तकनीकी विश्लेषण का आधार

क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है?

क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है?
पिछले सप्ताह आयकर विभाग के छत्तीसगढ़ कार्यालय ने एक व्यक्ति को नोटिस भेजकर आय संबंधी जानकारी साझा करने के लिए कहा है। विभाग ने कुल 26 सवालों के जवाब मांगे हैं जिसमें पिछले तीन वर्षों के आयकर रिटर्न के ब्योरे और क्रेडिट कार्ड लेनदेन के साथ यह भी पूछा गया है कि क्या वह क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेश करते हैं? इसमें कुल 21 सवालों में काफी विस्तृत तरीके से क्रिप्टोकरेंसी संबंधी निवेश, एक्सचेंजों पर लेनदेन का ब्योरा, नोटबंदी के समय किया गया निवेश, निवेश की गई राशि, क्रिप्टो वॉलेट की विशिष्ट पहचान संख्या आदि बहुत सी जानकारी मांगी गई है। इसी तरह के नोटिस दूसरे निवेशकों को भी जारी किए गए हैं।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) तथा बिटकॉइन?

नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका जानकारी ज़ोन में जहाँ हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था, ऑनलाइन कमाई तथा यात्रा एवं पर्यटन जैसे क्षेत्रों से महत्वपूर्ण तथा क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? रोचक जानकारी आप तक लेकर आते हैं। आज इस लेख में हम बात करेंगे क्रिप्टोकरेंसी की, जानेंगे यह क्या है? (What is Cryptocurrency in Hindi) क्रिप्टोकरेंसी किस प्रकार कार्य करती है और अंत में देखेंगे क्यों अधिकांश देशों की सरकारें इसके इस्तेमाल को कानूनी मान्यता देने से बचती आई क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? हैं।

मुद्रा (Currency)

मुद्रा से हम सभी वाकिफ़ हैं। दुनियाँ में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मुद्रा की आवश्यकता होती है। इसका उपयोग हम प्रतिदिन वस्तुओं तथा सेवाओं को खरीदने में करते हैं। मुद्रा के प्रकारों में समय के साथ बदलाव आते रहे हैं। उदाहरण के तौर क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? पर प्राचीन काल में वस्तुओं को मुद्रा के रूप में इस्तेमाल किया जाता था तत्पश्चात सोने तथा अन्य महँगी धातुओं का प्रयोग मुद्रा के रूप में होने लगा तथा आधुनिक समय में कागज की मुद्रा प्रचलन में आई जिसका वर्तमान में भी प्रयोग किया जाता है।

समय के साथ बैंकिंग क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का व्यापक प्रभाव पड़ा जिससे बैंक में उपलब्ध मुद्रा का ऑनलाइन इस्तेमाल कर कहीं भी कभी भी लेन-देन करना आसान हो गया तथा मुद्रा का एक नया रूप प्लास्टिक मुद्रा (क्रेडिट कार्ड तथा डेबिट कार्ड) प्रचलन में आई जिसका हम दैनिक जीवन में इस्तेमाल करते हैं। इन सब के अतिरिक्त मुद्रा का एक नया रूप हमारे सामने है जिसे आभासी या डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है?

किसी भी देश की मुद्रा जैसे भारतीय रुपया, अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड आदि उनके केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी तथा समर्थित होती हैं। यह भौतिक मुद्रा होती हैं जिसे आप देख अथवा छू सकते हैं और नियमानुसार किसी भी स्थान या देश में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं वहीं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) एक प्रकार की डिजिटल या आभासी करेंसी (मुद्रा) होती है जिसे आप देख या छू नहीं सकते।

पहली क्रिप्टोकरेंसी जिसे बिटकॉइन के नाम से जाना जाता है कि शुरुआत साल 2009 में सतोषी नकामोटो नामक व्यक्ति द्वारा की गई। इन्हीं ने सर्वप्रथम ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इस मुद्रा का निर्माण किया। 2008 में जारी अपने एक रिसर्च पेपर में उन्होंने बताया कि किस प्रकार किसी विकेन्द्रीकृत मुद्रा के प्रयोग से बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थाओं को मध्यस्थ की भूमिका से बाहर किया जा सकता है। वर्तमान में दुनियाँ भर में तकरीबन 1500 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। जिनमें बिटकॉइन, लाइटकॉइन, ईथर, डैशकॉइन, रिपल आदि शामिल हैं।

क्रिप्टोकरेंसी की कार्यप्रणाली

क्रिप्टोकरेंसी एक बेहद महत्वपूर्ण तकनीक ब्लॉकचेन पर आधारित है। इस तकनीक की सहायता से किसी भी प्रकार की सूचना का एक विकेन्द्रीकृत बहीखाता या Ledger तैयार किया जा सकता है। इस नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के पास सूचना का यह बहीखाता मौज़ूद होता है। वर्तमान में इस तकनीक का इस्तेमाल मुख्यतः क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में किया जा रहा है।

