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ARP क्या है और यह कैसे काम करता है?

ARP क्या है और यह कैसे काम करता है?
बिना प्रोटोकॉल के कोई भी कंप्यूटर नेटवर्क ठीक तरह से काम नही कर सकता यहाँ तक की इसके बिना इंटरनेट की कल्पना भी नही की जा सकती।

Protocol क्या होता है। Protocol कितने प्रकार के होते है।

इस ब्लॉग में प्रोटोकॉल के बारे में बताने का प्रयास किया गया है। प्रोटोकॉल क्या होता है। प्रोटोकॉल कितने लेवल के होते है। और प्रोटोकॉल कितने प्रकार के होते हैं। आशा करते है कि यह ब्लॉग आपको जरूर पसन्द आयेगा।

Protocol क्या है।

प्रोटोकॉल एक 'Set Of Rules' होता है। जब एक नेटवर्किंग डिवाइस दूसरे नेटवर्किंग डिवाइस के साथ Communicate करता है, तो उसके लिए एक Rules या Method होता है। उसी Rules या Method को प्रोटोकॉल कहा जाता है। प्रोटोकॉल को Access Method भी कहा जाता है। इसके बिना हम इन्टरनेट के माध्यम से एक-दूसरे संवाद नही कर सकते है। प्रोटोकॉल के माध्यम से ही एक नेटवर्किंग डिवाइस दूसरे नेटवर्किंग डिवाइस के साथ कनेक्ट हो पाता है।

दूसरे शब्दों में -

प्रोटोकॉल एक Standard होता है। जिसकी सहायता से एक कम्प्यूटर दूसरे कम्प्यूटर के साथ कम्युनिकेशन स्थापित कर पाता है। जिससे डेटा का आदान-प्रदान हो सके। डेटा को कैसे Send और Recive कराना है। या डेटा सही तरीके से Transfer हुआ है कि नहीं, ये सभी कार्य प्रोटोकॉल की सहायता से होता है। प्रोटोकॉल के बिना कोई भी कम्प्यूटर नेटवर्क ठीक से काम नहीं कर सकता है।

उदाहरण के लिये -

यातायात का नियम - जब हम लोग गाड़ी सड़क पर चलाते है, तो उसके लिये कई Rules होते है। जैसे की आप को गाड़ी हमेशा सड़क की बाॅयी ओर चलाना है। या अगर आप सड़क पार कर रहे है तो Indicator जला लेना है। और अगर कोई चौराहा मिले तो रास्ता साफ होने पर अपने Side से निकल जाना है। ठीक वैसे ही कम्प्यूटर नेटवर्क में डेटा को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से Transfer करने के लिये 'Set Of Rules' बनाये गये है। जिन्हे हम प्रोटोकॉल कहते है।

Protocol के लेवल।

प्रोटोकॉल तीन लेवल के होते है।
1- हार्डवेयर लेवल प्रोटोकॉल
2- साफ्टवेयर लेवल प्रोटोकॉल
3- एप्लीकेशन लेवल प्रोटोकॉल

Protocol के प्रकार।

कम्प्यूटर नेटवर्किंग में सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और एप्लीकेशन लेवल के आधार पर बहुत से प्रोटोकॉल होते है। लेकिन उनमें से कुछ महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल इस प्रकार है -

1. HTTP

HTTP का पूरा नाम 'Hyper Text Transfer Protocol' होता है। यह एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है, जो TCP/IP प्रोटोकॉल का उपयोग करता है। इस प्रोटोकॉल का आविष्कार किया 'Tim Berners-Lee' ने 1989 में किया था। जब आप अपने कम्प्यूटर या मोबाइल में ब्राउजर खोलते है, और किसी वेबसाइट पर जाते है, तब आप http:// जरूर देखते हैं। यह प्रोटोकॉल क्लाइंट के ब्राउजर द्वारा भेजे गये Request के आधार पर सर्वर से डेटा (ईमेज, ऑडियो, वीडियो और डॉक्यूमेंट) को वेबपेज के माध्यम से क्लाइंट के ब्राउजर पर दिखाता है। HTTP डिफाल्ट रूप से पोर्ट नम्बर 80 पर काम करता है।

2. HTTPS

HTTPS का पूरा नाम 'Hyper Text Transfer Protocol Secure' होता है। यहां पर Secure का मतलब Security है, HTTPS ही HTTP का Secure वर्जन है। क्योंकि इसमें SSL (Secure Sacket Layer) का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें क्लाइंट के ब्राउजर और सर्वर के बीच डेटा का ट्रान्सफर Encrypted फॉर्म में होता है। ये HTTP की तुलना में थोड़ा Slow काम करता है। क्योंकि इसमें डेटा को सबसे पहले Encrypt किया जाता है, फिर ट्रान्सफर किया जाता हैं। ये डिफॉल्ट रूप से पोर्ट नम्बर 443 पर काम करता है।

