शेयर बाजार में कोहराम

शेयर बाजार में कोहराम, सेंसेक्स में 1200 अंकों की गिरावट, जानें निफ्टी का हाल
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को इतनी भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है। ग्लोबल मार्केट में आई भारी गिरावट से घरेलू शेयर बाजार में कोहराम मच गया है। सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी भारी गिरावट पर खुले। इस दौरान प्रमुख शेयर सूचकांक लगभग दो प्रतिशत तक टूट गए। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती …
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को इतनी भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है। ग्लोबल मार्केट में आई भारी गिरावट से घरेलू शेयर बाजार में कोहराम मच गया है। सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी भारी गिरावट पर खुले। इस दौरान प्रमुख शेयर सूचकांक लगभग दो प्रतिशत तक टूट गए। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1,220.76 अंक गिरकर 57,613.11 पर आ गया। इसके सभी 30 शेयर लाल निशान में थे। एनएसई निफ्टी 355 अंक गिरकर 17,203.90 पर था। दोनों सूचकांक दो फीसदी से अधिक गिरे।
इस दौरान टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा स्टील और पावर ग्रिड गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। अन्य एशियाई बाजारों में सोल, तोक्यो, शंघाई और हांगकांग भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।
शुक्रवार को सेंसेक्स 59.15 अंक या 0.10 फीसदी चढ़कर 58,833.87 पर, जबकि निफ्टी 36.45 अंक या 0.21 प्रतिशत बढ़कर 17,558.90 पर बंद हुआ था। इसबीच ब्रेंट क्रूड 0.86 फीसदी चढ़कर 101.9 प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 51.12 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
कैसी हुई बाजार की ओपनिंग
बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स 1,466 अंक यानी 2.49 फीसदी की भारीभरकम गिरावट के साथ 57,367 पर खुला है। एनएसई का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 370 अंक यानी 2.11 फीसदी की तेज गिरावट के साथ 17,188.65 पर खुला है और इस तरह 17200 के भी नीचे फिसल गया है।
सेंसेक्स और निफ्टी का हाल
निफ्टी के 50 में से 50 शेयर गिरावट के लाल निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं। सेंसेक्स के 30 में 30 शेयर गिरावट दिखा रहे हैं और बीएसई के सभी सेक्टर भी लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। बैंक निफ्टी 823 अंकों यानी 2।13 फीसदी टूटकर 38154 के लेवल पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी आईटी इंडेक्स में तो 4।20 फीसदी की जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है।
इस सप्ताह कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल? एक्सपर्ट लगा रहे हैं ये अनुमान
वैश्विक बाजार के कोहराम के दबाव में बीते सप्ताह 1.26 प्रतिशत तक गिरे सेंसेक्स और निफ्टी में अगले सप्ताह वैश्विक रुख और रिजर्व बैंक (शेयर बाजार में कोहराम आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा पर निवेशकों की नजर रहेगी।
बेकाबू महंगाई को नियंत्रित करने के लिए दुनिया के कई केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर बढ़ाने से वैश्विक बाजार के कोहराम के दबाव में बीते सप्ताह 1.26 प्रतिशत तक गिरे सेंसेक्स और निफ्टी में अगले सप्ताह वैश्विक रुख और रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा पर निवेशकों की नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 741.87 अंक यानी 1.26 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 59 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 58098.92 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 203.5 अंक टूटकर 17327.35 अंक पर रहा।
2 रुपये के शेयर ने 1 लाख का बनाया 3.85 करोड़ रुपये, निवेशक मालामाल