सामान्य बैंकिंग प्रक्रिया में लेन-देन का विवरण बैंकों द्वारा सत्यापित किया जाता है जबकि क्रिप्टोकरेंसी में किये गए विनिमय को ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से ब्लॉकचेन नेटवर्क से जुड़े कुछ लोगों जिन्हें माइनर्स कहा जाता है द्वारा सत्यापित किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के किसी लेन-देन को सत्यापित कर उसे सूचना के एक ब्लॉक रूप में परिवर्तित करना बेहद जटिल गणितीय कार्य होता है जिसके लिए अत्यधिक कंप्यूटर क्षमता, विद्युत आपूर्ति तथा हाई स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता होती है।

प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी का एक विशेष ब्लॉकचेन नेटवर्क होता है जिसमें उस करेंसी का सम्पूर्ण लेन-देन मौजूद होता है। किसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) के लेन-देन को सत्यापित कर उसे ब्लॉक में दर्ज किए जाने के बदले माइनर्स को प्रोत्साहन के तौर पर उस क्रिप्टोकरेंसी की कुछ मात्रा प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया से नई निर्मित क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार में आती है, इसीलिए इस प्रक्रिया को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कहा जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

  1. चूँकि क्रिप्टोकरेंसी किसी देश या सरकार के नियंत्रण में नहीं है अतः किसी देश की आर्थिक स्थिति या आर्थिक निर्णयों जैसे नोटबंदी या घरेलू मुद्रा के अवमूल्यन का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
  2. जहाँ बैंकों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर लेन-देन करने में अधिक शुल्क तथा समय लगता है वहीं क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन त्वरित तथा अत्यंत कम शुल्क में हो जाता है।
  3. इसमें लेन-देन करने के लिए किसी पहचान पत्र आदि की आवश्यकता नहीं होती अतः किन्हीं दो व्यक्तियों के मध्य होने वाला लेन-देन गुप्त रहता है।

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान

  1. क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने वाले व्यक्तियों की जानकारी पूर्णतः गोपनीय होती है अतः इसका प्रयोग गैर-कानूनी गतिविधियों जैसे किसी के निजी डेटा को बेचना, फिरौती, गैर-कानूनी वस्तुओं का व्यापार तथा मानव तस्करी आदि करने में भी किया जाता है।
  2. इसके इस्तेमाल में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। किसी गलत पते पर क्रिप्टोकरेंसी के हस्तांतरण हो जाने की स्थिति में उसे पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता न ही उस व्यक्ति की पहचान करना संभव है।
  3. चूँकि क्रिप्टोकरेंसी पूर्णतः बाजार के नियंत्रण में है अतः यह बहुत अस्थिर है। इसकी कीमतों में अचानक गिरावट आने की संभावना बनी रहती है जिससे ऐसी मुद्राओं में निवेश करने वाले निवेशकों की पूँजी डूब सकती है। उदाहरण के तौर पर साल 2013 में बिटकॉइन में एक ही दिन में 70 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
  4. क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में अत्यधिक मात्रा में कंप्यूटर क्षमता की आवश्यकता होती है जो ऊर्जा अपव्यय का एक मुख्य कारण है।
  5. सरकारों तथा केन्द्रीय बैंकों के नियंत्रण में न होने के चलते इसके प्रयोग से कर चोरी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का रुख

साल 2018 में रिजर्व बैंक ने अपने द्वारा विनियमित सभी बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार से स्वयं को अलग करने के निर्देश दिये तथा भारत मे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की सुविधा उपलब्ध कराने वाली विभिन्न कंपनियों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध न कराने का निर्णय लिया। इसके विरोध में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

4 मार्च 2020 को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक के फैसले को खारिज़ करते हुए क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के पक्ष में फैसला सुनाया। वर्तमान परिदृश्य में भारत मे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना गैरकानूनी नहीं है हालाँकि इनकी अस्थिरता को देखते हुए सरकार इनमें निवेश करने से बचने की सलाह देती रही है। भारत मे क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट की सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनियों में Unocoin, ZebPay आदि प्रमुख हैं।

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क्रिप्टोकरेंसी का निवेश रिटर्न में जरूर दिखाएं