3. TCP

TCP का पूरा नाम 'Transmission Control Protocol' होता है। TCP एक Connection Oriented प्रोटोकॉल होता है। इसका मतलब है कि, ये प्रोटोकॉल डेटा ट्रान्सफर करने से पहले कनेक्शन को चेक करता है, कि कनेक्शन Establish हुआ है कि नहीं फिर डेटा ट्रान्सफर करता है। ये प्रोटोकॉल Reliable होता है, और डेटा डिलीवरी की गारन्टी देता है। TCP एक Heavy Weight और Slow प्रोटोकॉल होता है। इस प्रोटोकॉल में डेटा ट्रांसफर करने में टाइम लगता है, लेकिन डेटा का Loss नही होता है।

4. UDP

UDP का पूरा नाम 'User Datagram Protocol' होता है। UDP एक Connection Less प्रोटोकॉल होता है। ये प्रोटोकॉल डेटा ट्रान्सफर करने से पहले कनेक्शन को चेक नहीं करता है। ये प्रोटोकॉल Unreliable होता है, और डेटा डिलीवरी की गारन्टी भी नहीं देता है। UDP एक Light Weight और Fast प्रोटोकॉल होता है। इस प्रोटोकॉल में डेटा ट्रांसफर करने में टाइम नहीं लगता है, लेकिन डेटा का Loss जरूर होता है। जैसे कि- Video Calling और Route Tracing इत्यादि ।

5. FTP

FTP का पूरा नाम 'File Transfer Protocol' होता है। FTP बहुत ही पुराना प्रोटोकॉल है। इस प्रोटोकॉल की सहायता से हम किसी फाइल को इन्टरनेट ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? के माध्यम से एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर पर ट्रान्सफर करते है। FTP पूरी तरह क्लाइंट-सर्वर Archetecture पर कार्य करता है। इस प्रोटोकॉल में SSL/TLS वाला डेटा Encryption इस्तेमाल होता है। जब हम लोग फेसबुक या इंस्टाग्राम जैसी वेबसाइट पर File (Photo, Video) अपलोड करते है, तो उस समय हम लोग FTP का उपयोग कर रहे होते हैं।

6. SMTP

SMTP का पूरा नाम 'Simple Mail Transfer Protocol' होता है। ये प्रोटोकॉल एप्लीकेशन Layer पर कार्य करता है। SMTP के माध्यम से हम इंटरनेट पर एक कम्प्यूटर/मोबाइल से दूसरे कम्प्यूटर/मोबाइल पर Email भेज सकते है या प्राप्त कर सकते है। आजकल बहुत से ऐसे वेब एप्लीकेशन है जिनसे हम Email भेज सकते है। जैसे कि -
1- Gmail
2- Hotmail
3- Yahoo Messenger

7. POP

POP का पूरा नाम 'Post Office Protocol' होता है। यह एक Client-Server प्रोटोकॉल है। POP के सहायता से ही इंटरनेट से प्राप्त Email उपयोगकर्ता के मेल एप्लीकेशन में डाउनलोड हो पाता है। जिससे उपयोगकर्ता उस Email को ऑफलाइन भी पढ़ सकता है। POP के दो संस्करण है।
1- POP2 (पोर्ट नंबर 110 पर कार्य करता है)
2- POP3 (पोर्ट नंबर 995 पर कार्य करता है)
आजकल POP3 ही इस्तेमाल होता है।

इसे भी पढ़ें।

8. ARP

ARP का पूरा नाम 'Address Resolution Protocol' होता है। यह Data Link Layer का प्रोटोकॉल है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है, जिसकी सहायता से किसी IP Address से उस डिवाइस का MAC Address का पता लगाया जाता है। इस प्रोटोकॉल का उपयोग लोकल नेटवर्क में रखे दो अलग-अलग डिवाइस को आपस में Communicate कराने के लिये किया जाता है।

9. Talnet

Telnet का पूरा नाम 'Telecommunication Network' यह एक नेटवर्क प्रोटोकॉल होता है। जो TCP/IP प्रोटोकॉल की सहायता से दूर किसी दूसरे कम्प्यूटर को अपने कम्प्यूटर पर Remotely एक्सेस कर सकते है। Telnet कमांड लाइन इंटरफेस का उपयोग करता है। यह प्रोटोकॉल पोर्ट नंबर 23 का उपयोग करता है।

कुछ अन्य Protocol

1- DHCP (Dynamic Host Configration Protocol)
2- PPTP (Point To Point Tunneling Protocol)
4- SIP (Session Initiation Protocol)
5- RTP (Real-Time Transport Protocol)
6- RDP (Remote Desktop Protocol)
7- SFTP (Secure File Transfer Protocol)
8- RAP (Route Access Protocol)
9- Gopher

Posted By- Pappu Singh

नमस्कार दोस्तो। मेरा नाम Pappu Singh है। मैं गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूँ। मैं इन्जीनियरिंग में कम्प्यूटर साइंस से Graduate हूँ। मुझे छात्रो तथा लोगो के साथ प्रोग्रामिंग, कम्प्यूटर, नेटवर्किंग, साइबर सिक्योरिटी और Science की अदभुत जानकारी Share करने में अच्छा ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? लगता है।

एआरपी 4754: परिभाषा, अनुपालन, उपकरण और प्रमाणन

एआरपी 4754 दिशानिर्देश किसी भी एवियोनिक्स सिस्टम डेवलपर के लिए एक आवश्यक उपकरण है जो अपने उत्पाद की सुरक्षा को प्रमाणित करना चाहता है। यह दस्तावेज़ विकासशील प्रणालियों के लिए दिशानिर्देशों और सिफारिशों का एक व्यापक सेट प्रदान करता है जो नियामक अनुपालन को पूरा करते हैं या उससे अधिक हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको ARP 4754 का अवलोकन देंगे, इसमें क्या शामिल है, और आप अपने उत्पाद को आसानी से प्रमाणित करने के लिए इसकी सिफारिशों का पालन कैसे कर सकते हैं!

