स्वैप के उपयोग क्या हैं?

स्वैप स्पेस कहाँ हो सकता है?
लिनक्स में स्वैप स्पेस का उपयोग तब किया जाता है जब फिजिकल मेमोरी ( RAM ) की मात्रा फुल हो जाती है। यदि सिस्टम को अधिक मेमोरी रिसोर्सेज की आवश्यकता होती है और RAM फुल हो जाती है, तो मेमोरी में इनएक्टिव पेज स्वैप स्पेस में चले जाते हैं।
जबकि स्वैप स्पेस कम मात्रा में RAM वाली मशीनों की सहायता कर सकता है, स्वैप स्पेस RAM का रिप्लेसमेंट नहीं होना चाहिए।
आइए एक-एक करके विकल्पों का विश्लेषण करें-
विकल्प 1- जब मेमोरी फुल हो जाती है और प्रोसेस को मेमोरी की आवश्यकता होती है, तो प्रोसेस के इनएक्टिव भागों को डिस्क के स्वैप स्पेस में डाल दिया जाता है। तो, यह सही विकल्प है।
विकल्प 2- यह रैम का रिप्लेसमेंट नहीं है जैसा कि ऊपर बताया गया है।
विकल्प 3- Cache के पास Fast Access Time होता है, इसलिए यह कैश में नहीं रह सकता है। कैश मेमोरी एक्सपेंसिव भी होती है।
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Last updated on Oct 31, 2022
SSC Scientific Assistant IMD CBE Exam Dates Out on 31st October 2022! The CBE will be held from 14th to 16th December 2022. Earlier, the notification for SSC Scientific Assistant IMD Recruitment 2022 was released. The applications were accepted online till 18th October 2022. The selection process includes a Computer Based Examination (CBE). According to the SSC Scientific Assistant IMD Eligibility, candidates with a B.Sc. degree or Diploma in Engineering can apply for this post. The salary of the finally appointed candidates will be in the pay scale of Rs. 9,300 to Rs. 34,800. Also, check out SSC Scientific Assistant IMD Admit Card here.
कैश ट्रांसफर के और भी हैं तरीके
केंद्र सरकार ने भले ही 500 व 1000 के नोट बंद कर दिए हैं, लेकिन कैश ट्रांसफर के लिए लोगों के पास कई आधुनिक तरीके भी हैं। जैसे पेटीएम या ई-वॉलेट से ई-पेमेंट करना या फिर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से स्वैप मशीन के जरिए खरीदारी करना।
समय बदलने के साथ ही अब बाजार में अधिकांश दुकानदार स्वैप मशीन या पेटीएम से कारोबार कर कैश लेस सोसायटी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।केंद्र सरकार का जोर है कि लोग कैश से कम और कैश लेस माध्यम से ज्यादा ट्रांजक्शन करें। इससे न केवल लोगों को सहूलियत होगी बल्कि सरकार भी कालाबाजारी व काले धन के फ्लो पर रोक लगा सकेगी।
नोट बंदी के बाद से जब कैश की कमी हुई तो लोगों ने आधुनिक साधनों का उपयोग करना स्वैप के उपयोग क्या हैं? शुरू कर दिया। पेटीएम, ई-वॉलेट, स्वैप मशीन से खरीदना और आसान है। हालांकि बुजुर्गों को भुगतान के इन तरीकों को अपनाने में दिक्कत पेश आ रही है।
- क्या है पेटीएम और कैसे करें इसका उपयोग
पेटीएम एक मोबाइल एप है। जिसका उपयोग बेहद ही सरल और सुविधाजनक है। सबसे पहले ग्राहक को अपने स्मार्टफोन में पेटीएम एप इंस्टॉल करके उसे आईडी और पासवर्ड डालकर लॉग-इन करना होता है। बैंक अकाउंट और एटीएम कार्ड का उपयोग करके पेटीएम अकाउंट के वॉलेट में रुपये ट्रांसफर करने होते हैं।