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पिछले सप्ताह आयकर विभाग के छत्तीसगढ़ कार्यालय ने एक व्यक्ति को नोटिस भेजकर आय संबंधी जानकारी साझा करने के लिए कहा है। विभाग ने कुल 26 सवालों के जवाब मांगे हैं जिसमें पिछले तीन वर्षों के आयकर रिटर्न के ब्योरे और क्रेडिट कार्ड लेनदेन के साथ यह भी पूछा गया है कि क्या वह क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेश करते हैं? इसमें कुल 21 सवालों में काफी विस्तृत तरीके से क्रिप्टोकरेंसी संबंधी निवेश, एक्सचेंजों पर लेनदेन का ब्योरा, नोटबंदी के समय किया गया निवेश, निवेश की गई राशि, क्रिप्टो वॉलेट की विशिष्ट पहचान संख्या आदि बहुत सी जानकारी मांगी गई है। इसी तरह के नोटिस दूसरे निवेशकों को भी जारी किए गए हैं।

दरअसल क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच इस बात को लेकर हमेशा से संशय की स्थिति रही है कि वे अपने निवेश को आयकर रिटर्न में दर्शाएं या नहीं और क्रिप्टोकरेंसी पर आयकर देने से इसे सरकारी स्वीकार्यता मिलेगी या नहीं। सवाल यह भी है कि कहीं इसके बाद सरकार उस व्यक्ति पर नजर तो नहीं रखने लगेगी? साथ ही क्रिप्टोकरेंसी को आयकर रिटर्न में दिखाने के तरीकों को लेकर भी निवेशकों के पास समुचित जानकारी नहीं है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है तो उसे आयकर रिटर्न भरते समय इसका खुलासा जरूर करना चाहिए। कर संबंधी सलाह देने वाली कानूनी फर्म क्वैगमायर कंसल्टिंग के संस्थापक अनुष भसीन की राय है कि व्यक्ति को अपनी हर प्रकार की आय का खुलासा आयकर रिटर्न में करना चाहिए। वह कहते हैं, 'आयकर कानून काफी सरल है। किसी आय की कानूनी वैधता जांचने के बजाय उसका जोर इस बात पर रहता है कि किसी भी स्रोत से आय हो तो उस पर कर चुकाया जाना चाहिए।'

तो क्या आयकर रिटर्न भरने से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को सरकारी स्वीकार्यता माना जाएगा? उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता विजय पाल डालमिया इससे इनकार करते हैं। वह कहते हैं, 'आयकर रिटर्न भरने से आपकी आय या उसके स्रोत को कानूनी वैधता नहीं क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? मिलती। हालांकि देश में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित नहीं किया गया है और सभी निवेशकों को रिटर्न में संबंधित जानकारी घोषित करनी चाहिए।' भसीन कहते हैं, 'आयकर कानून के अनुसार कानूनी तौर पर वैध अथवा अवैध, किसी भी तरीके से हुई आय को आयकर रिटर्न में शामिल करना चाहिए। अगर हम आय को रिटर्न में नहीं दिखाते तो कानूनी तरीके से कमाई गई आय भी अवैध या काला धन मान ली जाएगी।'

सामान्य वेतनभोगियों को आईटीआर-1 फॉर्म भरना होता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन कर रहा है तो उसे कारोबार की प्रकृति के हिसाब से फॉर्म का चयन करना होगा। कारोबारी गतिविधियों के लिए आईटीआर-3 फॉर्म भरा जाता है। भसीन बताते हैं, 'क्रिप्टोकरेंसी गतिविधियों को तीन श्रेणियों में बांटना होगा। पहला, लंबी अवधि का निवेश होता है, जिसमें निवेशक को पूंजीगत लाभ कर के हिसाब से गण्ना करनी होगी। दूसरा, दैनिक या उतार-चढ़ाव को देखकर खरीद-बिक्री करना होता है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाली आय को कारोबारी आय के तहत दिखाना होगा। तीसरा, अगर आप माइनिंग करते हैं तो इसे पूरी तरह वाणिज्यिक गतिविधि माना जाएगा। इसमें आय के साथ साथ माइनिंग में आने वाले खर्च की गणना भी करनी होगी और उसके बाद ही शुद्घ लाभ या हानि को आयकर रिटर्न में दर्शाना होगा।'

एक समस्या यह भी आती है कि क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने-बेचने पर ही कर देना होगा अथवा क्रिप्टो-टु-क्रिप्टो कारोबार को भी इसमें शामिल करना चाहिए? भसीन कहते हैं, 'वर्तमान आयकर कानून में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी वस्तु या जिंस की खरीद के बाद उसके आदान-प्रदान या बिक्री पर कर देना होगा। इसलिए अगर हम एक क्रिप्टोकरेंसी को दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में बदलते हैं तो उसे भी आयकर रिटर्न में दर्शाना चाहिए।' एक से अधिक बार खरीद या बिक्री पर होने वाले लाभ-हानि की गणना के लिए 'फस्र्ट इन फस्र्ट आउट' (फीफो) प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। भसीन की सलाह है कि अगर निवेशक को वास्तव में हानि हुई है तो उसे रिटर्न में दिखाया जाना चाहिए ताकि आगे के वर्षों में उसे लाभ के बदले ऑफसेट किया जा सके।'

विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर किसी क्षेत्र विशेष से संबंधित आय पर देश में स्पष्टï नियम नहीं बनाए गए हैं तो भी उस पर आयकर देना होगा। भसीन कहते हैं, 'आयकर कानून बिल्कुल स्पष्ट है। किसी भी स्रोत से आपको आय हुई है तो उस पर कर देना होगा।' क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में कानूनी परामर्श देने वाली संस्था क्रिप्टो कानून के संस्थापक काशिफ रजा कहते हैं, 'दो हालात हो सकते हैं। अगर सरकार कानून बनाकर क्रिप्टोकरेंसी को नियमित करती है तो इस करेंसी में किए गए सभी प्रकार के लेनदेन का खुलासा एक निश्चित अवधि में करने के लिए कहा जा सकता है। अगर सरकार इस पर प्रतिबंध लगा देती है तो सभी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी को एक निश्चित अवधि में समाप्त करने के लिए कहा जाएगा। दोनों ही परिस्थितियों में आपको क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सार्वजनिक करना होगा और अगर आपने इसकी जानकारी आयकर रिटर्न में नहीं दी तो सरकार आपसे सवाल पूछ सकती है।'

भसीन बताते हैं कि अगर क्रिप्टोकरेंसी में किए गए सभी तरह के निवेश के बजाय आंशिक निवेश की ही सूचना दी जाती है तो 50 फीसदी जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर किसी भी तरह की जानकारी साझा करने से कन्नी काट ली जाए तो 200 फीसदी जुर्माना लगाया जाता है। इसके अलावा संदेह होने पर आयकर विभाग किसी भी व्यक्ति से पूछताछ कर उसकी आय के बारे में जानकारी मांग सकता है। वह कहते हैं, 'आयकर कानून की धारा 131 के तहत की गई पूछताछ में कोई जवाब नहीं देने पर धारा 132 के तहत विभाग छापा मार सकता है।'

अगर निवेशक विदेशी एक्सचेंजों पर क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार कर रहे हैं तो उन्हें अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता है। डालमिया बताते हैं, 'विदेशी एक्सचेंजों पर कारोबार के मामले में आयकर कानून के साथ साथ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की धाराएं भी लगती है। अगर इन परिसंपत्तियों या निवेश का खुलासा नहीं किया जाता है तो काला धन (अज्ञात विदेशी आय तथा परिसंपत्ति) एवं कर अधिनियम 2015 की धारा 49 के तहत दंड दिया जा सकता है।' भारत सरकार ने दूसरे देशों के साथ इस तरह के कई समझौते भी किए हैं। भसीन बताते हैं, 'भारत सरकार के 103 देशों के साथ समझौते हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी के लिए लोकप्रिय माल्टा, एस्टोनिया और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड भी शामिल हैं। केंद्र इन सभी देशों से अपने नागरिकों द्वारा किए गए लेनदेन का ब्योरा मांग सकती है।'

भारत में फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन भारतीय रिजर्व क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? बैंक सभी बैंकों को इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खाते बंद करने का आदेश दे चुका है। इसलिए निवेशकों को काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अभी तक के सभी लेनदेनों का विवरण एक जगह इक_ïा करें ताकि जरूरत पडऩे पर आसानी से इसका उपयोग किया जा सके। एक्सचेंजों से समय-समय पर निवेश संबंधी रिपोर्ट डाउनलोड कर उसे अपने रिकॉर्ड में शामिल करें। अगर आपने इससे पहले कभी आयकर रिटर्न में क्रिप्टोकरेंसी का खुलासा नहीं किया है तो पिछले वर्षों का संशोधित रिटर्न भरा जा सकता है। भसीन बताते हैं कि इसके लिए 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है और 1 फीसदी प्रतिमाह की दर से ब्याज भी वसूला जाता है।

भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को नहीं देगी कानूनी मान्यता, वित्त सचिव सोमनाथन का एलान

वित्त सचिव ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सुरक्षित नहीं है, क्योंकि इसकी कीमत लोगों के बीच निजी तौर पर तय की जाती है, इसलिए इससे होने वाले नुकसान के प्रति सरकार कोई जवाबदेही नहीं होगी

भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को नहीं देगी कानूनी मान्यता, वित्त सचिव सोमनाथन का एलान

नई दिल्ली। भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के संबंध में भारत सरकार की ओर से बड़ा बयान जारी किया गया है। वित्त सचिव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार कभी भी क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? तौर पर मान्यता नहीं देगी। क्योंकि इसमें निवेश करना किसी लिहाज से सुरक्षित नहीं है।