एआरपी 4754 क्या है?

ARP4754 दिशानिर्देश प्रथाओं और प्रक्रियाओं का एक समूह है जिसका उपयोग विमान प्रणाली या एवियोनिक्स उपकरण के टुकड़े के विकास के दौरान किया जाना चाहिए। इसे ARP 4754 वर्किंग ग्रुप द्वारा बनाया गया था, जो ARINC संगठन का हिस्सा है। यह दस्तावेज़ महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुरक्षा और प्रदर्शन के लिए सभी नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने वाली प्रणालियों को विकसित करने के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करता है।

अवलोकन:

एआरपी 4754 दिशानिर्देश चार मुख्य वर्गों में बांटा गया है:

  • सिस्टम परिभाषा
  • अनुपालन आश्वासन
  • उपकरण और तकनीक
  • प्रमाणन समर्थन

इनमें से प्रत्येक अनुभाग में विशिष्ट अनुशंसाएं शामिल हैं जिनका सिस्टम डेवलपर्स को पालन करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनका उत्पाद सभी सुरक्षा और प्रदर्शन आवश्यकताओं को पूरा करता है। आइए प्रत्येक अनुभाग पर करीब से नज़र डालें!

सिस्टम परिभाषा : एआरपी 4754 का पहला खंड एक विमान प्रणाली की परिभाषा को शामिल करता है। इसमें सिस्टम ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? के लिए आवश्यकताओं को निर्दिष्ट करना, सिस्टम आर्किटेक्चर को डिजाइन करना और उपयुक्त घटकों का चयन करना शामिल है। इस खंड में यह भी शामिल है कि यह कैसे सत्यापित किया जाए कि सिस्टम सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है।

अनुपालन आश्वासन : एआरपी 4754 के दूसरे खंड में अनुपालन आश्वासन शामिल है। इसमें यह सत्यापित करना शामिल है कि सिस्टम सभी नियामक आवश्यकताओं को पूरा करता है और यह सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण प्रक्रियाओं का विकास करता है कि सिस्टम इच्छित के रूप में कार्य करता है। इस खंड में सिस्टम के लिए प्रमाणन प्राप्त करने के तरीके ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? पर मार्गदर्शन भी शामिल है।

उपकरण और तकनीकें : एआरपी 4754 के तीसरे खंड में उपकरण और तकनीक शामिल हैं। इसमें सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट टूल्स को विकसित करने और उनका उपयोग करने के साथ-साथ हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर परीक्षण कैसे करें, इस पर मार्गदर्शन शामिल है।

प्रमाणन समर्थन : एआरपी 4754 का चौथा खंड प्रमाणन समर्थन को कवर करता है। इसमें FAA या EASA जैसे अधिकारियों से सिस्टम के लिए प्रमाणन प्राप्त करने के तरीके के बारे में जानकारी शामिल है।

एआरपी 4754 क्या कवर करता है?

ARP4754 दिशानिर्देश विकासशील विमान प्रणालियों से संबंधित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करता है। इसमें डिजाइन, विकास, सत्यापन और सत्यापन गतिविधियों के लिए आवश्यकताएं शामिल हैं। इस दस्तावेज़ का लक्ष्य डेवलपर्स को पालन करने के लिए एक ढांचा प्रदान करना है ताकि वे सुरक्षित और आज्ञाकारी उत्पाद बना सकें।

आज, विमान प्रणाली डिजाइन विधियों को विमान घटकों और उन्हें लागू करने वाली प्रणालियों के बीच उच्च स्तर के एकीकरण की आवश्यकता होती है। हालांकि इन प्रणालियों को एकीकृत करने से महत्वपूर्ण लाभ मिलता है, अब त्रुटि के लिए अधिक अवसर हैं, खासकर जब कार्य कई प्रणालियों में एक साथ किए जाते हैं। इस एकीकरण आवश्यकता का जवाब देने के लिए, ARP-4754 दिशानिर्देश स्थापित किया गया है:

  • एसएई एआरपी-4754 उन मानदंडों में से एक है जिसे पूरी उड़ान योग्यता प्रक्रिया के दौरान व्यापक रूप से उपयोग किए जाने के लिए अत्यधिक एकीकृत या परिष्कृत विमान प्रणालियों के लिए पूरा किया जाना चाहिए।
  • ARP-4754 एक ऐसा संसाधन है जो बड़े पैमाने पर जटिल इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों के लिए तैयार किया गया था। यह विमान और संबंधित उपकरणों को डिजाइन करने के लिए सिद्धांत प्रदान करता है।
  • यह सिस्टम आवश्यकताओं, सत्यापन, डिजाइन और सत्यापन सहित विमान प्रमाणन के सिस्टम इंजीनियरिंग पहलुओं को संबोधित करता है।
  • ETSI ARP-4754 मानक, जिसे DO-178 और DO-254 के साथ-साथ सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर प्रमाणन के लिए निर्धारित उद्देश्यों का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, निर्दिष्ट करता है कि मॉडलिंग और सिमुलेशन द्वारा आवश्यकताओं को कैसे कैप्चर, प्रोटोटाइप और सत्यापन सहायता प्रदान की जा सकती है।

मैं एआरपी 4754 सिफारिशों का पालन कैसे कर सकता हूं?

