NAV क्या है

Liabilities – फंड को चलाने के एक दिन के खर्च तथा फंड मैनेजर का एक दिन का वेतन (एक साल के 2 प्रतीशत के करीब होता है।)
एन ए वी (NAV) क्या है?
ये खर्चे टी ई आर – टोटल एक्सपेंस रेश्यो (TER – Total Expense Ratio) के रूप में जाने जाते हैं। म्यूचुअल फंड स्कीम के खर्चें, जिनमे फंडस मैनेजमेंट; प्रशासन (एडमिनिस्ट्रेशन), वितरण (डिस्ट्रीब्यूशन) खर्चें आदि शामिल हैं, को स्कीम की असेस्ट्स के प्रोपोरशन में चार्ज किया जाता है और स्कीम एन ए वी (NAV) में एडजस्ट किया जाता है।
एन ए वी कैसे कैलकुलेट की जाती है?
अब तक आपने समझा NAV क्या होता है। आगे उदाहरण के तौर पर इसके कैलकुलेशन के बारे में बताये जाने पर और भी स्पष्ट हो जायेगा की NAV कैसे कैलकुलेट होता है।
एक म्यूचुअल फंड कंपनी (एएमसी, AMC), एक न्यू फण्ड ऑफरिंग; एन एफ ओ (NFO) के माध्यम से सदस्यता के सब्सक्रिप्शन के लिए, एक नई स्कीम पेश करती है। एन एफ ओ में, एक स्कीम की इकाइयों (यूनिट्स) की कीमत 10 रुपये होती है। मान लीजिए, एएमसी विभिन्न इन्वेस्टरों से एन एफ ओ के दौरान 1,000 करोड़ रुपये जुटाती है ।
चूंकि एन एफ ओ ग्राहकों के लिए इश्यू मूल्य 10 रुपये तय किया गया है, ए एम सी इन्वेस्टर्स को जुटाए गए टोटल अमाउंट के आधार पर यूनिट अलॉट करता है। इस उदाहरण में, एन एफ ओ में 1,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं और एन ए वी 10 रुपये है। इसलिए, ए एम सी 100 करोड़ यूनिटस (मतलब 1,000 करोड़ रुपये / 10 एन ए वी) जारी करती है और इन्वेस्टर्स को उनकी संबंधित इन्वेस्टमेंट अमाउंटस के आधार पर प्रोपोरशनली अलॉट करती है । इसलिए, उदाहरण के तौर पर अगर आपने एन एफ ओ में 1 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है, तो आपको 10,000 यूनिटस अलॉट की जाएंगी। तो, अब आप जान गए होंगे कि एन ए वी की कैलकुलेशन कैसे की जाती है।
आइए इसे आगे समझते हैं –
- एनएफओ में जुटाई गई 1,000 करोड़ रुपये की राशि को योजना के आदेश के अनुसार विभिन्न सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट किया जाता है।
- इन सिक्योरिटीज के बाज़ार मूल्य में डेली बेसिस पर परिवर्तन (चेंज) होता है।
- अगले दिन स्कीम का पोर्टफोलियो एसेट वैल्यू 1000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1030 करोड़ रुपये हो जाता है । सरलता के लिए, आइए इस समय योजना के खर्चों को नज़रअंदाज़ करतें हैं । स्कीम एन ए वी 1,030 करोड़ रुपये बकाया (आउटस्टैंडिंग), 100 करोड़ यूनिट्स से डिवाइड करने के बाद 10.3 रुपये होगी ।
ओपन NAV क्या है एंडेड म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्टर दिन के लिए घोषित एन ए वी पर किसी भी समय यूनिट खरीद या बेच सकते हैं। एक्सिस्टिंग इन्वेस्टर, बिना एक्जिट लोड मानकर, उस दिन के NAV पर यूनिट्स बेच सकते हैं (एग्जिट लोड एक निश्चित पीरियड के भीतर रिडेम्पशन के लिए स्कीम द्वारा लगाया जाने वाला चार्ज है)। इसलिए, बहुत ही सरल शब्दों में NAV का क्या अर्थ है? वह मूल्य, जिस पर इन्वेस्टर किसी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम की यूनिट्स को खरीद या बेच सकते हैं ।
इसके अलावा:
- म्यूचुअल फंड यूनिट का एन ए वी अंडरलाइंग सिक्योरिटीज के मूल्य और स्कीम लॉन्च के बाद से जमा प्रॉफ़िट्स से प्राप्त होता है।
- दो अलग-अलग म्यूचुअल फंड स्कीम्स में सिक्योरिटीज का एक ही पोर्टफोलियो हो सकता है और फिर भी एक को एट पार वैल्यू (10 रुपये का एन ए वी) पर पेश किया जा सकता है जबकि दूसरी स्कीम का एन ए वी 100 रुपये से अधिक हो सकता है।
किसी एसेट का NAV इन्वेस्टर्स के लिए क्या मायने रखता है?
