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कमोडिटी मार्केट क्या है?

कमोडिटी मार्केट क्या है?

कमोडिटी(Commodity) मार्केट क्या है ? कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें, जाने हिंदी में |

Commodity

Commodity market भी शेयर बाजार की तरह ही होता है , शेयर बाजार में शेयर खरीदें और बेचे जाते है वही कमोडिटी बाजार में कमोडिटी बेचे और ख़रीदी जाती है | जिस तरह शेयर बाजार में खरीदने या बेचने के लिए डीमेट खाता खुलवाना जरूरी होता है , उसी तरह कमोडिटी बाजार में कारोबार के लिए ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता होती है |

कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड , एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना जरूरी होता है | जब किसी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग खाता खुलवाते है तो ब्रोकर एक अकाउंट की आईडी देता है | इस आईडी से कमोडिटी बाजार में व्यापार कर सकते है | कमोडिटी बाजार में निवेश करने से पहले ये जानना जरूरी है की कौनसे एक्सचेंज में किन-किन कमोडिटी का कारोबार होता है |

Table of Contents

Commodity Trading क्या है

किसी कमोडिटी को एक्सचेंज के माध्यम से खरीदने व बेचने के काम को कमोडिटी ट्रेडिंग कहते हैं | कमोडिटी ट्रेडिंग सामान्य ट्रेडिंग की तरह नही होती है , यहा पर की जाने वाली ट्रेडिंग भविष्य के लिए की जाती है | ट्रेड का दिन आने पर ट्रेडर ,ट्रेड काट सकता है या फिर वह चाहे तो उसकी डिलीवरी भी ले सकता है | कमोडिटी बाजार के माध्यम से एग्री प्रोडक्ट्स ( जैसे – गेहूं , ऑयल , कपास , सोयाबीन ) व नॉन-एग्री प्रोडक्ट्स ( बेस मेटल , सोना-चाँदी ) आदि का कारोबार करते है |

Commodity trading कैसे शुरू करें

Commodity बाजार में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए हमारे पास ट्रेडिंग खाता होना चाहिए | ट्रेडिंग खाता उसी ब्रोकर के साथ खोलना चाहिए , जिनके पास प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों जैसे एमसीएक्स ( MCX ) , एनसीडीईएक्स आदि की सदस्यता ले रखी हो | इन एक्सचेंजों की वेबसाइट पर इनसे जुड़े ब्रोकरों की सूची मिल जाएगी | भारत में कई कमोडिटी एक्सचेंज हैं , जिनके माध्यम से कमोडिटी का कारोबार होता है | इनमें एमसीएक्स ( MCX ) , एनसीडीईएक्स , एनएमसीई प्रमुक है |

Commodity बाजार में निवेश कैसे करें

  • Commodity market भी शेयर बाजार की तरह होता है कमोडिटी बाजार में शेयर की जगह कमोडिटी को खरीदा और बेचा जाता है |
  • कमोडिटी किसी भी रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाले सामान को बोलते हैं जो लोगों की बुनियादी जरूरत होते हैं | जैसे की चना , गेहूं , सोना या चाँदी इत्यादि |
  • कमोडिटी बाजार में डिलीवरी होती है पर ज्यादातर लोग डिलीवरी न लेकर दुबारा से सामान को कमोडिटी बाजार में ही बेच देते हैं |
  • कमोडिटी बाजार में कच्चे माल की खरीद और बिक्री होती है |
  • कमोडिटी बाजार में सामान के पैसे वर्तमान स्थिति से लगते है , चाहे डिलीवरी कभी भी लो या न लो |
  • कमोडिटी बाजार में सामान की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता है बस पैसे देखे जाते है |

Commodity बाजार के लिए टिप्स

कुछ भी खरीदने के लिए पूरी रकम देनी होती है , पर कमोडिटी ट्रेडिंग में कुछ पैसे देकर ट्रेडिंग की जा सकती है । कमोडिटी बाजार में इस को मार्जिन ट्रेडिंग कहा जाता है । ये मार्जिन किसी भी ट्रेडिंग का 3-5 प्रतिशत होता है ।