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि बिटकॉइन, इथिरियम या नॉन फंजिबल टोकन भारत में कभी भी लीगल टेंडर घोषित नहीं होंगे। सरकार इन्हें कभी भी वैधानिक मान्यता नहीं देगी। क्योंकि इसमें निवेश सुरक्षित नहीं है।

टीवी सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो एसेट एक ऐसी संपत्ति है जिसकी कीमत दो लोगों के बीच तय होती है। सरकार का इसमें कोई दखल नहीं होता। ऐसे में अगर इस निवेश से किसी को घाटा होगा तो सरकार उसकी कोई जवाबदेही नहीं लेगी। वित्त सचिव ने लोगों को क्रिप्टो में निवेश न करने की हिदायत देते हुए कहा कि इसकी कोई गारंटी नहीं है कि क्रिप्टो में निवेश करना लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

वित्त सचिव ने इसके बदले लोगों को आरबीआई द्वारा जारी होने वाले डिजिटल रूपी में निवेश करने की सलाह दी। चूंकि यह डिजिटल करेंसी खुद सरकार की है, ऐसे में इसमें किया जाने वाला निवेश पूर्ण रूप से सुरक्षित होगा।

मंगलवार को बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई द्वारा डिजिटल रूपी लॉन्च किए जाने की घोषणा की थी। इसकी लॉन्चिंग एक अप्रैल से होने वाली है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी एलान किया था कि अब से CryptoCurrency से होने वाली कमाई पर तीस फीसदी का टैक्स लगेगा।

क्रिप्टोकरेंसी में है करप्शन, निवेश का रास्ता या पैसा छुपाने का माध्यम

क्रिप्टोकरेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है.

पिक्साबे से ग्राफिक

यह साल ऐसा है कि दुनिया भर के कई निवेशक रातों रात मालामाल हो गए हैं. उन्होंने न तो शेयर बाज़ार में निवेश किया था और न ही सोने में और न ही किसी और प्रचलित माध्यम में. उनका निवेश था क्रिप्टो करेंसी में जो न तो दिखता है और न ही जिसे कोई बैंक जारी करता है. दुनिया भर के कंप्यूटरों में उपलब्ध यह करेंसी कहीं भी कभी भी खरीदी या बेची जा सकती है. इसके लिए न तो किसी कागज की जरूरत है न ही किसी रसीद की . किसी तिलस्मी कथा की तरह हर चीज यहां रहस्यमय है. इसकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि इसे पूरी तरह समझने के लिए बहुत वक्त चाहिए. लेकिन यह भी सच है कि इसने लाखों लोगों की तकदीर कुछ मिनटों में बदल दी.

तीस साल पहले ही दुनिया में कंप्यूटरों का व्यापक इस्तेमाल शुरू हुआ था. देखते ही देखते दुनिया बदल गई और यह डिजिटल हो गई है. सेविंग्स और निवेश की दुनिया भी बदल गई है. अब पैसे बचाने के बारे में नहीं बल्कि बनाने के बारे में सोचा जाता है. रातों-रात करोड़पति बनने के सपने देखे जाते हैं. शेयर बाजार से लेकर मुद्रा बाजार तक सभी में निवेश किया जा रहा है. लेकिन जिसने सभी को चौंकाया वह है क्रिप्टोकरेंसी जिसने धन निवेश और उसे बढ़ाने का नया अनोखा तरीका बताया. यह पूरी तरह से गोपनीय है और कूट भाषा में अंकित होता है. इसे डिजिटल एसेट कहा जा सकता है जो कंप्यूटरों में स्टोर किया जाता है. इसका खाता बही सारी दुनिया में होता है और यह जबर्दस्त तरीके से इसे ‘क्रिपटिक’ यानी गोपनीय ढंग से रखा जाता है. हर ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कहा जाता है और सारे मिलकर एक क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? ब्लॉकचेन बनाते हैं.

ऐसे में पैसा दुनिया के किसी भी कोने से दूसरे कोने में पलक झपकते ही पहुंच जाता है और इसका कोई रूप नहीं होता. एक देश से दूसरे देश तक यह लाखों कंप्यूटरों के जरिये जुड़ा हुआ है. इसमें हर ट्रांजेक्शन श्रृंखलाबद्ध तरीके से है. यह अति डिजिटाइजेशन का अद्भुत नमूना है जिसे कोई छेड़ नहीं सकता और उसमें कोई सेंध नहीं लगा सकता. इसमें डाली गई सूचना कभी भी बदली नहीं जा सकती. सारा पैसा कंप्यूटरों के हवाले. इसकी गोपनीयता का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि कोई नहीं जानता किस महानुभाव ने ब्लॉकचेन बनाने की शुरुआत की और कैसे ये सारी दुनिया में फैल गई. ऐसा अंदाजा है कि आज दुनिया भर में लगभग पांच करोड़ लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है.

