अनुशंसित दलाल

नेतरहाट विद्यालय में 62 विद्यार्थियों का नामांकन हो चुका है। विद्यालय प्रबंध समिति की राज्य कार्यकारिणी ने गृह विभाग की रिपोर्ट के आधार पर नामांकन की अनुशंसित दलाल अनुमति प्रदान की थी। गृह विभाग ने जांच के क्रम में इन विद्यार्थियों का प्रमाणपत्र सही पाया था, जबकि 38 विद्यार्थियों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं हो सका था।
नेटवर्क योजना समूह द्वारा अनुशंसित 3 महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाएं
‘पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के संस्थागत ढांचे के तहत बनाए गए नेटवर्क योजना समूह ने 3 अगस्त, 2022 को 3 महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं की जांच और सिफारिश की है। इनमें गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर अनुशंसित दलाल रेल लाइन का दोहरीकरण, कटिहार-मुकुरिया और कटिहार-कुमेदपुर का दोहरीकरण और पचोरा – जामनेर गेज परिवर्तन और बोडवाड तक विस्तार शामिल है। आंतरिक इलाकों में माल की तेज आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सभी 3 परियोजनाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जिससे लॉजिस्टिक्स की कार्यक्षमता में तेजी लाएगी और उनकी लागत में कमी लाएगी।
रेल मंत्रालय ने 3000 मिलियन मीट्रिक अनुशंसित दलाल टन माल ढुलाई के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रेलवे लाइनों के ‘उच्च घनत्व नेटवर्क’ की पहचान की है। उस मिशन के हिस्से के रूप में, 3 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की पहचान इस प्रकार की गई है:
मिर्च की उन्नत खेती
पोषक मूल्य
पोष्टिकता की दृष्टि से यह विटामिन एवं खनिज लवणों का स्त्रोत है। इसके फल विटामिन ए व सी से भरपूर होते हैं। मिर्च का तीखापन उसमें उपस्थित एल्कालॉयड कैपसाइसिन के कारण होता है।
जलवायु
निमाड़ की जलवायु मिर्च उत्पादन के लिए उपयुक्त है। 15 से 35डिग्री सेल्शियस तापमान मिर्च की खेती के लिए उपयुक्त माना गया है। 40 डिग्री सेल्शियस से अधिक तापमान होने पर इसके फूल एवं फल गिरने लगते हैं। खरगोन जिले में औसतन 835 मिली मीटर वार्षिक वर्षा होती है जो कि मिर्च उत्पादन के लिए उपयुक्त है।
मिट्टी या मृदा
निमाड़ में काली मृदा, मिश्रित काली एवं लाल मिट्टी पाई जाती है जो कि मिर्च उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं। भारी मिट्टी में हल्की मिट्टी की अपेक्षा पौधों की बढ़वार एवं उत्पादन अधिक होता है, किंतु हल्की भूमि में भारी भूमि की अपेक्षा उच्च गुणवत्ता वाले फल प्राप्त होते हैं।
किस्में
अर्का लोहित – यह किस्म भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलोर द्वारा 1990 में विकसित की गई है। फल मध्यम मोटाई के अत्यधिक तीखे होते हैं। हरी एवं लाल मिर्च दोनों के लिए उपयोगी है। चूर्णिल आसिता रोग के प्रति सहनशील है। औसत उपज 30 क्विंटल (लाल सूखी मिर्च ) प्रति हेक्टेयर एवं 250 क्विंटल (हरी मिर्च ) प्रति हेक्टेयर है यह किस्म छत्तीसगढ़, उडीसा, अरूणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू एवं केरल के लिए अनुशंसित है।
