चलती औसत का आवेदन

Q14. 1440 रुपये की एक राशि को इस प्रकार से तीन भागों में उधार दिया जाता है कि पहले भाग पर 2% पर 3 वर्ष में अर्जित ब्याज, दुसरे भाग पर 4 वर्ष में 3% पर अर्जित ब्याज और तीसरे भाग पर 5 वर्ष के लिए 4% पर अर्जित ब्याज बराबर है. तो सबसे बड़ी राशि और सबसे छोटी राशि के बीच का अंतर ज्ञात कीजिये?
(a) 400 रूपये
(b) 560 रूपये
(c) 460 रूपये
(d) 200 रूपये
(e) 250 रूपये
आप 200 दिन की चलती औसत का व्यापार कैसे करते हैं?
200-दिन का औसत द्वारा पाया जाता है पिछले 200 सत्रों के समापन मूल्यों को जोड़ने और 200 से विभाजित करने के बाद, अगले कारोबारी दिन को दोहराया गया. ऐसा करने से एक लाइन बनती है जो स्टॉक की दिन-प्रतिदिन की कार्रवाई को संदर्भ में रखती है और दीर्घकालिक समर्थन की पहचान करने में मदद करती है।
इसी तरह, आप 200 दिन की चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? शुरुआत न करने वालों के लिए: 200-दिवसीय मूविंग एवरेज अक्सर इस्तेमाल किया जाने वाला स्टॉक-चार्ट इंडिकेटर है, जिसकी गणना द्वारा की जाती है पिछले 200 दिनों में से प्रत्येक के लिए समापन मूल्य जोड़ना, फिर 200 . से विभाजित करना.
क्या 200 दिन चलती औसत का आवेदन की चलती औसत में सप्ताहांत शामिल हैं? सरल मूविंग एवरेज की परिभाषा और उदाहरण
सबसे आम चलती औसत समय अवधि 50 दिन और 200 दिन हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि एक बार जब आप सप्ताहांत और छुट्टियों को घटा देते हैं, तो 50 दिन एक तिमाही में व्यापारिक दिनों की संख्या का अनुमान लगाते हैं और साल में लगभग 200 दिन.
S&P 200 पर 500 दिन का मूविंग एवरेज क्या है?
एसएंडपी 500 की मृत्यु सूचकांक के 50-दिवसीय चलती औसत को लगभग 4,465 पर पार करती है। यह इसके 200-दिवसीय मूविंग एवरेज से नीचे है 4,467. हालांकि इससे शेयर बाजार में चीजें धूमिल होती हैं, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए स्टॉक खरीदने का शायद यह एक अच्छा समय है।
50 दिन या 200 दिन की चलती औसत कौन सी आसान होगी? अधिकांश कीमतों के लिए 50-दिवसीय चलती औसत 200-दिवसीय चलती औसत से ऊपर है, लेकिन सबसे हाल की कीमतों के लिए यह 200-दिवसीय चलती औसत के करीब पहुंच रहा है। यदि कीमतों में गिरावट जारी रहती है, तो 50-दिवसीय चलती औसत 200-दिवसीय चलती औसत से नीचे आ जाएगी।
थिंकर्सस्विम पर आपको 200 दिन का मूविंग एवरेज कैसे मिलता है? इसके विपरीत, 50-दिन (नारंगी) और 200-दिन (बैंगनी) एसएमए लंबी अवधि के रुझान पर एक आसान, अधिक क्रमिक रूप प्रदान करते हैं। थिंकर्सस्विम प्लेटफॉर्म में मूविंग एवरेज स्टडी स्थापित करने के लिए, स्टॉक सिंबल में टाइप करें और चार्ट्स> स्टडीज के तहत स्टडी जोड़ें> मूविंग एवरेज> डेली एसएमए चुनें. समयावधि संपादित करें (20, 50, आदि)
QQQ 50-दिवसीय चलती औसत क्या है?