क्रिप्टो करेंसी कैश सिस्टम है

आजकल जिस बिटकॉयन की चर्चा जोर-शोर से हो रही है वह दरअसल क्रिप्टो करेंसी ही है. यह इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम है. किसी समय महज एक डॉलर से शुरू हुई इस करेंसी की आज कीमत 66,000 डॉलर है. इसी की तर्ज पर और भी कई और डिजिटल क्रिप्टो कैश आ गए हैं. इनमें सबसे ऊपर है एथिरियम जो बिटकॉयन की तरह ही विकेन्द्रित और ओपनसोर्स ब्लॉकचेन है. इन दोनों में फर्क यह है कि इसे डेवलप करने वालों के बारे में सभी को पता है. 2013 में एक प्रोग्रामर बिटालिक बुटेरिन ने इसे तैयार किया था. इसकी कीमत बिटकॉयन से काफी कम है क्योंकि यह उस पैमाने पर पॉपुलर नहीं हो सका है. ऐसी ही एक करेंसी सालोना है जिसकी कीमत लगभग 190 डॉलर है.

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ऐसी ही एक करेंसी है एनएफटी यानी नन फंजिबल टोकन यानी एक ऐसा टोकन जिसकी कॉपी न हो सके. इसे बेचा और ट्रेड किया जा सकता है. यह इरिथियम ब्लॉकचेन का ही हिस्सा है. जानकारों का कहना है कि इसकी कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होने से यह हर किसी के बस का नहीं. दिलचस्प बात यह है कि ये कलाकृतियों के लिए इन दिनों बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे हैं. कई कलाकारों का भाग्य इनकी वजह से ही चमक गया है. उनकी पेंटिंग्स वगैरह की अब कीमत मुंहमांगी मिल रही है.

सरकारों के सामने बड़ी चुनौती

क्रिप्टो करेंसी ने सरकारों का चैन छीन लिया है. कारोबारी या बड़ी हस्तियां जो बिना टैक्स दिये अपना धन पनामा जैसे देशों में भेजते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है. बिना कोई कागजात के ये चाहें तो करोड़ों-अरबों डॉलर इसमें लगा सकते हैं. इसका पता कोई नहीं लगा सकता है क्योंकि इसमें गोपनीयता इतनी है कि जांच एजेंसियों के छक्के छूट जाएंगे. इसमें कोई दस्तावेज या कोई सबूत नहीं होता है. होता है कूट भाषा में बना कोड जिसके जरिये सारा खेल होता है. यह पैसा मिनट भर में सौ-डेढ़ सौ देशों की सीमाएं पार करने की क्षमता रखता है. यानी अवैध पैसा भेजने वाला निश्चिंत रह सकता है कि उसके धन पर किसी भी जांच एजेंसी की नजर नहीं पड़ सकती. किसी तरह की निगरानी भी बैकार है. यह दुनिया भर की सरकारों के लिए के सिरदर्द साबित हुआ है. भारत सरकार ने इस पर कुछ समय के लिए रोक भी लगाई थी और आगे के लिए कानून बनाने की बात सोची थी लेकिन सरकार के कुछ सलाहकारों ने ऐसा न करने की हिदायत दी. इसके बाद इस पर से प्रतिबंध हट गया है. इसकी बजाय अब सरकार एक डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रही है जिसमें कोई नकदी नहीं होगी और न ही होगा कोई क्रेडिट या डेबिट कार्ड लेकिन यह होगा विशुद्ध देसी.

बॉलीवुड हस्तियां आईं क्रिप्टो करेंसी के साथ

भारत में यूं तो क्रिप्टो करेंसी प्रचलन में आ गई है लेकिन अभी इसमें कोई खास तेजी नहीं आई है. निवेशक अभी थोड़ी ही रुचि दिखा रहे हैं. हां, उन्हें बटकॉयन की आसमान छूती कीमत ललचा भी रही है. सही समझ के अभाव में ज्यादातर अभी इससे दूर ही हैं. लेकिन अब क्रिप्टों करेंसी की कुछ कंपनियां चाहती हैं कि धनतेरस, दीवाली में लोग सोने की बजाय क्रिप्टो करेंसी की खरीदारी करें. इसके लिए उन्होंने बॉलीवुड की कुछ मशहूर हस्तियों को अपने साथ लिया है और उनके विज्ञापन देखने को मिल रहे हैं. क्रिप्टो एक्स्चेंज कॉयन स्विच कुबेर और कॉयन डीसीएक्स को निवेश के एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं और भारतीयों को धनतेरस जैसे पर्व पर निवेश करने को कहलवा रही हैं. इन विदेशियों का मानना है कि सलेब्रिटी इंडोरसमेंट से भारत में क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ेगी. बॉलीवुड हस्तियों में अमिताभ बच्चन का मामला कुछ ज्यादा ही दिलचस्प है. उन्होंने पहले तो रिजर्व बैंक की तरप से बैंक फ्रॉडों से बचने की सलाह का विज्ञापन किया और उसके बाद कॉयनडीसीएक्स की पब्लिसिटी भी की.