वैलेट में रुपये आने के बाद जिस दुकान पर खरीद करनी हो, उस दुकानदार के मोबाइल नंबर पर पेटीएम एप से रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं। एप पर एक बारकोड स्कैन करने का ऑप्शन भी आता है। दुकानदार के पास मौजूद बारकोड को अपने मोबाइल फोन से स्कैन करके भी रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं।
- ई-वॉलेट भी है फायदेमंद
कैश की कमी के दौरान ई-वॉलेट भी आपके लिए संजीवनी साबित हो सकता है। जिस बैंक में आपका खाता है, उस बैंक का मोबाइल एप उपयोग करके आप आसानी से ई-वॉलेट का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा ऑक्सीजन और अन्य कंपनियों स्वैप के उपयोग क्या हैं? का एप इंस्टॉल करके भी पेटीएम की तर्ज पर रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं।
- स्वैप मशीन
अधिकांश व्यापारियों ने बैंकों से स्वैप मशीन ले ली है। इससे उनका कारोबार और आसान हो गया है। अगर ग्राहक के पास डेबिट या क्रेडिट कार्ड है तो सामान खरीदने के बाद वह आसानी से पेमेंट कर सकता है। जितनी की खरीददारी होगी, उतने रुपये उनके एकाउंट से कट जाएंगे। आपको पर्स में स्वैप के उपयोग क्या हैं? कम से कम कैश रखने की जरूरत होगी।
- बोले लोग
- इंटरनेट बैंकिंग के अलावा भी कैश की जरूरत पड़ती है। यूथ अक्सर डेबिट या क्रेडिट कार्ड का ही उपयोग करते हैं।- शिवानी
- कैशलेस ट्रांजेक्शन अच्छा है, लेकिन घर में सभी लोग कैश देकर ही सामान खरीदते हैं। डिजिटल इंडिया बनने में समय लगेगा।- बुलबुल
- समय के साथ-साथ बहुत कुछ बदला है। अब बुजुर्ग लोग कहां से पेटीएम या ई-बैंकिंग करना सीखें। पुराना तरीका ही सही है। -चरनजीत
- ज्यादातर घरेलू महिलाओं को ई-बैंकिंग के बारे में पता नहीं होता। बच्चे ही कार्ड या अन्य तरीकों से खरीदने के लिए भुगतान करते हैं। -रुचि कौशिक
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केंद्र सरकार ने भले ही 500 व 1000 के नोट बंद कर दिए हैं, लेकिन कैश ट्रांसफर के लिए लोगों के पास कई आधुनिक तरीके भी हैं। जैसे पेटीएम या ई-वॉलेट से ई-पेमेंट करना या फिर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से स्वैप मशीन के जरिए खरीदारी करना।
समय बदलने के साथ ही अब बाजार में अधिकांश दुकानदार स्वैप मशीन स्वैप के उपयोग क्या हैं? या पेटीएम से कारोबार कर कैश लेस सोसायटी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।केंद्र सरकार का जोर है कि लोग कैश से कम और कैश लेस माध्यम से ज्यादा ट्रांजक्शन करें। इससे न केवल लोगों को सहूलियत होगी बल्कि सरकार भी कालाबाजारी व काले धन के फ्लो पर रोक लगा सकेगी।
नोट बंदी के बाद से जब कैश की कमी हुई तो लोगों ने आधुनिक साधनों का उपयोग करना शुरू कर दिया। पेटीएम, ई-वॉलेट, स्वैप मशीन से खरीदना और आसान है। हालांकि बुजुर्गों को भुगतान के इन तरीकों को अपनाने में दिक्कत पेश आ रही है।
- क्या है पेटीएम और कैसे करें इसका उपयोग
