क्रूड ऑयल ट्रेडिंग

क्रूड ऑयल को सप्लाई की दिक्कतें और कमजोर डॉलर से मिल रहा सपोर्ट, ब्रेंट क्रूड 95 डॉलर के आसपास
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने बुधवार को कहा है कि आगे हमें यूरोप में ठंड बढ़ने के साथ ही घरों को गरम रखने के लिए गैस की जगह पर ऑयल का उपयोग बढ़ने की संभावना है
ट का भाव 1 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गया है। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 38 सेंट यानी 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 94.48 प्रति डॉलर के आसपास नजर आ रहा है।
Commodity Market: गुरुवार के शुरुआती एशियन ट्रेड में कच्चे तेल के भाव में तेजी देखने को मिली। सप्लाई से जुड़ी चिंता और मांग में तेजी के चलते कच्चे तेल की कीमतें लगातार दूसरे दिन बढ़त पर रही है। ब्रेंट का भाव 1 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गया है। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 38 सेंट यानी 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 94.48 प्रति डॉलर के आसपास नजर आ रहा है। वहीं WTI क्रूड 46 cents यानी 0.5 क्रूड ऑयल ट्रेडिंग फीसदी की बढ़त के साथ 88.94 प्रति डॉलर के आसपास नजर आ रहा है।
इस बीच डॉलर इंडेक्स बुधवार को 0.14 फीसदी फिसल गया। जिसक चलते डॉलर आधारित कच्चे तेल जैसी कमोडिटीज की मांग में तेजी आती नजर आई। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने बुधवार को कहा है कि आगे हमें यूरोप में ठंड बढ़ने के साथ ही घरों को गरम रखने के लिए गैस की जगह पर ऑयल का उपयोग बढ़ने की संभावना है।
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सरकार ने डीजल पर Tax बढ़ाकर दिया तगड़ा झटका, वहीं कच्चे तेल पर यूं दे दी बड़ी राहत
सरकार ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच इस साल जुलाई से पेट्रोल डीजल और एटीएफ के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स लगाया था। भारत अमेरिका, यूरोप सहित कई देशों को पेट्रोल और डीजल का निर्यात भी करता है।
रूसी तेल को लेकर भारत ने दुनिया को दिया दो टूक जवाब, अपनी मर्जी से फैसले लेने को हम आजाद
सरकार ने अमेरिका के नेतृत्व वाले जी7 समूह की उस योजना में शामिल होने की कोई इच्छा प्रकट नहीं की है जिसमें रूस के राजस्व को सीमित करने के मकसद से उससे खरीदे गये तेल के दाम की सीमा तय करने का प्रस्ताव रखा गया है।
आठ महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा Crude Oil, सस्ते हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम?
Crude Oil Price: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते मार्च में कच्चे तेल की कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी जो 2008 के बाद अब तक का उच्चतम स्तर था।
Crude Oil सात माह के निचले स्तर पर, फिर भी 158 दिन से Petrol-Diesel कीमतों में बदलाव नहीं
Crude Oil: भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल का भाव आठ सितंबर को 88 डॉलर प्रति बैरल बैठ रहा था। अप्रैल में यह औसत 102.97 अरब डॉलर प्रति बैरल था।
Good News: देश में 5 रुपये सस्ता हो सकता है Petrol-Diesel, कच्चा तेल लुढ़कर 88 डॉलर प्रति बैरल पर आया
Good News: देश में 5 रुपये सस्ता हो सकता है Petrol-Diesel, कच्चा तेल लुढ़कर 88 डॉलर प्रति बैरल पर आया Good News Petrol Diesel may be cheaper by Rs 5 in the country crude oil fell to 88 dollar per barrel
WindFall Tax: पेट्रोल डीजल पर टैक्स को लेकर वित्तमंत्री ने दिया बड़ा बयान, बताया किसके कहने पर लिया निर्णय