एन ए वी केवल यह निर्धारित करता है कि इनवेस्टेड अमाउंट के लिए कितनी यूनिट्स अलॉट की जाएगी। एक इन्वेस्टर के रूप में आपको इस बात की परवाह नहीं करनी चाहिए कि आपके पास कितनी इकाइयां हैं, इसके बजाय आपको यह देखना चाहिए कि आपके इन्वेस्टमेंट की वैल्यू कितनी बढ़ी है। संक्षेप में कहा जाये तो, फोकस रिटर्न पर होना चाहिए न कि एन ए वी पर।
इसलिए, म्यूचुअल फंड स्कीम की एन ए वी उसके परफॉरमेंस का सटीक इंडिक्टर नहीं है। इन्वेस्टमेंट का डिसिशन लेने से पहले इन्वेस्टर को हमेशा स्कीम्स के ऐतिहासिक प्रदर्शन (हिस्टोरिकल परफॉरमेंस) और टोटल एक्सपेंस रेश्यो को अन्य पैरामीटर्स के साथ देखना चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
हमने चर्चा की है कि एन ए वी का मतलब क्या है और एन ए वी की कैलकुलेशन कैसे की जाती है। एन ए वी केवल यह निर्धारित करता है कि आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लिए कितनी यूनिट्स अलॉट की गई हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण नहीं है कि किस एन ए वी पर आपने यूनिट्स लिया है, लेकिन आपके इंवेस्टंट्स की वैल्यू कितनी बढ़ी है? एन ए वी में अप्प्रेसिएशन, एनएवी से कहीं अधिक इम्पोर्टेन्ट है। एन NAV क्या है ए वी के बारे में इस ज्ञान के साथ; उम्मीद है, आप स्मार्टर इन्वेस्टमेंट डिसिशन लेने में काबिल होंगे।
म्यूचुअल फंड इंवेस्टमेंट्स बाज़ार के रिस्क्स से प्रभावित हैं, स्कीम्स से संबंधित सभी डाक्यूमेंट्स को ध्यान से पढ़ें ।
NAV Meaning in Hindi | NAV क्या है ?
Mutual Funds में Units क्या है ? NAV Meaning in Hindi.
जैसे शेयर बाज़ार में अलग अलग कंपनीओ को उनके 1 Share के अनुसार बेचा जाता है, जिस से एक सामान्य छोटा निवेशक अपनी स्थिति के अनुसार छोटी राशि का भी निवेश कर सकता है।
वैसे ही Mutual Funds को भी छोटे छोटे हिस्सों में बांटा जाता है, जिस से एक छोटा निवेशक भी उसमे निवेश कर सके।
उस हर एक हिस्से को 1 Unit कहते है और Mutual Funds को उस Units के अनुसार ही ख़रीदा और बेचा जा सकता है।
जैसे आप किसी को कहते है की मेरे पास इस कंपनी के 1000 शेयर है, उसी प्रकार Mutual Funds की इतनी Units है ऐसा कह सकते है।
इसको एक उदाहरण से समझे। NAV Meaning in Hindi.
सोचिये की आपको एक Mutual Fund में निवेश करना है, जिसकी Value 10000 करोड़ है।
क्या आप इस पुरे Mutual Fund को खरीद सकेंगे ?
नहीं ना ? NAV Meaning in Hindi.
क्युकी इतनी बड़ी राशि ज्यादातर सामान्य निवेशकों के पास नहीं होती।
इस लिए इन Mutual Funds को पूरा तो कोई सामान्य निवेशक खरीद नहीं सकता।
लेकिन अब अगर उसी 10000 करोड़ के Mutual Funds को 100 करोड़ हिस्सों में बांटे तो ?