पेटीएम एक मोबाइल एप है। जिसका उपयोग बेहद ही सरल और सुविधाजनक है। सबसे स्वैप के उपयोग क्या हैं? पहले ग्राहक को अपने स्मार्टफोन में पेटीएम एप इंस्टॉल करके उसे आईडी और पासवर्ड डालकर लॉग-इन करना होता है। बैंक अकाउंट और एटीएम कार्ड का उपयोग करके पेटीएम अकाउंट के वॉलेट में रुपये ट्रांसफर करने होते हैं।
वैलेट में रुपये आने के बाद जिस दुकान पर खरीद करनी हो, उस दुकानदार के मोबाइल नंबर पर पेटीएम एप से रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं। एप पर एक बारकोड स्कैन करने का ऑप्शन भी आता है। दुकानदार के पास मौजूद बारकोड को अपने मोबाइल फोन से स्कैन करके भी रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं।
- ई-वॉलेट भी है फायदेमंद
कैश की कमी के दौरान ई-वॉलेट भी आपके लिए संजीवनी साबित हो सकता है। जिस बैंक में आपका खाता है, उस बैंक का मोबाइल एप उपयोग करके आप आसानी से ई-वॉलेट का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा ऑक्सीजन और अन्य कंपनियों का एप इंस्टॉल करके भी पेटीएम की तर्ज पर रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं।
- स्वैप मशीन
अधिकांश व्यापारियों ने बैंकों से स्वैप मशीन ले ली है। इससे उनका कारोबार और आसान हो गया है। अगर ग्राहक के पास डेबिट या क्रेडिट कार्ड है तो सामान खरीदने के बाद वह आसानी से पेमेंट कर सकता है। जितनी की खरीददारी होगी, उतने रुपये उनके एकाउंट से कट जाएंगे। आपको पर्स में कम से कम कैश रखने की जरूरत होगी।
- बोले लोग
- इंटरनेट बैंकिंग के अलावा भी कैश की जरूरत पड़ती है। यूथ अक्सर डेबिट या क्रेडिट कार्ड का ही उपयोग करते हैं।- शिवानी
- कैशलेस ट्रांजेक्शन अच्छा है, लेकिन घर में सभी लोग कैश देकर ही सामान खरीदते हैं। डिजिटल इंडिया बनने में समय लगेगा।- बुलबुल
- समय के साथ-साथ बहुत कुछ बदला है। अब बुजुर्ग लोग कहां से पेटीएम या ई-बैंकिंग करना सीखें। पुराना तरीका ही सही है। -चरनजीत
- ज्यादातर घरेलू महिलाओं को ई-बैंकिंग के बारे में पता नहीं होता। बच्चे ही कार्ड स्वैप के उपयोग क्या हैं? या अन्य तरीकों से खरीदने के लिए भुगतान करते हैं। -रुचि कौशिक
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रेलवे काउंटर पर स्वैप मशीन होने के बाद भी नहीं कर रहे कार्ड स्वैप
बैतूल। पिछले दो वर्षो से स्टेशन पर यात्रियों को एटीएम की सुविधा नहीं मिल रही है। यात्रियों को एटीएम की सुविधा नहीं मिलने से यात्री परेशान हो रहे है। बैतूल स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए प्लेटफार्म नंबर एक की ओर एसबीआई द्वारा एटीएम लगाया गया था, इस एटीएम को एसबीआई द्वारा करीब दो वर्ष पहले हटा लिया गया। एटीएम हटाए जाने से अब स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्रियों को स्टेशन पर एटीएम की सुविधा नहीं मिलने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रिजर्वेशन काउंटर पर स्वैप मशीन का उपयोग नहीं होने से यात्री परेशान हो रहे है। स्टेशन पर एटीएम की सुविधा नहीं मिलने से नाराज यात्रियों ने कई स्वैप के उपयोग क्या हैं? बार रेलवे के अधिकारियों से शिकायत की है, जिसके बाद भी यात्रियों को एटीएम की सुविधा मिलना आरंभ नहीं हो सकी है। वहीं रेलवे स्वैप के उपयोग क्या हैं? के अधिकारियों का कहना है कि एटीएम मशीन लगाने के लिए बैंक के अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। बैंक अधिकारी के मर्जी पर निर्भर करता है कि कितने जल्दी रेलवे स्टेशन परिसर में एटीएम लगाया जाए।