सीतारमण ने कहा, ‘‘जब हमने इस बारे में सुझाव दिया, तो हमने उद्योग जगत से कहा था कि हर 15 दिनों में कर की दर की समीक्षा की जाएगी और हम ऐसा कर रहे हैं।’’
रूसी तेल की मूल्य सीमा तय करने वाले गठजोड़ में शामिल हो भारत! जानिए अमेरिका क्यों कर रहा है कोशिश
अमेरिका ने शुक्रवार को भारत से कहा कि वह रूसी तेल की मूल्य सीमा तय करने वाले गठजोड़ में शामिल हो।
बढ़ती महंगाई के बीच पाकिस्तान सरकार ने नागरिकों को दिया एक और झटका, 20 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी
एक तरफ पाकिस्तान (Pakistan) महंगाई की चपेट में है। लोगों के पास खाने के लाले पड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की सरकार (Pakistan Government) पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1 सितंबर से 20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने जा रही है।
Crude Oil: सरकार ने घरेलू कच्चे तेल बढ़ाया शुल्क, ईंधन निर्यातकों को राहत देते हुए अप्रत्याशित लाभ कर में की कटौती
Levy on Crude Oil: आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक, डीजल के निर्यात पर कर जहां 11 रुपये से घटाकर पांच रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, वहीं एटीएफ पर इसे खत्म करने का फैसला लिया गया है।
Tax Relief : सरकार ने 3 हफ्ते में ही वापस लिया Petrol और Diesel पर टैक्स, जानिए किसे होगा फायदा
सरकार के इस फैसले का फायदा रिलायंस जैसी रिफाइन ईंधन का निर्यात करने वाली कंपनियों को होगा।
Petrol-Diesel price: कच्चा तेल 140 डॉलर प्रति बैरल के पार जाने को तैयार, फिर से महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत एक बार फिर से 122 डॉलर पार पहुंच गया है। यह तेजी यही थमने वाली नहीं है। अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, अगस्त से सितंबर महीने तक कच्चा तेल का भाव 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है।
Russian Oil : रूस के सस्ते तेल से खुलेगी भारतीय कंपनियों की लॉटरी, आ रही है यूराल तेल की बड़ी खेप
बाजार कीमतों पर मिल रही खासी छूट पर रूसी तेल का सामान्य से अधिक आयात करना तेल विपणन कंपनियों के लिए निकट अवधि की कार्यशील पूंजी की जरूरतों को कम कर सकता है
Ural Oil: भारत को मिल गया 'सस्ते तेल का खजाना'! आ रही है यूराल क्रूड की सबसे बड़ी खेप
फिलहाल ब्रेंट क्रूड ऑयल के मुकाबले यूराल क्रूड पर भारत को 40 डॉलर तक की छूट मिल रही है।
भारत का तेल आयात पर खर्च दोगुना हुआ, 2021-22 में 119 अरब डॉलर का तेल खरीदा
तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच भारत ने तेल के आयात पर 119.2 अरब डॉलर खर्च किए।
कच्चे तेल पर एक और बड़ा संकट, इस देश में अचानक बंद हुआ तेल उत्पादन
तेल कंपनी नेशनल ऑयल कॉर्प ने कहा कि लोगों के एक समूह ने शनिवार को देश के दक्षिण इलाके में स्थित अल-फील क्षेत्र में जाकर उत्पादन रोक दिया।
ब्रेंट क्रूड फिर 111 डॉलर के पार, डीजल के बाद पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी की आशंका
कच्चे क्रूड ऑयल ट्रेडिंग तेल में यह तेजी अमेरिका के साथ देने के लिए यूरोपीय संघ के देशों द्वारा रूस पर लगाए तेल प्रतिबंध में शामिल होने के निर्णय के बाद आया है।
पेट्रोल-डीजल पर राहत संभव, IOC ने रूस से खरीदा 30 लाख बैरल सस्ता कच्चा तेल
सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने रूस से 30 लाख बैरल कच्चा तेल की खरीदारी की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण क्यों बढ़ गई ऑइल प्राइज, जानिए भारत पर क्या पड़ेगा असर?