यदि आप ARP4754 दिशानिर्देश का पालन करना चाहते हैं तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, दस्तावेज़ में निर्धारित सभी आवश्यकताओं को समझना महत्वपूर्ण है। दूसरा, आपको एक ऐसी विकास योजना बनानी चाहिए जो यह बताए कि आप उन आवश्यकताओं को कैसे पूरा करेंगे। अंत में, आपको अपने उत्पाद को बाजार में जारी करने से पहले सत्यापित और मान्य करने के लिए एक प्रक्रिया स्थापित करनी चाहिए।

ARP4754 दिशानिर्देश का पालन करने से आपको एक सुरक्षित और आज्ञाकारी उत्पाद बनाने में मदद मिल सकती है। दस्तावेज़ की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें, एक विकास योजना बनाएं, और सत्यापन और सत्यापन के लिए एक प्रक्रिया स्थापित करें। इन चीजों को करके, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका उत्पाद सभी नियामक आवश्यकताओं को पूरा करता है। ARP4754 किसी भी एवियोनिक्स सिस्टम डेवलपर के लिए एक आवश्यक उपकरण है जो अपने उत्पाद की सुरक्षा को प्रमाणित करना चाहता है।

ARP-4754 के लिए पूर्वापेक्षाएँ:

दिशानिर्देश के मानदंडों के अनुसार, पहले ARP4754 आवेदकों को एक व्यापक विमान और सिस्टम नियोजन चरण से गुजरना होगा। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि वे विकासशील विमानों और विमान प्रणालियों में सभी आवश्यक चरणों का पालन करते हैं। प्रत्येक चरण की अपनी प्रक्रियाएं होती हैं और इसके लिए विभिन्न प्रकार की जानकारी और दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता होती है।

ARP4754 द्वारा उल्लिखित विमान प्रणाली के विकास के लिए पाँच चरण हैं:

  1. विमान समारोह विकास
  2. सिस्टम को विमान कार्यों का आवंटन
  3. सिस्टम आर्किटेक्चर का विकास
  4. मदों के लिए सिस्टम आवश्यकताओं का आवंटन
  5. प्रणाली लागू करना

विज़र कैसे मदद करता है?

एआरपी 4754 एक दस्तावेज है जो एयरोस्पेस उत्पादों के विकास के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है। इसमें डिजाइन, उत्पादन और सत्यापन जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है। इस दस्तावेज़ का रखरखाव विज़र द्वारा किया जाता है, जो एयरोस्पेस रिक्वायरमेंट्स मैनेजमेंट की दुनिया में एक अग्रणी प्लेटफॉर्म है। यदि आप एक एएलएम प्लेटफॉर्म की तलाश में हैं जो एआरपी 4754 दिशानिर्देशों का पालन करता है, तो विजर आपके लिए सही विकल्प है। नि:शुल्क 30-दिवसीय परीक्षण का अनुरोध करें Visure आवश्यकताएँ ALM प्लेटफ़ॉर्म यह देखने के लिए कि हमारा सॉफ़्टवेयर आपकी आवश्यकताओं की प्रबंधन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में आपकी सहायता कैसे कर सकता है।

ARP क्या है और यह कैसे काम करता है?

कुक काउंटी प्रॉमिस गारंटेड इनकम पायलट, 24 महीनों के लिए 3,250 कुक काउंटी निवासियों को बिना किसी शर्त के $500 मासिक नकद भुगतान करेगा।

इस पैसे का इस्तेमाल किसलिए किया जा सकता है?

प्रतिभागी कानून की सीमा के अंदर रहकर इस पैसे खर्च करने के लिए स्वतंत्र हैं, जैसा भी वे अपनी ज़रूरतों को पूरा करना सही समझते हैं।

मैं इस पायलट के लिए कब आवेदन कर सकता हूं?

आवेदन 6 अक्टूबर, 2022 से शुरू होंगे। आवेदन करने के लिए लिंक इस वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा।

मैं इससे अप-टू-डेट कैसे रह सकता हूं और जब आवेदन शुरू होने वाले होंगे इससे जुडी सूचनाएं कैसे प्राप्त कर सकता हूं?

हमारी ई-मेल सूची के लिए साइन अप करें और जब आवेदन शुरू होने वाले हों तो पायलट से जुड़ी जानकारी और
नोटिफ़िकेशन पाएं।

पायलट की गारंटेड इनकम का भुगतान कब शुरू होगा?

