क्रिप्टोकरेंसी क्या है

उत्तर: क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग के लिए आपको एक ऑनलाइन वैलेट की जरूरत होगी. इस वैलेट में ही आपकी करेंसी होल्ड की जाएगी. आप वैलेट की मदद से क्रिप्टो करेंसी के मूल्य के बराबर रुपए चुका कर उसे खरीद सकते हैं और जब आपको क्रिप्टो करेंसी की कीमत में इजाफा दिखे तब आप उसको बेच सकते हैं. इस तरीके से क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट का एक अच्छा जरिया है.
Cryptocurrency Rate Today: क्रिप्टोकरेंसी बाजार में सुस्ती, बिटकॉइन 20 हजार डॉलर के नीचे-इथेरियम भी टूटी
By: ABP Live | Updated at : 16 Sep 2022 11:40 AM (IST)
Edited By: Meenakshi
क्रिप्टोकरेंसी (फाइल फोटो)
Cryptocurrency Rate Today 16 September: ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी बाजार में बड़ी गिरावट देखी जा रही है और इसका मार्केट कैप फिर से 1 खरब डॉलर के नीचे फिसल गया है. ऐसा मुख्य रूप से दुनिया की पहली और दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी के रेट में गिरावट के कारण हुआ है. बिटकॉइन और इथेरियम दोनों क्रिप्टोकरेंसी ही अहम स्तरों से नीचे फिसल गई हैं. पिछले 24 घंटों में ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 961.02 अरब डॉलर पर आ गया है और पिछले 24 घंटों में इसका वॉल्यूम 84.82 अरब डॉलर रहा है.
बिटकॉइन का हाल
दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पॉपुलर वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन के दाम में 2.3 फीसदी की गिरावट आई है और ये 19,728.8 डॉलर पर आ गई है. इसका मार्केट कैप 377.9 अरब डॉलर पर आ गया है. वहीं इसका ट्रेड वॉल्यूम 36 अरब डॉलर का रहा. बिटकॉइन एक बार फिर 20,000 डॉलर के नीचे फिसल गई है. इस टोकन ने हालांकि पिछले एक हफ्ते में 2 फीसदी की उछाल दर्ज की है.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है और कैसे काम करती है (What is Cryptocurrency and How it Works ?)
आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल कैश (Digital Money) प्रणाली है क्रिप्टोकरेंसी का मुख्य कार्य होता हैं एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पैसे ट्रांसफर करना, और यह कार्य किया जाता हैं, ब्लॉकचैन के माध्यम से.
ब्लॉकचैन डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी ( DLT ) का उपयोग करती हैं ताकि सिस्टम से तीसरे पक्ष को हटाया जा सकें. इसका मतलब यह है कि जिस तरह से जब हम किसी के साथ लेनदेन करते हैं तो बीच में कुछ न कुछ तृतीय पक्ष होती हैं जो इस लेनदेन को पूरा करने में सहायक होती हैं लेकिन इसमें ऐसा नहीं होता हैं. क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में जिस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता हैं, यह टेक्नोलॉजी को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी कहा जाता है. दरअसल ब्लॉकचैन हर लेनदेन का एक डेटाबेस हैं इसमें जो लेनदेन किये जाते हैं उसकी जानकारी ब्लॉक के रूप में होती हैं और फिर ये ब्लॉक्स एक – एक करके डेटाबेस के साथ जुड़कर एक लंबी श्रंखला बना देते हैं. यही ब्लॉकचैन होती हैं.
क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत कब हुई थी?