  • कमोडिटी बाजार में कुछ प्रतिशत मार्जिन देकर ट्रेडिंग कर सकते है , तो हमें ज्यादा ट्रेडिंग एक साथ नहीं करनी चाहिए ।
  • कमोडिटी बाजार में निवेश अपने बजट के हिसाब से करना चाहिए ।
  • शेयर बाजार में हम अपने निवेश को कुछ साल तक रख सकते है पर कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग 2-3 महीने में कारोबार होता है तो इसमें निवेश कम समय के लिए होता है ।
  • कमोडिटी बाजार में शुरुआत में थोड़े निवेश से ज्यादा फायदा हो सकता है । जब कमोडिटी बाजार को पूरी तरह से समझ जाएं तो ज्यादा पैसे निवेश कर सकते है ।
  • शेयर बाजार की तरह कमोडिटी बाजार में भी वैश्विक घटना से फर्क पड़ता है , ये समझ कर भी कमोडिटी बाजार में पैसे निवेश कर सकते है ।
  • लिक्विड कमोडिटी में ज्यादा फायदा रहता होता है । लिक्विड कमोडिटी जैसे की कच्चा तेल , आधार धातु इसमें नुकसान कम होता है और बाजार में बहार आने का मौका हमेशा खुला रहता है ।
  • शेयर बाजार की तरह कमोडिटी बाजार में बोनस या डिविडेंड नहीं मिलता है । जब भी कमोडिटी बेचते है , तभी फ़ायदा होता हैं ।
  • कमोडिटी बाजार में डिमांड-सप्लाई का भी ध्यान रखें ।

शेयर बाजार और कमोडिटी बाजार में अंतर

  • कमोडिटी बाजार में कमोडिटी और शेयर बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते है ।
  • कमोडिटी बाजार और शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए अलग-अलग डिमैट खाते की जरूरत होती है ।
  • शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कंपनी के बारे में काफी रिसर्च करनी पड़ती है , कमोडिटी बाजार में कमोडिटी की ज्यादा रिसर्च नही करनी पड़ती है ।

By Suresh Kumar

Suresh Kumar, Intra Day Share के संस्थापक और Senior Editor हैं. इन्हें लोगों को नयी नयी इन्वेस्टमेंट की रिसर्च बेस्ड जानकारी पहुँचाने में बहुत ख़ुशी मिलती है. शेयर मार्केट से सम्बंधित सभी जानकारियां इनके द्वारा नियमित तौर पर इस वेबसाइट पर पब्लिश की जाती है | इन्हें मार्केट में कार्य करने का पिछले 6 वर्षों का अनुभव है और इसी अनुभव को इस वेबसाइट के माध्यम से आम जन तक पहुंचा रहें है |

भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले यहां पढ़ें जरुरी जानकारी

अगर आप अपनी गाढ़ी कमाई को भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो अपनी धन राशि इन्वेस्ट करने से पहले भारत की कमोडिटी मार्केट के सभी विवरणों के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को ध्यान से जरुर पढ़ें.

Know about Commodity Market and tips to invest in it

हमारे देश में कमोडिटी स्टॉक एक्सचेंजों पर कमोडिटी कारोबार में इन्वेस्टमेंट की जा सकती है. कमोडिटी एक्सचेंज के नाम से ही यह पता चलता है कि, यह माल/ कमोडिटी के व्यापार को संदर्भित करता है. वित्तीय बाजार के संदर्भ में इसका सीधा-सा मतलब यह है कि, कमोडिटी एक्सचेंज पर होने वाली अनेक किस्म की वस्तुओं का औपचारिक आदान-प्रदान अर्थात कारोबार करना. इन्वेस्टर्स अपना पैसा कमोडिटी मार्केट में कई अलग-अलग तरीकों से इन्वेस्ट कर सकते हैं. कमोडिटी कंपनियों, म्यूचुअल फंड, या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) द्वारा जारी किए गए शेयर हैं जिन्हें इन्वेस्टर्स द्वारा भविष्य में खुद को मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) के जोखिम से बचाने के लिए खरीदा कमोडिटी मार्केट क्या है? जा कमोडिटी मार्केट क्या है? सकता है. अगर आप भी ऐसे ही कुछ इन्वेस्टर्स में से एक हैं जो भारत की कमोडिटी मार्केट में अपना धन इन्वेस्ट करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं तो, कमोडिटी मार्केट के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं.

कमोडिटी क्या है?