पन्त सी-1- गोविंद बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय, पन्त नगर द्वारा 1977 में विकसित। फल 6.9 से.मी. लम्बे, 2.9 से.मी. व्यास के चिकने एवं सीधे खड़े होते हैं। फल कच्ची अवस्था में हरे एवं पकने पर गहरे लाल रंग के होते हैं। विषाणु के प्रति सहनशील है। औसत उपज 15 क्विंटल (लाल सूखी मिर्च) प्रति हेक्टेयर है। सम्पूर्ण भारत के लिए अनुशंसित।
जवाहर मिर्च 218 – जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा वर्ष 1987 में विकसित। इस किस्म के फल 10-12 से.मी. लम्बे एवं 2.5 से 3 से.मी.मोटे चमकदार, आकर्षक, तेज लाल रंग के। चुडऱ्ा-मुडऱ्ा के प्रति सहनशील हैं। औसत उपज 18-22 क्विंटल सूखी लाल मिर्च। मध्यप्रदेश के लिए अनुशंसित।
पूसा सदाबहार –भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा 1989 में विकसित। फल सीधे 6-8 सेमी. लम्बे होते हैं। विषाणु के प्रति सहनशील है। औसत उपज 15-20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर। यह किस्म सम्पूर्ण भारत के लिए अनुशंसित।
के.ए.-2 (काशी अनमोल) – भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकसित की गई है। पौधे छोटे बढ़वार वाले तथा छातानुमा। फल ठोस, सीधे, 6-7 से.मी. लम्बे एवं 1 से.मी. मोटे। अधिक भण्डारण क्षमता एवं आकर्षक फल होने के कारण इस प्रजाति के हरे फल की कीमत अन्य किस्मों से ज्यादा मिलती है। रोपाई के मात्र 45-50 दिनों बाद प्रथम तुड़़ाई प्राप्त हो जाती है जो अन्य किस्मों से 10-15 दिनों पहले होती है। इस प्रजाति से 6-8 तुड़ाई, 10-12 दिनों के अंतराल पर ली जा सकती है। हरे फल उत्पादन के लिए यह एक उत्तम किस्म है। हरे फल का उत्पादन लगभग 250 तथा सूखे फलों की पैदावार 70 क्विंटल/हेक्टेयर मिल जाता है। यह किस्म पंजाब, उत्तरप्रदेश, बिहार एवं झारखंड के लिए अनुशंसित की गई है।
अर्का सुफल- यह किस्म 2002 में विमोचित की गई है। फल हरे रंग के, चिकने, मध्यम लम्बे (6-7 सेमी.) पकने पर गहरे लाल रंग के होते हैं। भभूतिया रोग के प्रति सहनशील। औसत उपज 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर (हरी मिर्च) एवं 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर (सूखी मिर्च) है। यह किस्म मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के लिए अनुशंंसित।
पूसा ज्वाला – कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा 1983 में अनुशंसित दलाल अनुशंसित दलाल विकसित फल लम्बे, पतले, मुड़े हुए कच्ची अवस्था में फल हरे और पकने पर खूब लाल थ्रिप्स, माईट, एफिड के प्रति सहनशील औसत उपज 18 क्विंटल (लाल सूखी मिर्च) प्रति हेक्टयर सम्पूर्ण भारत के लिए अनुशंसित।
नेतरहाट स्कूल में नामांकन घोटाले की अनुशंसित दलाल स्वतंत्र एजेंसी करे जांच
RANCHI : झारखंड विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति ने नेतरहाट विद्यालय में नामांकन अनुशंसित दलाल मामले की सीबीआइ या एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने अनुशंसित दलाल की अनुशंसा की है। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में झारखंड एकेडमिक कौंसिल द्वारा 2016-17 में नामांकन के लिए अनुशंसित विद्यार्थियों में से कई का आवासीय प्रमाणपत्र फर्जी होने की पुष्टि करते हुए जांच और कार्रवाई आवश्यक बताई है। समिति ने फर्जी प्रमाणपत्र का इस्तेमाल करने वाले अभिभावकों पर एफआइआर दर्ज कराने की भी अनुशंसा की है।