हमारा अनुमान है कि भुगतान 2022 में सर्दियों में शुरू हो जाएगा।

प्रॉमिस गारंटेड इनकम पायलट (Promise Guaranteed Income Pilot) के लिए कौन पात्र हैं?

कुक काउंटी के सभी निवासियों में से लगभग 36% निवासी आवेदन करने के पात्र हैं। आप आवेदन करने के लिए पात्र हैं यदि:

आपकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है;

आप कुक काउंटी के निवासी हैं;

आपके परिवार की कुल आय संघीय गरीबी स्तर के 250% पर या उससे कम हो; और

न तो आप और न ही आपके परिवार के किसी अन्य सदस्य को किसी अन्य गारंटेड इनकम पायलट से फ़ंड प्राप्त हो रहा है। इसमें शिकागो शहर का रेज़िलिएंट कम्युनिटीज़पायलट (City of Chicago’s Resilient Communities pilot) भी शामिल है।

नोट: कुक काउंटी के निर्वाचित अधिकारी और कर्मचारी (और उनके परिवार के सदस्य) पायलट में हिस्सा लेने के लिए पात्र
नहीं हैं।

हिस्सा लेने के लिए परिवारों को कैसे चुना किया जाएगा?

हम अनुमान लगाते हैं कि हमारी सेवा करने में सक्षम होने की तुलना में कई और निवासी होंगे जो आवेदन करेंगे। ऑनलाइन आवेदन सबमिट करने के बाद, पात्रता के मानदंडों को पूराकरने वाले आवेदकों को लॉटरी में शामिल किया जाएगा। एक परिवार से सिर्फ़ एक आवेदन स्वीकार किया जाएगा।

आवेदन करने के लिए मुझे क्या-क्या विवरण देना होगा?

आवेदन के दौरान, आवेदकों को एक ईमेल पता या एक मोबाइल फ़ोन नंबर देने के लिए कहा जाएगा ताकि आवेदक को आवेदन से जुड़ी जानकारी मिलती रहे। आवेदकों को सरकारद्वारा जारी फ़ोटो ID या सेल्फ़ी (स्वयं की एक तस्वीर जिसमें स्पष्ट रूप से आपका चेहरा दिखाई दे) अपलोड करने के लिए कहा जाएगा। बाद में किसी तारीख को, आवेदकों को उनकीपहचान, निवास पता और कुल पारिवारिक आय को सत्यापित करने वाले दस्तावेज़ प्रदान करने के लिए कहा जा सकता है।

आवेदन करने के लिए मुझे किस तकनीक की ज़रूरत होगी?

कंप्यूटर, टैबलेट या स्मार्टफ़ोन से आवेदन पूरा करना होगा। आवेदन करने के लिए आपको इंटरनेट (या एक मोबाइल फ़ोन कनेक्शन), एक ईमेल पता और एक डिजिटल डिवाइस काइस्तेमाल करना होगा। आपको फ़ोटो और दस्तावेज़ भी अपलोड करना होगा। यदि आपके पास ऊपर सूचीबद्ध उपकरणों में से कोई एक भी उपलब्ध नहीं है, तो कृपया नीचे दिए गएप्रश्न का संदर्भ लें।

मुझे मेरा आवेदन भरने में सहायता कैसे मिल सकती है?

ऐसे व्यक्ति जो आवेदन को पूरा करने में सहायता चाहते हैं, या उन्हें कंप्यूटर, टैबलेट, या स्मार्टफ़ोन की आवश्यकता है, वे पूरे काउंटी की लोकेशनों में एप्लिकेशन विंडो आवेदन के दौरानव्यक्तिगत और वर्चुअल सहायता प्राप्त कर सकेंगे। जिन लोकेशनों पर सहायता उपलब्ध कराई जाती है, वे ऊपर दी गई हैं।

कुल पारिवारिक आय का क्या मतलब है?

आपकी वार्षिक पारिवारिक आय में किसी भी नौकरी से अर्जित धन, नकद लाभ (सामाजिक सुरक्षा, विकलांगता, सेवानिवृत्ति, पेंशन, बेरोजगारी सहित) और उपहार आदि से मिला टैक्समुक्त सभी धन शामिल हैं। यदि आपकी कोई पारिवारिक आय नहीं है, तो आप इसकी जानकारी आदेवन में दे सकते हैं।

क्या मेरे परिवार में एक से ज़्यादा लोग आवेदन कर सकते हैं?

प्रॉमिस गारंटेड इनकम पायलट में प्रति परिवार केवल एक व्यक्ति भाग ले सकता है।

क्या मैं अपनी आप्रवास स्थिति की साझा किए बिना आवेदन कर सकता हूं?

हां, यह पायलट सभी कुक ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? काउंटी परिवारों के लिए उपलब्ध है, चाहे आपकी आप्रवास की स्थिति कुछ भी हो। आपको आवेदन में आपकी नागरिकता या आप्रवास स्थिति सत्यापितकरने के लिए नहीं कहा जाएगा।

क्या इससे मेरे मौजूदा सार्वजनिक लाभों या योग्यता पर प्रभावित पड़ेगा?

