ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं

मान लेते हैं आप नेस्ले इंडिया का एक शेयर खरीदते हैं. और उसको hold करते हैं. तब आपको उसका डीपी चार्जेस 35 रुपए तक लग सकता है.
What is DP Means in Stock Market| DP Charges and role
Depositories Participants (DPs)
यह एक तरह की संस्था (Organization ) होती है. जो गवर्नमेंट के अंडर में काम करती है. इसकी देखरेख SEBI यानी कि SECURITY AND EXCHANGE BOARD OF INDIA करता है.
यह आपके द्वारा खरीदी गई सिक्योरिटीज Securities को अपने पास रखता है.
सिक्योरिटीज का मतलब जैसे आपके द्वारा खरीदे गए Stocks, Mutual funds, shares, debentures, mutual funds, derivatives, F&O, and commodities.
कमोडिटी में आपके Curde oil. gold silver, Copper, सोना चांदी, मेंथा, धनिया मिर्चा, अदरक लहसुन, जितनी भी कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है वह सब डीपी चार्जेस के अंतर्गत आती है.
Which is Safe NSDL or CDSL दोनों में कौन सुरक्षित हैं
NSDL AND CDSL यह दोनों संस्थाएं 1 तरीके से आपके लिए online Locker सिस्टम ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं का काम करती हैं जिस तरह से आप अपने सोने को या गोल्ड को बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखते हैं यह महसूस करके कि आपका सोना वहां पर सुरक्षित है उसी
तरीके से यहां पर आप अपने शेयर्स , म्यूच्यूअल फंड को सुरक्षित रखने के लिए यहां पर रखा जाता है क्योंकि, पुराने समय में कुछ घटनाएं ऐसी हुई है कि ब्रोकर बिना आपकी इजाजत के आपके द्वारा खरीदे गए shares को बेच देते थे स्क्वायर ऑफ (exit stocks position )
यह घटनाएं उस समय देखने में आई थी जब ऑनलाइन broking सिस्टम का जमाना नहीं था
लोगों को ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं अपने शेयर खरीदने के बाद एक पेपर मिलता था फिर कंपनी की तरफ से पोस्टमैन या डाकिया आपके घर पर एक चिट्ठी ले करके आता था उसके अंदर वह सारे लिफाफे होते थे या ब्रोकर की ट्रेडिंग रिपोर्ट होती थी. यह सारा काम उस जमाने
What is Work CDSL and NSDL का काम क्या होता है
जैसा कि आपको अभी बताया कि यह दोनों संस्थाएं हैं जो आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स या मैचुअल फंड सिक्योरिटीज को ब्रोकर के माध्यम से अपने पास सुरक्षा के तौर पर रखती है.
जब कोई आप स्टॉक या म्यूच्यूअल फंड या सिक्योरिटी डेरिवेटिव्स जैसे कि फ्यूचर एंड ऑप्शन में trade करते हैं.
और इन शेयर्स को आप अपने पास कुछ दिनों के लिए रखते हैं तब आपने ट्रेडिंग का यह साइकिल
T+2 Days जरूर सुन रखा होगा.
जिसमें आपके शेयर या stocks या म्यूचुअल फंड या सिक्योरिटीज या कमोडिटी जैसे कि गोल्ड, सिल्वर, कॉपर, मेंथा आयल, इत्यादि आपके द्वारा खरीदे गए या ट्रेड किए गए इन सिक्योरिटीज को 2 दिन के बाद आपके डीपी में अपने आप आ जाते हैं.
यह पूरी ट्रेडिंग आप अपने डीमेट अकाउंट के जरिए करते हैं.
इसलिए इस प्रक्रिया को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेट कहते हैं.
Which is better CDSL or NSDL?
NSDL और CDSL दोनों में कौन ज्यादा बेहतर बढ़िया है
अब आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि अगर दो संस्थाएं काम कर रही हैं तो इनमें से अच्छी कौन है.
यह सवाल आना आपके दिमाग में बिल्कुल ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं जरूरी है क्योंकि भारत में यह दोनों संस्थाएं भारत सरकार के नियंत्रण में काम कर रहे हैं तो दोनों ही संस्थाए है अच्छी है अब रही बात आप आपको कौन सा पसंद है यह ब्रोकर डिसाइड करता है कि उसको कौन सी संस्था चाहिए एनएसडीएल या सीडीएसएल इन दोनों में से वह कोई भी चुन लेता है और आप जब भी अपना डिमैट अकाउंट ओपन कर आते हैं किसी भी ब्रोकर के अंडर में तब आपके द्वारा खरीदे गए ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं शेयर्स अपने आप उस संस्था के पास चले जाते हैं जो कि आपके शेयर्स या सिक्योरिटीज ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं को सुरक्षित रखता है.
क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया
वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।
लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।
10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?
दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार
मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।
दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:
क्रमांक | कितने तरह के चार्जेज | कितना चार्ज | रकम |
---|---|---|---|
1 | ब्रोकरेज | 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो | 0 |
2 | सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.1% | 100/- |
3 | ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.00325% | 3.25/- |
4 | GST | ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज | 0.585/- |
5 | SEBI चार्ज | 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर | 0.1/- |
कुल | 103.93/- |
ऐंजल वन एप्लिकेशन रिव्हीव ( Angel One Review)
अगर हम Angle One Application के बारे में बात करें तो इसका इंटरफेस काफी आसान हैं, और जबसे यह ऐंजल ब्रोकिंग से ऐंजल वन बन गया हैं तबसे कंपनी ने इनमें काफी बदलाव कर रहीं हैं ताकि इनके ग्राहकों के लिये आसान हो और इस्तमाल में कोई तकलीफ़ ना आयें.
