एकीकृत विपणन

प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला का अब वो मजा कहाँ रहा जो कि कुछ वर्षों पहले तक रहता था। प्रगति मैदान में प्रवेश करते ही दिल्ली,राजस्थान, असम, अरुणाचल प्रदेश, अण्डमान निकोबार,बिहार, झारखंड,चंडीगढ़,गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश,जम्मू कश्मीर,केरल,लक्ष द्वीप, मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ , मेघालय,मणिपुर, नागालेंड,उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, पंजाब,पूँदूचेरी,सिक्किम,तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के भव्य और बहु मंज़िला पेवेलियनों के दीदार करना और उन प्रदेशों के इतिहास,कला-संस्कृति और समृद्ध स्थापत्य कला का दिग्दर्शन करना एक अनूठा ही अनुभव होता था। लगता था कि समूचा भारत एक ही मैदान में सिमट गया है। यह आकर्षण हमारे देश के ही नही,विदेशी दर्शकों को भी बरबस ही अपनी ओर खींच कर ले आता था। हर प्रदेश का अपना लज़ीज़ खानपान,उनका हस्त शिल्प और वहाँ के लोक-कलाकारों द्वारा उत्साह और उमंग से भरपूर प्रस्तुतियाँ और सांस्कृतिक छटा सभी का मन मोह लेती थी। दर्शकों को भीड़ के मध्य भी अपने पसंदीदा प्रदेश के पेवेलियन को ढूँढना नही पड़ता था। उनके कदम अपने गन्तव्य की और स्वतः ही बढ़ जाते थे। मंडपों का आकर्षण इतना अधिक था कि लाखों की भीड़ के कारण इन भव्य पेवेलियनों के मुख्य द्वार कई बार बंद करने पड़ते थे।
सीएट ने राणा दग्गूबती को बाइक के नये टायरों की श्रृंखला के लिए ब्रांड एकीकृत विपणन एम्बेसेडर बनाया
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सरकार ने पूरे तेलंगाना में विपणन गोदाम क्षमता बढ़ाई
विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सरकार मार्केटिंग विंग को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना था कि किसानों को लाभ मिले। जब राज्य का गठन हुआ तब 7.50 लाख टन की भंडारण क्षमता वाले केवल 750 गोदाम थे। यह महसूस करते हुए कि वे राज्य की जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं थे, सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए गोदामों का निर्माण शुरू किया।
अधिकारियों ने बताया कि नाबार्ड के सहयोग से 364 क्षेत्रों में 10.24 करोड़ रुपये की लागत से 17.35 लाख टन क्षमता वाले 457 गोदामों का निर्माण शुरू किया गया. अभी तक 347 क्षेत्रों में गोदाम बनकर तैयार हो चुके एकीकृत विपणन हैं। इससे विभाग के संबंध में इनकी भण्डारण क्षमता 7.38 लाख एमटी से बढ़कर 24.65 लाख एमटी हो एकीकृत विपणन गई है। इन गोदामों का उपयोग पीडीएस चावल, उर्वरक, एमएसपी संचालन और रायथु बंधु योजना के लिए किया जा रहा एकीकृत विपणन है।
एकीकृत सहकारी विकास परियोजना में आयोजित होगा 4 दिवसीय प्रशिक्षण एकीकृत विपणन कार्यक्रम
एकीकृत सहकारी विकास परियोजना सतना के संयोजकत्व में 4 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के मार्गदर्शन में किया जाना निश्चित हुआ है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम नई दिल्ली एवं क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के विभागीय अधिकारी निर्धारित विषयों पर चर्चा करेगें। कार्यशाला के प्रथम एवं द्वितीय दिवस मे बैंक, पैक्स, बीज, विपणन एवं दुग्ध समितियों के अध्यक्ष एवं प्रबंधकों को बुलाया एकीकृत विपणन गया है। जबकि तीसरे दिवस में विभिन्न विभागों के अधिकारियों से एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के क्रियान्वयन पर चर्चा होगी। कार्यक्रम के चौथे दिन विभिन्न समितियों, बैंकों, विभागों की महिलाओं की उपस्थिति में सहकारिता के विकास एवं सुशासन में महिला निर्देशकों की भूमिका विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होगा।
एकीकृत विपणन
एक अग्रणी धातु खनन कंपनी बनने का प्रयास करना और कुल शेयरधारक को अधिकतम करना स्थायी रूप से खोजना, विकास करना, और खनन तांबा अयस्क और इस तरह के अन्य भौगोलिक रूप से जुड़े खनिजों अधिक पढ़ें
संयंत्र और सुविधाएं
सिंहभूम कॉपर बेल्ट में एक प्रोटेरोजोइक ज्वालामुखी-तलछटी चट्टान शामिल है जो सिंहभूम कतरनी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। एससीबी में कॉपर खनिज स्थानीयकृत है .
प्रबंध
कंपनी अधिनियम, 1956 के प्रावधानों और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देश / निर्देश और ज्ञापन और आचार संहिता में निहित प्रावधानों के अधीन .
एचसीएल न्यूज़
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प्रगति मैदान के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला का अब वो मजा कहाँ रहा ?
नई दिल्ली। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में इन दिनों 41वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार का आयोजन हो रहा है। कोरोना महामारी की विभीषिका के कारण दो वर्ष बाद आयोजित हो रहें चौदह दिवसीय यह विशाल मेला आज 27 नवंबर रविवार को सम्पन्न हो जायेगा।इसमें करीब 2500 घरेलू और एकीकृत विपणन विदेशी प्रतिभागियों ने भाग ले रहें हैं।
मेला के आयोजक भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) ने इस बार भी 14-27 नवम्बर तक चले इस भव्य मेले की थीम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चहेते नारे ''वोकल फार लोकल, लोकल टू ग्लोबल'' पर रखी है । इसके साथ ही इस बार मेला में “आजादी का अमृत महोत्सव'' की झलक भी देखने को मिली । इस वर्ष मेले में लद्दाख ने पहली बार हिस्सा लिया। बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र प्रदेश मेले में भागीदार राज्य है जबकि उत्तर प्रदेश और केरल राज्यों को फोकस राज्य का दर्जा दिया गया। मेले में 29 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हुए । मेले में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, बेलारूस, ईरान, नेपाल, थाईलैंड, तुर्की, यूएई, वियतनाम, चीन, टुनिशिया, लेबनान और रिपब्लिक आफ तुर्की भी प्रतिभागी थे।पाकिस्तान और अन्य कई देश इस बार भी मेला में शामिल नहीं हुए।