आवेदन सबमिट करने से आपके मौजूदा सार्वजनिक लाभों पर ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यदि चुना गया, तो आपका परिवार आपको मिलने वाले सार्वजनिक लाभों पर किसी भी संभावितप्रभाव की समीक्षा करने के लिए, प्रोग्राम एडमिनिस्ट्रेटर, GiveDirectly के साथ काम करेगा। एक बार जब आपको आपके लाभों के किसी भी प्रभाव का पता चल जाता है, तो आपचाहें तो नामांकन कर सकते हैं। नामांकन करने से अधिकांश सार्वजनिक लाभों पर प्रभाव नहीं पड़ता है।

Protocol क्या है? इसके प्रकार, उपयोग और फायदे? Meaning of Protocol in Hindi

यदि आप जानना चाहते हैं की computer network में protocol क्या होता है? (What is Protocol in Hindi), यह कितने प्रकार के होते हैं, इसका क्या मतलब है (meaning of protocol in Hindi) इसके क्या उपयोग और क्या फायदे हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं इस article को पढने के बाद आप नेटवर्क प्रोटोकॉल को अच्छी तरह से समझ पायेंगे।

प्रोटोकॉल शब्द का मतलब है “नियमों का समूह” जिस प्रकार से किसी भी सिस्टम को सही ढंग से चलाने के लिए कुछ नियम बनाये जाते हैं ठीक वैसे ही डिजिटल कम्युनिकेशन यानी नेटवर्क के जरिये डाटा के आदान-प्रदान के लिए भी कुछ नियम बनाये गये हैं जिसे ही प्रोटोकॉल कहा जाता है।

Protocol क्या है? (What is Protocol in Hindi?)

protocol kya hai?

चलिए protocol की meaning को थोड़ा विस्तार से हिंदी में समझते हैं। कंप्यूटर नेटवर्क में सूचनाओं के सही तरीके से आदान-प्रदान के लिए कुछ नियम बनाये गये हैं इन नियमों के समूह को प्रोटोकॉल कहा जाता है।

किसी नेटवर्क से जुड़े डिवाइस आपस में कैसे communicate ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? करेंगे, उनके बीच डाटा किस format में और किस तरह से ट्रान्सफर होगा और डाटा receive होने के बाद क्या होगा यह protocol द्वारा ही निर्धारित होता है।

यह ठीक यातायात नियमों की तरह ही है, जिस प्रकार से रोड के माध्यम से एक स्थान से दुसरे स्थान जाने के लिए हमें ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करना पड़ता है ठीक उसी तरह किसी नेटवर्क में डाटा के सुरक्षित ट्रान्सफर के लिए नियम बनाये गये हैं जिसे network protocol के नाम से जाना जाता है।

बिना प्रोटोकॉल के कोई भी कंप्यूटर नेटवर्क ठीक तरह से काम नही कर सकता यहाँ तक की इसके बिना इंटरनेट की कल्पना भी नही की जा सकती।

आपने अपने ब्राउज़र के address bar में किसी भी URL से पहले http:// या https:// जरुर लिखा हुआ देखा होगा, दरअसल यह भी एक प्रकार का नेटवर्क प्रोटोकॉल है जो की सर्वर से किसी वेबसाइट या वेबपेज को लाकर आपके कंप्यूटर स्क्रीन परदिखाने में आपकी मदद करता है।

प्रोटोकॉल का क्या उपयोग है? (Use of Internet Protocol in Hindi)

Protocol कई प्रकार के होते हैं और सभी के काम करने का तरीका अलग-अलग होता है इसलिए जरूरत के अनुसार अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रकार के प्रोटोकॉल उपयोग किये जाते हैं।

प्रोटोकॉल के कुछ common uses इस प्रकार हैं:

  • नेटवर्क में दो devices आपस में कैसे जुड़ेंगे इसका निर्धारण करना
  • डाटा ट्रान्सफर का method तय करना
  • डाटा का structure या format निर्धारित करना
  • Transmission की speed तय करना
  • किसी एरर के आने पर उसे मैनेज करना

प्रोटोकॉल के प्रकार (Types of Protocol in Hindi)

कंप्यूटर नेटवर्किंग के लिए सॉफ्टवेर तथा हार्डवेयर लेवल पर कई प्रकार के प्रोटोकॉल उपयोग किये जाते हैं जिनमे से कुछ common network protocols कुछ इस प्रकार से हैं:

TCP (Transmission Control Protocol):

इसका काम इन्टरनेट पर data transfer करने के लिए होता है। यह डाटा को छोटे-छोटे पैकेट्स में विभाजित करके नेटवर्क के जरिये destination तक send कर देता है जहाँ इसे वापस जोड़ लिया जाता है।

IP (Internet Protocol):

आपने IP address के बारे में आपने जरूर सुना होगा यह TCP के साथ मिलकर काम करता है packets को ट्रान्सफर करने के लिए IP का उपयोग एक तरह से addressing के लिए किया जाता है जिसके जरिये final destination तक data को पहुँचाया जाता है।

HTTP (HyperText Transfer Protocol):

यह client और server के बीच connection स्थापित करता है और world wide web पर document exchange करने के काम आता है। आप अपने browser पर किसी website को इसी प्रोटोकॉल की मदद से access कर पाते हैं। इसके बारे में अधिक जानने के लिए यह पढ़ें: HTTP और HTTPS क्या है? ये कैसे काम करते हैं? दोनों में क्या अंतर है?