चलिये देखते हैं इस ऐप कि क्या क्या विषेशता हैं?
इस ऐप में आपको पसंद अनुसार शेअर पर नजर रखने के लिये Watchlist का ऑप्शन दिया गया हैं,
Portfolio में आप अपने खरिदे हुयें शेअर को देख सकते हों.
orders में आप अपने Pending और Executive Orders को देख सकते हों.
Funds में आप फंड को ऐंड और Withdraw कर सकते हों और अपना Balance चेक कर सकते हों.
Research में Angel One Team द्वारा कि गई अलग अलग रिसर्च कि मदत से आप Investment या Trading कर सकते हों ताकी आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा हो.
आपने क्या सीखा
ऐंजल वन क्या हैं ? इसका मिनींग क्या हैं, चेरमन कौन हैं, इसमें हम रजिस्टर कैसे करें? इसके ऐप में क्या क्या फिचर्स दिये गये हैं, शेअर प्राइस , कैल्क्युलेटर, चार्जेस यह सब देखा.
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो आप अपने मित्रों से जरुर साझा करें, और आपके कोई सवाल और सुझाव हो तो हमें जरुर लिखें.
Q: इसकी शुरुवात कब हुई?
Ans: साल 1996
Q: Angle One के सीईओ कौन हैं?
Ans: नारायण गंगाधर
Q: Angle Broking और Angle One में क्या अंतर हैं?
Ans: दरसल दोनों एक ही है, 2021 में Angle Broking का नाम बदलकर Angle One कर दिया हैं.
Q: Angle One Head Office कहा हैं?
Ans: यह मुंबई में स्थित हैं.
Paytm Money Brokerage Charges Increased||Paytm Money ने ब्रोकरेज चार्जेस नए कस्टमर्स के लिए बढ़ा दिये हैं
दोस्तों,Paytm Money एक ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं डिस्काउंट ब्रोकर है,जिसने अपनी शुरुवात डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स से की थी,यानी जब Paytm Money लॉन्च हुआ था तब हमलोग इसके प्लेटफार्म से सिर्फ डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स में ही निवेश कर पाते थे लेकिन बाद में ये स्टॉक ब्रोकिंग के क्षेत्र में भी उतर गए।
Paytm Money के स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र में उतरने से पहले ही काफी डिस्काउंट ब्रोकर मार्केट में अपने पैर जमा चुके थे जैसे Zerodha,Upstox,Angle One आदि । Paytm Money का इन सभी ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं से तगड़ा कंपटीशन था इसलिए Paytm Money ने लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए अपने चार्जेस बाकी डिस्काउंट ब्रोकर्स से कम रखे।
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Paytm Money पहले कितना ब्रोकरेज लेता था-
शुरुवाती दिनों में जब Paytm Money ब्रोकिंग के क्षेत्र में नया था, ये अपने कस्टमर्स का फ्री में डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करते थे,अगर आप डिलीवरी में कोई स्टॉक खरीदते है तो ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं आपको कोई ब्रोकरेज चार्ज नहीं देना पड़ता था, फ्यूचर एंड ऑप्शन में मात्र 10/- रुपए प्रति ऑर्डर तथा Intraday पर भी मात्रा 10/- रुपए प्रति ऑर्डर का ब्रोकरेज चार्ज लगता था।
5 ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं अगस्त 2022 से Paytm Money ने अपने नए क्लाइंट्स के लिए ब्रोकरेज चार्जेस बढ़ा दिए है । Paytm Money द्वारा फिरहाल कहा जा रहा है की इसका असर पुराने क्लाइंट्स पर नहीं पड़ेगा;उनसे पुराना ब्रोकरेज ही लिया जाता रहेगा,जैसा की मैंने ऊपर बताया है।
नए लोग,जो 5 अगस्त 2022 के बाद Paytm Money के साथ अपना डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपेन कराएंगे,अब उन्हें Intraday,Stock Delivery और Future &Option के प्रत्येक ऑर्डर के लिए 15/- रुपए का ब्रोकरेज चार्ज देना पड़ेगा।
निष्कर्ष-
दोस्तों कई नए स्टॉक ब्रोकर जब मार्केट में आते है तो कस्टमर्स को अपने साथ जोड़ने के लिए काफी लुभावने प्लान्स लेकर आते हैं,लेकिन इसको ये लंबे समय तक चला नहीं पाते है और बाद में अपने नए-पुराने सभी कस्टमर्स से भारी ब्रोकरेज चार्जेस लेना शुरू कर देते है। इसका एक उदाहरण Upstox है जब यह लॉन्च हुआ था,इनके द्वारा स्टॉक डिलीवरी पर कोई ब्रोकरेज चार्ज नहीं लिया जाता था लेकिन बाद में,ये भी स्टॉक डिलीवरी पर ब्रोकरेज चार्ज लेने लगे।हो सकता है की आने वाले समय में Paytm Money द्वारा भी अपने पुराने कस्टमर्स से बढ़ा हुआ ब्रोकरेज चार्ज वसूला जाने लगे।
मुझे लगता है यह कस्टमर्स के साथ धोखा है,अगर कोई कस्टमर किसी ब्रोकर के अट्रैक्टिव ब्रोकरेज प्लान को देखकर उसके साथ अपना डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाता है और बाद में उस ब्रोकर द्वारा अपने ब्रोकरेज को बढ़ा दिया जाता है,तो कस्टमर अपने आपको ठगा हुआ महसूस करता है।