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उपलब्ध बाजार

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बाजार में उपलब्ध गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, तिलहन और दलहन के बीजों को एकत्र कीजिए। उन्हें कक्षा में लाइए और पता लगाइए कि वे किस प्रकार की मृदा में उगते हैं? - Social Science (सामाजिक विज्ञान)

बाजार में उपलब्ध गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, तिलहन और दलहन के बीजों को एकत्र कीजिए। उन्हें कक्षा में लाइए और पता लगाइए कि वे किस प्रकार की मृदा में उगते हैं?

बिहार के मखाना को वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने के शुरू हुए प्रयास

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कृषि विभाग द्वारा पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय मखाना महोत्सव का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन कृषि मंत्री सर्वजीत कुमार ने किया. मौके पर कृषि विभाग के कई अधिकारी भी मौजूद रहे. महोत्सव में बिहार सहित कई राज्यों के लोग जो मखाना के उत्पादन से जुड़े हुए हैं पहुंचे थे. मखाना से बने विभिन्न तरह के उत्पाद भी इस महोत्सव में देखने को मिला. बिहार के मखाना को उपलब्ध बाजार वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने (Production of Makhana in Bihar) के लेकर प्रयास किए जा रहे हैं.

पटना: बिहार के मखाना को अब वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने (Global market for Bihar Makhana) के लेकर प्रयास किए जाने लगे हैं. इसी उद्देश्य को लेकर पटना में मखाना महोत्सव सह राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें मखाना से जुड़ी कंपनी और क्रेता और विक्रेता हिस्सा ले रहे हैं. बिहार दुनिया में मखाना का शीर्ष उत्पादक है. देश में उत्पादित होने वाले मखाना का लगभग 90 प्रतिशत उत्पादन बिहार में होता है.

मिथिलांचल की पहचानः पटना में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन मंगलवार को कृषि मंत्री सर्वजीत कुमार ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया. सम्मेलन में दिल्ली, गुजरात, उपलब्ध बाजार पश्चिम बंगाल सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से निर्यातक सहित बिहार के उत्पादक भाग ले रहे हैं. इस सम्मेलन में भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) सहित कई संस्थानों और निजी कंपनियों के स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें लोग मखाना से बने विभिन्न खाद्य पदार्थों को देख पा रहे हैं. बता दें कि बिहार के मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, सीतामढ़ी, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज मखाने की खेती के लिए विख्यात हैं. मिथिलांचल की पहचान कदम कदम पर पोखर (तालाब), मछली और मखाना के लिए दुनिया में जाना जाता है.

''वर्तमान में 35 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में मखाना का उत्पादन हो रहा है. पॉप मखाना का उत्पादन वर्ष 2012-13 में 9,360 टन था, जो बढ़कर वर्तमान समय में लगभग 23.50 हजार टन हो गया है. उल्लेखनीय है कि बिहार के आठ जिलों कटिहार, दरभंगा, सुपौल, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा, अररिया और पश्चिमी चंपारण में किसानों को मखाना की खेती के लिए 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. विशिष्ट पहचान के लिए मिथिला मखाना नाम से जीआई टैग मिला है.'' - सर्वजीत कुमार, कृषि मंत्री

मखाना का निर्यातः स्टॉल लगाने पहुंचे पीएलयू प्राइवेट लिमिटेड, दरभंगा के सीईओ राजीव रंजन कहते हैं कि भारत से मखाना जिन देशों में निर्यात किया जाता है, उसमें अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा सबसे आगे है. भारत से सालाना 100 टन मखाना ही निर्यात किया जाता है. सुनने में आपको ये मात्रा काफी कम लग रही होगी, लेकिन मखाना बहुत हल्का होता है इसलिए संख्या कम भारी नहीं है. उन्होंने बताया कि उपलब्ध बाजार भारत में हर साल 50-60 हजार टन मखाने के बीज की पैदावार होती है, जिससे 20-25 हजार टन मखाने का लावा निकलता है.

मखाना हेल्दी स्नैक्सः मखाना प्राकृतिक, शुद्ध आहार माना जाता है, जो व्रत में और ऐसे भी (बिना व्रत वाले दिन भी) हेल्दी स्नैक्स की तरह भारत के घरों में इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने दावा किया उपलब्ध बाजार कि सेहत के लिए फायदेमंद होने की वजह से इसका व्यापार साल दर साल दुनिया में बढ़ता ही जा रहा है. इधर, कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत कहते हैं कि बिहार के मखाना की ब्रांडिंग के लिए भारत के सभी एयरपोर्ट पर मखाना बेचने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक समूहों को निर्यात के लिए लाइसेंस भी दिया जा रहा है.