क्रिप्टो करेंसी के लिए विदेशों में सलेब्रेटी इंडोरसमेंट सामान्य सी बात हो गई है. फुटबॉल के नामी खिलाड़ी टॉम ब्रैडी, मॉडल जीसेल बंडचेन, पेरिस हिल्टन, किम कार्दश्यान जैसी हस्तियों ने क्रिप्टो करेंसी के लिए पब्लिसिटी की है. एक सर्वे के मुताबिक वहां 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे हस्तियों के कहने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करेंगे.

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करें न करें यह आप के विवेक पर निर्भर करता है. यहां ध्यान रखिये कि इलेक्ट्रॉनिक मनी जितनी तेजी से आती है उतनी ही तेजी से जाती है. क्रिप्टो करेंसी स्वतः चलने वाली करेंसी है और यह लाखों कंप्यूटरों से होकर गुजरती है. इसमें कोई ठोस आधार नहीं है, न ही इसके पीछे कोई वित्तीय संस्थान है. ध्यान रहे कि पिछले दिनों जब एलन मस्क ने क्रिप्टो करेंसी पर संदेह जताया था तो उसके भाव औंधे मुंह गिर गए थे. लेकिन बाद में उन्होंने एक अरब डॉलर से भी ज्यादा पैसा इसमें लगा दिया तो फिर इसमें तेजी आ गई. इसलिए इसमें पैसा लगाने के पहले सोचना जरूरी है. एक बार अगर सिस्टम में कोई गड़बड़ी हो गई तो फिर यह औंधे मुंह गिर जाएगी. या फिर किसी बड़े हैकर ने अगर इसमें अपना पेंच फंसा दिया तो वह चारों खाने चित्त हो जाएगा.

अब आधिकारिक तौर पर ‘क्रिप्टोकरेंसी’ खत्म होने के कगार पर है

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10 नवंबर 2021 को बिटकॉइन का मूल्य 69,000 डॉलर था. किन्तु, क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? उसके बाद से अचानक से ही सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने अपना आधा मूल्य खो दिया है। 69,000 डॉलर से यह सीधे 30,000 डॉलर पर गिरा। 12 मई 2022 को तो इसने अपने 17 महीने के सबसे निचले स्तर को छू लिया, जो 25,401 डॉलर था। हालांकि, मार्केट कैप के हिसाब से क्रिप्टोकरेंसी अभी भी सबसे बड़ी डिजिटल संपत्ति बनी हुई है, लेकिन अब स्थिति उतनी अच्छी नहीं रही। क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार मूल्य अब $1.3 ट्रिलियन है। डेटा प्लेटफॉर्म कॉइनग्लास का बिटकॉइन फियर एंड ग्रीड इंडेक्स ऑफ मार्केट सेंटिमेंट जो इसके संभावित नुकसान और मुनाफे को दर्शाता है उसकी वैल्यू (-13) हो चुकी है। अगर साधारण शब्दों में समझे तो यह आंकड़ा इसके नकारात्मक विकास को इंगित करता है।

अब आते हैं ईथर पर, जो बाजार मूल्य के अनुसार नंबर 2 की क्रिप्टोकरेंसी है। अभी इसका मूल्य $2,000 है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि 10 नवंबर को इसका मूल्य $4,868 था। इसका अर्थ है कि मात्र कुछ महीनों में ही इसका लगभग 60% अवमूल्यन हो चुका है। शोध फर्म मैक्रो हाइव के सीईओ बिलाल हफीज ने चेतावनी दी कि अल्पावधि में इन क्रिप्टोकरेंसी का अप्रत्याशित अवमूल्यन मंदी का संकेतक होगा। वैसे आप इस वाकया को इस तरह से भी समझ सकते हैं कि मंदी क्रिप्टो के वर्चस्व को ध्वस्त कर देगा।

समाचार और शोध साइट ‘द ब्लॉक’ के अनुसार, दुनिया के सभी प्रमुख एक्सचेंजों में सभी क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार मूल्य 14 मई को देखे गए $48.2 बिलियन से गिरकर 18.4 बिलियन डॉलर हो गया जो कि आधे से भी कम है। सर्वेक्षण से, यह देखा गया है कि कुल भारतीयों में से 95.20% का मानना ​​​​था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी एक दशक के बाद भी मौजूद रहेगी। जबकि शेष 4.80% उत्तरदाताओं का मानना ​​​​है कि भविष्य क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? में आने वाले सरकारी नियमों के चलते क्रिप्टोकरेंसी मौजूद नहीं होगी। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों भारत में खत्म होगा क्रिप्टो?