स्वैप मशीन का नहीं होता उपयोग
रेलवे प्रशासन द्वारा ऑनलाइन ट्राजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए रिजर्वेशन काउंटर पर स्वैप मशीन की व्यवस्था की गई थी। जो वर्षो से बंद पड़ी है। कई बार उपभोक्ता के पास में रिजर्वेशन कराने के दौरान नगद राशि नहीं होने पर स्वैप मशीन के लिए काउंडर पर पदस्थ कर्मचारियों से स्वैप मशीन से स्वैप करने के लिए कहते है, तो कर्मचारियों ने द्वारा यात्रियों स्वैप मशीन बंद होने का हवाला दिया जाता है। ऐसे में उपभोक्ताओं को मजदूरी में शहर में संचालित अन्य अन्य एटीएम पर जाना पड़ता है। कई बार स्वैप मशीन को लेकर काउंटर मौजूद कर्मचारी और उपभोक्ताओं के बीच में विवाद की स्थिति तक निर्मित हो जाती है। काउंटर पर मौजूद कर्मचारी द्वारा यात्रियों से स्वैप मशीन के बजाए नगद राशि लेना पंसद करते है।
इनका कहना
रेलवे परिसर मेें एटीएम लगाने के प्रयास किए जा रहे है। वहीं स्वैप मशीन को यदि कर्मचारियों द्वारा उपयोग नहीं किया जा रहा है, तो संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर व्यवस्था में सुधार कराया जाएगा।
अनिल कुमार, पीआरओ मध्य रेलवे नागपुर।
SIM Swap Fraud: सिम कार्ड के जरिए भी खाली हो सकता है बैंक अकाउंट, इन बातों का रखें ख्याल
SIM Swap Fraud: बढ़ते डिजिटलाइजेशन स्वैप के उपयोग क्या हैं? के दौर में ठगी के तरीके भी बदल रहे हैं. आज के दौर में कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसके पास मोबाइल सिम कार्ड न हो. आजकल साइबर अपराधी सिम कार्ड का उपयोग कर लोगों को चूना लगाने का काम कर रहे हैं.
SIM Swap Fraud: मोबाइल सिम कार्ड स्वैपिंग का मतलब है, मोबाइल सिम कार्ड बदलना. ये ठगी का नया तरीका है जो यूजर्स की जानकारी के बगैर किया जाता है. इस धोखा धड़ी के तहत जालसाज मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर की मदद से सेम नंबर पर नया सिम कार्ड जारी कर देते हैं. इसके बाद मोबाइल नंबर पर otp के जरिए आपके बैंक अकाउंट और उससे जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर लेते हैं.
ऐसे होता है सिम फ्रॉड
जालसाज फिशिंग, विशिंग, स्मिशिंग आदि जैसे सोशल इंजीनियरिंग तकनीक के जरिए व्यक्ति के बैंक खातों का विवरण और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर हासिल कर लेते हैं.
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इसके बाद हैकर असली सिम को ब्लॉक कराने के लिए फर्जी आईडी प्रूफ के साथ मोबाइल ऑपरेटर के रिटेल आउटलेट पर जाता है, और ओरिजिनल सिम को ब्लॉक करवा देता है.
इसके बाद वेरिफिकेशन होते ही ग्राहक की सिम निष्क्रिय कर दी जाती है. और नकली ग्राहक नया सिम कार्ड जारी कर लेते हैं.
अब ठग फिशिंग साजिशों के जरिए पीड़ित व्यक्ति के खातों में धोखाधडी और लेनदेन करने के लिए नए सिम का उपयोग करने लगते हैं.
ऐसे करें सुरक्षा
1. सोशल इंजीनियरिंग तकनीकों जैसे फिशिंग, विशिंग, स्मिशिंग से सावधान रहें.