ऐसा करने पर उस हर एक हिस्से की किमत 100 रुपए हो जाएगी।
तो क्या अब आप उस हिस्से को खरीद सकते है ?
जरूर खरीद सकेंगे NAV Meaning in Hindi.
बल्कि अब कोई भी सामान्य निवेशक उसे खरीद सकता है।
इस तरह Mutual Funds को पूरा नहीं बल्कि छोटे छोटे हिस्सों में ख़रीदा और बेचा जाता है।
इस हर एक हिस्से को ही 1 Unit कहेंगे।
यानी Unit हर एक Mutual Fund का एक बहुत छोटा हिस्सा है।
और उसी को खरीद कर Mutual Fund में निवेश किया जाता है।
यह खरीद अलग अलग निवेशक अपने जोखिम और पैसो की व्यवस्था की अनुसार खरीदता है।
कुछ निवेशक हर महीने SIP के द्वारा इन Units को खरीदते है।
लेकिन कुछ जो Mutual NAV क्या है Funds में थोड़ा ज्यादा जोखिम ले सकते है वह एक साथ एक ही बार में निवेश करते है।
अब हम जानते है की,
Mutual Funds में NAV क्या है ? (NAV Meaning in Hindi)
NAV का पूरा नाम Net Asset Value है।
Mutual Funds में NAV का मतलब है उसके एक Unit का दाम।
ऊपर के उदहारण में हमने देखा की 1000 करोड़ के फंड को 10 करोड़ Units में बांटा गया।
क्या आप बता सकते है की एक unit की किमत (NAV) कितनी होगी ?
(सभी ख़र्चों को अभी के लिए शून्य मान ले)
-हा ,आप बिलकुल सही है उस एक unit की किमत 100 रूपए होगी।
यानी उस म्यूच्यूअल फंड की NAV 100 रुपए होगी।
इस NAV को प्रतिदिन गिना जाता है। NAV Meaning in Hindi.
इसके लिए उस दिन जिस किमत पर शेयर बंध हुए है उस किमत को गिना जाता है।
NAV को इस तरह से निकाला जाता है :
Liabilities – फंड को चलाने के एक दिन के खर्च तथा फंड मैनेजर का एक दिन का वेतन (एक साल के 2 प्रतीशत के करीब होता है।)
Assets – फंड ने निवेश किए हुए पैसो का आज का मूल्य
Total number of units – units की संख्या।
कैसे पता करे की मुझे कितने Units मिलने चाहिए ?
ज़्यादातर निवेशकों को यह जानने की इच्छा होती है की हमें कितने Units मिलेंगे।
इसका पता आप दो चीज़ो पर से लगा सकते है।
- उस फंड की NAV से और
- आपकी निवेश की राशि।
आपको जिस फंड में निवेश करना है उसकी NAV पता करे।
फिर आपके निवेश की राशि को NAV से विभाजित करे।
उदहारण :
अगर किसी फंड की NAV 100 रूपए है और आपको 1000 रूपए उस फंड में निवेश करने है।
तो आपको मिलने वाली
Units = (निवेश की राशि) / (NAV)
= 1000 / 100
Units = 10
इस तरह आप आपको मिलने वाली Units का पता लगा सकते है।
अब हमें Units तो मिल जाती है लेकिन हमें यह कैसे पता चले की हमारे निवेश की अभी की किमत कितनी है ?
या हमें कितना लाभ या नुकसान हो रहा है ?
कैसे जाने की अभी मेरे निवेश का मूल्य कितना है?