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की परिस्थितियों में कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी का प्रभाव दुनियाभर में देखा जा रहा है। भारत भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं है। जानिए क्या और कैसे पड़ता है इसका प्रभाव।
कच्चे तेल के भाव पर आज तय हों कीमतें तो पेट्रोल 151 रुपये और डीजल 110 रुपये मिलेगा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 130 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। अब ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी के कयास लगाए जा रहे हैं।
महंगाई का तगड़ा झटका झेलने को हो जाइये तैयार, खाने-पीने के सामान से लेकर पेट्रोल-डीजल बिगाड़ेंगे बजट
पांच राज्यों में चुनाव के चलते देश में 4 नवंबर 2021 के बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है। वहीं, ब्रेंट क्रूड इस दौरान 81 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 130 डॉलर के पार पहुंच गया है।
Angel Broking ने क्रूड ऑयल फ्यूचर्स में ट्रेडिंग को अस्थायी रूप से रोका, देश में 43 दिनों से यथावत हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
नई दिल्ली बिजनेस डेस्क। भारतीय स्टॉक ब्रोकरेज फर्म एंजेल ब्रोकिंग ने अपने निवेशकों को ऑयल मार्केट के मौजूदा संकट से बचाने के लिए क्रूड ऑयल फ्यूचर्स में ट्रेडिंग को अस्थायी रूप से रोक दिया है। पिछले सप्ताह सोमवार को WTI क्रूड के भाव के शून्य से नीचे चले जाने आने और उसके बाद ब्रेंट ऑयल के दो दशकों के निचले स्तर पर आ जाने के बाद एंजेल ब्रोकिंग ने यह फैसला लिया है। बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार एंजेल ब्रोकिंग से सूत्रों ने यह जानकारी दी है। वहीं, सोमवार को WTI क्रूड और ब्रेंट ऑयल दोनों के ही फ्यूचर भाव में गिरावट देखने को मिल रही है।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को सुबह WTI क्रूड ऑयल और ब्रेंट क्रूड दोनों के ही फ्यूचर भाव में गिरावट देखने को मिल रही है। WTI क्रूड ऑयल सोमवार सुबह 9.21 फीसद या 1.55 डॉलर की गिरावट के साथ 15.44 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेंड कर रहा था। वहीं, ब्रेंट ऑयल का फ्यूचर भाव सोमवार सुबह 2.46 फीसद या 0.55 डॉलर की गिरावट के साथ 24.23 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेंड कर रहा था।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सोमवार को यूएस WTI क्रूड की कीमत शून्य से 37.63 डॉलर नीचे चली गई। इसके बाद ब्रेंट ऑयल भी दो दशकों के निचले स्तर पर चला गया था। मांग में अभूतपूर्व गिरावट और अधिक तेल के भंडारण के संकट के चलते क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। कच्चे तेल का वैश्विक भंडार इस समय अपनी सीमा तक भर गया है। कोविड-19 के कारण दुनिया के कई देशों में औद्योगिक गतिविधियां बाधित रहने के कारण आई मांग में जबरदस्त कमी के कारण लंबे समय से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद देश के बड़े महानगरों में अभी भी पेट्रोल डीजल की कीमतें यथावत ही बनी हुई है। देश में करीब 43 दिनों से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। देश के बड़े महानगरों में 14 मार्च से ही पेट्रोल-डीजल के भाव यथावत चले आ रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई बड़े शहरों में सोमवार को भी पेट्रोल और डीजल अपनी पुराने कीमत पर ही बिक रहा है।
सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल 69.59 रुपये प्रति लीटर पर और डीजल 62.29 रुपये प्रति लीटर पर मिल रहा है। कोलकाता की बात करें, तो यहां सोमवार को पेट्रोल 73.30 रुपये प्रति लीटर पर और डीजल 65.62 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। मुंबई में पेट्रोल सोमवार को 76.31 रुपये प्रति लीटर पर और डीजल 66.21 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। चेन्नई की बात करें, तो यहां सोमवार को पेट्रोल 72.28 रुपये प्रति लीटर पर और डीजल 65.71 रुपये प्रति लीटर पर मिल रहा है।
Explainer: क्रूड ऑयल.. बैरल.. यहां जानिए कच्चे तेल का गणित, समझिए कीमत का कैल्कुलेशन
Crude Oil Price Calculation: पिछला हफ्ता लगातार छठा हफ्ता था, जब कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार में चढ़कर बंद हुआ। कच्चे तेल से ही डीजल-पेट्रोल बनते हैं, इसलिए कच्चे तेल की कीमत बढ़ने पर डीजल-पेट्रोल भी महंगे होते हैं। कच्चा तेल भारत विदेशों से आयात करता है, जो लीटर नहीं, बल्कि बैरल के हिसाब से मिलता है। कीमत भी बैरल के हिसाब से डॉलर में दी जाती है। आइए समझते हैं कच्चे तेल को और जानते हैं बैरल में इसकी कीमत का पूरा गणित।
Explainer: क्रूड ऑयल.. बैरल.. यहां जानिए कच्चे तेल का गणित, समझिए कीमत का कैल्कुलेशन
क्या है कच्चे तेल की कीमत?