इसी तरह समीक्षाधीन सप्ताह में मझौली और छोटी कंपनियों में भी बिकवाली होने से बीएसई का मिडकैप 256.8 अंक उतरकर 25271.41 अंक और स्मॉलकैप 386.63 अंक कमजोर होकर 28812.76 अंक पर आ गया। विश्लेषकों के अनुसार, आसमान छू रही महंगाई पर लगाम लगाने के लिए बीते सप्ताह अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन, स्वीट्जरलैंड एवं नॉर्वे के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दर में बढ़ोतरी कर दी है। इससे हतोत्साहित निवेशकों की बिकवाली से शेयर बाजार में कोहराम मच गया। वहीं, दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में तेजी से रुपया अबतक के रिकॉर्ड निचले स्तर 81 रुपये प्रति डॉलर के पार तक लुढ़क गया।
इससे घरेलू शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने जमकर बिकवाली की। बीते सप्ताह एफआईआई बाजार में 4361.77 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं। इसका असर अगले सप्ताह भी बाजार पर जारी रहेगा।
इस परिदृश्य में अगले सप्ताह आरबीआई की होने वाली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने की प्रबल संभावना है। साथ ही अगले सप्ताह सितंबर का मासिक वायदा सौदा निपटान भी होना है। इस परस्थितिि में बाजार में उठापटक रह सकती है। ऐसे में छोटे निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह है।
Stock Market Crashed: शेयर बाजार में कोहराम, सेंसेक्स 1450 अंक से ज्यादा टूटा, जानें गिरावट के बड़े कारण
Stock Market Closed On Red Mark: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1457 अंक फिसलकर 52,847 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 427 अंक की गिरावट लेते हुए 15,774 के स्तर पर बंद हुआ। इस गिरावट के चलते निवेशकों को छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार की शुरुआत खराब रही और दोनों इंडेक्स भारी गिरावट के साथ खुले। जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया यह गिरावट और भी बढ़ती गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1457 अंक फिसलकर 52,847 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 427 अंक की गिरावट लेते हुए 15,774 के स्तर पर बंद हुआ।
निवेशकों को छह लाख करोड़ का नुकसान
इससे पहले बीएसई का सेंसेक्स 1200 अंक टूटकर खुला था, वहीं एनएसई के निफ्टी सूचकांक ने 16,000 के स्तर के नीचे कारोबार शुरू किया था। दिन के कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1700 अंक तक टूट गया था। सोमवार को आई गिरावट के कारण एक झटके में निवेशकों के छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए। इससे पहले बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ खुलकर अंत में जोरदार गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुआ था। बीएसई का सेंसेक्स 1017 अंक फिसलकर 54,303 के स्तर पर बंद हुआ शेयर बाजार में कोहराम था, जबकि एनएसई का निफ्टी 276 अंक की कमी के साथ 16,202 के स्तर पर बंद हुआ था।
आरबीएल के शेयर 23 फीसदी टूटे
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा आरबीएल बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में आर सुब्रमण्यकुमार की नियुक्ति को मंजूरी देने के बाद सोमवार के इंट्रा-डे ट्रेड में बैंक के शेयर की कीमत 87.60 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर इसकी कीमत लगभग 23 प्रतिशत गिर गई।
बाजार में गिरावट के बड़े कारण
1- अमेरिका में महंगाई दर
मई में अमेरिका में महंगाई दर में एक बार फिर इजाफा होने का असर अमेरिकी शेयर बाजारों के साथ-साथ भारतीय बाजार पर भी बढ़ा है। यहां महंगाई दर दिसंबर 1981 के बाद से सबसे तेज गति से बढ़ी है। मुद्रास्फीति दर में इस बढ़ोतरी के बार फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में एक और वृद्धि की संभावना भी बढ़ गई है और इसका असर निवेशकों की धारणाओं पर पड़ा है।
2- अमेरिकी वायदा करोबार में कमजोर
सोमवार की सुबह एस एंड पी 500 जून वायदा 47.75 अंक या 1.22 प्रतिशत गिरकर 3,851.25 पर आ गया। बीते शुक्रवार को यह पिछले नौवें सप्ताह में 2.9 प्रतिशत गिर गया था। डाऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज शुक्रवार को 2.7 प्रतिशत गिर गया था, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 3.5 प्रतिशत गिर गया था। अमेरिकी शेयरों में कमजोरी का असर घरेलू धारणा पर पड़ा है।
3- डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट
भारतीय मुद्रा रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार गिरती जा रही है। सोमवार को पहली बार रुपया 28 पैसे टूटकर 78 के स्तर को पार कर गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 78.20 पर खुला और इसमें गिरावट बढ़ती गई और जल्द ही यह 78.29 के स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा घरेलू महंगाई का दबाव भी शेयर बाजार पर नजर आ रहा है।
4- चीन में फिर कोरोना की मार
चीन में कोरोना के मामले बढ़ने का असर भी बाजारों पर दिखाई दिया है। बता दें कि बीजिंग के सबसे अधिक आबादी वाले जिले चाओयांग में कोरोना के मामले एकाएक बड़ी संख्या शेयर बाजार में कोहराम में बढ़े हैं और लॉकडाउन जैसी स्थिति फिर से पैदा हो गई है। कोरोना की एक और मार ने विकास की चिंताओं को बढ़ा दिया है, जिसका असर बाजारों पर पड़ रहा है।
विस्तार
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार की शुरुआत खराब रही और दोनों इंडेक्स भारी गिरावट के साथ खुले। जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया यह गिरावट और भी बढ़ती गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1457 अंक फिसलकर 52,847 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 427 अंक की गिरावट लेते हुए 15,774 के स्तर पर बंद हुआ।
निवेशकों को छह लाख करोड़ का नुकसान
इससे पहले बीएसई का सेंसेक्स 1200 अंक टूटकर खुला था, वहीं एनएसई के निफ्टी सूचकांक ने 16,000 के स्तर के नीचे कारोबार शुरू किया था। दिन के कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1700 अंक तक टूट गया था। सोमवार को आई गिरावट के कारण एक झटके में निवेशकों के छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए। इससे पहले बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ खुलकर अंत में जोरदार गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुआ था। बीएसई का सेंसेक्स 1017 अंक फिसलकर 54,303 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि एनएसई का निफ्टी 276 अंक की कमी के साथ 16,202 के स्तर पर बंद हुआ था।
आरबीएल के शेयर 23 फीसदी टूटे
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा आरबीएल बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में आर सुब्रमण्यकुमार की नियुक्ति को मंजूरी देने के बाद सोमवार के इंट्रा-डे ट्रेड में बैंक के शेयर की कीमत 87.60 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर इसकी कीमत लगभग 23 प्रतिशत गिर गई।
बाजार में गिरावट के बड़े कारण
1- अमेरिका में महंगाई दर
मई में अमेरिका में महंगाई दर में एक बार फिर इजाफा होने का असर अमेरिकी शेयर बाजारों के साथ-साथ भारतीय बाजार पर भी बढ़ा है। यहां महंगाई दर दिसंबर 1981 के बाद से सबसे तेज गति से बढ़ी है। मुद्रास्फीति दर में इस बढ़ोतरी के बार फेडरल रिजर्व की ओर से शेयर बाजार में कोहराम ब्याज दरों में एक और वृद्धि की संभावना भी बढ़ गई है और इसका असर निवेशकों की धारणाओं पर पड़ा है।
2- अमेरिकी वायदा करोबार में कमजोर
सोमवार की सुबह एस एंड पी 500 जून वायदा 47.75 अंक या 1.22 प्रतिशत गिरकर 3,851.25 पर आ गया। बीते शुक्रवार को यह पिछले नौवें सप्ताह में 2.9 प्रतिशत गिर गया था। डाऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज शुक्रवार को 2.7 प्रतिशत गिर गया था, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 3.5 प्रतिशत गिर गया था। अमेरिकी शेयरों में कमजोरी का असर घरेलू धारणा पर पड़ा है।
3- डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट
भारतीय मुद्रा रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार गिरती जा रही है। सोमवार को पहली बार रुपया 28 पैसे टूटकर 78 के स्तर को पार कर गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 78.20 पर खुला और इसमें गिरावट बढ़ती गई और जल्द ही यह 78.29 के स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा घरेलू महंगाई का शेयर बाजार में कोहराम दबाव भी शेयर बाजार पर नजर आ रहा है।