क्रिप्टो करेंसी का अविष्कार साल 2008 में बिटकॉइन के रूप में हुआ जिसे सतोशी नाकामोतो नाम के अज्ञात व्यक्ति या समूह ने बनाया था। हालाँकि इसकी शुरुवात साल 2009 में हुआ क्योकि लगभग एक साल तक यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की तरह डेवलपमेंट स्टेज पर था।
पूरी दुनिया में सबसे पहले किसी क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज साल 2009 में बिटकॉइन के ट्रांसेक्शन के साथ हुआ, जिसे सातोशी नाकामोतो ने ही किया था।उन्होंने पुरे क्रिप्टो करेंसी के नेटवर्क (ब्लॉकचैन) की शुरुवात की। जिसे फाइनेंसियल मार्किट में सबसे बड़े अविष्कार के रूप में देखा जाता क्रिप्टोकरेंसी क्या है है।
बिटकॉइन के शुरुवात के साथ ही डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में एक नए युग का आरम्भ हुआ। जिसके बाद से ही लंबे या बड़े वर्ग, आपूर्ति और नई गणनाओं के साथ भविष्य की अर्थव्यवस्था के अनुकूल परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजिटल मुद्रा बनाई जा रही है। जो की भविष्य में धन के रूप में भी इस्तेमाल हो सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे | Benifits of Cryptocurrency
अगर आप क्रिप्टो में निवेश की सोच रहे है तो इसके फायदों के बारे में जरूर जान लें। सबसे पहले तो यह एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) डिजिटल मनी है। इसलिए इस पर किसी भी संस्था, संगठन या सरकार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं रहता यानी आपके निवेश पर आपका पूरा नियंत्रण रहेगा।
इसमें अपने एसेट्स के साथ कुछ भी करने के लिए आपको किसी से भी अनुमति की जरुरत नहीं होती, इसमें पूरा हक़ आपका होता है। चूँकि यह क्रिप्टोग्राफ़ी और ब्लॉकचैन पर आधारित है इसलिए सुरक्षा के मामले में बेहद सुरक्षित है।
दूसरा यह निवेश के नजरिये से काफी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योकि यह तेजी से घटता बढ़ता है। और ऐसे कॉइन जिनकी सप्लाई सिमित है, समय समय में कॉइन बर्न किये जाते है और मजबूत आधार है ऐसे एसेट्स आपको मुद्रास्फीति (inflation) या महँगाई दर से बचा सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages of Cryptocurrencies
ढेरो खुबिया होने के बावजूद इसमें बहुत सी खामिया भी है। इसे इस्तेमाल करना यानी इसके वॉलेट का प्रयोग, ट्रांसेक्शन करना, अपने क्रिप्टो को सुरक्षित करना आदि सीखने में थोड़ा समय लगता है यानि वर्तमान में यह पूरी तरह से यूजर फ्रेंडली नहीं है। पर जिस तेजी से लोग इसमें जुड़ते जा रहे है इसमें बहुत तेजी से सुधर हो रहा है।
और इसमें आपके क्रिप्टो के साथ कुछ भी होने पर केवल आप ही जिम्मेदार होंगे क्योकि आपके एसेट्स पर आपका पूरा नियंत्रण रहता है इसलिए आपको इसकी सुरक्षा भी खुद ही करनी होगी। थोड़ी सी भी चूक होने पर आप अपना पूरा क्रिप्टो (एसेट्स) हमेशा के लिए खो सकते है। और इन सबकी शिकायत के लिए ग्राहक सहायता जैसी कोई भी सुविधा नहीं होती। यानी थोड़ी सी चूक नुकसान दायक हो सकता है। इसलिए क्रिप्टो और विकेन्द्रीकृत में सिक्योर रहने के लिए आपको सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान से पालन करें।
क्रिप्टोकरेंसी की विशेषताएं | Features Of Cryptocurrency
क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है तो ऐसे में इसे इस्तेमाल करने के कई सारे फायदे होते हैं इसे इस्तेमाल करने के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं
- क्रिप्टोकरेंसी के लिए आपको किसी बैंक की जरूरत नहीं पड़ती है. आप बिना बैंक के हस्तक्षेप के इसे खरीद बेच सकते हैं
- क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग करना काफी ज्यादा आसान होता है. इसकी ट्रेडिंग के लिए इंटरनेट पर कई सारे वैलेट प्रचलिच हैं.