यह बहुत ही आसान है।
आपने जिस फंड में निवेश किया है उस फंड की NAV पता कर ले और आपके पास उस फंड की जितनी यूनिट है वो जान ले।
फिर उन दोनों का गुणा करे। NAV Meaning in Hindi. NAV क्या है
अब आपको जो राशि मिली वो आपकी निवेश का मूल्य है।
उदाहरण :
अगर आपने जिस फंड में निवेश किया है उस फंड की आज की NAV 110 रूपए है और आपके पास उस NAV क्या है फंड की 100 Units है,
तो आपने निवेश किए हुए 10 हजार रूपए अभी बढ़ के
110 (NAV) x 100 (Number of units) = 11000 हो गए है।
इस तरह आप कोई भी Mutual Fund की NAV और Units से अपने किए हुए निवेश की स्थिति जान सकते है।
तो दोस्तों यह थी Mutual Funds के संदर्भ में NAV Meaning in Hindi के बारे में जानकारी।
उम्मीद करता NAV क्या है हु यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
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NAV क्या है? इसका Mutual Funds से क्या सम्बन्ध है? What is NAV in Hindi
NAV क्या है? (What is NAV in Hindi): अगर आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते है तो आपको एनएवी (NAV ) के बारे में समझना बहुत जरूरी है। Mutual Funds में निवेश से पहले NAV की पूरी जानकारी होने से आप अपने प्रॉफिट और लॉस का आसानी से पता लगा सकते हैं। आज हम बताएँगे कि NAV क्या है? इसका Mutual Funds से क्या सम्बन्ध है? और जानेंगे एनएवी (NAV ) की पूरी जानकारी।
NAV क्या है?
एनएवी (NAV ) का फुल फॉर्म नेट एसेट वैल्यू (Net Asset Value) है। NAV ही म्युचुअल फण्ड की एक यूनिट की कीमत है। नेट एसेट वैल्यू ही पर ही म्यूचुअल फंड स्कीम की यूनिट खरीदी जाती हैं। अगर किसी म्यूचुअल फंड स्कीम की NAV 100 रुपये है तो आपको 50 यूनिट खरीदने के लिए 5000 का निवेश करना पड़ेगा। अगर आसान भाषा में कहें तो नेट एसेट वैल्यू म्युचुअल फुंफ स्कीम की एक यूनिट की कीमत है। चलिए उदाहरण के साथ समझते हैं कि NAV क्या है? (What is NAV in Hindi)
What is NAV in Hindi
म्यूच्यूअल फंड के किसी भी स्कीम विशेष का प्रदर्शन उसके नेट एसेट वैल्यू (NAV) वैल्यू पर आधारित होता है। NAV को म्यूच्यूअल फण्ड की स्कीम के एक यूनिट की बुक वैल्यू कहा जाता है। नेट एसेट वैल्यू म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम की एक यूनिट का मूल्य होती हैं। किसी निवेशक को म्यूच्यूअल फंड्स की यूनिट्स NAV के आधार पर ही आवंटित की जाती हैं। Net Asset Value का मूल्य बाजार के अनुसार बदलता रहता हैं। आपको बता दें म्युचुअल फंड्स के Buy और sale में इन्हीं यूनिटों का सबसे ज्यादा महत्त्व होता है। आइये जानते हैं की आखिर Mutual Funds और Net Asset Value में क्या सम्बन्ध है?
Net Asset Value और Mutual Funds में सम्बन्ध
जैसा की हम सभी जानते हैं की NAV का मतलब Net Asset Value होता है जिसे हम म्युचुअल फण्ड के प्रत्येक यूनिट की बुक वैल्यू भी कह सकते है। Mutual Funds और Net Asset Value से सम्बन्ध जानने के लिए निम्नलिखित उदाहरण को समझना होगा।
उदहारण के लिए अगर आप म्यूचुअल फंड की एक स्कीम में आप 20000 हजार रुपये का निवेश करना चाहते हैं जिसकी एनएवी 200 रुपये है। अब आपको NAV की कीमत के अनुसार इस स्कीम की 100 यूनिट मिलेंगी।
अगर कुछ महीने में या कुछ साल में म्यूचुअल फंड की उस स्कीम की एनएवी 200 रुपये से बढ़कर 250 रुपये हो जाती है। और यदि आप इसे बेचने हैं तो आपको प्रत्येक यूनिट पर 50 रुपये का फायदा होगा। इस तरह आपको 100 पर 5000 रुपये का शुद्ध लाभ मिलेगा।
What is NAV in Hindi
एनएवी की पूरी जानकारी
निवेशकों द्वारा म्यूच्यूअल फंड्स से इकठ्ठा हुई धनराशि को फण्ड सिक्योरिटी बाज़ार में निवेशित किया जाता है इसलिए बाज़ार मूल्य के आधार पर स्कीम का NAV भी दैनिक बदलता रहता है। इस लेख में अब-तक हमने जाना की NAV क्या है? (What is NAV in Hindi) और Net Asset Value और Mutual Funds में क्या सम्बन्ध होता है? अब आगे हम जानेंगे कि Mutual Fund में यूनिट्स क्या होती हैं? NAV की गणना (NAV calculation) कैसे जाती हैं? सहित जानेगें एनएवी की पूरी जानकारी।
Mutual Fund में यूनिट्स क्या होती हैं?