4- चीन में फिर कोरोना की मार
चीन में कोरोना के मामले बढ़ने का असर भी बाजारों पर दिखाई दिया है। बता दें कि बीजिंग के सबसे अधिक आबादी वाले जिले चाओयांग में कोरोना के मामले एकाएक बड़ी संख्या में बढ़े हैं और लॉकडाउन जैसी स्थिति फिर से पैदा हो गई है। कोरोना की एक और मार ने विकास की चिंताओं को बढ़ा दिया है, जिसका असर बाजारों पर पड़ रहा है।
Stock Market Crashed: शेयर बाजार में कोहराम, सेंसेक्स 1450 अंक से ज्यादा टूटा, जानें शेयर बाजार में कोहराम गिरावट के बड़े कारण
Stock Market Closed On Red Mark: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1457 अंक फिसलकर 52,847 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 427 अंक की गिरावट लेते हुए 15,774 के स्तर पर बंद हुआ। इस गिरावट के चलते निवेशकों को छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार की शुरुआत खराब रही और दोनों इंडेक्स भारी गिरावट के साथ खुले। जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया यह गिरावट और भी बढ़ती गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1457 अंक फिसलकर 52,847 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 427 अंक की गिरावट लेते हुए 15,774 के शेयर बाजार में कोहराम स्तर पर बंद हुआ।
निवेशकों को छह लाख करोड़ का नुकसान
इससे पहले बीएसई का सेंसेक्स 1200 अंक टूटकर खुला था, वहीं एनएसई के निफ्टी सूचकांक ने 16,000 के स्तर के नीचे कारोबार शुरू किया था। दिन के कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1700 अंक तक टूट गया था। सोमवार को आई गिरावट के कारण एक झटके में निवेशकों के छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए। इससे पहले बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ खुलकर अंत में जोरदार गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुआ था। बीएसई का सेंसेक्स 1017 अंक फिसलकर 54,303 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि एनएसई का निफ्टी 276 अंक की कमी के साथ 16,202 के स्तर पर बंद हुआ था।
आरबीएल के शेयर 23 फीसदी टूटे
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा आरबीएल बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में आर सुब्रमण्यकुमार की नियुक्ति को मंजूरी देने के शेयर बाजार में कोहराम बाद सोमवार के इंट्रा-डे ट्रेड में बैंक के शेयर की कीमत 87.60 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर इसकी कीमत लगभग 23 प्रतिशत गिर गई।
बाजार में गिरावट के बड़े कारण
1- अमेरिका में महंगाई दर
मई में अमेरिका में महंगाई दर में एक बार फिर इजाफा होने का असर अमेरिकी शेयर बाजारों के साथ-साथ भारतीय बाजार पर भी बढ़ा है। यहां महंगाई दर दिसंबर 1981 के बाद से सबसे तेज गति से बढ़ी है। मुद्रास्फीति दर में इस बढ़ोतरी के बार फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में एक और वृद्धि की संभावना भी बढ़ गई है और इसका असर निवेशकों की धारणाओं पर पड़ा है।
2- अमेरिकी वायदा करोबार में कमजोर
सोमवार की सुबह एस एंड पी 500 जून वायदा 47.75 अंक या 1.22 प्रतिशत गिरकर 3,851.25 पर आ गया। बीते शुक्रवार को यह पिछले नौवें सप्ताह में 2.9 प्रतिशत गिर गया था। डाऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज शुक्रवार को 2.7 प्रतिशत गिर गया था, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 3.5 प्रतिशत गिर गया था। अमेरिकी शेयरों में कमजोरी का असर घरेलू धारणा पर पड़ा है।
3- डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट
भारतीय मुद्रा रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार गिरती जा रही है। सोमवार को पहली बार रुपया 28 पैसे टूटकर 78 के स्तर को पार कर गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 78.20 पर खुला और इसमें गिरावट बढ़ती गई और जल्द ही यह 78.29 के स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा घरेलू महंगाई का दबाव भी शेयर बाजार में कोहराम शेयर बाजार में कोहराम शेयर बाजार पर नजर आ रहा है।