अमेरिकी बाजार में पिछले हफ्ते शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) गुरुवार के मुकाबले 0.86 डॉलर चढ़ कर 84.86 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। डब्ल्यूटीआई क्रूड (WTI Crude) में भी 0.97 डॉलर की तेजी दिखी, जो 1.17 फीसदी की बढ़ोतरी है। कारोबार बंद होते समय यह 82.28 डॉलर प्रति बैरल पर सेटल हुआ था। अब कच्चे तेल का भाव पता तो चल गया, लेकिन समझ बहुत ही कम लोगों को आया होगा। चलिए इसे और आसान बनाते हैं।
1 बैरल में होते हैं करीब 159 लीटर
अगर बात एक बैरल की करें तो इसमें 158.987 लीटर यानी करीब 159 लीटर तेल होता है। यानी अंतराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से 1 लीटर ब्रेंट क्रूड करीब 40 रुपये का और 1 लीटर डब्ल्यूटीआई क्रूड 38.80 रुपये का मिलेगा। यहां एक बात ध्यान रखने की है कि भारत में अधिकतर कच्चा तेल आयात किया जाता है। इसी वजह से कच्चे तेल की कीमत को अधिकतर लोग डॉलर में ही आंकते हैं।
MCX पर रुपये में होती है कच्चे तेल क्रूड ऑयल ट्रेडिंग की ट्रेडिंग
भारत में कमोडिटी स्टॉक एक्सचेंज एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर कच्चे तेल की ट्रेडिंग रुपये में होती है। ऐसे में भारत की तरफ से दूसरे देशों को कच्चे तेल की कीमत डॉलर में दी जाती है। यानी अगर रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत होता है तो हमें कम कीमत चुकानी पड़ेगी और अगर रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता है तो हमें अधिक कीमत चुकानी होगी।
क्रूड ऑयल सेक्टर को मुक्त करने के बावजूद ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के शेयर औंधे मुंह गिरे, क्या है इसकी वजह?
ओएनजीसी के शेयर शुक्रवार को डे-ट्रेडिंग में 12 फीसदी तक टूटे.
कच्चे तेल का उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए बिक्री संबंधी पाबंदियां हटाए जाने के बावजूद आज ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिल रही है. इस गिरावट के पीछे कारण केंद्र द्वारा लगाया गया अतिरिक्त शुल्क है.
- News18Hindi
- Last Updated : July 01, 2022, 12:20 IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने पिछले महीने के अंत में घरेलू तेल उत्पादक कंपनियों को डोमेस्टिक मार्केट में अपनी मर्जी से तेल बेचने के लिए मुक्त कर दिया. इससे इन कंपनियों की आय में बढ़ोतरी और उसके साथ शेयरों में तेजी का अनुमान लगाया जा रहा था. हालांकि, 1 जुलाई को दोनों ही शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली. खबर लिखे जाने तक ओएनसीजी करीब 12 फीसदी और ऑयल इंडिया 8 फीसदी से अधिक लुढ़क चुका है.
इस गिरावट के पीछे का कारण केंद्र सरकार द्वारा तेल उत्पादन पर लगाया गया 23,250 रुपये का अतिरिक्त उत्पाद शुल्क है. सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री पर विशेष उत्पाद शुल्क या विंडफॉल गेन टैक्स लगा दिया है. इससे घरेलू तेल उत्पादकों और रिफाइनरीज द्वारा कमाए जा रहे अतिरिक्त लाभ में गिरावट आ सकती है.
कई ब्रोकरेज ने बढ़ाई थी रेटिंग
हाल ही में कई ब्रोकरेज फर्म ने इन दोनों ही कंपनियों की या तो रेटिंग बढ़ाई थी या फिर टारगेट प्राइस में वृद्धि कर दी थी. उनका मानना था कि वैश्विक स्तर पर तेल की बढ़ी हुई मांग के कारण इन कंपनियों को 2022-23 में तगड़ा मुनाफा मिल सकता है. गौरतलब है कि 2022 में कच्चे तेल की कीमतें अब तक 40 फीसदी तक बढ़ चुकी हैं. इसका बड़ा कारण पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंध हैं.
तेल की कीमतों में तेजी का था अनुमान
मार्च में ब्रेंट क्रूड की कीमत 137 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी. हालांकि, उसके बाद इसमें कुछ गिरावट देखने को मिली और फिलहाल यह 115 रुपये के करीब है. कई जानकारों का मानना है कि कच्चा तेल अगले 18 महीने तक 100 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर ही रहेगा. इसी को ध्यान में रखते हुए उम्मीद की जा रही थी कि ओएनजीसी और ऑयल के प्रति बैरल तेल की कीमत 90-100 डॉलर जा सकती है जो पिछले साल 70 डॉलर प्रति बैरल थी. इससे दोनों कंपनियों की आय और मुनाफे में तेज वृद्धि का अनुमान था.
क्रूड ऑयल संबंधी नियम बदले
घरेलू तेल उत्पादकों कंपनियों के लिए सरकार, उसके द्वारा नामित इकाई या सरकारी कंपनी को तेल बेचने की अनिवार्यता अब खत्म हो जाएगी. अब सभी तेल उत्पादक कंपनियां घरेलू बाजार में किसी को भी अपना तेल बेचने के लिए मुक्त होंगी. तेल उत्पादक कंपनियां अब ई-नीलामी आयोजित कर सबसे अधिक बोली लगाने वाली रिफाइनरीज को कच्चा तेल बेच सकेंगी.
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