आसान शब्दों में अगर हम बात करें तो, मूल रूप से कोई भी 'वस्तु' रोजमर्रा की प्रासंगिकता/ जरुरत के सभी सामान जैसेकि भोजन, ऊर्जा, फर्नीचर या धातु का एक समूह या संपत्ति है. हालांकि, इसे प्रकृति से विनिमेय अर्थात (लेने-देने में सुलभ) होना चाहिए ताकि इसका व्यापार किया जा सके. कार्रवाई योग्य दावों और धन को छोड़कर, किसी भी वस्तु अर्थात कमोडिटी को सभी किस्म की चल वस्तुओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है. आपके कपड़े, जूते, फर्नीचर, खाने-पीने का सारा सामान और दवाइयां, साबुन, तेल आदि सभी ऐसी कमोडिटीज़ हैं जिनका देश-दुनिया में निरंतर लेन-देन या कारोबार होता रहता है.

वस्तुओं/ कमोडिटीज़ में इन्वेस्टमेंट कहां करें?

भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंजों पर सभी किस्म की कमोडिटीज़ का कारोबार होता है. यहां कुछ लोकप्रिय कमोडिटी ट्रेड एक्सचेंजों की सूची आपकी सुविधा के लिए दी गई है: -

  1. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज - MCX
  2. नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज - NCDEX
  3. नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज - NMCE
  4. इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज - ICEX

भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लाभ

हमारे देश की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने पर आपको कई फायदे मिलते हैं जैसेकि:

  1. मुद्रास्फीति के खिलाफ संरक्षण - कमोडिटी एक्सचेंज में कारोबार की जाने वाली कमोडिटीज़ इन्वेस्टर्स को कमोडिटी मार्केट क्या है? मुद्रास्फीति/ इन्फ्लेशन के कुप्रभावों से बचाती हैं.
  2. मूल्य में उतार-चढ़ाव के खिलाफ बचाव-व्यवस्था - आयात और निर्यात के साथ-साथ उत्पाद मूल्य में उतार-चढ़ाव कमोडिटी बाजार को प्रभावित कर सकता है. कमोडिटी फ्यूचर्स में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स को वास्तविक लेनदेन से महीनों पहले तय की गई कीमत पर कमोडिटी खरीदने या बेचने में मदद मिलती है. इस तकनीक को कमोडिटी बाजार में हेजिंग अर्थात बचाव-व्यवस्था के रूप में जाना जाता है.
  3. विविधीकरण - वस्तुओं में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स वित्तीय प्रतिभूतियों (फाइनेंशिल सिक्यूरिटीज़) के संबंध में अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विविधता ला सकता है.

कमोडिटी कैसे खरीदें अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. कमोडिटी बाजार में कारोबार करने के लिए, एक इन्वेस्टर को सबसे पहले अपना एक DMAT खाता खोलना होगा.
  2. कमोडिटीज का कारोबार वैसे ही होता है जैसे भारत के स्टॉक एक्सचेंजों में विभिन्न शेयरों का कारोबार होता है.
  3. कमोडिटीज में इन्वेस्टमेंट करने के लिए, कमोडिटी फ्यूचर्स और ऑप्शंस, कमोडिटी ETF जैसे कई तरीके हैं, जो सीधे कमोडिटी मार्केट क्या है? भौतिक वस्तुओं (फिजिकल कमोडिटीज़) में इन्वेस्टमेंट करते हैं.
  4. सभी इन्वेस्टर्स के लिए इस पॉइंट पर पहले ही ध्यान देना बहुत जरुरी है कि, इन्वेस्टमेंट का कौन-सा तरीका उनकी जेब के लिए सबसे उपयुक्त रहेगा और यह तरीका उनकी कारोबारी जरूरतों से मेल खाता है.
  5. कमोडिटी ETFs ट्रेडिंग को काफी आसानी बनाते हैं क्योंकि उन्हें स्टॉक की तरह खरीदा जाता है. हालांकि, स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की कीमतों की तरह ही विभिन्न कमोडिटीज़ की भविष्य की कीमतों में भी अक्सर उतार-चढ़ाव होता रहता है.

*अस्वीकरण - यह सारी जानकारी केवल आपके वित्तीय ज्ञान और समझ बढ़ाने के लिए इस आर्टिकल में प्रस्तुत की गई है. इसे किसी भी व्यक्ति के द्वारा वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.

कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के लिए यहां जानिए आसान तरीके

Market

अगर आप कमोडिटी वायदा बाजार (Commodity Futures Market) में ट्रेडिंग (Trading) करना चाहते हैं तो आपको बाजार की सही जानकारी का होना बहुत ही जरूरी है. हालांकि अभी भी बहुत से लोगों में कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट को लेकर जानकारी का अभाव है और यही वजह है कि कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग के लिए उतरे नए निवेशकों में डर बना रहता है. आज की इस रिपोर्ट में हम ऐसे ही निवेशकों के लिए जो कमोडिटी फ्यूचर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, उनको बेहद आसान भाषा में कमोडिटी मार्केट की बारीकियों को समझाने का प्रयास करेंगे. तो आइए जानने की कोशिश करते हैं कि कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के वे बेहद आसान तरीके क्या हैं.

कमोडिटी वायदा में कैसे शुरू करें ट्रेडिंग
निवेशकों को कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा. निवेशक इस ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए खरीद और बिक्री कर सकते हैं. ट्रेडिंग अकाउंट किसी ब्रोकिंग फर्म के साथ खुलवा जा सकता है. हालांकि ब्रोकर्स को MCX, NCDEX, BSE और NSE का सदस्य जरूर होना चाहिए. एक्सचेंज की वेबसाइट से ब्रोकर्स के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है. ट्रेडिंग अकाउंट के लिए पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक अकाउंट का होना जरूरी है. MCX पर नॉन-एग्री कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग ज्यादा होती है. NCDEX पर एग्री कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग ज्यादा होती है. हालांकि BSE और NSE पर भी कुछ कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है. नॉन-एग्री कमोडिटी में सोना-चांदी, क्रूड और मेटल शामिल हैं. वहीं एग्री कमोडिटी में ग्वार, चना, तिलहन, मसाला और शुगर में ट्रेडिंग होती है.

खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज पर पहले से मार्जिन तय
कमोडिटी बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि कुछ रकम देकर पूरे सौदे को उठाना मार्जिन कहा जाता है. वहीं दूसरी ओर हाजिर बाजार में सौदे का पूरा भुगतान करना पड़ता है. हर कमोडिटी की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज पर पहले से मार्जिन तय है. आमतौर पर मार्जिन मनी 3 फीसदी से 5 फीसदी के बीच है. उतार-चढ़ाव की स्थिति में एक्सचेंज अतिरिक्त मार्जिन भी लगाता है. जानकार कहते हैं कि कमोडिटी ट्रेडिंग में शेयर बाजार की तरह लंबी अवधि नहीं होती है. कमोडिटी मार्केट में दो से तीन सीरीज में ही कारोबार होता है. निवेशकों को खरीद-बिक्री एक निश्चित अवधि में करना जरूरी है. शुरुआत में मिनी लॉट में ट्रेड करना समझदारी भरा कदम माना जाता है. बाजार की समझ बढ़ने के बाद बड़े लॉट में ट्रेड करना चाहिए और हर सौदे में स्टॉपलॉस जरूर लगाना चाहिए. निवेशकों को कई लॉट में ट्रेडिंग के लालच में नहीं फंसना चाहिए. जानकारों का कहना है कि लिक्विड कमोडिटी में ट्रेड करना फायदेमंद रहता है.

जानकार कहते हैं कि कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए आपको देश दुनिया की खबरों पर नजर बनाए रखनी होगी. कमोडिटी मार्केट पर दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के फैसले का असर साफतौर पर देखा जाता है. साथ ही एग्री कमोडिटी की बात करें तो फसल और उत्पादन अनुमान का असर भी कमोडिटी मार्केट क्या है? दिखाई पड़ता है. जानकार कहते हैं कि कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड और बोनस नहीं मिलता है और ट्रेडर्स को सौदा कटने के बाद ही फायदा या नुकसान होता है.

कैसे कमाए मुनाफा कमोडिटी मार्किट से, क्या हैं कमोडिटी में ट्रेडिंग का मन्त्र

अनिश्चितताओं से भरे कमोडिटी बाजार में मुनाफा कमाना आसान नहीं होता है। मोटे फायदे की संभावनाओं की तलाश अक्सर लोग इस वायदा आधारित जिंस (कमोडिटी) बाजार की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन कमोडिटी में ट्रेडिंग शुरू करने से पहले यह जानना काफी जरूरी है कि यह क्षेत्र काफी जोखिम भरा होता है। ऐसे में आवश्यक है कि आप इस ट्रेडिंग में प्रवेश करने से पहले अपना होमवर्क पूरा कर लें। जिंस बाजार के जानकारों का मानना है कि अगर ये तीन सूत्र अपनाए जाएं, तो निवेशक जोखिम से बचा पाएंगे और मुनाफा भी कमा सकेंगे। दरअसल किसी कमोडिटी में कई बार कोई खबर आने से उसमें काफी तेज उछाल या काफी तीखी गिरावट आती है। अगर आपकी उस पर नजर बनी हुई है तो आप अच्छा फायदा उठा सकते हैं। इसके अलावा बढ़ती महंगाई के दौर में भी कमोडिटी बाजार आपको शानदार कमाई का मौका मुहैया कराता है। आम तौर पर यह देखा गया है कि महंगाई में कई कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी का रुझान आ जाता है। यही नहीं, आप कमोडिटी का इस्तेमाल हेजिंग के लिए भी कर सकते हैं।