मासस विधायक अरुप चटर्जी के सभापतित्व वाली इस समिति ने सोमवार को स्पीकर डॉ। दिनेश उरांव को अपनी रिपोर्ट सौंपी। समिति में माले विधायक राजकुमार यादव व झामुमो विधायक शशिभूषण सामड भी शामिल थे। समिति ने इसी तरह की गड़बड़ी हजारीबाग स्थित इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में नामांकन की अनुशंसा में भी होने की बात कही है.े
SSC GD कांस्टेबल परीक्षा 2018 : सलेक्टेड उम्मीदवारों की रैंक जारी; जानिए कैसे करें अपने रैंक की जाँच
SSC GD Result 2018-19:कर्मचारी चयन आयोग ने 21 जनवरी, 2021 को SSC GD 2018 final result जारी किया था। रिजल्ट कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर पीडीएफ के रूप में जारी किया गया अनुशंसित दलाल था। अब आयोग ने उन चयनित उम्मीदवारों की रैंक अपलोड करने का निर्णय लिया है जिनकी नियुक्ति के लिए फाइनली सिफारिश की गई थी।
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No. of Candidates appeared in SSC GD Paper 1 | 30,41,284 |
No. of Candidates shortlisted for (PET)/ (PST) | 5,54,903 candidates (female-77,369 and male-4,77,534) |
No. of Candidates shortlisted for DME | 1,52,226 candidates (female-20750 and male-1,31,476) |
No. of Candidates qualified in DME | 1,09,552 candidates (female-15,898 and male-93,654) |
Process
Dates to Remember
Release of SSC GD Constable Application Form
Last date to submit Online Application
20th August 2018
Release of SSC GD Admit Card for Written Exam
खगड़ियाः सांसद निधि योजनाओं में सिर्फ घोटाला ही घोटाला… कबतक जिला योजना विभाग, कार्यपालक अभियंता, सहायक व कनीय अभियंता सहित दलाल सरकार की राशि लूटते रहेंगे ?
खगड़ियाः सांसद निधि योजनाओं में सिर्फ घोटाला ही घोटाला… कबतक जिला योजना विभाग, कार्यपालक अभियंता, सहायक व कनीय अभियंता सहित दलाल सरकार की राशि लूटते रहेंगे ?
खगड़िया/कोशी एक्सप्रेस/ गत 11 मार्च को प्रेस एसो. ऑफ बिहार व कोशी एक्सप्रेस टीम ने अनुशंसित दलाल सांसद चौ. महबुब अली कैसर द्वारा अनुशंसित कुछ योजनाओं (वर्ष 2018) की स्थलीय जांच पड़ताल में यह देखकर आश्चर्यचकित हो गई कि कोठिया पंचायत अन्तर्गत इस्लामपुर गांव में एक युनिट शौचालय (अर्थात एक शौचालय) व साईकिल स्टैंड , निर्माण कार्य में 8 लाख 83 हजार 600 रुपयेका प्रत्यक्ष रुप में गबन किया गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यहां कहीं शौचालय और साईकिल स्टैण्ड नहीं बना। इसी गांव में 13 लाख 31हजार 600 रुपये की लागत से पुस्तकालय भवन निर्माण के नाम पर निजी मकान बनाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया। इस्लामपुर गांव में ही मस्जिद से लेकर अनुशंसित दलाल बसीम मिस्त्री घर तक पीसीसी निर्माण कार्य में 14 लाख से अधिक सांसद निधि कोष से संबंधित विभाग के अधिकारियों, संवेदकों एवं दलालों ने गबन करने का दुस्साहस किया। मीडिया टीम को कुछ ग्रामीणों ने बताया कि इस्लामपुर निवासियों को आजतक वर्षों से राशनकार्ड तक उपलब्ध नहीं हो सका है, बिचौलिये रिश्वत लेकर फरार होते रहे हैं। इसके अलावे अलौली प्रखंण्डन्तर्गत मेघौना सरहदी गांव में तीन स्थानों पर एक युनिट शौचालय और एक साधारण चापाकल के नाम पर दलालों व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से प्रत्येक युनिट के लिए दो लाख साठ हजार रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।