नया म्यूच्यूअल फण्ड ऑफर जारी करने से पहले फंड हाउस जारी होने वाली म्यूचुअल फंड स्कीम के लिए नई यूनिट्स जारी करता है। बनाये गए प्रत्येक यूनिट की एक नेट एसेट वैल्यू (NAV) होती है। यूनिट के आधार पर ही म्यूच्यूअल फण्ड के करंट इन्वेस्टमेंट की वैल्यू ज्ञात की जाती है। इसकी कीमत बाजार के अनुसार बदलती रहती है। आइये जानते है की Mutual Fund में units कैसे कैलकुलेट की जाती हैं?
Mutual Fund Units = Investment ÷ NAV
अगर आपका Investment 10000 हैं और Mutual Fund की NAV 200 रुपये हैं तो आपको Mutual Fund की 50 Units मिलेगी।
Mutual Fund Units = 10000 ÷ 200 = 50
NAV की गणना (NAV calculation)
नेट एसेट्स वैल्यू की गड़ना म्यूचुअल फंड में जमा रकम समेत पोर्टफोलियो के सभी शेयरों के बाजार भाव के कुल योग में से देनदारियों को घटाने के बाद बकाया बचे को यूनिट की कुल संख्या से भाग देकर निकलते है।
NAV = (Assets-Liabilities) / Total Number of Units
उदहारण के लिए मान लीजिये कुछ निवेशकों के एक म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में कुल 100000 जमा थे। अगर इस म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम के कुल खर्चे या दायित्व 20000 थे और निवेशकों को 4000 यूनिट्स जारी की गई थी तो इस म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम की NAV 20 रुपये होगी।
NAV = ( 100000 – 20000 ) ÷ 4000 = ₹20
FAQs: NAV क्या है? (What is NAV in Hindi?)
Q: NAV की गड़ना कब की जाती है?
Ans: कारोबारी दिन के ख़त्म होने पर बाज़ार बंद होने के बाद सारे म्यूच्यूअल फंड्स स्कीमों के NAV की गड़ना की जाती है।
Q: एनएवी का मतलब क्या है?
Ans: एनएवी का मतलब नेट एसेट वैल्यू है। NAV वह कीमत है जिस पर म्यूचुअल फंड स्कीम की यूनिट खरीदी बेचीं जाती हैं।
Q: Mutual Fund Units कैलकुलेट करने का फार्मूला क्या है?
Ans: Mutual Fund Units कैलकुलेट करने का फार्मूला “Mutual Fund Units = Investment ÷ NAV” है।
Q: NAV की गणना करने का फार्मूला क्या है?
Ans: NAV की गणना करने का फार्मूला “NAV = (Assets-Liabilities) / Total Number of Units” है।
Q: म्यूच्यूअल फंड के किसी भी स्कीम का प्रदर्शन किस पर लक्षित होता है?
Ans: म्यूच्यूअल फंड के किसी भी स्कीम का प्रदर्शन उसके नेट एसेट वैल्यू से लक्षित होता है।
नेट एसेट वैल्यू (NAV) क्या है और कैसे तय होती है, आसान भाषा में समझें
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के निवेशकों के लिए नेट एसेट वैल्यू (NAV) की हर बारीकी को समझना सभी निवेशकों के लिए काफी अहम है. अगर आप NAV की बारिकियों को समझ गए तो म्यूचुअल फंड में निवेशित रकम की गणना और रिटर्न काफी आसानी से कर पाएंगे. दरअसल, नेट एसेट वैल्यू (Net Asset Value-NAV) से आशय निवेश की मार्केट वैल्यू से है. म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश की प्रति यूनिट के आधार पर नेट एसेट वैल्यू को तय किया जाता है.
