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सप्ताहांत पर व्यापार क्यों

सप्ताहांत पर व्यापार क्यों
दोनों देशों के बीच व्यापार पर पड़ेगा सप्ताहांत पर व्यापार क्यों असर

Jharkhand Hindi Samachar: झारखंड के विधायक सरयू राय का फाइल फोटो।

सप्ताहांत पर व्यापार क्यों

विशाल वैचारिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अंतराल के साथ, जटिल चीनी विनिर्माण और रसद नेविगेट करना एक कठिन काम हो सकता है। आपके पक्ष में हमारे बहुसांस्कृतिक अभिजात वर्ग के विशेषज्ञ होने के कारण, आप अंततः विश्वास के साथ चीन में आपूर्ति श्रृंखला की महान शक्ति का लाभ उठा सकते हैं।

उद्यमों को 200 से अधिक देशों और छह महाद्वीपों के क्षेत्रों के सामाजिक, राजनीतिक, वाणिज्यिक, आर्थिक और तकनीकी वातावरण को गहराई से समझने की आवश्यकता है। हमारे पास चीन में सबसे अधिक कटिंग -फेज विदेशी प्रौद्योगिकी और अभ्यास है, और हम क्रॉस -बोरर ई -कॉमर्स अमेज़ॅन, इंडिपेंडेंट स्टेशन, एप्पल ऐप, एंड्रॉइड ऐप, एंड्रॉइड ऐप, एडवरटाइजिंग मार्केटिंग, ओवरसीज ओ 2 ओ, सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में हैं। और अन्य क्षेत्र।

हमारा क्या कसूर, हमें क्यों नहीं मिली व्यापार की छूट

हमारा क्या कसूर, हमें क्यों नहीं मिली व्यापार की छूट

जासं, रांची: राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के लगाई गयी पाबंदियों में छूट देने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। रांची, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर, देवघर, गुमला, गढ़वा, हजारीबाग व रामगढ़ जिले को छोड़कर राज्य के 15 जिलों में कपड़े, जूते, गहने व श्रृंगार की दुकानें खुलेंगी। राज्य में कपड़ा, जूता चप्पल, ज्वेलर्स, कॉस्मेटिक सहित अन्य प्रतिष्ठान बंद होने के कारण व्यापारियों में काफी रोष है। अब सिर्फ जून-जुलाई माह में शादी विवाह के लग्न हैं। ऐसे में प्रतिष्ठान बंद रहने से व्यापारियों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन व्यवसाय से जुड़े छोटे- सप्ताहांत पर व्यापार क्यों छोटे व्यापारियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। दुकान का किराया, बिजली का बिल, माल का बकाया, बैंक लोन और घर का खर्च इन सबके आगे व्यापारी हार रहे हैं। कपड़ा व्यापार संघ का अनुमान है कि मार्च से मई तक में कपड़ा व्यापारियों को सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

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इकोनॉमी के लिए बुरी खबर, नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा देश का व्यापार घाटा

इकोनॉमी के लिए बुरी खबर, नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा देश का व्यापार घाटा

इकोनॉमी के मोर्चे पर एक बुरी खबर आई है। दरअसल, जून माह में व्यापार घाटा रिकॉर्ड 26.18 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। इसका मतलब ये हुआ कि जून महीने में भारत ने विदेशों से आयात ज्यादा किया है। इस वजह से विदेशी मुद्रा भंडार भरने की बजाए खाली ज्यादा हो रहा है, जो इकोनॉमी के लिए ठीक नहीं है। आपको बता दें कि जून के आखिरी सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.008 अरब डॉलर घटकर 588.314 अरब डॉलर रह गया था।

क्या कहते हैं आंकड़े: जून, 2022 में वस्तुओं का निर्यात 23.52 प्रतिशत बढ़कर 40.13 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वहीं, वस्तुओं का आयात सालाना आधार पर 57.55 प्रतिशत के उछाल के साथ 66.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे व्यापार घाटा बढ़कर रिकॉर्ड 26.18 अरब डॉलर हो गया है। जून, 2021 में व्यापार घाटा 9.60 अरब डॉलर रहा था।

Highlights

  • ब्रिटेन की गृहमंत्री ने वीजा समाप्त होने के बाद भी टिके रहने का भारतीयों पर लगाया आरोप
  • भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर विवाद के बाद पैदा हुआ संकट
  • भारत ने दर्ज कराई मंत्री के खिलाफ आपत्ति

India UK visa dispute:ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन की आव्रजन संबंधी विवादास्पद टिप्पणी के बीच यहां इस बात की आशंका बढ़ रही है कि भारत-ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) फिलहाल बाधित हो सकता है। इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए दीपावली की समयसीमा तय की गई है और इस पर चल रही बातचीत अंतिम चरण में है।

ऐसा लगता है कि भारतीय मूल की ब्रेवरमैन वीजा मुद्दे पर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस के साथ सीधे टकराव के लिए तैयार हैं। ट्रस चाहती हैं कि एफटीए के लिए तय 24 अक्टूबर की समयसीमा तक पूरा कर लिया जाए। ट्रस इस बात को अच्छी तरह समझती हैं कि नए व्यापार समझौते के तहत भारत के लिए छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही में सुविधा महत्वपूर्ण है। हालांकि, ब्रेवरमैन ने एफटीए के तहत भारत के साथ एक ''खुली सीमा'' प्रवास नीति होने की आशंका जाहिर की, जिसके बाद अंतिम समझौते को लेकर संदेह पैदा हो गया है।

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