आफताब ने जेल में की नॉवेल पढ़ने की फरमाइश. अध‍िकारियों ने उपलब्‍ध कराई यह किताब

आफताब अमीन पूनावाला त‍िहाड़ जेल में नॉवेल और क‍िताबें पढ़ना चाहता है। इसे लेकर उसने जेल प्रशासन से इसके ल‍िए अनुरोध क‍िया है। इस अनुरोध के बाद आफताब को पॉल थेरॉक्स की पुस्तक ‘द ग्रेट रेलवे बाजार’ उपलब्ध कराई गई है। आफताब पर अपनी ‘लिव-इन-पार्टनर’ श्रद्धा की हत्या का आरोप है।

जेल उपलब्ध बाजार अधिकारी ने बताया, ‘हम प्रोटोकॉल के अनुसार कैदी का ध्यान रख रहे हैं। उसने अंग्रेजी के उपन्यास और अन्य पुस्तकें उपलब्ध कराने का उपलब्ध बाजार आग्रह किया है। उसने कहा कि वह साहित्यिक गतिविधियों में शामिल रहना चाहता है।’

उन्होंने कहा, ‘फिलहाल, हमने उसे ‘पॉल थेरॉक्स की ‘द ग्रेट रेलवे बाजार’ उपलब्ध कराई है। यह हमारे पुस्तकालय से दी गई है। उसे बाद में और पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी।’

पूनावाला को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। वह अभी न्यायिक हिरासत में है।

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शेयर बाजार में जारी रहेगी उपलब्ध बाजार बिकवाली या लौटेगी खरीदारी? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

BSE पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक बाजार में 188 स्टॉक्स ने 52-वीक हाई बनाया, जबकि 28 शेयरों ने साल के सबसे निचले स्तर पर क्लोजिंग दी. हल्की कमजोरी के बावजूद BSE पर कुल कंपनियों का मार्केट कैप 2.84 लाख करोड़ रुपए का पार पहुंच गया.

शेयर बाजार में लगातार दो दिन की तेजी पर बुधवार को ब्रेक लग गया. बाजार के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी हल्की कमजोरी के साथ लाल निशान में बंद हुए. सबसे ज्यादा बिकवाली ऑटो, फार्मा और रिटल्टी सेक्टर के शेयरों उपलब्ध बाजार में दर्ज की गई. निफ्टी के टॉप लूजर्स में पावरग्रिड, हिंडाल्को सबसे आगे रहे, जिनके शेयरों में 4-4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. BSE आंकड़ों के मुताबिक एक्सचेंज पर 1837 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं.

बाजार में लौटी बिकवाली की वजह?

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक एक दिन की छुट्टी के बाद बाजार की शुरुआत पॉजिटिव रही, क्योंकि अमेरिकी बाजारों में मजबूती देखने को मिली. लेकिन ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली के चलते कारोबार के दूसरे हाफ में फिसल गया.

उन्होंने कहा कि बाजार गिरावट की वजह यूरोपियन और एशियन मार्केट में कमजोरी भी रही. साथ ही उपलब्ध बाजार निवेशक अमेरिका में मिड टर्म इलेक्शन को लेकर सतर्क नजर आए. हालांकि, अच्छे नतीजों के चलते निफ्टी बैंक और निफ्टी ऑटो इंडेक्स ने नया हाई बनाया.

मिलेजुले ग्लोबल संकेत का घरेलू बाजार पर

BSE पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक बाजार में 188 स्टॉक्स ने 52-वीक हाई बनाया, जबकि 28 शेयरों ने साल के सबसे निचले स्तर पर क्लोजिंग दी. हल्की कमजोरी के बावजूद BSE पर कुल कंपनियों का मार्केट कैप 2.84 लाख करोड़ रुपए का पार पहुंच गया.

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बाजार में कैसी रखें स्ट्रैटेजी?

रेलिगेयर ब्रोकिंग के रिसर्च VP अजीत मिश्रा के मुताबिक ग्लोबल मार्केट से मिलेजुले संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में निवेशकों स्टॉक स्पेसिफिक नजरिया रखना चाहिए. जबतक की निफ्टी में मोमेंटम वापस ना आ जाए. बता दें कि सोमवार को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने 387 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की. वहीं घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 1060 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की.

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