत हो रहा है क्रिप्टो मार्केट में जिस तरह की गतिविधियां हो रही है उससे यह समझ में आता है कि देश में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी तेजी से बढ़ रही है और लोगों को लोकप्रिय हो रही है।
जिसे लोग काफी पसंद करने लगे हैं और इसमें इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं और अधिकतर लोग इन्वेस्ट कर चुके हैं। अब तक हालांकि सही-सही पता नहीं लगा पाया है। कि देश में कितने लोग ऐसे हैं जो क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग कर रहे हैं और इनमें कितनी रकम शामिल है शायद हर 10 में भारत की खुद की डिजिटल करेंसी से एक इंडियन क्रिप्टोकरंसी में निवेश कर ही रहा है।
लोग रातो रात अमीर बनने की इस रेस में पीछे हटाना नहीं चाहते हैं और इसलिए हर रोज अधिक से अधिक लोग क्रिप्टोकरंसी में पैसे इन्वेस्ट कर रहे हैं और कुछ लोग तो ट्रेडिंग में भी शामिल हो रहे हैं।
क्रिप्टो करेंसी से होने वाली कमाई पर लग सकता है टैक्स
हाल ही में सरकार द्वारा पहले ही क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना उनकी माइनिंग करना सहित अन्य गतिविधियों को गैरकानूनी घोषित करने भारत की खुद की डिजिटल करेंसी पर विचार कर रही थी लेकिन फिर ऐसा नहीं हुआ फिर सरकार ने अपने रुख में बदलाव करते हुए यह कहे दिया।
कि इसके लिए नियामक लाने की और कोई रुकावट लाने की जरूरत नहीं है। और इसेसे लेकर हाल ही में संसदीय कमेटी में भी यह गहरा विचार विमर्श भी किया गया के सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है।
कि हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार क्रिप्टोकरंसी से होने वाले लाभ पर भारी भरकम टैक्स लगा सकती है निवेशकों को क्रिप्टोकरंसी के लाभ पर 40 फ़ीसदी से अधिक का टैक्स भुगतान करीना पड़ सकता है।
भारत ने खुद की क्रिप्टो करेंसी बनाने का क्यूँ फैसला लिया
बीते हुए कुछ महीनों में आरबीआई और वित्त मंत्रालय ने कह चुका है कि वे भारत की खुद की एक डिजिटल करेंसी बनाने पर कानूनी विचार करेगी लेकिन भारत की खुद की डिजिटल करेंसी लाना आसान है।सरकार केवल किसी प्रकार के लेनदेन को एक लीगल टेंडर का दर्जा देगी जो कि भारत की भारी जन संख्या इस्तेमाल कर रही है।
भारतीय संसद इस हफ्ते शुरू हुई खास बात कृषि या विकास से संबंधित परियोजनाएं ना होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा रही है जो ना देखी जा सकती है और ना ही छुई जा सकती है और जिसकी कीमत दिन प्रतिदिन तेजी से घटती और बढ़ती रहती है।
इसे क्रिप्टोकरंसी डिजिटल करेंसी के नाम से भी कह सकते हैं। जिस पर सरकार या बैंक का कोई भी नियंत्रण नहीं होता है यह जो करेंसी या होती है ब्लॉकचेन और तकनीकी पर बनी होती है।
जो किसी भी डाटा को डिजिटल सहज या उन्हें एनालाइज करके हमें दिखाती है। अब तो जाहिर सी बात है कि जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं होती है और उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है इसका जवाब हां और ना दोनों है।
RBI जल्द ही भारत में लॉन्च करने वाली है अपनी पहली डिजिटल करेंसी, जानिए आपको क्या-क्या फायदा मिलेगा!
भारत जल्द ही अपनी खुद की Digital Currency लॉन्च करने जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला भारत की खुद की डिजिटल करेंसी सीतारमण ने 2022 का बजट पेश करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में एक डिजिटल रुपया जारी करेगा। इस पर मुहर लगाते हुए हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने भी डिजिटल रुपया जारी करने की बात कही है।
RBI ने कहा कि डिजिटल रुपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) होगा। धीरे-धीरे देश डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहा है। पहले यह केवल ऑनलाइन भुगतान तक ही सीमित था, लेकिन अब डिजिटल मुद्रा की भी बात चल रही है। हालांकि, कई भारत की खुद की डिजिटल करेंसी लोग ऐसे हैं जो डिजिटल करेंसी से अनजान हैं। तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
Digital Currency क्या है?
Digital Currency करेंसी का एक रूप है जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध है। इसे डिजिटल मनी, इलेक्ट्रॉनिक मनी, इलेक्ट्रॉनिक करेंसी या साइबर कैश भी कहा जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी: यह एक डिजिटल मुद्रा है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। यह किसी भी देश की सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है। बिटकॉइन भारत की खुद की डिजिटल करेंसी और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।
वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी एक अनियमित Digital Currency है जिसे एक संगठन द्वारा नियंत्रित किया जाता है जिसमें डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारक शामिल होते हैं।
सेंट्रल भारत की खुद की डिजिटल करेंसी बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती है। RBI ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।
RBI जल्द ही भारत में लॉन्च करने वाली है अपनी पहली डिजिटल करेंसी, जानिए आपको क्या-क्या फायदा मिलेगा!
भारत भारत की खुद की डिजिटल करेंसी जल्द ही अपनी खुद की Digital Currency लॉन्च करने जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 का बजट पेश करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में एक डिजिटल रुपया जारी करेगा। इस पर मुहर लगाते हुए हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने भी डिजिटल रुपया जारी करने की बात कही है।
RBI ने कहा कि डिजिटल रुपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) होगा। धीरे-धीरे देश डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहा है। पहले यह केवल ऑनलाइन भुगतान तक ही सीमित था, लेकिन अब डिजिटल मुद्रा की भी बात चल रही है। हालांकि, कई लोग ऐसे हैं जो डिजिटल करेंसी से अनजान हैं। तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
Digital Currency क्या है?
Digital Currency करेंसी का एक रूप है जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध है। इसे डिजिटल मनी, इलेक्ट्रॉनिक मनी, इलेक्ट्रॉनिक करेंसी या साइबर कैश भी कहा जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी: यह एक डिजिटल मुद्रा है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। यह किसी भी देश की सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।
वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी एक अनियमित Digital Currency है जिसे एक संगठन द्वारा नियंत्रित किया जाता है जिसमें डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारक शामिल होते हैं।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती है। RBI ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।
भारत की अपनी डिजिटल मुद्रा जल्दी होगी लांच
भारत इस बार अपनी खुद की डिजिटल करेंसी ला रहा है। वित्त मंत्री निर्मला भारत की खुद की डिजिटल करेंसी सीतारमण ने मंगलवार को बजट में इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग कर डिजिटल मुद्रा की शुरूआत की जाएगी। इस मुद्रा को CBDC या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी भी कहा जाएगा। केंद्र सरकार कई वर्षों …
भारत इस बार अपनी खुद की डिजिटल करेंसी ला रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट में इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग कर डिजिटल मुद्रा की शुरूआत की जाएगी। इस मुद्रा को CBDC या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी भी कहा जाएगा। केंद्र सरकार कई वर्षों से इस बारे में सोच रहा है और सरकार ने पिछले साल ही संसद को बताया था कि आरबीआई इस बात पर गौर कर रहा है कि क्या केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा पेश कर सकता है। इस बार निर्मला जी ने बजट में अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लाने का ऐलान किया है।