FTP (File Transfer Protocol):

इसका use client और FTP server के बीच फाइल ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है। किसी अन्य method के मुकाबले FTP द्वारा तेज़ गति से फाइल ट्रान्सफर किया जा सकता है। एफटीपी के बारे में और अधिक जानकारी के लिए यह पढ़ें: FTP क्या है? यह कैसे काम करता है?

SMTP (Simple Mail Transfer Protocol):

जैसा की नाम से पता चल रहा है इसका उपयोग इन्टरनेट पर ईमेल भेजने और प्राप्त करने के लिए होता है। जब आप अपने डिवाइस से मेल सेंड करते हैं तो वह SMTP के जरिये मेल सर्वर तक पहुँचता है।

Telnet:

किसी एक कंप्यूटर को दूर बैठ कर किसी अन्य कंप्यूटर से संचालित किया जा सकता है इसके लिए remote login की जरुरत होती है और इस प्रकार के connection को establish करने के लिए telenet protocol का उपयोग होता है। Teamviewer software इसका एक अच्छा उदाहरण है।

Ethernet Protocol:

इस प्रोटोकॉल का बहुत ज्यादा उपयोग होता है। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस आदि में LAN connection का उपयोग होता है और इस प्रकार के कनेक्शन के लिए Ethernet का use किया जाता है किसी computer को LAN से connect करने के लिए उसमे Ethernet Network Interface Card (NIC) होना जरूरी होता है।

इसके अलावा और भी कई सारे network protocols हैं जैसे:

  • IMAP (Internet Message Access Protocol)
  • POP (Post Office Protocol)
  • UDP (User Datagram Protocol)
  • MAC (Media Access Control protocol)
  • ARP (Address Resolution Protocol)
  • DNS (Domain Name System protocol)
  • IGMP (Internet Group Management Protocol)
  • SSH (Secure Shell)
  • SSL (Secure Sockets Layer)

प्रोटोकॉल के क्या फायदे हैं? (Advantages of Protocol)

  • अलग-अलग hardware को नेटवर्क से जोड़ना और उनके बीच information share करना और instruction देना काफी मुश्किल काम होता है इसके लिए जरूरी है की sender और receiver दोनों एक ही language में communicate करें और यह काम प्रोटोकॉल द्वारा ही संभव है।
  • इसके international standard की वजह से कई सारे computers को एक साथ जोड़ा जा सकता है और उनके बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में स्थित क्यों न हों।
  • प्रोटोकॉल की वजह से maintenance और installation का काम भी आसान हो जाता है।

प्रोटोकॉल के क्या नुकसान हैं? (Disadvantages of Protocol)

  • जहाँ प्रोटोकॉल का international standard होना फायदेमंद हैं वहीँ इसके standard में कुछ कमियां हों तो यह एक international समस्या भी बन सकता है।
  • Fixed standard होने की वजह से सभी companies और manufacturers को इसे follow करना होता है और इसकी वजह से खुद की कोई नयी technique use करने में परेशानी आ सकती है।

उम्मीद है network protocol के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि आप कोई सवाल पूछना या सुझाव देना चाहते हैं तो नीचे कमेंट के माध्यम से अपनी बात हम तक जरूर पहुंचाएं।

आईपी एड्रेस क्या है | What is an IP Address in Hindi

What is IP Address in Hindi

क्या आप जानना चाहते है, आईपी एड्रेस क्या है (What is IP Address in Hindi), आईपी एड्रेस की हमें आवष्यकता क्यों है, इसकी वर्गीकरण, प्रकार, आईपी एड्रेस कैसे काम करता है और आप कैसे आपकी आईपी एड्रेस की सुरक्षा कर करते है ।

तो चलिए आईपी एड्रेस के बारे में विस्तार से जानते है ।

Table of Contents

आईपी एड्रेस क्या है (What is an IP Address in Hindi) ?

IP का पूरा नाम Internet Protocol है । इंटरनेट पर प्रत्येक मशीन को एक अनूठा पता सौंपा गया है जो इंटरनेट या स्थानीय नेटवर्क पर किसी डिवाइस की पहचान करता है जिसे आईपी एड्रेस (IP Address) कहा जाता है ।

इंटरनेट प्रोटोकॉल, इंटरनेट या लॉकेल नेटवर्क के माध्यम से भेजे गए डेटा के प्रारूप को नियंत्रित करने वाले नियमों का समूह है ।

आईपी एड्रेस या पते 32 बिट नंबर के होते हैं, सामान्य रूप से एक बिदीदार दशमलव संख्या (dotted decimal number) में (four octets) के रूप में व्यक्त किया गया होता है ।

आईपी पते पहचानकर्ता हैं जो नेटवर्क पर उपकरणों के बीच सूचना भेजने की सुविधा प्रदान करता हैं, उनमें स्थान की जानकारी होती है और संचार के लिए उपकरणों को सुलभ बनाती है ।

Example of IP Address: 192.158.1.38

इंटरनेट प्रोटोकॉल का प्राथमिक उदेश्य संचार को नेटवर्क के बीच सक्षम करना है । एक आईपी एड्रेस में 32 बिट आईपी पते होते हैं जिसमें वास्तव में दो भाग होते हैं ।

  • The Network ID (or network address)
  • The Host ID (or host address)

Network ID – यह उस नेटवर्क की पहचान करता है जिस पर एक होस्ट कंप्यूटर पाया जा सकता है ।
Host ID – यह नेटवर्क पर नेटवर्क आईडी द्वारा इंगित किया गया एक विशिष्ट डिवाइस की पहचान करता है ।

आईपी एड्रेस की हमें आवश्यकता क्यों है (Why do we need IP addresses) ?