- क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल में किसी भी तरीके का सरकारी हस्तक्षेप नहीं होता है.
- क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी क्रिप्टोग्राफी नामक तकनीक से की जाती है. तो क्रिप्टोकरेंसी क्या है ऐसे में उसकी सुरक्षा में चूक की संभावनाएं लगभग शून्य हो जाती है.
- क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज द्वारा ट्रांजैक्शन पर किसी तरह की का कोई ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लिया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages Of Cryptocurrency
हर सिक्के के 2 पहलू तो होते ही हैं. इसी तरीके से क्रिप्टोकरेंसी के लिए कुछ फायदे हैं तो उन फायदों के साथ कुछ नुकसान भी उसके साथ आते हैं.
- क्रिप्टोकरेंसी इंटरनेट आधारित करेंसी है. तो ऐसे में इसे हैक किया जा सकता है. ईथेरियम नामक करेंसी के साथ ऐसा हो भी चुका है.
- क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी सरकारी अथॉरिटी का कोई नियंत्रण नहीं होता है. ऐसे में इसकी कीमतों को रेगुलेट नहीं किया जा सकता इसीलिए इसकी कीमत में अप्रत्याशित रूप से उतार चढ़ाव देखा जाता है.
- क्रिप्टो करेंसी दुनिया के लिए अभी एक नया ट्रेन है तो ऐसे में अगर आप भूल से किसी के दूसरे क्रिप्टोकरेंसी क्या है व्यक्ति को यह करेंसी ट्रांसफर कर देते हैं तो उसे वापस पाने की कोई तकनीकी नहीं है
- दुनिया के कई देशों में इसके प्रतिबंधित होने का सबसे बड़ा कारण है अवैध कामों में इसका उपयोग इसीलिए इसे भी क्रिप्टोकरंसी का एक बड़ा नुकसान माना जाता है
क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें | How To Trade Cryptocurrency
इस लेख में आपने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तमाम जानकारियों को पढ़ा. अब हम आपको बताएंगे कि आप किस तरीके से क्रिप्टोकरंसी खरीद या बेच सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग के लिए आपको एक ऑनलाइन वैलेट की जरूरत होगी. इस वैलेट में ही आपकी करेंसी होल्ड की जाएगी. आप वैलेट की मदद क्रिप्टोकरेंसी क्या है से क्रिप्टो करेंसी के मूल्य के बराबर रुपए चुका कर उसे खरीद सकते हैं और जब आपको क्रिप्टो करेंसी की कीमत में इजाफा दिखे तब आप उसको बेच सकते हैं. इस तरीके से क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट का एक अच्छा जरिया है. हालांकि भारत में इसका मुद्रा के रूप में इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | FAQs
प्रश्न.क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
उत्तर: क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल करेंसी है. इसे एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम द्वारा मैरिज किया जाता है. इसके माध्यम से आप दुनिया में कहीं भी ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी ? जानिए दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी कौनसी है
पिछले कुछ वर्षों से 'क्रिप्टोकरेंसी' (Cryptocurrency) शब्द ने दुनियाभर में गज़ब का हल्ला मचाया हुआ है। दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी क्या है एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। इस आसान भाषा में समझें — आप रुपए के नोट, सिक्कों को देख सकते हैं और उन्हें छूकर महसूस कर सकते हैं। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी वैसी करेंसी नहीं है। यह एक नेटवर्क पर आधारित डिजिटल असेट का एक रूप है जिसे बड़ी संख्या में कंप्यूटर्स में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है जो ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर नहीं है। यह एक पीयर-टू-पीयर सिस्टम है जो किसी को भी कहीं भी पेमेंट भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। इस पर किसी भी बैंक, या सरकार का कंट्रोल नहीं है।