2. अगर आपका नंबर इनएक्टिव होता है, खासतौर पर अगर उस खाते से बैंक अकाउंट जुड़े हैं तो तुरंत अपने मोबाइल ऑपरेटर से संपंर्क करें.
3. बुरी परिस्थितयों से बचने के लिए तुरंत बैंक अकाउंट पासवर्ड चेंज कर दें.
4. रेगुलर sms अलर्ट के साथ-साथ ईमेल अलर्ट भी on रखें. ऐसे में अगर आपकी जानकारी के बिना कोई अमाउंट निकासी की जाती है तो आपको ईमेल पर अलर्ट दे दिया जाता है.
5. हमेशा अपने बैंक अकाउंट स्टेटमेंट समय रहते चेक करते रहें.
6. फ्रॉड होने की स्थिति में तुरंत फोन बैंकिंग से संपर्क करें.
रेलवे काउंटर पर स्वैप मशीन होने के बाद भी नहीं कर रहे कार्ड स्वैप
बैतूल। पिछले दो वर्षो से स्टेशन पर यात्रियों को एटीएम की सुविधा नहीं मिल रही है। यात्रियों को एटीएम की सुविधा नहीं मिलने से यात्री परेशान हो रहे है। बैतूल स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए प्लेटफार्म नंबर एक की ओर एसबीआई द्वारा एटीएम स्वैप के उपयोग क्या हैं? लगाया गया था, इस एटीएम को एसबीआई द्वारा करीब दो वर्ष पहले हटा लिया गया। एटीएम हटाए जाने से अब स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्रियों को स्टेशन पर एटीएम की सुविधा नहीं मिलने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रिजर्वेशन काउंटर पर स्वैप मशीन का उपयोग नहीं होने से यात्री परेशान हो रहे है। स्टेशन पर एटीएम की सुविधा नहीं मिलने से नाराज यात्रियों ने कई बार रेलवे के अधिकारियों से शिकायत की है, जिसके बाद भी यात्रियों को एटीएम की सुविधा मिलना आरंभ नहीं हो सकी है। वहीं रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि एटीएम मशीन लगाने के लिए बैंक के अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। बैंक अधिकारी के मर्जी पर निर्भर करता है कि कितने जल्दी रेलवे स्टेशन परिसर में एटीएम लगाया जाए।
स्वैप मशीन का नहीं होता उपयोग
रेलवे प्रशासन द्वारा ऑनलाइन ट्राजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए रिजर्वेशन काउंटर पर स्वैप मशीन की व्यवस्था की गई थी। जो वर्षो से बंद पड़ी है। कई बार उपभोक्ता के पास में रिजर्वेशन कराने के दौरान नगद राशि नहीं होने पर स्वैप मशीन के लिए काउंडर पर पदस्थ कर्मचारियों से स्वैप स्वैप के उपयोग क्या हैं? मशीन से स्वैप करने के लिए कहते है, तो कर्मचारियों ने द्वारा यात्रियों स्वैप मशीन बंद होने का हवाला दिया जाता है। ऐसे में उपभोक्ताओं को मजदूरी में शहर में संचालित अन्य अन्य एटीएम पर जाना पड़ता है। कई बार स्वैप मशीन को लेकर काउंटर मौजूद कर्मचारी और उपभोक्ताओं के बीच में विवाद की स्थिति तक निर्मित हो जाती है। काउंटर पर मौजूद कर्मचारी द्वारा यात्रियों से स्वैप मशीन के बजाए नगद राशि लेना पंसद करते है।
इनका कहना
रेलवे परिसर मेें एटीएम लगाने के प्रयास किए जा रहे है। वहीं स्वैप मशीन को यदि कर्मचारियों द्वारा उपयोग नहीं किया जा रहा है, तो संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर व्यवस्था में सुधार कराया जाएगा।
अनिल कुमार, पीआरओ मध्य रेलवे नागपुर।