इंटरनेट को विभिन्न कंप्यूटरों, राउटरों और वेबसाइटों के बीच अंतर करने के लिए एक तरीके की आवश्यकता है । आईपी एड्रेस ऐसा करने का एक तरीका प्रदान करते हैं और इंटरनेट कैसे काम करता है इसका एक अनिवार्य हिस्सा बनाते हैं ।

आईपी एड्रेस वे नंबर हैं जो हमार कंप्यूटर, सर्वर, टेलीफोन, कैमरा और प्रिंटर जैसे उपकरण को एक दूसरे के साथ संवाद करने के लिए सक्षम करते हैं ।

आईपी पते के बिना, हम डेटा को एक दूसरे को ऑनलाईन के माध्यम से नहीं भेज सकते है । कोई स्टीमिंग वीडियो साइट भी नहीं होगी ।

सबसे बूरी बात यह है कि हम ऑनलाइन आइटम ऑर्डर नहीं कर पाएंगे और हमें स्टोर पर जाना होगा उन्हें व्यक्तिगत ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? रूप से खरीदने के लिए ।

आईपी एड्रेस का वर्गीकरण क्या है (Classification of IP Address) ?

  • Public IP Address
  • Private IP Address
  • Static IP Address
  • Dynamic IP Address

आईपी एड्रेस कितने प्रकार होते है (Types of IP Address) ?

आईपी एड्रेस कैसे काम करता है (How does an IP Address works) ?

आईपी एड्रेस कैसे काम करता है इसको समझने से पहले आपको यह समझना आवश्यक है कि बाइनरी नंबरिंग सिस्टम कैसे काम करता है क्योंकि बाइनरी आईपी एड्रेस का आधार है ।

बाइनरी नंबरिंग सिस्टम क्या है (What is Binary Number System) ?

एक साधारण दशमलव संख्या सिस्टम में जिसे अधिकांष लोग उपयोग करते है, उसमें दस अंको 0-9 तक के संख्या का उपयोग करते है ।

बइनरी नंबर सिस्टमे में, आपके पास दस अंको के बजाय केवल दो अंक 0 और 1 होते है, जिनका आप उपयोग कर सकते हैं ।

इसलिए बइनरी नंबर कुछ इस तराह 110011, 101111 और 100001 ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? जैसे दिखते हैं ।

आईपी एड्रेस के प्रक्रिया हमें दिखाई नहीं देता है, लेकिन यह कुछ इस तरह काम करता है :-

अपने आईपी एड्रेस का पता कैसे लगांए (How do locate your IP address) ?

यदि आपका कंप्यूटर आपके लॉकेल नेटवर्क और इंटरनेट दोनों से जुड़ा है, तो उसके पास दो आईपी पते होंगे । आपके पास स्थानीय रूप से एक निजी आईपी पता और इंटरनेट पर एक सार्वजनिक आईपी एड्रेस होगा ।

आईपी एड्रेस की सुरक्षा कैसे करते है (How to protect an IP Address) ?

मैक और आईपी एड्रेस के बीच क्या अंतर है (Difference between MAC and IP addresses) ?

MAC AddressIP Address
MAC एड्रेस यह सुनिश्चित करता है कि कंप्यूटर का फेजिकल एड्रेस यूनीक है ।आईपी एड्रेस कंप्यूटर का एक लॉजिकल एड्रेस है और इसका उपयोग नेटवर्क के माध्यम से जुड़े कंप्यूटर का यूनीक रूप से पता लगाने के लिए किया जाता है ।
ARP प्रोटोकॉल का उपयोग करके मैक एड्रेस को पुनः प्राप्त किया जा सकता है ।RARP प्रोटोकॉल का उपयोग करके आईपी एड्रेस को पुनः प्राप्त किया जा सकता है ।
MAC एड्रेस डेटा लिंक लेयर में काम करता है ।आईपी एड्रेस नेटवर्क लेयर में काम करता है ।
MAC एड्रेस केवल डिवाइस की पहचान करने में मदद करता है ।आईपी एड्रेस नेटवर्क पर डिवाइस के कनेक्शन की पहचान करता है ।
MAC एड्रेस हार्डवेयर ओरिएंटेड है ।आईपी एड्रेस सॉफटवेयर ओरिएंटेड है ।

निर्ष्कष – Conclusion

मुझे आशा है इस पोस्ट से आपने आईपी एड्रेस के बारे में अच्छे से हिन्दी में जानकारी प्राप्त कर लिया है ।

अगर फिर भी आईपी एड्रेस को लेकर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमें टिप्पणी अनुभाग के जरीए पुछ सकते है ।

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