नैस्डैक क्यूक्यूक्यू इनवेस्को ईटीएफ (क्यूक्यूक्यू)
अवधि | चलायमान औसत | मूल्य परिवर्तन |
---|---|---|
एक दिन | 342.19 | +1.76 पर कॉल करें |
एक दिन | 353.83 | -15.75 |
एक दिन | 347.04 | -13.92 |
एक दिन | 363.94 | -57.55 |
दिन के कारोबार के लिए सबसे अच्छा मूविंग एवरेज क्या है? चाय 200-दिवसीय चलती औसत स्टॉक ट्रेडिंग में विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। जब तक किसी शेयर की कीमत का 50-दिवसीय मूविंग एवरेज 200-दिवसीय मूविंग एवरेज से ऊपर रहता है, तब तक स्टॉक को आमतौर पर एक तेजी के रुझान में माना जाता है।
S&P 200 के लिए 500 दिन का मूविंग एवरेज क्या है?
Numerical Ability for SBI Clerk Prelims Exam 2018: 24th March 2018
संख्यात्मक क्षमता खंड बैंकिंग परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को काफी परेशान करता है. चूंकि प्रत्येक दूसरे अनुभाग का स्तर केवल जटिल और जटिल होता जा रहा है, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह खंड भी आपको कठिनाई देगा. इस खंड में पूछे गये प्रश्न गणनात्मक और बहुत समय लेने वाले हैं. लेकिन एक बार उचित रणनीति, गति और सटीकता से प्रयास करने के बाद, यह खंड आपको परीक्षा में अधिकतम अंक प्राप्त करा सकता है. निम्नलिखित नवीनतम पैटर्न के Quantitative Aptitude के साथ अभ्यास करने में आपकी सहायता करने के लिए संख्यात्मक अभियोग्यता की क्विज़ प्रदान की गयी है .
जैविक और मनोवैज्ञिक लिंगता का IQ पर अधिक प्रभाव
डेविड रैली और उनके साथियों ने पुरुषों व महिलाओं के व्यक्तिगत व सामान्य आत्मसम्मान संबंधी विषय में आंकलन किया. उन्होंने अपने अध्ययन में पाया कि जैविक और मनोवैज्ञिक लिंगता का IQ की धारणा पर अधिक प्रभाव है.
यह भी पढ़े : ESIC Recruitment 2022 : कर्मचारी राज्य बीमा निगम में असिस्टेंट प्रोफेसर सहित कई पदों पर निकली भर्ती, ऐसे करें आवेदन, 1.50 लाख+ सैलरी
आपको बताये कि लोगों की अपने बारे में अधिक बुद्धिमत्ता की धारणा होने के बाद भी व्यक्तियों की निजी धारणाएं अलग अलग थीं. अभी भी अधिकतर लोग पौरुषीय गुणों के कारण पुरुष में जन्म लेना चाहते चलती औसत का आवेदन चलती औसत का आवेदन हैं.
पुरुष मानते हैं खुद को अधिक बुद्धिमान
अध्ययन में यह देखा गया है कि पुरुष खुद को अधिक बुद्धिमान मानते है. उनका कहना है कि जितना उन्हें बुद्धिमान समझा जाता है वे उससे ज्यादा बुद्धिमान हैं.
वहीं महिलाएं खुद को सौम्य मानता है. उनके अनुसार वे अधिक सौम्य हैं. शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को अन्य कई संस्कृतियों पर भी समान रूप से लागू होने की बात कही है.
मनोवैज्ञानिक और बुद्धिमत्ता शोधकर्ताओं का मानना है कि पुरुष और महिलाएं बौद्धिक स्तर (intelligence quotient) में अलग अलग नहीं होते हैं.
स्मार्ट सेक्ट (Smart Sex) जैसा कुछ नहीं होता है. शोधकर्ताओं ने केवल उद्देश्यात्मक तरीकों से ही बुद्धिमत्ता (Intelligence) का आंकलन कर यह नतीजा निकाला है.
इतिहरास में महिलाओं को बुद्धिमत्ता के नजिरए से कम माना जाता था क्योंकि उनकी खोपड़ी का आकार छोटा था. लेकिन दिमाग के आकर का संबंध बुद्धिमत्ता से नहीं है. आज यह धारणा बदल चुकी है. लेकिन पाया गया है कि लिंग और बुद्धिमत्ता को लेकर कुछ छिपी हुई धारणाएं और विश्वास हैं.