Beginners Guide to Commodities Trading in India What is Commodity Market | Why Invest in Commodities in hindi


पहला: स्टॉप लॉस लगाना जरूरी(Keep Stop Loss): जितना अधिक जोखिम, उतना अधिक लाभ, यह बात कमोडिटी कारोबार के ऊपर सटीक तरीके से लागू होती है। ऐसे में यदि आपने सही निर्णय लिया तो आप काफी तेजी से पैसे बना सकते हैं। इस क्षेत्र में जोखिम को कम करने के लिए सबसे पहले आपको स्टॉप लॉस निर्णयों को सटीक तरीके से लागू करना चाहिए। ध्यान रखें कि स्टॉप लॉस न लगाने पर आप पूरी पूंजी से हाथ धो सकते हैं।


दूसरा: घाटे की रणनीति गलत(Loss Planning): निवेशकों को अपने सौदे की लगातार समीक्षा करते रहना और गलतियों को सुधारते रहना चाहिए। अगर एक सौदे में हानि हो रही है तो कई कारोबारी उस हानि को खत्म करने के लिए नए-नए सौदे खड़े करने लगते हैं। कई बार यह रणनीति सफल नहीं हो पाती, क्योंकि इससे हानि लगातार एकत्र होती जाती है, जिसकी वजह से उसे भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। एक सफल कारोबारी बनने और जोखिम से खुद को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है कि इस रणनीति से बचा जाए।


तीसरा: पूरी पूंजी नहीं लगाएं (Don’t Utilize All Capital in Commodity): निवेशक अपनी वित्तीय सीमा को कभी न भूले और हमेशा उस सीमा को ध्यान में रखते हुए ही कारोबार करे। कमोडिटी क्षेत्र में सफल कारोबारी बनने के लिए जरूरी है कि आप कभी भी अपनी पूरी पूंजी कारोबार में न लगाएं। आप अपनी पूंजी का एक तय हिस्सा (मान लें 30 फीसदी) ही कमोडिटी ट्रेडिंग में लगाएं। ध्यान रखें, कमोडिटी के कारोबार में अक्सर वही लोग नुकसान उठाते देखे जाते हैं जो अपनी पूरी पूंजी का इस्तेमाल करते हुए कारोबार करते हैं। लेकिन जो लोग सफलता हासिल करते नजर आते हैं जो अपनी पूंजी का एक निश्चित अनुपात हमेशा सुरक्षित रखते हैं। इसकी वजह यह है कि सुरक्षित पूंजी ही मुसीबत के वक्त आपकी सबसे बड़ी मददगार होती है।


सावधानी: अच्छे से जानकर समझकर ही शुरूआत (Fully Understanding after than opening): कमोडिटी ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए अकाउंट होना चाहिए। ध्यान रहे अकाउंट उसी ब्रोकर के साथ खोलना होता है, जिसने प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों जैसे एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स आदि की सदस्यता ले रखी हो। इन एक्सचेंजों की वेबसाइट पर कमोडिटी मार्केट क्या है? इनसे जुड़े ब्रोकरों की सूची आपको मिल जाएगी। यह खाता खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना चाहिए। इस खाते के लिए ब्रोकर आपसे एक शुल्क लेते हैं। इसके अलावा आपके पास कम्प्यूटर और इंटरनेट की सुविधा होनी चाहिए।

आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए कितना जरूरी है कमोडिटी, यहां समझें पूरा गणित

कमोडिटी बाजार में एक तो महंगाई से कवर मिलता है. इसके अलावा आपको डायवर्सिफिकेशन मिलेगा और शेयरों-बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं होगा.

आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए कितना जरूरी है कमोडिटी, यहां समझें पूरा गणित

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया

Updated on: Apr 01, 2022 | 3:56 PM

इन्वेस्टमेंट कमोडिटी मार्केट क्या है? (Investment) के मामले में पंकज बड़े सीधे से कॉन्सेप्ट पर चलते हैं. पोर्टफोलियो में FD, म्यूचुअल फंड, PPF और स्टॉक्स होने चाहिए. एक दिन उनका कॉन्सेप्ट हिल गया. हुआ यूं कि उनके एक दोस्त ये जानकर हैरान रह गए कि पंकज का कमोडिटीज में कोई निवेश नहीं है. तो क्या कमोडिटीज (Commodities) में भी पैसा लगाना चाहिए था? क्‍या मैं पैसा बनाने से चूक गया? ये सोचकर पंकज चकराए हुए थे. फिर पंकज ने खुद को तसल्ली दी कि यार कमोडिटीज के बारे में अपन जब कुछ जानते ही नहीं तो पैसा लगाना क्या ही ठीक होता. तब तो पंकज अपने दोस्त के सामने टालमटोल करके निकल गए. लेकिन, बात मन में अटक गई थी. ठान लिया कि गुरु, कमोडिटीज की गुत्थी सुलझा कर ही दम लूंगा. बस शुरू हो गया रिसर्च का दौर.

कमोडिटी कारोबार होता क्या है

पहली बात आई कि आखिर कमोडिटी कारोबार होता क्या है? खंगाला तो पता चला कि कमोडिटीज एक खास एसेट क्लास है. मोटे तौर पर शेयरों या बॉन्‍ड से इसका कोई रिश्‍ता नहीं होता. तो इसका क्या फायदा होता है? होता ये है कि कमोडिटीज में पैसा लगा हो तो स्‍टॉक और बॉन्‍ड पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलती है. आई बात समझ!! ना. पंकज सोच रहे हैं ऐसा कैसे होता है?

महंगाई बढ़ने पर ऊपर जाती हैं कमोडिटीज की कीमतें

तो बात ये है कि इसमें एक तो महंगाई से कवर मिलता है. दूसरा, आपको मिलेगा डायवर्सिफिकेशन. तीसरा, शेयरों और बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं. है ना फायदे की बात. पंकज सोच में पड़ गए कि यार कमोडिटीज में निवेश मंहगाई से कैसे बचाता है. मसला जटिल नहीं है. ऐसा होता है कि जब महंगाई बढ़ती है तो कमोडिटीज की कीमतें ऊपर जाती हैं. इससे शेयर बाजार पर प्रेशर पड़ता है. दूसरी तरफ, महंगाई न बढ़े तो मार्केट और बॉन्ड बाजार बढ़िया परफॉर्मेंस करते हैं. ये तो बात आ गई समझ. अब पंकज के दिमाग में बड़ा सवाल ये आया कि आखिर कमोडिटीज में भी कहां लगाया जाए पैसा? तो ऐसा है कि गोल्ड एक सेफ एसेट के तौर पर मशहूर है. उथल-पुथल वाले हालात में ये खूब कमाई कराता कमोडिटी मार्केट क्या है? है. और महंगाई बढ़ी तो हो गई बल्ले-बल्ले. क्योंकि तब तो गोल्ड और ऊपर भागता है.

एग्री कमोडिटीज में पैसा लगा सकते हैं छोटे निवेशक

अब पंकज सोच रहे हैं कि क्या गोल्ड में पैसा लगाना सही होगा? अब उन्होंने ली एक्सपर्ट एडवाइज. तो मोतीलाल ओसवाल फाइनेंश‍ियल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी कहते हैं कि आप एक्‍सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं या सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड में निवेश कर सकते हैं. आप ETF या डिजिटिल गोल्‍ड के जरिए भी निवेश कर सकते हैं. दाम गिरें तो खरीद लीजिए. छोटे निवेशक एग्री कमोडिटीज में भी पैसा लगा सकते हैं.

पंकज सोच रहे हैं इनमें क्या आता है. अरे भाई… तिलहन, वनस्‍पति तेल, मसाले, दाल, अनाज में होती है ट्रेडिंग. एग्रीकल्‍चर कमोडिटीज को MCX और NCDEX पर लिस्‍ट किया जाता है. इनवेस्‍टोग्राफी की फाउंडर और CFP श्‍वेता जैन कहती हैं, ‘छोटे निवेशक अपने एसेट का 10 फीसद हिस्‍सा गोल्‍ड और सिल्‍वर में रख सकते हैं. निवेशकों को हमेशा अपने टारगेट पर चलना चाहिए.

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