निवेश की रकम

जानकार क्या मानते हैं
कोटक सिक्युरिटीज में प्रमुख (इक्विटी रिसर्च-रिटेल) श्रीकांत चौहान ने कहा कि मौद्रिक सख्ती, बढ़ती महंगाई दर और भू-राजनीतिक चिंताओं को देखते हुए आने वाले समय में एफपीआई का रुख अस्थिर बना रहेगा.
निवेश की रकम
FV फ़ंक्शन स्थिर-राशि के आवधिक भुगतानों और स्थिर ब्याज दर के आधार पर वार्षिकी निवेश के भविष्य के मान निवेश की रकम निवेश की रकम की गणना करता है.
FV(rate, number_of_periods, payment_amount, [present_value], [end_or_beginning])
number_of_periods - किए जाने वाले भुगतानों की संख्या.
payment_amount - हर अवधि में भुगतान की जाने वाली रकम.
present_value - [ ज़रूरी नहीं - डिफ़ॉल्ट रूप से 0] - वार्षिकी की वर्तमान कीमत.
end_or_beginning - [ ज़रूरी नहीं - डिफ़ॉल्ट रूप से 0 ] - क्या हर अवधि के खत्म होने (0) या शुरुआत (1) में भुगतान देय हैं.
- यह पक्का करें कि rate , number_of_periods और payment_amount के लिए एक जैसी इकाइयों का इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरण के लिए, किसी कार ऋण का भुगतान हर महीने के हिसाब से 36 महीनों तक किया जा सकता है. इस स्थिति में सालाना प्रतिशत दर को 12 से भाग देना होगा और भुगतानों की संख्या 36 होगी. दूसरी ओर, उसी रकम के ऋण के लिए अलग तरीके से हर तीन महीनों में भुगतान किया सकता है. इस स्थिति में सालाना प्रतिशत दर को 4 से भाग देना होगा और भुगतानों की संख्या 12 होगी.
यह भी देखें
PV : स्थिरांक राशि आवधिक भुगतान और स्थिरांक ब्याज दर पर आधारित, किसी वार्षिक वृत्ति निवेश के वर्तमान मूल्य का हिसाब करता है.
PPMT : PPMT फ़ंक्शन स्थिर-राशि के आवधिक भुगतानों और स्थिर ब्याज दर के आधार पर किसी निवेश के मूलधन पर निवेश की रकम भुगतान की गणना करता है.
PMT : PMT फ़ंक्शन स्थिर-राशि के आवधिक भुगतानों और स्थिर ब्याज दर के आधार पर वार्षिकी निवेश के लिए आवधिक भुगतान की गणना करता है.
NPER : NPER फ़ंक्शन स्थिर-राशि के आवधिक भुगतानों और स्थिर ब्याज दर के आधार पर किसी निवेश के लिए भुगतान की अवधियों की संख्या की गणना करता है.
IPMT : IPMT फ़ंक्शन स्थिर-राशि के आवधिक भुगतानों और स्थिर ब्याज दर के आधार पर किसी निवेश के लिए ब्याज पर भुगतान की गणना करता है.
FVSCHEDULE : FVSCHEDULE फ़ंक्शन संभावित रूप से बदलने वाली ब्याज दरों की खास शृंखला पर आधारित कुछ मूलधन के भविष्य के मूल्य की गणना करता है.
निवेश का मतलब और राशि - Nivesh meaning aur rashi in hindi
वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है। वृश्चिक राशि के निवेश नाम निवेश की रकम के लड़कों के आराध्य देव गणेश जी होते हैं। जिस मौसम में पेड़ों की जगह सड़कों पर पत्ते दिखाई देते हैं उस मौसम में निवेश नाम के लड़के पैदा होते हैं। निवेश नाम के लड़के डायबिटीज, सेक्स ऑर्गन्स, पेल्विस की हड्डी, और मूत्र प्रणाली के रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं। वृश्चिक राशि के निवेश नाम के लड़कों को मदिरापान नहीं करना चाहिए। तनाव इनकी सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। इन निवेश नाम के लड़कों में अनुशासन और दूसरों की रक्षा निवेश की रकम करने का गुण कूट कूट कर भरा होता है।
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Investment Tips: बुढ़ापे में चाहते हैं बड़ी रकम तो जरूरी है यह बात
भविष्य के लिए चाहते हैं बड़ी रकम इकट्ठा करना तो बनाए रखना होगा अनुशासन
- भविष्य के लिए रकम जमा करना चाहते हैं तो निवेश में अनुशासन जरूरी है
- निवेश में अनुशासन का सबसे तरीका एसआईपी हो सकता है
- आपके एसआईपी की अवधि जितनी लंबी होगी, उतना ज्यादा रकम का कोरपस बनेगा
एसआईपी है आदर्श उपकरण
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान या एसआईपी (SIP) दशकों से लंबी अवधि के धन सृजन के लिए अनुशासन निवेश निवेश की रकम के पर्याय के रूप में एक आदर्श उपकरण के रूप में उभरा है। राणे बताते हैं कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ ने एसआईपी में एक बूस्टर निवेश की रकम फीचर जोड़ा है जिसे आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फ्रीडम एसआईपी निवेश की रकम कहा जाता है। वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए यह एक उत्कृष्ट निवेश सुविधा है। फ्रीडम एसआईपी न केवल एसआईपी के अनुशासन को सुनिश्चित करता है बल्कि जब एसडब्ल्यूपी के माध्यम से निकासी की बात आती है तो अनुशासनात्मक दृष्टिकोण भी जोड़ता है।
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FPI Investment: विदेशी निवेशक हुए मेहरबान, 16 सितंबर तक भारतीय बाजार निवेश की रकम में लगाई इतनी बड़ी रकम
By: ABP Live | Updated at : 19 Sep 2022 09:03 AM (IST)
विदेशी निवेश (फाइल फोटो)
FPI Investment: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का रुझान भारतीय बाजार में फिर आता दिख रहा है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 12,000 करोड़ रुपये लगाए हैं. उनका निवेश इन अनुमानों पर आधारित है कि मुद्रास्फीति में आ रही नरमी के बीच दुनिया भर के केंद्रीय बैंक विशेषकर अमेरिका का फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर कुछ नरम रूख अपना सकते हैं.
सितंबर के 16 दिनों में विदेशी निवेशकों ने लगाए 12000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एक सितंबर से 16 सितंबर के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में 12,084 करोड़ रुपये लगाए हैं. आर्थिक वृद्धि की गति जारी रहने की उम्मीदों के बल पर एफपीआई शुद्ध लिवाल बने रहे.