अभिवावकों द्वारा बुद्धिमत्ता का आकलन
एक शास्त्रीय सामाजिक मनोवैज्ञानिक अध्ययन में शोधककर्ताओं ने अभिभावकों (Parents) से पूछा कि वे अपने बच्चों की बुद्धिमत्ता का आंकलन चलती औसत का आवेदन कैसे करते हैं.
उन्होंने लड़कों (Boys) को लड़कियों से ज्यादा बुद्धिमान माना. इस तरह की धारणा पूरी दुनिया में चलती है. बच्चों की बुद्धिमत्ता आत्मछवि के प्रभावित करने में माता पिता की अपेक्षाएं महत्वपूर्ण हो सकती हैं.
लेकिन चलती औसत का आवेदन इससे बाद में पढ़ाई में भी फायदा मिलता है. आत्म सम्मान (Self Esteem) में लिंग भेद भी एक अहम कारक है क्योंकि ज्यादा आत्म सम्मान वाले लोग
यह भी पढ़े : PM Kisan Update : किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, 30 नवंबर तक इनके खाते में आएंगे 2000, अभी इस लिस्ट में चेक करें अपना नाम
जीवन के हर पहलू को चलती औसत का आवेदन चलती औसत का आवेदन ज्यादा सकारात्कम तौर पर देखने का प्रयास करते हैं. लड़कियां और महिलाएं, लड़कों और पुरुषो की तुलना में अपना कम आत्मसम्मान देखती हैं.
बौद्धिक स्तर का आंकलन
नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को बुद्धिमत्ता (intelligence) के स्कोर कैसे किया जाता है, उस बारे में बताने के बाद पूछा कि वे अपने बौद्धिक स्तर (intelligence quotient) का आंकलन करते हैं.
इसमें औसत अंक 100 बताए गए. प्रतिभागियों को बताया गया कि दो तिहाई प्रति लोग खुद को 115 से 85 के बीच आंकते हैं. प्रतिभागियों को सामन्य आत्मसम्मान (Self Esteem) के साथ बेमसेक्स रोल इन्वेंटरी (BemSex Role Inventory) को भी मापने को कहा गया
जिससे व्यक्तित्व में पुरुष और महिला के गुणों का पता चलता है. उन्होंने पाया कि औसत बौद्धिक स्तर 107.55 है जो कि औसत से ज्यादा है.
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के निर्णयों की सटीकता भी जांची. खुद के आंकलित किए हुए बौद्धिक स्तर और मापे गए बौद्धिक स्तर (Intelligence Quotient) में बहुत अंतर नहीं पाया गया.
हां इतना जरूर था कि पुरुषों (Man) का आंकलन अपने औसत से कहीं अधिक था तो महिलाओं (Women) का कम. आत्म आंकलित बुद्धिमत्ता के
औसत पूरी नहीं होने का डर, 6 सौ से अधिक खेतों में फसल हंकाई के आवेदन
प्रतापगढ़ जिले में इस वर्ष वैसे तो गत वर्ष से अधिक लाइसेंस अफीम बुवाई के दिए है। लेकिन इस वर्ष 6 सौ से अधिक खेतों में अफीम उत्पादन प्रभावित हुआ है। ऐसे में किसानों ने अफीम फसल खराब होने पर हंकाई के लिए आवेदन विभागीय कार्यालय में दिए है। ऐसे में नारकोटिक्स विभाग की ओर से भी आवेदन मिलने पर फसल हंकाई की कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि अभी किसनाों को अपने खेतों पर ही फसल की रखवाली करनी पड़ रही है।
गौरतलब है कि जिले में विभाग की ओर से इस वर्ष सात हजार 320 किसानों को 10-10 आरी में बुवाई के लिए लाइसेंस दिए है। इनमें से 10 किसानों ने अफीम की बुवाई नहीं की है। इन किसानों ने अगले वर्ष के लिए लाइसेंस सुरक्षित रखा है। वहीं फसल में खराबा होने और औसत पूरी नहीं बैठने को देखते हुए 616 किसानों ने आंशिक, आधी फसल उखड़वाने के लिए आवेदन दिए है।