4- चीन में फिर कोरोना की मार
चीन में कोरोना के मामले बढ़ने का असर भी बाजारों पर दिखाई दिया है। बता दें कि बीजिंग के सबसे अधिक आबादी वाले जिले चाओयांग में कोरोना के मामले एकाएक बड़ी संख्या में बढ़े हैं और लॉकडाउन जैसी स्थिति फिर से पैदा हो गई है। कोरोना की एक और मार ने विकास की चिंताओं को बढ़ा दिया है, जिसका असर बाजारों पर पड़ रहा है।
विस्तार
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार की शुरुआत खराब रही और दोनों इंडेक्स भारी गिरावट के साथ खुले। जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया यह गिरावट और भी बढ़ती गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1457 अंक फिसलकर 52,847 के स्तर पर बंद शेयर बाजार में कोहराम हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 427 अंक की गिरावट लेते हुए 15,774 के स्तर पर बंद हुआ।
निवेशकों को छह लाख करोड़ का नुकसान
इससे पहले बीएसई का सेंसेक्स 1200 अंक टूटकर खुला था, वहीं एनएसई के निफ्टी सूचकांक ने 16,000 के स्तर के नीचे कारोबार शुरू किया था। दिन के कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1700 अंक तक टूट गया था। सोमवार को आई गिरावट के कारण एक झटके में निवेशकों के छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए। इससे पहले बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ खुलकर अंत में जोरदार गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुआ था। बीएसई का सेंसेक्स 1017 अंक फिसलकर 54,303 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि एनएसई का निफ्टी 276 अंक की कमी के साथ 16,202 के स्तर पर बंद हुआ था।
आरबीएल के शेयर 23 फीसदी टूटे
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा आरबीएल बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में आर सुब्रमण्यकुमार की नियुक्ति को मंजूरी देने के बाद सोमवार के इंट्रा-डे ट्रेड में बैंक के शेयर की कीमत 87.60 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर इसकी कीमत लगभग 23 प्रतिशत गिर गई।
बाजार में गिरावट के बड़े कारण
1- अमेरिका में महंगाई दर
मई में अमेरिका में महंगाई दर में एक बार फिर इजाफा होने का असर अमेरिकी शेयर बाजारों के साथ-साथ भारतीय बाजार पर भी बढ़ा है। यहां महंगाई दर दिसंबर 1981 के बाद से सबसे तेज गति से बढ़ी है। मुद्रास्फीति दर में इस बढ़ोतरी के बार फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में एक और वृद्धि की संभावना भी बढ़ गई है और इसका असर निवेशकों की धारणाओं पर पड़ा है।
2- अमेरिकी वायदा करोबार में कमजोर
सोमवार की सुबह एस एंड पी 500 जून वायदा 47.75 अंक या 1.22 प्रतिशत गिरकर 3,851.25 पर आ गया। बीते शुक्रवार को यह पिछले नौवें सप्ताह में 2.9 प्रतिशत गिर गया था। डाऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज शुक्रवार को 2.7 प्रतिशत गिर गया था, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 3.5 प्रतिशत गिर गया था। अमेरिकी शेयरों में कमजोरी का असर घरेलू धारणा पर पड़ा है।
3- डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट
भारतीय मुद्रा रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार गिरती जा रही है। सोमवार को पहली बार रुपया 28 पैसे टूटकर 78 के स्तर को पार कर गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 78.20 पर खुला और इसमें गिरावट बढ़ती गई और जल्द ही यह 78.29 के स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा घरेलू महंगाई का दबाव भी शेयर बाजार पर नजर आ रहा है।
4- चीन में फिर कोरोना की मार
चीन में कोरोना के मामले बढ़ने का असर भी बाजारों पर दिखाई दिया है। बता दें कि बीजिंग के सबसे अधिक आबादी वाले जिले चाओयांग में कोरोना के मामले एकाएक बड़ी संख्या में बढ़े हैं और लॉकडाउन जैसी स्थिति फिर से पैदा हो गई है। कोरोना की एक और मार ने विकास की चिंताओं को बढ़ा दिया है, जिसका असर बाजारों पर पड़ रहा है।