ट्रेडिंग वॉल्यूम गिर गया

1 अप्रैल को बजट पास होने के बाद से इसके ट्रेडिंग वॉल्यूम में 50% तक की गिरावट आएगी। वॉल्यूम के हिसाब से भारत के सबसे बड़े एक्सचेंज वज़ीर एक्स ने अपने कारोबार में 90% तक की गिरावट देखी। जैसे ही क्रिप्टोकरेंसी लोकप्रिय हुई, लोगों ने दुनिया भर में क्रिप्टो में निवेश और व्यापार करना शुरू कर दिया। यही बात भारत में भी देखी जा सकती है। भारत में इसका प्रचलन मुख्यतः वर्ष 2020-2021 के आरम्भ में हुआ। RBI ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई नियम बनाए हैं, लेकिन इसके ट्रेडिंग में अभी भी कुछ खास गिरावट देखने को नहीं मिली है।

अब इसे न तो उन्हें सरकार द्वारा कानूनी निविदा के रूप में मान्यता दी जाती है और न ही उन्हें RBI द्वारा विनियमित किया जाता है। उसके बाद बजट में वित्त मंत्री और फिर RBI ने डिजिटल करेंसी की बात कर दी। सरकार द्वारा बनाए गए कानून में क्रिप्टो में ट्रेडिंग को प्रतिबंधित करने वाला कोई कानून तो नहीं है, लेकिन उसकी स्वछंदता सीमित कर दी गयी है। उस अर्थ क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? में क्रिप्टोकरेंसी अब सोना, कमोडिटी इत्यादि जैसी किसी अन्य संपत्ति जैसी हो गयी है।

मौजूदा खतरे

दमनकारी कर व्यवस्था क्रिप्टो निवेशकों के साथ जुआरी से भी बदतर व्यवहार करती है। कोई भी निवेशक 30 फीसदी के निषेधात्मक कर ब्रैकेट के साथ अपने निवेश को सुरक्षित कर सकता है, लेकिन क्रिप्टो व्यापारी अपने कर के बोझ को कम करने के लिए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते। उद्योग की शुरुआती और अस्थिर प्रकृति को देखते हुए यह एक बहुत बड़ा अवरोध है। सभी क्रिप्टो लेनदेन पर स्रोत (TDS) पर 1% कर कटौती ट्रेडिंग वॉल्यूम को और प्रभावित करेगी और व्यापारियों को दूर भगाएगी।

भुगतान एक समस्या है

हम सभी जानते हैं कि भारतीय एक्सचेंजों ने स्थिर भुगतान भागीदारों (बैंक, भुगतान एग्रीगेटर, ई-वॉलेट) के लिए संघर्ष किया है। हालांकि, 1 अप्रैल के बाद से ये चुनौतियां कई गुना बढ़ गई हैं। सबसे पहले वॉलेट प्रदाता MobiKwik ने एक्सचेंजों के साथ काम करना बंद कर दिया। यह एक मुख्य कारण था कि अधिकांश बड़े प्लेटफॉर्म जीवित रहने में सक्षम थे। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ऑपरेटर, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने भी क्रिप्टो एक्सचेंजों से खुद को अलग कर लिया, जिसके कारण कॉइनस्विच कुबेर और कॉइनबेस दोनों ने अपने प्लेटफॉर्म से विकल्प को हटा दिया।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

क्रिप्टो उद्योग किसी तरह से टिका है लेकिन वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को क्रिप्टो कंपनियों से निपटने से प्रतिबंधित करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक के 2018 के फैसले को उलट दिया। अब उद्योग के पास अपने मामले को एक बार फिर अदालत में ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा होगा, क्योंकि सरकार नियमों पर अपना समय लेती है। किसी भी संपत्ति की कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि नए निवेशक उसे कितना चाहते हैं। किसी न किसी रूप में नियमों के संकेत के साथ-साथ केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) की घोषणा ने इसके प्रति सभी आशाओं को ध्वस्त कर दिया है। भले ही खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी और भावना दुनिया भर में बढ़ती रही हो, लेकिन क्रिप्टो व्यापार की मात्रा और निवेश में तेजी नहीं आई है। ऐसा लगता है कि दुनिया भर में लोग क्रिप्टो बाजार दुर्घटना की तैयारी कर रहे हैं। इसलिए वे क्रिप्टो जैसे उच्च-जोखिम, उच्च-वापसी परिसंपत्ति वर्गों की तुलना में सुरक्षित संपत्ति में निवेश करने की अधिक संभावना रखते हैं।

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