मौसम में उतार-चढ़ाव से प्रभावित हुई फसल
इस वर्ष गत तीन माह से मौसम में सबसे अधिक उतार-चढ़ाव बना रहा।इससे अति संवेदनशील फसल में विभिन्न रोगों के साथ डोडे सूखने की भी बीमारी देखी गई। ऐसे में शुरू से ही उत्पादन और औसत पूरी नहीं होने का डर भी बना हुआ रहा। गत माह भी सर्दी, गर्मी और कहीं-कहीं बूंदाबांदी का भी दौर रहा। इससे भी उत्पादन में प्रभाव पड़ा है।
यह रहा जिले में आंकड़ा
जिले में प्रतापगढ़ और छोटीसादड़ी दो खंड है। प्रथम खंड में प्रतापगढ़ और अरनोद दो तहसील के किसानों को शामिल किया गया है। यहां कुल 3 हजार 817 किसानों को लाइसेंस दिए गए थे।इनमें से नौ किसानों ने अफीम की बुवाई नहीं की है। जबकि 381 किसानों ने फसल में हंकाई के लिए विभाग को आवेदन दिए है।इसी प्रकार छोटीसादड़ी खंड में 3 हजार 503 किसानों को लाइसेंस दिए गए थे। इनमें से एक किसान ने बुवाई नहीं की। जबकि 235 किसानों ने हंकाई के लिए आवेदन दिए है।
भूकंपीय तरंगें (Seismic Waves)
जब भूकंप अपने भूकंप केन्द्र से प्रारंभ होता है तो तीन प्रकार की तरंगें उत्पन्न होती हैं, जिसका विस्तृत विवरण निम्नलिखित है:
1. “पी” तरंगें (P-Waves): इन्हें प्राथमिक तरंगें (Primary Waves) भी कहा जाता है. ये तरंगें ध्वनि तरंगों की भांति अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal Waves) होती हैं, क्योंकि इनमें संचरण (Propagation) तथा कणों का दोलन एक ही सीध में होता है. इन तरंगों से दबाव पड़ता है, अतः इन्हें दबाव वाली तरंगें (Compressional Waves) भी कहते हैं. इनकी औसत गति 8 किमी. प्रति सेकेण्ड होती है. किन्तु अधिक घनत्व वाली चट्टानों में इन तरंगों की गति 8 से 14 किमी. प्रति सेकेण्ड होती है. परीक्षणों से पता चलता है कि प्राथमिक तरंगें भूकंप अधिकेन्द्र से ठीक 21 मिनट में अपने विपरीत वाले धरातलीय भाग – प्रतिध्रुवस्थ (Antipodal Point) पर पहुंच जाती हैं. इनकी गति सभी भूकंपीय तरंगों में सर्वाधिक होती है जिस कारण ये तरंगें किसी स्थान पर सबसे पहले पहुंचती हैं. ये तरंगें ठोस, तरल तथा गैस तीनों माध्यमों से गुजर सकती है.
2. “एस” तरंगें (S-waves): इन्हें गौण तरंगें (Secondary waves) अथवा अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves) भी कहते हैं. इन तरंगों की संचरण दिशा तथा कणों के दोलन की दिशा एक-दूसरे के समकोण पर होती हैं. इन तरंगों की औसत गति 4 किमी. प्रति सेकेण्ड होती है. ये तरंगें केवल ठोस माध्यम से ही गुजर सकती हैं, जबकि तरल माध्यम में लुप्त हो जाती है.
3. “एल” तरंगें (L-Waves): इन्हें धरातलीय या लम्बी तरंगों (Surface or Long Waves) के नाम से भी जाना जाता है. इन तरंगों की खोज H. D. Love ने की थी, इसलिए इन्हें Love Waves के नाम से भी जाना जाता है. ये तरंगें मुख्यतः धरातल तक ही सीमित रहती हैं. ये तरंगें ठोस, तरल तथा गैस तीनों माध्यमों से गुजर सकती हैं. इनकी गति 3 किमी. प्रति सेकेण्ड होती है.