ऐसे होती है NAV की गणना
प्रति यूनिट की NAV निकालने के लिए म्यूचुअल फंड (MFs) के पास जमा रकम समेत पोर्टफोलियो के सभी शेयरों के बाजार भाव के कुल योग में से देनदारियों को घटाने के बाद बकाया जो बचता है उसे यूनिट की कुल संख्या से विभाजित करके निकालते हैं. एसेट मैनेजमेंट कंपनी किसी भी फंड की NAV की गणना हर दिन के कारोबार के अंत में करती है. बता दें कि बाजार में मौजूद सिर्फ ETF की NAV मार्केट के साथ-साथ चलती है. NAV = (Assets-Liabilities) / Total Number of Units
म्यूचुअल फंड में यूनिट की बेस वैल्यू 10 रुपये या 100 रुपये होती है. फंड के पोर्टफोलियो के बाजार भाव के अनुसार ही यूनिट का NAV कम या बढ़ता रहता है. NAV किसी म्यूचुअल फंड के यूनिट के ग्रोथ को दर्शाती है. मतलब ये है कि अगर किसी फंड में 20 रुपये प्रति यूनिट NAV क्या है की NAV पर निवेश किया जाता है और 1 साल बाद उस यूनिट की NAV 40 रुपये प्रति यूनिट हो जाती है तो माना जाता है कि उस फंड ने 100 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है.
हालांकि कई निवेशकों में गलत धारणा है कि कम NAV वाला फंड अच्छा रिटर्न देता है और ज्यादा NAV वाला फंड कम रिटर्न देता है, लेकिन ऐसा नहीं है. दरअसल, भविष्य में किसी फंड का प्रदर्शन कैसा रहेगा इसका आकलन नहीं किया जा सकता है. बता दें कि फंड का प्रदर्शन निवेशित इंस्ट्रूमेंट के प्रदर्शन के आधार पर निर्भर करता है.
म्यूचुअल फंड के NAV के बारे में जानिए सब कुछ
जब आप स्कीम को भुनाते हैं या दूसरे शब्दों में इसे बेचते हैं तो एक्जिट लोड भी लगता है.
मान लेते हैं कि म्यूचुअल फंड की एक स्कीम में आप 10 हजार रुपये का निवेश करते हैं. इसकी एनएवी 200 रुपये है. इस स्थिति में आपको 50 यूनिट मिलेंगी. कैसेॽ 10,000 को 200 से भाग देने पर आपको 50 मिलता है. 10,000/200=50. स्कीम में निवेश करने पर ये यूनिट आपको मिलती हैं. खरीद-फरोख्त में इन्हीं यूनिटों का सबसे ज्यादा महत्व होता है.
अब मान लीजिए कि एक साल में एनएवी 200 रुपये से बढ़कर 250 रुपये हो जाती है और आप इसे बेचने का फैसला करते हैं. तब क्या होगाॽ अब आपको 12,500 रुपये मिलेंगे. 50 यूनिट को 250 रुपये से गुणा करने पर यह रकम बनेगी. 50*250=12500. लेकिन यहां एक बात पर ध्यान देना होगा.
जब आप स्कीम को भुनाते हैं या दूसरे शब्दों में इसे बेचते हैं तो एक्जिट लोड भी लगता है. यह एक तरह की फीस है जो बढ़ी हुर्इ एनएवी पर लगती है. मान लीजिए कि एक फीसदी की दर से एक्जिट लोड लगता है तो आपको अब 12,375 रुपये ही मिलेंगे. इसका फॉर्मूला यह है: 50 यूनिट * 247.50 रुपये एनएवी - एक्जिट लोड.
इस तरह एनएवी म्यूचुअल फंड स्कीम के एसेट का मूल्य है, जिसे प्रति यूनिट देनदारी को घटाकर निकाला जाता है.
एनएवी कैश के साथ रखी गर्इ सभी प्रतिभूतियों की कुल कीमत दर्शाता है. जैसा कि आपने देखा कि इसकी गणना यूनिट के आधार पर होती है जिसमें सभी देनदारियों को घटा दिया जाता है.
अगर स्कीम की अधिकांश प्रतिभूतियों के दाम बढ़ते हैं, तो एनएवी भी बढ़ेगी. अगर घटेंगे तो एनएवी घट जाएगी. यानी एनएवी स्कीम की प्रतिभूतियों की कीमतों के साथ बढ़ती-घटती है. प्रतिभूतियों का मतलब इक्विटी और डेट दोनों तरह के साधनों से है. इसमें इक्विटी शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर, कॉमर्शियल पेपर इत्यादि शामिल हैं.